शिरडी में चुनावी रैली में मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बेहोश attacknews.in

शिरडी (महाराष्ट्र), 27 अप्रैल । केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी शनिवार शाम महाराष्ट्र में शिरडी के पास एक चुनावी रैली में मंच पर बेहोश हो गए।

हालांकि गडकरी जल्द ही होश में आ गए और बाद में अपनी कार तक पैदल चलकर गए।

गडकरी यहां पास के रहाता में शिरडी लोकसभा सीट से शिवसेना के उम्मीदवार सदाशिव लोखंडे के लिए प्रचार कर रहे थे।

गडकरी मंच पर अपना भाषण समाप्त करने के बाद अपनी सीट पर वापस लौट रहे थे तभी वह बेहोश हो गए।

गडकरी की मदद के लिए अहमदनगर सीट से भाजपा के उम्मीदवार सुजय विखे पाटिल और राज्य के मंत्री राम शिंदे दौड़े।

कुछ ही मिनट में सड़क एवं परिवहन मंत्री होश में आ गए और बाद में अपनी कार तक पैदल चलकर गए।

शाम में वह यहां स्थित प्रसिद्ध साईबाबा मंदिर गए। भाजपा के एक स्थानीय नेता ने कहा कि यहां से रवाना होने से पहले उनकी चिकित्सकीय जांच की गई।

गडकरी इससे पहले भी मंच पर बेहोश हो चुके हैं।

सात दिसम्बर 2018 को वह राज्य में राहुरी कृषि विश्वविद्यालय के एक दीक्षांत समारोह के दौरान बेहोश हो गए थे। उन्होंने बाद में इसका कारण कम शर्करा स्तर बताया।

भाजपा नेता गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

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9 राज्यों की 72 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान का प्रचार समाप्त, मप्र 6,महा.17,उप्र 13, पबं 8,ओडिशा 6,झार.3,बिहार 5,राज. 13 और अनंतनाग सीट पर मतदान attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल । नौ राज्यों की 72 संसदीय सीटों पर 29 अप्रैल को चौथे चरण में होने वाले मतदान के लिए प्रचार अभियान हफ्तों की अथक मेहनत के बाद शनिवार को थम गया।

चौथे चरण का चुनाव जिन सीटों पर होना है उनमें महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की छह, झारखंड की तीन, मध्य प्रदेश की छह, पश्चिम बंगाल की आठ, उत्तर प्रदेश की 13, बिहार की पांच, राजस्थान की 13 और अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा शामिल है।

सत्तारूढ़ भाजपा एवं उसके सहयोगियों के लिए इस चरण में चुनाव में बहुत कुछ दांव पर है क्योंकि 2014 में उसे इन 72 में से 56 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और कांग्रेस महज दो सीट पर सिमट गई थी और अन्य सीटों पर तृणमूल कांग्रेस एवं बीजू जनता दल जैसी पार्टियों के खाते में गई थी।

भाजपा प्रत्याशियों – केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सुभाष भामरे, एस एस अहलूवालिया और बाबुल सुप्रियो तथा कांग्रेस प्रत्याशियों – पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद एवं अधीर रंजन चौधरी समेत 961 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इस चरण में होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं कई केंद्रीय समेत अन्य नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए जम कर प्रचार किया।

महाराष्ट्र में राष्ट्रवाद एवं कृषि संकट जैसे मुद्दों पर मुख्यत: केंद्रित प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासन में किए गए अवसंरचना एवं विकास संबंधी कार्यों का विशिष्ट रूप से उल्लेख कर ग्रामीणों के साथ-साथ महानगरीय मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की प्रस्तावित न्यूनतम आय योजना या ‘न्याय’ को गरीबों के लिए अद्भुत परिवर्तन लाने वाली योजना के तौर पर पेश किया।

महाराष्ट्र की 17 सीटों के लिए 323 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां मतदान 29 अप्रैल को सुबह सात बजे से छह बजे के बीच होगा।

दौड़ में शामिल मुख्य प्रत्याशियों में केंद्रीय मंत्री भाजपा के सुभाष भामरे (धूले), कांग्रेस की उर्मिला मातोंडकर (मुंबई उत्तर), प्रिया दत्त (मुंबई उत्तर मध्य) और मिलिंद देवड़ा (मुंबई दक्षिण) और मावल से राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार शामिल हैं।

लोकसभा में महाराष्ट्र से 48 सांसद आते हैं जो उत्तर प्रदेश (80) के बाद सबसे ज्यादा हैं।

वहीं ओडिशा के मयूरभंज, बालेश्वर, जाजपुर, केंद्रपाड़ा एवं जगतसिंहपुर लोकसभा सीटों और इन छह संसदीय क्षेत्रों के तहत आने वाली विधानसभा की 41 सीटों पर सोमवार को चुनाव होने हैं।

पत्कुरा को छोड़ ओडिशा में यह अंतिम चरण का मतदान होगा। बीजद उम्मीदवार के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव 19 मई को कराए जाएंगे।

चौथे चरण के चुनाव में 388 उम्मीदवारों – लोकसभा के लिए 51 और 41 विधानसभा सीटों पर 336 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत का फैसला होगा।

प्रमुख चेहरों में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा (केंद्रपाड़ा लोकसभा सीट) और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक शामिल हैं।

राज्य में लोकसभा की 21 और विधानसभा की 147 सीटें हैं।

मध्य प्रदेश में लोकसभा की छह सीटों और छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी प्रचार शनिवार शाम थम गया। छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री कमलनाथ मैदान में हैं।

लोकसभा की सभी छह सीटों – सीधी, शहडोल, जबलपुर, मांडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।

मध्य प्रदेश में 29 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होना है।

कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

भाजपा ने 2014 में ‘मोदी लहर’ का लाभ लेते हुए छह में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में नहीं जीत पाए थे।

नवंबर 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद कमलनाथ के लिए छह महीने के भीतर राज्य विधानसभा में चुना जाना जरूरी है।

कांग्रेस के विधायक दीपक सक्सेना ने उनके लिए यह सीट छोड़ी।

पहले चरण के चुनाव के लिए 108 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होंगे जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुबह सात बजे से चार बजे तक वोट डाले जाएंगे।

झारखंड में 29 अप्रैल को होने वाले लोकसभा की तीन सीटों पर चुनाव के लिए प्रचार शनिवार को खत्म हो गया।

भाजपा शासित राज्य में सोमवार को पहले चरण के मतदान होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं ने झारखंड में रैली कर पार्टी को फिर से जिताने की अपील की जबकि विपक्षी पार्टियों के राष्ट्रीय स्तर का किसी प्रमुख नेता ने इन तीन सीटों – लोहरदगा (आरक्षित), चतरा और पलामू (आरक्षित) में प्रचार नहीं किया।

भाजपा ने 2014 में यहां लोकसभा की 14 सीटों में से 12 पर जीत हासिल की थी जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हिस्से दो सीट आई थी।

पश्चिम बंगाल के आठ निर्वाचन क्षेत्रों में चौथे चरण के चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रचार शनिवार शाम को समाप्त हो गया।

सोमवार को जिन सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें ब्रह्मपुर, कृष्णानगर, रानाघाट, वर्द्धमान पूर्व, वर्द्घमान-दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर और बीरभूम शामिल है।

चुनाव आयोग ने बताया कि इन आठ सीटों से 68 उम्मीदवार मैदान में हैं।

चार जिलों में फैली इन आठ सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, कांग्रेस और वाम मोर्चे के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है।

चुनाव आयोग ने बताया कि पहली बार सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपैट भी इस्तेमाल होंगे।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 13 सीटों के लिए चुनाव प्रचार शनिवार शाम को थम गया।

ज्यादातर सीटों पर भाजपा एवं सपा-बसपा के बीच सीधी टक्कर है।

इन सीटों से कुल 152 उम्मीदवार मैदान में हैं। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और यहां सभी सात चरणों में चुनाव होने हैं।

बिहार में लोकसभा की पांच सीटों – बेगूसराय, मुंगेर, उजियारपुर, समस्तीपुर और दरभंगा के लिए चुनाव प्रचार शनिवार को समाप्त हो गया।

इस चरण में सभी निगाहें बेगूसराय सीट पर है जहां लड़ाई दक्षिणपंथी और वामपंथी राजनीतिक विचारधारा के बीच है और भाकपा प्रत्याशी कन्हैया कुमार भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को चुनौती दे रहे हैं। साथ ही इस सीट पर राजद के तनवीर हसन भी प्रत्याशी हैं जिन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरा स्थान हासिल हुआ था।

अनंतनाग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले कुलगाम जिले में चुनाव प्रचार शनिवार को थम गया। इस सीट पर चुनाव तीन चरण में होने हैं।

अनंतनाग सीट से 18 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू कशमीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।

कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को उतारा है जबकि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हसनैन मसूदी नेशनल कॉन्फ्रेंस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

वहीं राजस्थान में पहले चरण के मतदान के लिए भी चुनाव प्रचार शनिवार को शाम छह बजे समाप्त हो गया। यहां दो चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। पहले चरण में 13 सीटों पर मतदान होंगे। राज्य में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं।

इन 13 सीटों में दो सीटें सबसे ज्यादा चर्चा में हैं – जोधपुर एवं झालावाड़। जोधपुर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव मैदान में हैं जबकि झालावाड़ से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

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अमेरिका ने पाकिस्तानियों को वीजा देने पर रोक लगाने का दिया आदेश attacknews.in

वाशिंगटन, 27 अप्रैल । पाकिस्तान ने अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार कर दिया है जिसके बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा सकता है और इसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती हैं।

विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में अभी के लिए ‘‘कोई बदलाव नहीं’’ है लेकिन संघीय रजिस्ट्रर अधिसूचना में उल्लेखित प्रतिबंध के परिणामस्वरूप अमेरिका पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रोक सकता है जिसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती है।

पाकिस्तान उन दस देशों की सूची में नया देश है जिन पर अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लागू किए गए है जिसके अनुसार जो देश प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे उन देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा।

हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है।

विदेश विभाग के एक प्रवक्ता से जब संघीय रजिस्टर की अधिसूचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा।’’

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह अमेरिका और पाकिस्तानी सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है और हम इस समय बारीकियों में नहीं जा रहे।’’

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी।

हक्कानी ने कहा, ‘‘इस कदम से पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी जो अमेरिका में यात्रा करना चाहते हैं और इससे बचा जा सकता था अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी अनिवार्यताओं के संबंध में अमेरिका के अनुरोधों को नजरअंदाज नहीं किया होता।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नयी बात नहीं है।

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अमेरिका की श्रीलंका में मुस्लिम आतंकवादी संगठन द्वारा लगातार हमले किए जाने की चेतावनी, अधिकारियों का दल भेजा attacknews.in

वाशिंगटन, 27 अप्रैल । अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमलों के बाद श्रीलंका के लिए यात्रा चेतावनी का स्तर बढ़ा दिया है और अपने नागरिकों से द्वीपीय राष्ट्र की यात्रा पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी यात्रा परामर्श में यात्रा खतरे का स्तर बढ़ा कर तीन कर दिया है।

मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘‘मुस्लिम आतंकवादी संगठन श्रीलंका में हमले की योजना लगातार बना रहे हैं। आतंकवादी बिना किसी चेतावनी अथवा हल्की चेतावनी के हमला कर सकते हैं और पर्यटक स्थलों, यातायात ठिकानों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सरकारी संस्थानों, होटलों, क्लबों, रेस्त्रां, प्रार्थना स्थलों, पार्कों, खेल तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शिक्षण संस्थानों, हवाई अड्डों, अस्पतालों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों को निशाना बना सकते हैं।

इसमें कहा गया है कि सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर अमेरिकी सरकार की श्रीलंका में अमेरिकी निगरिकों को आपात सेवाएं मुहैया कराने की क्षमताएं हैं।

इस बीच एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर वैरे ने कहा कि जांच में सहयोग के लिए उन्होंने अधिकारियों के एक दल को श्रीलंका भेजा है।

निदेशक ने फॉरेन रिलेशन्स थिंक टैंक की परिषद ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘एफबीआई ने जांच में सहयोग तथा वहां के हमारे सहयोगियों के साथ काम करने के लिए कर्मियों को भेजा है। मेरा मानना है कि यह याद दिलाता है कि यह कल की खबर नहीं है , यह कल की समस्या नहीं है , यह समाप्त नहीं हुई है।

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श्रीलंका में नेशनल तौहिद जमात के आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में खुद को विस्फोटकों से उड़ा लिया attacknews.in

कोलंबो, 27 अप्रैल । श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया जिसमें छह बच्चों और तीन महिलाओं समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई।

पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सुरक्षा बल ईस्टर पर हुए धमाकों के लिए जिम्मेदार स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। इन धमाकों में 253 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे।

पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के कर्मी और सेना के जवानों की कोलंबो से करीब 360 किलोमीटर दूर स्थित कलमुनई शहर में सैन्दामरुडु में एक मकान में एक सशस्त्र समूह से मुठभेड़ हुई।

सशस्त्र लोगों ने जवानों पर गोलियां चलाई जिसके बाद शुक्रवार रात को मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ की चपेट में आए एक नागरिक की भी मौत हो गई।

हिंसक झड़पों के दौरान तीन लोगों ने विस्फोटकों से खुद को उड़ा लिया।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कुल 15 शव बरामद हुए हैं जिसमें छह पुरुष, तीन महिलाएं और छह बच्चे हैं। कम से कम चार संदिग्ध आत्मघाती हमलावर मारे गए और तीन अन्य घायल अस्पताल में हैं।’’

पुलिस ने बताया कि कलमुनई, चावलकडे और सम्मंथुरई के मुस्लिम बहुल इलाकों में लागू कर्फ्यू अगली नोटिस आने तक जारी रहेगा।

पुलिस के एक प्रवक्ता रुवन गुनशेखर ने कहा, ‘‘जब पुलिस सैंदामरुडु में संयुक्त खोज अभियान चला रही थी तो उन पर गोलियां चलाई गई।’’

घटनास्थल पर एक आत्मघाती धमाका हुआ और टी56 असॉल्ट राइफल के साथ एक आतंकवादी का शव बरामद किया गया।

पुलिस ने बताया कि 21 अप्रैल को हुए धमाकों के संबंध में 20 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारियों ने दक्षिण कोलंबो के उपनगर वेल्लावट्टा में एक रेलवे स्टेशन के समीप एक किलोग्राम विस्फोटक भी बरामद किया।

शनिवार सुबह चार बजे अन्य इलाकों के लिए कर्फ्यू हटा दिया गया।

गत रात सुरक्षा परिषद की बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया कि आतंकवादियों पर कार्रवाई के लिए तलाश अभियान तब तक जारी रहना चाहिए जब तक उसका पूरी तरह से खात्मा ना हो जाए।

होटलों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा में सुधार किया गया है।

गौरतलब है कि ईस्टर पर रविवार को नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरजाघरों और तीन लग्जरी होटलों पर सिलसिलेवार बम धमाके किए जिसमें 253 लोगों की मौत हो गई।

इस्लामिक स्टेट ने हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार ने हमलों के लिए स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह एनटीजे को जिम्मेदार ठहराया है।

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शक्तिशाली मुकाबला:बिहार के ढह चुके लेनिनग्राद, बेगूसराय को जिंदा करने आए भाकपा के कन्हैया कुमार को वर्चस्व वापस लाने के लिए राजद के तनवीर हसन ने घेरा और भाजपा की सत्ता बनाएं रखने के लिए सामने है फायर ब्रांड गिरिराज सिंह attacknews.in

पटना 27 अप्रैल । कभी बिहार का लेनिनग्राद कहे जाने वाले बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान दो धुर विरोधी, दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड गिरिराज सिंह और वामपंथ की कमजोर पड़ती धारा को फिर से मजबूत करने की उम्मीद बनकर उभरे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के कन्हैया कुमार की दिलचस्प टक्कर के बीच महागठबंधन प्रत्याशी तनवीर हसन के कूदने के कारण हो रहे त्रिकोणात्मक मुकाबले पर पूरे देश की निगाहें टिकी है।

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जन्मभूमि बेगूसराय में लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार में सीधा मुकाबला माना जा रहा था , लेकिन पांच दलों के महागठबंधन की ओर से राजद के तनवीर हसन को प्रत्याशी बनाए जाने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प बन गया है । महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार उतार कर बेगूसराय में भाजपा विरोधी वोट हासिल करने के कन्हैया की रणनीति को एक तरह से विफल कर दिया है। अब भाजपा विरोधी वोट राजद और भाकपा के बीच बंट सकते हैं।

इस सीट पर भाजपा, भाकपा और राजद तीनों अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। श्री गिरिराज सिंह के पक्ष में भाजपा के स्टार प्रचारक जमकर रोड शो और सभाएं कर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हाल में चुनावी सभा की , वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दूसरी तरफ कन्हैया प्रचार के लिए छात्र राजनीति के दौरान आजमाये गये छोटे-छोटे माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं। कन्हैया दिन को सभा तो रात को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वोट मांग रहे हैं। उनके नुक्कड़ नाटक में अच्छी-खासी भीड़ जमा हो रही है।

प्रचार के दौरान कन्हैया घर-घर जाकर जहां बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं वहीं युवाओं के बीच उनके साथी बन जाते हैं। बेगूसराय क्षेत्र के बुजुर्गों को कन्हैया में देश की राजनीति का उगता सितारा दिख रहा है तो युवाओं को एक ऐसा साथी जो तमाम बंदिशें तोड़कर उन्हें साथ लेकर चलने की जिद में है। कन्हैया का कारवां जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ डफली की थाप पर थिरकता भी है और ‘सामंतवाद एवं पूंजीवाद से आजादी’के लिए हुंकार भी भरता है। वह आधी आबादी के लिए भी ‘महिलाएं मांगे आजादी वो भी आधी-आधी’जैसे नारे भी लगाता है।

कन्हैया के चुनावी प्रचार को बॉलीवुड का भी साथ मिल रहा है। गीतकार जावेद अख्तर के अलावा अभिनेत्री शबाना आजमी और स्वरा भास्कर तथा अभिनेता प्रकाश राज कन्हैया के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं। इतना ही नहीं राजनीति में नई लकीर खींच रहे कन्हैया एक ऐसे आइकॉन बन गये हैं कि उनको तरजीह देने से मीडिया भी खुद को नहीं रोक पा रहा है। राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल और प्रिंट के वरिष्ठ और नामचीन पत्रकार बेगूसराय की परिक्रमा कर रहे हैं। वहीं राजद प्रत्याशी तनवीर हसन के पक्ष में महागठबंधन के स्टार प्रचारक एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के अलावा अन्य नेता भी जोर लगा रहे हैं।

इस क्षेत्र में कभी-कभी धुर विरोधी विचारधारा का टकराव भी दिख रहा है। विरोधी धारा के लोग कन्हैया को काला झंडा भी दिखा रहे हैं। एक रोड शो के दौरान कोराय गांव में कन्हैया को न केवल काले झंडे दिखाये गये बल्कि उनके खिलाफ नारेबाजी भी की गई। इसके बाद दोनों पक्षों में झड़प और मारपीट हुयी। मामला थाने भी पहुंचा और प्राथमिकी भी हुई।

इन उतार-चढ़ाव के बीच बेगूसराय में चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा। इस सीट पर भाजपा, भाकपा और राजद के बीच दिलचस्प मुकाबले के आसार बन गये हैं। इन तीन दलों के पास अपना-अपना आधार वोट है। राजद के मजबूत ‘माय’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण के सहारे तनवीर हसन मैदान में हैं। वोटों की सेंधमारी में कन्हैया का संघर्ष सीधे तनवीर हसन से है। ऐसा माना जा रहा है कि कन्हैया यदि महागठबंधन के प्रत्याशी होते तो भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकते थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में श्री सिंह को फौरी तौर पर राहत मिलती दिख रही है।

कभी कांग्रेस और वामपंथ का मजबूत गढ़ रहे बेगूसराय सीट पर 2014 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भोला सिंह ने पहली बार कमल खिलाया था। उन्होंने राजद के तनवीर हसन को कड़े मुकाबले में 58335 मतों के अंतर से पराजित किया था। भाकपा के राजेन्द्र प्रसाद सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे। इससे पहले 2009 में जनता दल यूनाईटेड प्रत्याशी डॉ. मोनाजिर हसन ने भाकपा के कद्दावर नेता शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को पराजित किया था। श्री भोला सिंह 2009 में नवादा सीट पर जीत दर्ज की थी। वहीं 2014 में राजग से जदयू के बाहर होने पर भाजपा ने गिरिराज सिंह को नवादा से और भोला सिंह को बेगूसराय से टिकट दी थी। दोनों नेता पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे और शानदार जीत दर्ज की। वर्ष 2018 में भोला सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई।

बेगूसराय जिले में परिसीमन से पूर्व दो लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय और बलिया थे। वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद दोनों लोकसभा क्षेत्र को मिलाकर बेगूसराय बना दिया गया। परिसीमन से पहले एक दो अवसरों को यदि छोड़ दिया जाये तो बेगूसराय सीट पर कांग्रेस और बलिया सीट पर वामपंथियों का कब्जा रहा है। इस सीट से 1952 से 1962 तक कांग्रेस के मथुरा प्रसाद मिश्रा ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की। वर्ष 1967 में भाकपा के योगेंद्र शर्मा यहां से सांसद चुने गए। वर्ष 1971 और 1977 में श्याम नंदन मिश्रा एक बार कांग्रेस (संगठन) और दूसरी बार भारतीय लोक दल के टिकट पर सांसद बने। वर्ष 1980 और 1984 में कांग्रेस की कृष्णा शाही ने दो बार जीत दर्ज़ की। वर्ष 1989 में जनता दल के ललित विजय सिंह जीते तो 1991 में फिर कृष्णा शाही को जीत मिली। वर्ष 1996 में निर्दलीय रामेन्द्र कुमार सांसद चुने गए। वर्ष 1998 और 1999 में कांग्रेस के राजो सिंह को जीत मिली। वर्ष 2004 में जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और वर्ष 2009 में जदयू के ही डॉ मोनाज़िर हसन ने जीत हासिल की।

बेगूसराय लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा क्षेत्र चेरिया बरिआरपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी (सुरक्षित) शामिल हैं। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लडऩे से भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी और किसी पर भी भाजपा का खाता नहीं खुल सका था। राजद तीन और कांग्रेस-जदयू ने दो-दो सीटें जीतीं थीं। इस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली सात विधानसभा सीटों में से चेरिया बरियारपुर से पूर्व मंत्री मंजू वर्मा (जदयू), बछवारा से रामदेव राय (कांग्रेस), तेघरा से वीरेन्द्र कुमार (राजद), मटिहानी से नरेन्द्र सिंह उर्फ बोगो सिंह (जदयू), साहेबपुर कमाल से श्री नारायण यादव (राजद), बेगूसराय से अनिता भूषण (कांग्रेस) और बखरी (सुरक्षित) से उपेन्द्र पासवान (राजद) विधायक हैं।

मूल रूप से बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है। एशिया की सबसे बड़ी मीठे जल की झीलों में से एक कावर झील इसी इलाके में है। इस क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का बरौनी तेलशोधक कारखाना, बरौनी ताप विद्युत स्टेशन और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर लिमिटेड कारखाने प्रमुख हैं। वर्षों पूर्व यहां कई छोटे-बड़े उद्योग भी थे जो धीरे-धीरे बंद हो गए। यहां बरौनी रिफाइनरी की शोधन क्षमता बढ़ाने के साथ ही उर्वरक कारखाने को फिर से शुरू किया गया है। गंगा नदी पर सिमरिया के समीप छह लेन पुल, सिमरिया से खगडिय़ा तक चार लेन सड़क का निर्माण जोरों पर है। गढ़हरा यार्ड की खाली पड़ी जमीन पर रेल कारखाना खोलने, बरौनी-हसनपुर रेल लाइन बनाने, पेट्रोकेमिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र और दिनकर विश्वविद्यालय बनाने की मांग प्रमुख मुद्दे हैं।

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राजस्थान में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को अपने पुत्रों को जिताने के साथ-साथ अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को जितवाने की चुनौती attacknews.in

जयपुर, 27 अप्रैल । राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, दो केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

पहले चरण की 13 सीटों पर आज शाम छह बजे चुनाव प्रचार का शोर थमने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई , इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई नेताओं ने जनसभायें करके चुनावी माहौल गरमाने का प्रयास किया है।

श्री गांधी का राफेल विमान में भ्रष्टाचार का मामला कमजोर पड़ता दिखाई दिया, जबकि किसान, आदिवासी और गरीबों के लिये हर महीने छह हजार रुपये की पेशकश पर ज्यादा जोर रहा। भाजपा का पूरा चुनाव प्रचार श्री मोदी पर केंद्रित रहा, उम्मीदवार एवं स्थानीय मुद्दों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।

इन 13 सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित जोधपुर एवं झालावाड़ की सीटें हैं, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

श्री सिंह के चौथी बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के कारण इस बार श्रीमती राजे वंशवाद के निशाने पर नहीं आई, लेकिन वैभव गहलोत का यह पहला चुनाव होने से उनके पिता अशोक गहलोत पर वंशवाद और प्रतिष्ठा को दांव पर लगाने के तीखे आरोप लगाये जा रहे हैं।

भाजपा ने जोधपुर में अपने उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को अकेला नहीं छोड़ा । वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा एवं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का रोड शो करवाकर मतदाताओं पर छाप छोड़ने के साथ प्रदेश सरकार की ताकत तोड़ने का प्रयास किया। इसके विपरीत कांग्रेस में बड़े नेताओं के दौरे जोधपुर में नहीं हुए, मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने ही प्रचार का मोर्चा संभाल रखा है।

बाड़मेर में सांसद कर्नल सोनाराम का टिकट काटने के बाद भाजपा उम्मीदवार पूर्व विधायक कैलाश चौधरी को कांग्र्रेस के मानवेंद्र सिंह के सामने कड़ी टक्कर झेलनी पड़ रही है, हालांकि इसमें थोड़ी राहत तब मिल गई जब कर्नल सोनाराम पार्टी से बगावत करके कांग्रेस में शामिल होने के लिये दौड़ पड़े, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी और वह अब पार्टी का साथ देने की बात कह रहे हैं।

पाली से केंद्रीय मंत्री पी पी चौधरी का पूर्व सांसद एवं कांग्रेस उम्मीदवार बद्री जाखड़ से कड़ा मुकाबला है। श्री चौधरी का टिकट मिलने से पहले काफी विरोध हुआ था, लेकिन उन्हें अब मोदी लहर का ज्यादा भरोसा लगता है।

अजमेर में कांग्रेस के नये चेहरे रिज्जु झुनझुनूवाला का मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी से है। इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा विजयी रहे थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में जीतकर वह अब गहलोत सरकार में मंत्री हैं। इस लिहाज से श्री शर्मा की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भी अजमेर से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री रहे हैं, लिहाजा यह सीट जिताने का उन पर काफी दबाव है।

कोटा में सांसद ओम बिरला का मुकाबला पूर्व सांसद रामनारायण मीणा से है। इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोटा में हवाई अड्डा बनाने का आश्वासन देकर शिक्षा नगरी को लुभाने का प्रयास किया है। भाजपा में पूर्व विधायक प्रहलाद गुर्जर एवं भवानी सिंह राजावत की नाराजगी भी भाजपा उम्मीदवार को भारी पड़ सकती है।

चित्तौड़गढ़ में सांसद चंद्र प्रकाश जोशी का मुकाबला कांग्रेस के गोपाल सिंह ईडवा से है जो पूर्व में राजसमंद से सांसद रह चुके हैं। यहां राजपूत बहुल मतदाताओं के बावजूद भाजपा उम्मीदवार श्री जोशी की लोकप्रियता के कारण उनके जीतने के कयास ज्यादा लगाये जा रहे हैं।

टोंक सवाई माधोपुर से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री नमो नारायण मीणा से है। श्री मीणा ने टोंक को रेललाइन से जोड़ने का मुद्दा उठाकर वर्ष 2009 का चुनाव जीता था तथा इस बार विधानसभा मेें कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की टोंक से जीत ने उन्हें फिर उत्साहित किया है। भाजपा उम्मीदवार पर बाहरी होने का भी आरोप लगता रहा है। श्री मीणा को सवा तीन लाख स्वजाति के मतों सहित पौने दो लाख मुस्लिम और करीब चार लाख अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर भी भरोसा है।

भीलवाड़ा में सांसद सुभाष बहेड़िया का मुकाबला कांग्रेस के नये चेहरे रामपाल शर्मा से है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के विपरीत अपने जातिगत समीकरण के कारण ब्राम्हण जाति के भाजपा उम्मीदवार बिट्ठल की जीत को देखकर कांग्रेस ने यहां से ब्राम्हण उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा का गढ़ रहा यह क्षेत्र इस बार भी मोदी लहर पर सवार होकर श्री बहेड़िया की जीत की आस लगाये बैठा है।

जालौर में भाजपा सांसद देवजी पटेल के सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक रतन देवासी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सभा होने से यहां चुनावी माहौल काफी गरमा गया है।

बांसवाड़ा में मानशंकर निनामा का टिकट काटकर भाजपा ने पूर्व विधायक कनकमल कटारा को उम्मीदवार बनाया है, जिनका इस बार मुकाबला कांग्रेस के ताराचंद भगोरा से होगा। दोनों उम्मीदवार काफी अनुभवी हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह पता चलता है कि कांग्रेस के लिये अब यह क्षेत्र ज्यादा सुरक्षित नहीं रह गया है।

उदयपुर में भाजपा ने सांसद अर्जुनलाल मीणा को पूर्व सांसद एवं कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा के सामने खड़ा किया है। विधानसभा में मिली सफलता के बाद भाजपा इस क्षेत्र से जीत की उम्मीद लगाये हुए है। श्री मीणा ने सलुम्बर विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार सहनी पड़ी। कांग्रेस ने विधानसभा में हारे हुए प्रत्याशी पर बड़ी पंचायत में पहुंचाने का दांव लगाया है।

राजसमंद में भाजपा और कांग्रेस के दोनों नये चेहरों के बीच मुकाबला है। भाजपा उम्मीदवार दियाकुमारी के जयपुर राजघराने से सम्बन्ध होने के कारण यह मुकाबला युवरानी और कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के बीच रोचक होने वाला है। कांग्रेस उम्मीदवार देवकीनंदन के सामने चुनाव लड़ रही दियाकुमारी सवाई माधोपुर से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं मिला। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उनके प्रति नाराजगी की अफवाह भी तब काफूर हो गई जब श्रीमती राजे ने भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में सभा करके उन्हें जिताने का अनुरोध किया।

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कन्नौज में नरेन्द्र मोदी ने कहा: तीसरे चरण का मतदान खत्म होते- होते महामिलावटी गठबंधन का खेल खत्म हो गया attacknews.in

कन्नौज 27 अप्रैल । समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ कन्नौज में राष्ट्रवाद के साथ साथ जातिगत समीकरणों को साधते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खुद में प्रधानमंत्री का अक्श ढूंढ़ने वालों के पास देश की सुरक्षा एवं गरीबों के विकास की कोई योजना नहीं है।

कन्नौज के तिर्वा में मां अन्नपूर्णा मेला मैदान पर चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुये श्री मोदी ने शनिवार को कहा “ तीसरे चरण का मतदान खत्म होते होते महामिलावटी गठबंधन का खेल खत्म हो गया। जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ ने अवसरवादियों और महामिलावटियों के होश उडा दिये है,जिसके बाद बौखला कर ये लोग अब मेरी जाति प्रमाणित करने में जुट गये है। यह पहली बार नहीं है जब विरोधियों ने मुझे गाली दी हो। इससे पहले के चुनाव में भी दो तीन चरणों के बाद विपक्षी मुझे नीचा दिखाने के लिये सारी मर्यादायें तोड़ते आये हैं। ”

उन्होने कहा “ मैं कभी भी जाति के नाम पर राजनीति का पक्षधर नहीं रहा। जब तक मेरे विरोधियों ने मुझे गाली नहीं दी, इस देश को पता ही नहीं था कि मेरी जाति कौन सी है लेकिन अब मैं बहन जी,अखिलेश जी और कांग्रेस का आभारी हूं कि वे मेरे पिछड़ेपन की चर्चा कर रहे हैं। आपके लिए पिछड़ी जाति में पैदा होना राजनीति का खेल होगा, मेरे लिए मां भारती की सेवा करने का सौभाग्य है। मेरी जाति इतनी छोटी है कि गांव में इस जाति का एक आध घर भी नहीं होता है। मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं कि पूरे देश के अगड़ी और पिछड़ी जाति के लोग आगे हो ताकि देश का विकास संभव हो सके। ”

श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष के लोग एक दूसरे को प्रधानमंत्री का दावेदार बताकर अपना हित साध रहे हैं। इन्हे स्वयं के परिवार की चिंता है। देश के विकास में बाधक आतंकवाद से निपटना इनके बूते की बात नहीं है बल्कि ये लोग सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सेना की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े करते है। इस मामले में इनको पाकिस्तान के दावों में सच्चाई नजर आती है। यह बलिदानियो तपस्वियों का देश है जो किसी भी स्थिति में भारत के स्वाभिमान और सुरक्षा से समझौता नहीं करते। भारत आतंकियों का सबसे बडा टारगेट है। पाक में आतंक की फैक्ट्रियां चल रही है। इससे निपटने के लिये सपा बसपा के पास कोई फार्मूला है क्या।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा बसपा वाले बतायें कि आतंकवाद से डरते है या उन्हे बचाने के लिये बैठे है। ये पाक के झूठ को सच मानते है। सर्जिकल स्ट्राइक को झूठ मानते है। दरअसल, आतंकियों के साथ हमदर्दी जता कर ये अपने परिवारों का भविष्य देख सकते है। इन्हे देश के भविष्य की चिंता नहीं है। उन्हे पता होना चाहिये कि नया हिन्दुस्तान अब डरेगा नहीं। नया हिंदुस्तान आतंकियों के घर में घुसकर मारेगा। जब देश की सीमायें सुरक्षित रहेंगी तभी देश ठीक से चलेगा। यही कारण है कि 23 मई को इतिहास बनने वाला है।

श्री मोदी ने कहा कि नई पीढी सपा-बसपा के अवसरवाद को अच्छी तरह जानती है। तिर्वा में सपा ने कैसे डा अंबेडकर का अपमान किया था। बसपा ने इसे भुला दिया जब सपा सरकार ने मेडिकल कालेज में अंबेडकर के नाम की पट्टी को उखाड कर फेंक दिया था। अब मायावती उन्ही के लिये वोट मांग रही है। बाबा साहब को अपमानित करने वालों को गले लगा रही है। ये लोग अपने स्वार्थ के लिये अपमान को भी कुर्सी के नीचे छिपाकर कुर्सी से चिपक जाते है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तिरंगे के चक्र नीले रंग का बना है जो समुद्र और नदियों की ताकत को दर्शाता है। तिरंगे का डंडा मजबूत होना चाहिये यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत हो कि दुनिया उसको सराहे। रेल,सड़क,हवाई अडडा,डिजीटल इंडिया,गैस, पानी लाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर की पहचान है। इन पंचतत्व के सहारे देश को विकास की बुलंदियों तक ले जाया जा सकता है।

यादव बाहुल्य क्षेत्र में श्री मोदी ने कहा कि यह बाल गोपाल की धरती है जबकि आपका चौकीदार श्रीकृष्ण की नगरी से आया है। गुजरात में पैदा होकर गोपा लोगों की धरती से आया है। जहां कृष्ण ने अपना शरीर छोड़ा था। दुग्ध उत्पादकों को पशुधन के जरिये आमदनी हो, इसके लिये प्रयास किये जा रहे है। दुग्ध किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जा रही है। पशुधन के लिये राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया जा रहा है जो गोवंश की सुरक्षा से लेकर गौशालाओं की देखरेख करेगा।

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पुत्र के साथ चुनाव लड़ रहे कमलनाध की छिंदवाड़ा में बादशाहत बरकरार, नकुलनाथ तो छाया मात्र है attacknews.in

छिंदवाड़ा, 27 अप्रैल । कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में इस बार पार्टी प्रत्याशी के तौर पर भले ही राजनैतिक सफर की शुरूआत करने वाले युवा नेता श्री नकुलनाथ सामने हैं, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ का चार दशकों से जारी वर्चस्व आज भी कायम दिखायी देता है।

छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में इस बार सांसद के तौर पर चार दशकों तक प्रतिनिधित्व कर चुके श्री कमलनाथ ने अपनी राजनैतिक विरासत एक तरह से अपने पुत्र नकुलनाथ को सौंपकर पार्टी प्रत्याशी बनाया है। श्री नकुलनाथ समेत कुल चौदह प्रत्याशी संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं और सभी की किस्मत सोमवार को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगी। छिंदवाड़ा में भाजपा ने आदिवासी नेता श्री नथन शाह को मैदान में उतारा है, लेकिन चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस और नाथ परिवार ही हावी होता दिखायी दिया। शेष प्रत्याशियों का यहां कोई वजूद नजर नहीं आ रहा है।

छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के अलावा छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव भी हो रहा है, जिसके लिए मतदान सोमवार को ही होगा। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कुल नौ प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा ने श्री विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार बनाया, लेकिन मामला आज चुनाव प्रचार अभियान की समय सीमा समाप्त होने तक एकतरफा ही कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रहा है।

नवंबर-दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने श्री कमलनाथ के नेतृत्व में विजय हासिल कर भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसके बाद 17 दिसंबर को श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। श्री कमलनाथ को विधानसभा का सदस्य बनाने के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कांग्रेस नेता दीपक सक्सेना ने त्यागपत्र दे दिया था। इस वजह से यहां विधानसभा उपचुनाव हो रहा है और कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर श्री कमलनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

शुरू से ही केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे श्री कमलनाथ ने 1979 में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव लड़कर विजय हासिल की थी और इसके बाद से छिंदवाड़ा उनका ‘घर’ ही हो गया। लगातार चुनाव जीतने की श्रंखला में वे 2014 को लोकसभा चुनाव भी जीते थे। वे लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भी रहने के साथ केंद्र सरकार और कांग्रेस संगठन में अनेक महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं।
छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र और छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रचार अभियान की मुख्य कमान श्री कमलनाथ और उनकी टीम के हाथों में ही रही। श्री नकुलनाथ संसदीय क्षेत्र में लगातार प्रचार करते रहे, वहीं श्री कमलनाथ छिंदवाड़ा में सक्रिय रहने के अलावा महाकौशल अंचल की अन्य संसदीय क्षेत्रों में भी चुनावी सभाएं करते रहे, जहां 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान है।

भाजपा की ओर से मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही कुछ सभाएं ली हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रचार किया। प्रचार के दौरान नजारा देखने पर साफतौर पर जो तस्वीर नजर आयी, वह कांग्रेस के पक्ष में ही जाती है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जफर ने कहा कि चार दशकों में श्री कमलनाथ ने इस पूरे क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास किया है और इसलिए ही आज छिंदवाड़ा का विकास मॉडल चर्चा में है।

श्री जफर का कहना है कि श्री कमलनाथ इस अंचल के प्रत्येक व्यक्ति से जुड़े हुए हैं। उनके सुख दुख में शामिल रहे और यथासंभव उनकी समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास किया। इस अंचल में स्वास्थ्य, पेयजल, बेहतर सड़कों, रोजगार के लिए अनेक उद्योगों और संस्थानों की स्थापना के अलावा विकास के अन्य कार्य किए गए। इसलिए इस क्षेत्र की जनता श्री कमलनाथ और उनके परिवार के प्रति स्नेह का भाव रखती है। इसलिए इन दोनों चुनावों में भी कांग्रेस की ऐतिहासिक विजय होगी।

प्रचार अभियान के दौरान इस अंचल में श्री कमलनाथ, श्री नकुलनाथ और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राज्य की चार माह पुरानी कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही चार दशकों का कांग्रेस और क्षेत्रीय जनता के बीच का भावनात्मक संबंध मुख्य रूप से उठाया। इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की पंद्रह वर्ष की भाजपा शासन की कथित असफलताओं का जिक्र भी खूब किया गया।

भाजपा नेताओं ने अपने प्रचार अभियान में कांग्रेस की चार माह की सरकार की नाकामियों के साथ ही कथित वादाखिलाफी का मुद्दा जोरशोर से उठाने का प्रयास किया। इस दौरान राष्ट्रवाद और सुरक्षित भारत जैसे मुद्दे भी भाजपा नेताओं ने उठाने के प्रयास किए। हालाकि कांग्रेस के प्रचार अभियान के आगे यह सब फीके ही साबित दिखायी दिए।

कांग्रेस के कुशल चुनाव प्रबंधन के चलते पार्टी का चुनाव अभियान भीषण गर्मी से भी अप्रभावित नजर आया। श्री कमलनाथ ने स्वयं अधिकांश समय छिंदवाड़ा में बिताकर चुनाव प्रचार अभियान पर पैनी नजर रखी।

छिंदवाड़ा ऐसा स्थान भी बन गया है, जहां देश मेें संभवत: पहली बार एकसाथ पिता और पुत्र क्रमश: विधानसभा और लाेकसभा का चुनाव पहली दफा लड़ रहे हैं। इन दोनों सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होने के बाद परिणाम 23 मई को आएंगे। यहां मतदान के लिए 1943 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

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कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने महात्मा गांधी से लेकर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना तक सभी कांग्रेस परिवार का हिस्सा वाले बयान से पलटी मारी attacknews.in

नयी दिल्ली 27 अप्रैल । बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का नाम उनके मुंह से गलती से निकल गया था, वह वास्तव में मौलाना अबुल कलाम आजाद का उल्लेख करना चाहते थे।

श्री सिन्हा ने संवाददाताओं के सवालों पर कहा कि कल के बयान में उन्होंने माेहम्मद अली जिन्ना का नाम गलती से लिया था। वह स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद का उल्लेख करना चाहते हैं।

भारतीय जनता पार्टी छोड़कर हाल में ही कांग्रेस में शामिल हुए श्री सिन्हा ने कल एक बयान में कहा कि महात्मा गांधी से लेकर मोहम्मद अली जिन्ना तक सभी कांग्रेस परिवार का हिस्सा हैं।

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20 रुपये का नया नोट attacknews.in

मुंबई 26 अप्रैल । रिजर्व बैंक (आरबीआई) महात्मा गाँधी (नयी) सीरीज में 20 रुपये के नये नोट जारी करेगा।

केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को 20 रुपये के नये ‘डमी’ नोट की तस्वीर जारी करते हुये बताया कि इस पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास के हस्ताक्षर होंगे। इसके पिछले हिस्से पर एलोरा के गुफाओं की तस्वीर है जो देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती है। इसका आधार वर्ण हरापन लिये हुये पीला है। इसके अन्य डिजाइन तथा फीचर महात्मा गाँधी (नयी) सीरीज के अन्य नोटों के समान हैं।

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नरेन्द्र मोदी की मध्यप्रदेश में चुनावी सभाओं का स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री कमलनाध ने दिया और कहा: मुद्दों की बात छोड़कर असत्य आरोप लगाकर चल दिए attacknews.in

भोपाल, 26 अप्रैल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज सीधी और जबलपुर की चुनावी सभाओं के संबंध में कहा कि श्री मोदी फिर से मुद्दों की बात छोड़कर असत्य आरोप लगाकर चले गए।

श्री कमलनाथ की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि उन्हें उम्मीद थी कि श्री मोदी किसानों की कर्जमाफी, युवाओं के रोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार 22 लाख किसानों का कर्ज माफ कर चुकी है और शेष किसानों के कर्ज लोकसभा चुनाव के बाद किए जाएंगे।

श्री कमलनाथ ने कहा कि बिजली प्रदाय को लेकर भी श्री मोदी ने असत्य जानकारी दी है। हालाकि श्री मोदी ने इस दौरान यह तो स्वीकार लिया कि राज्य में बिजली का बिल आधा कर दिया गया है।

उन्होंने दावा किया कि राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की सप्लाई 14 से 15 प्रतिशत तक बढ़ी है।

श्री कमलनाथ ने कहा कि यह बात सही है कि चुनावी समय में कुछ लोग जानबूझकर जनता को गुमराह करने के लिए बिजली वितरण में बाधा पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। ऐसे लोगों को हम चिंहित कर उन पर कार्रवाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिन आयकर छापों के दौरान मिले नोटों का श्री मोदी ने जिक्र किया, उसके बारे में जिस व्यक्ति के यहां नोट मिले, वो व्यक्ति खुद ही सच्चायी बता चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री काे यह जान लेना चाहिए कि देश पहले भी सुरक्षित था और पिछले 70 वर्षों से कांग्रेस ने इसे सुरक्षित ही रखा है। यह कोई पिछले पांच वर्षों में सुरक्षित नहीं बना।

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दिग्विजय सिंह ने कहा: भगवा वस्त्र धारण करने से कोई संत नहीं बनता, भाजपा को चुनाव के समय ही राम याद आते है attacknews.in

भोपाल 26 अप्रैल । भोपाल लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि सबको साथ लेकर चलना ही कांग्रेस है।

प्रदेश कांग्रेस द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि श्री सिंह सीहोर जिले के ग्राम सेवरा दांगी में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तपस्या करने के बाद ही व्यक्ति संत बनता है, केवल भगवा वस्त्र धारण करने से कोई संत नही बनता।

श्री सिंह ने कहा कि भाजपा को केवल चुनाव के समय ही राम याद आते हैं, बाकी पांच साल उनको राम मंदिर की याद नहीं आती। उन्होंने कहा कि रामलला टेंट में है और भाजपा ने अपना अलीशान ऑफिस बना लिया है, किंतु राम मंदिर नही बनाया।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सर्व समाज के हित के लिए काम किया। पंडितों का वेतन बढ़ाया, गरीबों को मुफ्त बिजली दी, गौ सेवा हर पंचायत में की। प्रदेश में जो भी बिजली के कारखाने लगे वे सब मेरी सरकार ने लगाए थे। पेड़ मैनें लगाए और फल कोई और खा गया।

श्री सिंह ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने ठेके पर बिजली दी थी और उसमें भी अपने लोगों को भर लिया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब वे ही लोग अघोषित बिजली कटौती कर रहे थे और कांग्रेस को बदनाम कर रहे थे। लेकिन हमने कार्रवाई कर समझा दिया कि अब मामा की सरकार नही है, आपके नाना की सरकार है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोलते हुए कहा है कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी वे अपने आप को राष्ट्रवादी बताते हैं।

श्री सिंह सीहोर जिले के ग्राम खंडवा में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा आजादी की लड़ाई हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध सभी ने लड़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में विश्वविद्यालय, सड़क, बांध, स्कूल, पुल, पुलिया आदि बनाए, लेकिन मोदी करते हैं कि साठ साल में कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मोदी जी बताएं यह सब पांच साल में हुआ है क्या।

श्री सिंह ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2014 में नारा दिया गया था ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ लेकिन हम लोग हर हर महादेव करते हैं, हर हर मोदी नहीं। उन्होंने कहा कि यह मोदी हर घर में ऐसे घुसे कि हजार का नोट सात सौ रुप में मिलने लगा।

श्री सिंह ने सवाल किया कि केन्द्र में मोदी, यहां मामा, लेकिन खंडवा ग्राम में विकास नहीं हुआ। अलोक संजर चार लाख वोट से जीते और सांसद बने तो भी पुराने नोटों की तरह भाजपा ने उन्हें बदल दिया। उन्होंने कहा कि यदि मोदी को ही जिताना है, तो सभी जगह मोदी को ही खड़ा करो। श्री सिंह ने सीहोर के ग्राम सेमरा दांगी और बैरसिया क गढ़ा मंडलम में भी सभाओं को संबोधित किया।

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बाबा रामदेव ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को राष्ट्रवादी महिला बताते हुए कहा कि:संदेह के आधार पर 9 सालों तक उन्हें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई attacknews.in

पटना, 26 अप्रैल। योग गुरु रामदेव शुक्रवार को विवादास्पद भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के समर्थन में सामने आए और उन्हें एक राष्ट्रवादी करार देते हुए कहा कि महज संदेह के आधार पर उन्हें नौ सालों तक गिरफ्तार कर जेल के अंदर प्रताड़ित किया गया, जैसे वह कोई आतंकवादी हों।

योग गुरु पटना साहिब लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा पर्चा दाखिल करने के दौरान यहां पहुंचे थे।

रामदेव ने यहां संवाददाताओं को बताया, “यह गुनाह की पराकाष्ठा थी। आपने सिर्फ संदेह के आधार पर एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया और नौ सालों तक उसे शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना दी। उन्हें जिस तनाव से गुजरना पड़ा उससे वह शारीरिक रूप से कमजोर और कैंसर से प्रभावित हो गईं। वह आतंकवादी नहीं बल्कि राष्ट्रवादी महिला हैं।”

मालेगांव बम धमाकों की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा 26/11 आतंकी हमले में शहीद हुए मुंबई एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर दिये गए बयान कि उनकी मौत उनके ‘शाप’ की वजह से हुई, के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमें महिला के प्रति कुछ संवेदना दिखानी चाहिए और उस व्यथा और कड़वाहट को समझने की कोशिश करनी चाहिए जिसकी वजह से उन्होंने ऐसा बयान दिया होगा। करकरे को उनके “हिंदू आतंकवादी” होने का संदेह था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह भोपाल जाकर प्रज्ञा ठाकुर के पक्ष में प्रचार करने जाएंगे, रामदेव ने कहा, “मैंने आपसे जो कहा वह आपको सुर्खियां देने के लिये पर्याप्त हैं। कृपया इससे संतुष्ट रहें।”

योग गुरु ने कहा कि आम तौर पर वह नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान नेताओं के साथ नहीं रहते लेकिन प्रसाद के लिये वह आए हैं क्योंकि उन्हें वह पाटलिपुत्र के लिये मंगलकारी मानते हैं जैसे मोदी (प्रधानमंत्री) देश के लिये हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीख करते हुए योग गुरु ने कहा, “मोदी का सिर्फ एक एजेंडा है भारत को महाशक्ति बनाना। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिये वह रोजाना 16-20 घंटा काम करते हैं। और उनका दिमाग एक तरफ केंद्रित है क्योंकि उनका कोई परिवार नहीं है न ही कोई अन्य भटकाव।”

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पलामू में कम्युनिस्ट पार्टी के उग्रवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को बमों से हमला कर उड़ाया attacknews.in

डालटनगंज 26 अप्रैल । झारखंड के पलामू जिले में हरिहरगंज थाना क्षेत्र के पुराने बस स्टैंड के निकट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव कार्यालय को प्रतिबंधित संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उग्रवादियों ने बम विस्फोट कर उड़ा दिया है।

पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि माओवादियों ने कल देर रात पुराने बस स्टैंड के निकट दोमंजिली इमारत में संचालित भाजपा चुनाव कार्यालय को बम विस्फोट कर उड़ा दिया है। इसके बाद माओवादी ‘भाकपा माओवादी जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए बिहार की ओर फरार हो गये। मौके से पर्चे बरामद किये गये हैं, जिसमें लोगों से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की गई है।

सूत्रों ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने के महज आधे घंटे बाद ही इसी थाना क्षेत्र के तूरी गांव के निकट बटाने नदी पर पुल के निर्माण कार्य में इस्तेमाल किये जा रहे एक जनरेटर, मिक्चर मशीन और मजदूरों के रहनेवाले शेड में भी माओवादियों ने आग लगा दी।

वहीं, पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि कल रात कार्यालय में भाजपा कार्यकर्ता लखन साव सोए हुए थे तभी हथियार से लैस नक्सलियों ने श्री साव को हथियार का भय दिखाकर अपने कब्जे में लिया और गोली मारने की धमकी दी। इसके बाद डरे सहमे श्री साव ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। बम के जोरदार धमाके में चुनाव कार्यालय पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कार्यालय के साथ ही इस कॉम्पलेक्स के कई कमरे क्षतिग्रस्त हो गये।

दूसरी ओर पुल निर्माण में लगे सरिया मिस्त्री राजीव दत्ता ने बताया कि घटना को अंजाम देने हरिहरगंज की ओर से दो बाइक पर सवार छह की संख्या में माओवादी आए और काम को बंद करा दिया। इसके बाद नक्सलियों ने कर्मचारियों से मोबाइल फोन लेने के बाद उन्हें भागने को कहा । घटना के बाद से पुल निर्माण का कार्य बंद हो गया है।

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