अमेरिका ने 24 युद्धक एमएच 60 आर सी हेलिकॉप्टर भारत को बेचे, अनुमानित कीमत 2.6 अरब डॉलर attacknews.in

वाशिंगटन, तीन अप्रैल । अमेरिका ने 2.6 अरब डॉलर की अनुमानित कीमत पर भारत को 24 बहुउपयोगी एमएच 60 ‘आर’ सी हॉक हेलीकॉप्टर की बिक्री को मंजूरी दे दी है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

हिंद महासागर में चीन के अपनी मौजूदगी बढ़ाने के बीच ये हेलीकॉप्टर सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों में भारतीय नौसेना की क्षमता बढ़ाएंगे।

लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ये हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं। ये हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश एवं बचाव कार्यों में भी उपयोगी हैं। एमएच 60आर सी हॉक हेलीकॉप्टर भारत के पुराने हो चुके ब्रिटेन निर्मित सी किंग हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे।

ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को अमेरिकी संसद को सूचित किया कि उसने 24 एमएच-60आर बहु उपयोगी हेलीकॉप्टरों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। ये हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे।

ये हेलीकॉप्टर फ्रिगेट, विध्वंसक पोतों, क्रूजर और विमान वाहक पोतों से संचालित किए जा सकते हैं।

विदेश मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कांग्रेस को बताया कि इस प्रस्तावित बिक्री की मदद से भारत और अमेरिका के सामरिक संबंध मजबूत होंगे जिससे अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी।

उसने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों की अनुमानित कीमत 2.6 अरब डॉलर होगी। इस बिक्री से उस बड़े रक्षा साझीदार की सुरक्षा स्थिति सुधरेगी जो हिंद प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक रहा है।

अधिसूचना के अनुसार इस बढ़ी क्षमता से क्षेत्रीय खतरों से निपटने में भारत को मदद मिलेगी और उसकी गृह सुरक्षा मजबूत होगी। भारत को इन हेलीकॉप्टरों को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

इसमें कहा गया कि इस प्रस्तावित बिक्री और सहयोग से क्षेत्र में मूल सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा।

इन हेलीकॉप्टरों को दुनिया के सबसे अत्याधुनिक समुद्री हेलीकॉप्टर माना जाता है।

ये हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार हिंद महासागर में चीन के आक्रामक व्यवहार के मद्देनजर भारत के लिए ये हेलीकॉप्टर आवश्यक हैं। ये हेलीकॉप्टर इस समय अमेरिकी नौसेना में तैनात हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार यह आधुनिक समय में उपलब्ध सबसे सक्षम नौसैन्य हेलीकॉप्टर है जो फ्रिगेट, विध्वंसक पोतों, क्रूजर और विमान वाहक पोतों से संचालित किया जा सकता है।

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देहरादून में अमित शाह की चुनौती: भाजपा के रहते उमर अब्दुल्ला की देश में दो प्रधानमंत्री की मंशा कभी पूरी नहीं होगी, कांग्रेस पार्टी अब तक चुप क्यों है attacknews.in

देहरादून, तीन अप्रैल । नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के, कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री की जरूरत संबंधी बयान की आलोचना करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को राहुल गांधी से देश के सामने यह स्पष्ट करने को कहा कि वह इससे सहमत हैं या नहीं ।

उत्तराखंड की पांचों सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए। उनके सहयोगी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं और कांग्रेस चुप है। इनके साथ :कांग्रेस ने: चुनावी समझौता किया है । मैं कांग्रेस अध्यक्ष से कहना चाहता हूं कि आप स्पष्ट करें कि अब्दुल्ला की अलग प्रधानमंत्री की मांग के साथ आप सहमत हैं या नहीं ।’’

शाह ने चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा के रहते अब्दुल्ला की देश में दो प्रधानमंत्री की मंशा कभी पूरी नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सत्ता में रहें या विपक्ष में, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उनकी यह मंशा हमारी जान रहते कभी पूरी नहीं होगी।’’

उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में अपने जीवन का बलिदान दिया था और उनके आदर्शों पर चलने वाली भाजपा देश में ऐसा कुछ कभी नहीं होने देगी ।

शाह ने कहा, ‘’क्या समझ रखा है देश को? और कांग्रेस चुप है । कांग्रेस अध्यक्ष चुप हैं ।’’ कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने पर वह देशद्रोह से संबंधित धारा को सीआरपीसी से हटाने की बात कही है । शाह ने पूछा कि आखिर वे (कांग्रेस) किसको बचाना चाहते हैं ।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप किसको बचाना चाहते हैं? जेएनयू में नारे लगे कि ‘भारत तेरे टुकडे़ होंगे 1000’ और आप बाहर जाकर खडे़ रहे । क्या आप उनको बचाना चाहते हैं जिन पर राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है ।’’

शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को वोट बैंक की राजनीति के लिये इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए ।

उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में सीमा पर देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों पर लगने वाले आरोपों के लिये बने कानून को समाप्त करने के ऐलान के लिये भी कांग्रेस की कडी आलोचना की और कहा कि उन्हें सैन्यकर्मियों की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है ।

इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा, ‘ राहुल बाबा, आपकी पूरी पार्टी की इतनी औकात नहीं है कि सेना के जवानों की सुरक्षा के लिये बनाये कानून को समाप्त कर दें। भाजपा आपके मंसूबों के खिलाफ चटटान की तरह खडी है । हम उनकी सुरक्षा को दांव पर नहीं लगा सकते । उनके मनोबल को गिरने नहीं दे सकते । नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश के जवानों के साथ चट्टान की तरह खडी है।’’

शाह ने दावा किया, ‘ मोदी सरकार ने सबसे बडा काम देश को सुरक्षित रखने का किया है। देश में जब संप्रग की सरकार थी तब कोई भी देश में घुस आता था और जवानों के सिर काटकर पाकिस्तान ले जाता था। कोई जवाब नहीं था। न माददा था और न इच्छा थी।’

पुलवामा आतंकी घटना के बाद देश में पीडा, हताशा और आक्रोश के माहौल का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पर तोपें और टैंक लगा दिये जाने से सर्जिकल स्ट्राइक संभव नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस बार सोनिया मनमोहन सिंह की सरकार नहीं थी आपकी बनायी हुई नरेंद्र मोदी की सरकार थी जिसने हवाई हमला कर आतंकवादियों को नेस्तनाबूद कर दिया ।

हवाई हमलों के बाद कांग्रेस में उदासी छा जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पूरे देश में खुशी की लहर छा गयी, हर जगह पटाखे चले, शहीदों के फोटों के साथ जुलूस निकाले गये और मोदी की तस्वीर पर माला पहनाई गयी ।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘लेकिन राहुल गांधी एंड कंपनी का चेहरा उदास था । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और राहुल गांधी का चेहरा एकसमान था । उन्हें आनंद नहीं हुआ उन्हें लगा कि इससे भाजपा को फायदा होगा ।’

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश को सुरक्षित नहीं रख सकती और न ही पाकिस्तान और आतंकवादियों को मुंहतोड जवाब दे सकती है और उन्हें मुंहतोड जवाब केवल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं ।

पिछले आम चुनावों की तरह इस बार भी प्रदेश की पांचों सीटों से भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने और प्रधानमंत्री मोदी को मजबूत करने की जनता से अपील करते हुए शाह ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस के हाथों में देश सुरक्षित नहीं है । देश को अगर एक रखना है, उसे सुरक्षित रखना है, उसे महान बनाना है, ग्लोबल लीडर बनाना है, विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में लाना है तो यह काम राहुल बाबा या किसी गठबंधन का नहीं है । यह काम केवल प्रधानमंत्री मोदी ही कर सकते हैं ।

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जेल से बिहार की राजनीति चलाने के आरोपों पर RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के वार्ड की दोबारा जांच की गई attacknews.in

रांची, तीन अप्रैल । रांची के बिरसा मुंडा जेल के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के वार्ड की आज एक बार फिर जांच की। चारा घोटाले के मामले में सजायाफ्ता लालू न्यायिक हिरासत के तहत स्वास्थ्य आधार पर रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं।

बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक अशोक कुमार चैधरी एवं उनके अन्य सहयोगियों ने बताया कि बुधवार को स्थानीय राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) स्थित लालू के वार्ड और कक्ष की जांच की गई, ताकि पता चल सके कि कहीं चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों की अवहेलना तो नहीं हो रही।

बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कल आरोप लगाया था कि लालू अपने राजनीतिक सहयोगियों के संपर्क में हैं और यह जेल नियमावली की अवहेलना है।

सूत्रों ने बताया कि संभवत: इसी आरोप के मद्देनजर जेल के अधिकारी यह देखना चाहते थे कि जेल नियमावली का पालन हो रहा है कि नहीं।

गौरतलब है कि स्थानीय मीडिया के एक हिस्से ने पहले भी लालू के रिम्स स्थित वार्ड में छापेमारी की खबर दी थी।

जेल एवं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वार्ड की जांच में कोई अवैध चीज नहीं बरामद की गई।

उन्होंने बताया कि जेल नियमावली के अनुसार प्रत्येक शनिवार को अधिक से अधिक तीन व्यक्ति जेल अधिकारियों की अनुमति से लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर सकते हैं। लालू अस्पताल से फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

कांग्रेस नेता तारिक अनवर एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय महासचिव डीपी त्रिपाठी ने 17 मार्च को लालू से अस्पताल में मुलाकात की थी।

इससे पूर्व, देश के चढ़ते राजनीतिक पारे के बीच पिछले सप्ताहों में लालू से उनके पुत्रों तेजस्वी यादव तथा तेज प्रताप यादव के अलावा अनेक नेताओं ने मुलाकात की जिनमें शत्रुघ्न सिन्हा, सुबोधकांत सहाय, हेमंत सोरेन, शकील अहमद, जीतन राम माझी तथा अन्य लोग शामिल थे।

लालू प्रसाद यादव अब तक सीबीआई की विशेष अदालतों द्वारा चार विभिन्न मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और उन्हें चौदह वर्ष तक के सश्रम कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।

इन मामलों में उनकी जमानत अर्जियां भी झारखंड उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी हैं।

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पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म को चुनाव आयोग की अनुमति, निर्धारित तिथि 5 अप्रैल को होगी रिलीज़ attacknews.in

नयी दिल्ली 03 अप्रैल । चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को जारी करने की अनुमति दे दी है जो अपनी निर्धारित तिथि पांच अप्रैल को रिलीज होगी।

सूत्राें के अनुसार बायोपिक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को आयोग की हरी झंडी मिल गयी है और पांच अप्रैल को रिलीज कर दिया जाएगा। हालांकि आयोग ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इस बीच आयोग के वकील ने बांबे उच्च न्यायालय में कहा है कि इस फिल्म का रिलीज होना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। आयोग ने यह दलील एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी।

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कांग्रेस पार्टी अंबानी जैसे अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटेंगी, असम में राहुल गांधी ने कहा: पूर्वोत्तर राज्यों की रक्षा की जाएगी attacknews.in

गुवाहाटी 03 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पूर्वोत्तर में एक चुनावी रैली के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद अंबानी जैसे अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटा जायेगा।

श्री गांधी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नेता पूछते हैं कि गरीबों में बांटने के लिए पैसा कहां से आयेगा। उन्होंने कहा, “ मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि हम अंबानी जैसे अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटेगे।”

उन्हाेंने कहा, “ मैं दृढतापूर्वक कहता हूं कि कांग्रेस पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक फिर से संसद में पेश नहीं होने देंगी।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि असम की भाषा, इतिहास और संस्कृति पर आरएसएस हमला करता रहा है तथा उनका एकमात्र उद्देश्य गरीबों से पैसा निकालना और इसे 15-20 लोगों की जेब में डालना है।
उन्होंने कहा , “ कांग्रेस का उद्देश्य गरीबों की जेब में पैसा डालना है। मोदी जी जो खुद को ‘चौकीदारी’ कहते है अनिल अंबानी के साथ खड़े है, हम किसानों , छोटे व्यापारियों, महिलाओं और वंचितों के साथ है।”

उन्होंने सभा के दौरान लोगों से पूछा , “ मोदी जी ने वादा किया था कि 15 लाख रूपये आपके खाते में आयेंगे। मैं पूछता हूं कि किसी खाते में 15 लाख रूपये आये। वह अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रूपये दे सकते है लेकिन गरीब आदमी को एक रुपया भी नहीं देना चाहते।”

दीमापुर में एक अन्य रैली को सम्बोधित करते हुए श्री गांधी ने कहा, “मैं लंबे समय भाषणबाजी नहीं करना चाहता और अब समय आ गया है जब सीएबी पर विराम लगा दिया जाए, पूर्वोत्तर के हितों को देखते हुए यह दुबारा नहीं आएगा। ”
उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह पूर्वोत्तर राज्यों के विशेष श्रेणी दर्जे को तुरंत बहाल कर दिया जायेगा और पूर्वोत्तर औद्योगिक नीति फिर से लागू होगी।

श्री गांधी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक विचार को पूरे देश में लागू करना चाहते हैं, वे एक तय विचारधारा का पालन करते हैं।

उन्होंने कहा कि वे आपकी संस्कृति, परंपरा का सम्मान नहीं करते हैं। कांग्रेस आपकी संस्कृति की रक्षा करेगी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसे महत्व दिया गया है।

श्री गांधी ने कहा यदि कांग्रेस 2019 में सत्ता में आती है तो गरीबों के खाते में 72,000 रुपये नकदी हस्तांतरण का अपना वादा पूरा करेंगे और एक वर्ष के अंदर सभी सरकारी रिक्त पदों को भर दिया जायेगा।

असम में तीन चरणाें में 11, 18 और 23 अप्रैल को चुनाव होंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि किसी भी परिस्थिति में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को फिर से संसद में पेश नहीं होने दिया जाएगा।

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नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी का लोकसभा चुनाव घोषणापत्र को पार्टी की तरह ही भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ढकोसला पत्र बताया attacknews.in

पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश), 03 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए इसे पार्टी की तरह ही भ्रष्ट, झूठ का पुलिंदा और ‘ढकोसला पत्र’ करार दिया है।

लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के तहत बुधवार को यहां रैली को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र नहीं ‘ढकोसला पत्र’ जारी किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरह ही उसका घोषणा पत्र भ्रष्ट और झूठ का पुलिंदा है।

श्री मोदी ने कहा कि 2004 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने 2009 तक देश के एक-एक घर में बिजली पहुंचाने का वादा किया था, किंतु तत्कालीन मनमोहन सरकार 2014 तक 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण नहीं कर सकी थी। उन्होंने कहा कि जो लोग देश का अपमान करते हैं, ऐसे लोगों से कांग्रेस सहानुभूति रखती है। भारत के संविधान को जो लोग नहीं मानते, उनके खिलाफ देशद्रोह कानून है, लेकिन कांग्रेस ने घोषणापत्र में इसे खत्म करने का वादा किया है।

कांग्रेस ने गत मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को हर साल न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ के तहत 72 हजार रुपये उनके खातों में हस्तांतिरत करने, केंद्र और राज्य सरकारों में खाली पड़े करीब 34 लाख रिक्तियों को भरने, किसानों के लिए अलग से बजट, नीति आयोग के स्थान पर योजना आयोग फिर बनाने और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) जैसे कानून में बदलाव के लोक लुभावने वादे किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के संरक्षण और विकास के लिए केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की फिर से सरकार गठन को सुनिश्चित करने में अपना योगदान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों के समर्थन से ही अरुणाचल प्रदेश में सड़कों का जाल, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेल और हवाई सेवा को देश के अन्य भागों की तरह बेहतर बनाने में मदद मिली। सरकार यह सब राज्य के लोगों के मजबूत विश्वास के बूते कर पाने में कामयाब हुई।

श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ इरादों वाली सरकार है तो दूसरी तरफ सिर्फ और सिर्फ झूठे वादों वाले नामदार हैं। उन्होंने कहा इन लोगों की तरह ही इनका घोषणा पत्र भी भ्रष्ट होता है .बेइमान होता है , ढकोसलों से भरा होता है। इसलिए उसे घोषणा पत्र नहीं ढकोसला पत्र कहना चाहिए। इस बार का आम चुनाव वादों और इरादों के बीच का चुनाव है। यह चुनाव भरोसे और भ्रष्टाचार के बीच का चुनाव है।

उन्होंने कहा, “यह चुनाव आपकी सांस्कृतिक विरासत, पंरपरा आपके गौरव की रक्षा करने वालों और आपके परिधानों, आपकी परंपराओं का मजाक उड़ाने वालों के बीच का चुनाव है। हम सिर्फ एक वादा करके उसे दशकों तक लटकाये रखने वाले लोग नहीं हैं, बल्कि आपके जीवन को आसान बनाने के लिए पूरी इमानदारी से काम करने वाले लोग हैं।”

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि एक परिवार ने 55 साल तक देश पर राज किया, लेकिन वह फिर भी दावा नहीं कर सकते कि उन्होंने हिन्दुस्तान के सारे काम पूरे कर एदि। उन्होंने कहा, “मैं यह दावा नहीं कर सकता कि मैंने सारे काम कर दिए, लेकिन मैं हर चुनौतियों को चुनौती देने वाला इंसान हूं। मुश्किल से मुश्किल काम करने वाला इंसान हूं।”

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वायनाड सीट पर राहुल गांधी को गंभीर खतरा, 30 माओवादियों की मौजूदगी की सूचना, कांग्रेस अध्यक्ष कल रोड़ शो के साथ भरेंगें नामांकन attacknews.in

तिरुवनंतपुरम, 03 अप्रैल । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा और माओवादियों की मौजूदगी को देखते हुए यहां सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंद किए गए हैं।

श्री गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की परंपरागत अमेठी संसदीय क्षेत्र से भी चुनाव मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने अमेठी में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को श्री गांधी के मुकाबले उतारा है ।

कांग्रेस अध्यक्ष गुरुवार को वायनाड सीट से अपना पर्चा दाखिल करेंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले श्री गांधी अपनी बहन प्रियंका वाड्रा के साथ रोड शो करेंगे। सुश्री वाड्रा को पार्टी ने कुछ दिन पहले ही पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है।

सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य कारणों की वजह से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) की प्रमुख सोनिया गांधी श्री राहुल के वायनाड में नामांकन दाखिल करने के समय मौजूद नहीं रहेंगी। श्रीमती गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

विशेष सुरक्षा बल (एसपीजी) ने वायनाड संसदीय क्षेत्र में डेरा डाल दिया है ।

गौरतलब है कि श्री गांधी को देश में उच्चतम सुरक्षा घेरा मिला हुआ है । श्री गांधी के बुधवार की शाम को कोझिकोड पहुंचने की उम्मीद है । इससे पहले वह पूर्वोत्तर राज्यों के चुनावी दौरे पर रहेंगे और नामांकन पत्र दाखिल करने के सिलसिले में आज शाम यहां पहुंच जाएंगे ।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटोनी, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव ओमन चांडी , के सी वेणुगोपाल , मुकुल वासनिक के अलावा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता श्री गांधी के कोझिकोड और वायनाड दौरे के समय मौजूद रहेंगे और चुनावी अभियान पर विचार विमर्श करेंगे। इस दौरान आईयूएमएल नेता कुनहालीकुट्टी और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीतला और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन भी यहां मौजूद रहेंगे।

केरल में लोकसभा चुनाव के लिए अर्ध सैनिक बलों की 10 कंपनियों को तैनात किया जाना है । इसमें एक बटालियान भारत तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) यहां तैनात किया जा चुका है । आईटीबीपी के जवानों की हाल में ही माओवादियों से वीतिरी में मुठभेड़ हो चुकी है। इस बीच केरल पुलिस ने राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए अर्ध सैनिक बलों की 149 टुकड़ियों की मांग की है।

दिसम्बर-फरवरी के दौरान वायनाड, कन्नूर, मलप्पुरम , कोझिकोड ग्रामीण और पलक्कड़ में 30 माओवादियों की मौजूदगी की सूचना है जिसमें से आठ की केवल वायनाड में ही मौजूद होने की खबरें हैं।

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पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने बराबरी से जीत हासिल की है और बसपा प्रमुख कांशीराम को चौथे स्थान पर बुरी हार का सामना करना पड़ा है attacknews.in

नयी दिल्ली, 03 अप्रैल। राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों में महत्वपूर्ण माने जाने वाली पूर्वी दिल्ली लगातार किसी दल का गढ़ नहीं बनी और यहां हुए 13 आम चुनाव में कांग्रेस को छह बार, भाजपा काे पांच बार, एक बार जनसंघ और एक मर्तबा लोकदल के उम्मीदवार ने जीत हासिल की।

पिछले चुनाव से पहले तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहता था किंतु आम आदमी पार्टी(आप) के उदय के बाद 2014 के चुनाव में कांग्रेस यहां हासिये पर चली गई। पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट 1966 में अस्तित्व में आई और 1967 में यहां पहली बार चुनाव हुआ। अनधिकृत कालोनियों की भरमार वाली इस सीट पर शुरु में वोटरों की संख्या बहुत कम थी। कालोनियों के निरंतर बसने से आबादी भी तेजी से बढ़ती गई। शुरु के चुनावों में यहां विजयी उम्मीदवार को कुल मिले वोटों की संख्या हजारों में थी लेकिन बाद में इस सीट पर लाखों में जीत हार का फैसला होने लगा ।

वर्ष 1967 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में भारतीय जनसंघ के हरदयाल देवगन 83261 मत हासिल कर कांग्रेस के बी मोहन (77645) को हराया। वर्ष 1971 के चुनाव में श्री देवगन को कांग्रेस के हरकिशन लाल भगत ने हराया। श्री भगत के एक लाख 46 हजार 632 की तुलना में श्री देवगन के खाते में आधे से भी कम 72382 वोट ही पड़े। वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल के किशोरी लाल श्री भगत को हराकर लोकसभा पहुंचे।

उन्हें श्री भगत को 107487 मतों की तुलना में 240594 मत मिले। इन चुनाव के बाद कांग्रेस में विभाजन हो गया और पार्टी का नाम कांग्रेस(आई) हो गया ।

वर्ष 1977 के चुनाव के बाद श्री भगत ने अनाधिकृत कालोनियों का मुुद्दा उठाकर अपनी पैठ बनाई और उन्हें पूर्वी दिल्ली का बेताज बादशाह भी कहा जाने लगा । वर्ष 1980 के चुनाव में श्री भगत ने हार का बदला लेते हुए श्री लाल को परास्त किया । इस बार श्री लाल ने जेएनपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था । इस चुनाव में श्री भगत को 228727 और श्री लाल को 141019 मत मिले। श्री भगत और श्री लाल का एक बार फिर 1984 में आमना सामना हुआ और जीत श्री भगत की झोली में गिरी। मतों की संख्या बढ़ने के साथ साथ चुनाव लड़ने वालों की संख्या में भी इजाफा होता गया । इस चुनाव में 42 उम्मीदवार मैदान में थे । श्री भगत ने 386150 मत हासिल का जोरदार जीत दर्ज की । श्री लाल केवल 73970 वोट ही हासिल कर पाये।

वर्ष 1989 के चुनाव में श्री भगत ने निर्दलीय चांद राम को परास्त किया। इस प्रकार 1980 से 1989 के दौरान हुए तीन चुनाव में श्री भगत ने कांग्रेस की झोली में इस सीट को डाला। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के संस्थापक कांशीराम भी मैदान में थे,किंतु वह 81095 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे और जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले श्री लाल को 37925 वोट ही मिल पाये और वह चौथे स्थान पर खिसक गए।

भाजपा ने 1991 में बैंकुठ लाल शर्मा ‘प्रेम’ को मैदान में उतारा और राम लहर में उन्होंने इस सीट पर श्री भगत को 61725 मतों से को पछाड़ कर उनकी बादशाहत को खत्म कर दिया । इस चुनाव की खासियत यह रही कि 105 उम्मीदवार मैदान में थे। मजे की बात यह रही कि जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े रामबीर सिंह विधूड़ी ने एक लाख 58 हजार 712 मत हासिल कर बसपा प्रमुख को चौथे स्थान पर ढकेल दिया। कांशी राम को महज 10 हजार 428 वोट ही मिले।

वर्ष 1996 के चुनाव में अपनी जीत को दोहराते हुए भाजपा के श्री प्रेम ने कांग्रेस के दीपचंद बंधु को हराया । इस चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या 1967 के तीन उम्मीदवारों के मुकाबले 122 पर पहुंच गई। इसके बाद 1997 में हुये उपचुनाव मे अशोक कुमार वालिया को भाजपा के लाल बिहारी से शिकस्त मिली । वर्ष 1998 के चुनाव में शीला दीक्षित को भाजपा के लाल बिहारी तिवारी सांसद से शिकस्त मिली। वर्ष 1999 में हुए चुनाव में श्री तिवारी ने तीसरी बार जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के एच एल कपूर को हराया। संदीप दीक्षित ने 2004 में तीन बार के सांसद श्री तिवारी को धूल चटाई और 2009 में फिर कांग्रेस का परचम लहराया। इस बार श्री दीक्षित ने भाजपा के चेतन चौहान को पटखनी दी किंतु 2014 के आम चुनाव में वह भाजपा के महेश गिरी से हार गए। वर्ष 2014 की मोदी लहर में भाजपा ने दिल्ली की सातों सीटों पर कब्जा किया था । पिछले चुनाव श्री गिरी ने आप के राजमोहन गांधी को एक लाख 90 हजार 463 मतों से हराया था । श्री गिरी को पांच लाख 72 हजार 202 और श्री गांधी को तीन लाख 81 हजार 739 वोट मिले और दो बार के लगातार सांसद रहे श्री दीक्षित दो लाख तीन हजार 240 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

पूर्वी दिल्ली में नगर निगम के 40 वार्ड आते हैं। इस क्षेत्र में दिल्ली विधानसभा की 10 सीटें पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कोंडली, कृष्णा नगर , गांधी नगर, शाहदरा,ओखला,त्रिलोकपुरी और जंगपुरा हैं। कांग्रेस और भाजपा ने अभी इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है जबकि आप ने काफी पहले ही आतिशी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है और वह जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।

इस बार के चुनाव में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 29 हजार 177 से बढ़कर 19 लाख 70 हजार 118 पर पहुंच गई है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाता 1094362 और महिला मतदाता आठ लाख 75 हजार 656 है जबकि 100 अन्य मतदाता हैं।

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अटल बिहारी वाजपेयी की पहचान बनी लखनऊ संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव का माहौल नब्बे के दशक के बाद से भाजपा के पक्ष वाला रहा है attacknews.in

लखनऊ 03 अप्रैल । देश की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पिछले ढाई दशकों से भाजपा के कब्जे में है तथा उसका तिलिस्म तोड़ने के लिये कांग्रेस समेत अन्य दलों को यहां खासा पसीना बहाना पड़ेगा।

साफ सुथरी और मिलनसार छवि वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नब्बे के दशक में कांग्रेस के एकाधिकार को तोड़ते हुये यहां भाजपा की जीत का परचम लहराया था जिसके बाद यहां कोई भी दल भाजपा की चुनौती से पार नहीं पा सका है। पिछले सात लोकसभा चुनाव से भाजपा लगातार जीत दर्ज कर रही है। श्री वाजपेयी यहां से पांच बार सांसद चुने गये जिसके बाद 2009 में उनकी राजनीतिक विरासत संभालने चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के कद्दावर नेता लालजी टंडन को नवाब नगरी ने सर माथे पर लिया।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने लखनऊ संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की रीता बहुगुणा को करारी शिकस्त दी। श्री सिंह को 5,61,106 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 2,88,357 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। बसपा की निखिल दूबे को 64,449 वोट और सपा के अभिषेक मिश्रा को 56,771 वोट मिले थे।

गोमती तट पर बसे लखनऊ के बारे में मान्यता है कि इसे मर्यादा पुरूषोत्तम राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बसाया था तो कुछ लोग इसे लखन पासी के शहर के तौर पर भी जानते हैं। दशहरी आम और चिकन की कढ़ाई और गलावटी कबाब के लिये मशहूर लखनऊ में 21 फीसदी आबादी मुस्लिम है जबकि अनुसूचित जाति 9.61 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 0.02 फीसदी है। इसके अलावा इस सीट पर ब्राह्मण और वैश्य मतदाता निर्णयक भूमिका में है।

दिलचस्प है कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी इस हाइप्रोफाइल सीट पर अब तक खाता नहीं खोल पायी । आजादी के बाद जीत की हैट्रिक जमाने वाली कांग्रेस को यहां पहली बार 1967 में एक निर्दलीय प्रत्याशी ने झटका दिया था। उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आनंद नारायण ने जीत का परचम लहराया था।

लखनऊ संसदीय सीट पर अब तक हुये 16 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सात बार भाजपा को जीत हासिल हुयी जबकि कांग्रेस ने छह बार विजय पताका लहरायी। इसके अलावा जनता दल, भारतीय लोकदल और निर्दलीय ने एक-एक बार जीत दर्ज की है। लखनऊ सीट पर पहली बार 1952 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शिवराजवती नेहरू ने जीत हासिल की। इसके बाद कांग्रेस ने लगातार दो बार जीत हासिल की।

आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में हेमवती नंदन बहुगुणा भारतीय लोकदल से जीतकर संसद पहुंचे हालांकि 1980 में कांग्रेस ने एक बार फिर शीला कौल को यहां से चुनावी मैदान में उतारकर वापसी की। वह 1984 में चुनाव जीतकर तीसरी बार सांसद बनने में कामयाब रहीं। जनता दल के मानधाता सिंह ने 1989 में कांग्रेस की हाथों से यह सीट क्या छीनी कि दोबारा कांग्रेस यहां से वापसी नहीं कर सकी।

लखनऊ की आबादी 23 लाख 95 हजार 147 है। इसमें 100 फीसदी शहरी आबादी है जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों को वोट देने का अधिकार हासिल है। लखनऊ लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें अभी भाजपा के कब्जे में हैं जिनमें लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य और लखनऊ कैंट विधानसभा सीट शामिल है।

पिछले लोकसभा चुनाव में यहां मतदान प्रतिशत 53.02 था। औसत मतदान के बावजूद यहां भाजपा के प्रत्याशी और मौजूदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी को दो लाख 72 हजार 749 वोटों से मात दी थी हालांकि श्रीमती जोशी बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गयी थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से वह दुबारा निर्वाचित हुयी और योगी मंत्रिमंडल में उन्हे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया। श्रीमती जोशी इस लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद से भाजपा उम्मीदवार है।

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दिल्ली में पंजा अभी भी झाडू को हाथ में लेने को तैयार नहीं हुआ, राहुल गांधी ने कांग्रेस का आप पार्टी के साथ गठबंधन का निर्णय नहीं लिया attacknews.in

नयी दिल्ली, दो अप्रैल । दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सवाल को टालते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश में गठबंधन को लेकर उनकी पार्टी का रुख ‘‘लचीला’’ है। वहीं आप ने कहा कि वह इसकी संभावनाओं पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित पार्टी के नेताओं के साथ विचार विमर्श करेगी।

गांधी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के सवाल पर सीधे उत्तर नहीं देते हुए यहां संवादाताओं से कहा, ‘‘इस पर कोई असमंजस नहीं है। स्थिति बहुत स्पष्ट है। देश भर में हमने गठबंधन किए हैं। हमारे दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हुए हैं। इस मुद्दे पर हमारा रुख लचीला है।’’

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को सुबह पार्टी की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित और राज्य के पार्टी प्रभारी पीसी चाको के साथ एक बैठक की।

गौरतलब है कि आप के साथ गठबंधन को लेकर अब तक दिल्ली कांग्रेस के नेताओं में भिन्न भिन्न राय सामने आई है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर राहुल गांधी के ताजा बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा, ‘‘यह मात्र एक बयान है। हम इस बारे में अरविन्द केजरीवाल एवं अन्य पार्टी सदस्यों से विचार विमर्श करेंगे और आपको उसकी जानकारी देंगे।’’

दिल्ली में सभी सात सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे। 23 मई को मतगणना होगी।

इससे पूर्व आप ने कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की थी और उसके साथ दिल्ली में गठबंधन को लेकर विपक्षी दल पर ‘‘अहंकार’’ दिखाने का आरोप लगाया था।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान करीब आने के साथ ही भाजपा ने अपना किला बचाने के लिए ताकत झोंकी, सपा- बसपा किला भेदने में लगे attacknews.in

लखनऊ 02 अप्रैल । देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपना किला बचाये रखने के लिए कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन की चुनौती को पार पाना होगा।

सात चरणों में होने वाली चुनाव प्रक्रिया में उत्तर प्रदेेश की भागीदारी शुरू से अंत तक है। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, बागपत, सहारनपुर, मेरठ, कैराना और बिजनौर में 11 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे। अंजाम की बेहतरी के लिये अच्छे आगाज की चाहत में जुटी भाजपा ,कांग्रेस और गठबंधन के बीच चुनावी महासमर में जोरदार संघर्ष की उम्मीद है हालांकि पिछले चुनावों की तरह इस बार भी विकास की बजाय जातीय समीकरणों के यहां हावी रहने के आसार हैं।

वर्ष 2014 में ‘मोदी लहर’ पर सवार भाजपा ने इन सभी आठ सीटों पर जीत का परचम लहराया था लेकिन 2017 में कैराना में हुये उपचुनाव में उसे कैराना उसके हाथ से निकल गयी थी। भाजपा को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिये राज्य में दो धुरंधर विरोधी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मंच साझा किया है जिनकी मुहिम को सफल बनाने के लिये पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासा प्रभाव रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने हाथ मिलाया है। राज्य की राजनीति में हाशिये पर खड़ी कांग्रेस पहले चरण में कुछ कर गुजरने के लिये कमर कस चुकी है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की विशेषता है कि यहां के लोग मतदान में खासी रूचि दिखलाते हैे जो स्वस्थ लोकतंत्र का परिचायक है जबकि काम में ढिलायी बरतने वाले दलों और जन प्रतिनिधियों को दरकिनार करने में यहां के बाशिंदे तनिक भी देर नहीं करते। पहले चरण की आठों सीटों के अंतर्गत 40 विधानसभा सीटों में से 33 पर भाजपा का कब्जा है जबकि तीन पर सपा, दो पर कांग्रेस और बसपा एवं रालोद के खाते में एक-एक सीट है।

वर्ष 2014 के चुनाव में सहारनपुर को छोड़ कर भाजपा ने शेष सात सीटों पर एकतरफा जीत हासिल की थी। राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सहारनपुर में भाजपा 65 हजार वोटों के अंतर से पर जीत हासिल की थी। मौजूदा सांसद राघव लखनपाल इस बार भी भाजपा प्रत्याशी है जबकि कांग्रेस ने पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे इमरान मसूद को फिर से मैदान में उतारा है वहीं गठबंधन की तरफ से बसपा प्रत्याशी फजलुर्ररहमान कुरैशी मैदान में हैं। कैराना में उपचुनाव में करारी शिकस्त झेलने वाली पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह पर भाजपा ने भरोसा नहीं जताते हुए प्रदीप चौधरी को टिकट थमाया है जबकि उपचुनाव में भाजपा को घुटनो पर लाने वाली रालोद की तबस्सुम हसन गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने की भरपूर कोशिश करेंगी। कांग्रेस ने जाट नेता हरेंद्र मलिक को अपना प्रत्याशी बनाया है।

बिजनौर सीट पर भी रोमांचक मुकाबला होने जा रहा है। भाजपा ने एक बार फिर अपने सांसद भारतेंद्र पर भरोसा जताया है जबकी दूसरी ओर से बसपा ने पुराने उम्मीदवार मलूक नागर को टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। सिद्दीकी पहले बसपा में थे लेकिन बाद में कांग्रेस का हाथ थाम लिया। जाटलैंड की उपमा से नवाजे जाने वाला बागपत चौधरी चरण सिंह के समय से ही उनके परिवार अभेद्य किला रहा है। यहां मुकाबला इसलिए दिलचस्प है क्योंकि इस बार यहां से अजित सिंह की जगह उनके बेटे जयंत चौधरी चुनाव मैदान में हैें। पिछले चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सत्यपाल सिंह ने रालोद अध्यक्ष अजित सिंह को हरा दिया था। अजित सिंह इस बार मुजफ्फरनगर से चुनावी मैदान में उतरेंगे। अगर 2014 के चुनाव को छोड़ दे तो यहां रालोद के अलावा यहां किसी अन्य दल के जीत हासिल करना टेढ़ी खीर साबित हुआ है।

गौतमबुद्धनगर में 2014 के लोकसभा चुनाव में विजय पताका लहराने वाली भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अपना दबदबा बनाये रखा और पांचों विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की थी। भाजपा ने एकबार फिर अपने सांसद महेश शर्मा पर भरोसा जताया है वहीं कांग्रेस ने अरविंद सिंह को टिकट दिया है। सतवीर नागर सपा-बसपा गठबंधन की ओर से अपने प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देंगे। कुल मिलाकर यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है।

गाजियाबाद सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सिंह को फिर से टिकट दिया है जिसके कारण सबकी दिलचस्पी यहां होने वाले चुनावी मुकाबले को लेकर है। सपा-बसपा गठबंधन की ओर से सुरेश बंसल चुनाव मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस ने डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भी हर एक की निगाहें टिकी हुई हैं। भाजपा ने इस सीट पर मौजूदा सांसद संजीव बालियान पर फिर से भरोसा जताया है। अब उनका सीधा मुकाबला गठबंधन प्रत्याशी एवं रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह से होगा। वर्ष 2013 के दंगों के बाद यह सीट हमेशा से ही सुर्खियों में रही है। इस सीट पर जाट और मुस्लिम वोटर हमेशा से निर्णायक भूमिका में रहे हैं। मेरठ सीट पर पिछले दो दशकों से भाजपा का कब्ज़ा है। पिछले चुनाव में भाजपा के राजेन्द्र अग्रवाल यहां से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए थे। इस बार उन्हें गठबंधन के बसपा प्रत्याशी हाजी मो. याकूब और कांग्रेस के हरेन्द्र अग्रवाल से तगड़ीचुनौेती मिलने के आसार हैं।

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पाकिस्तान ने IPL मैचों का प्रसारण इसलिए रोका, इमरान खान ने बताया: भारत ने उनके देश में खेल को नुकसान पहुंचाने का संगठित प्रयास किया attacknews.in

इस्लामाबाद, दो अप्रैल। पाकिस्तान ने मंगलवार को देश में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के प्रसारण को प्रतिबंधित करते हुए आरोप लगाया कि भारत ने पाकिस्तान में खेल को ‘नुकसान’ पहुंचाने के लिए ‘संगठित प्रयास’ किया है।

सूचना मंत्री फवद चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। इमरान पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान भी हैं।

उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि भारत ने पाकिस्तान क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।

चौधरी ने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान में क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का संगठित प्रयास किया है और यह हमारे यहां भारत के घरेलू टूर्नामेंट का प्रचार करने की स्वीकृति देने का कोई मतलब नहीं है।’’

उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान में लीग और क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय आधिकारिक प्रसारणकर्ता पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के चौथे सत्र के प्रसारण से टूर्नामेंट के बीच में पीछे हट गया था।

फरवरी में भारत में पीएसएल के आधिकारिक प्रसारणकर्ता डीस्पोर्ट ने पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद विरोध में टूर्नामेंट की कवरेज रोक दी थी। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।

भारतीय कंपनी आईएमजी रिलायंस भी दुनिया भर में पीएसएल की टेलीविजन कवरेज करने के करार से पीछे हट गई थी जिसके बाद इस टी20 लीग को टूर्नामेंट के बीच में नई प्रोडक्शन कंपनी ढूंढनी पड़ी थी।

चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक प्राधिकरण सुनिश्चित करेगा कि आईपीएल के किसी मैच का पाकिस्तान में प्रसारण नहीं किया जाए।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार का मानना है कि खेल और संस्कृति का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए लेकिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों और कलाकारों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया है।

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भोपाल में RSS कार्यालय समिधा की सुरक्षा वापस बहाल की गई, सुरक्षा हटाने से गर्मा गया था राजनीतिक माहौल attacknews.in

भोपाल, 02 अप्रैल । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय ‘समिधा’ की सुरक्षा व्यवस्था हटाए जाने के एक ही दिन बाद भारतीय जनता पार्टी नेताओं (भाजपा) की बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरएसएस कार्यालय को दोबारा सुरक्षा देने के निर्देश दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग में की गयी एक शिकायत के चलते व चुनाव कार्य में सुरक्षा बलों की आवश्यकता होने के कारण समिधा से सुरक्षा हटा लेने की जानकारी मिली। कुल छह स्थानों से सुरक्षा व्यवस्था हटायी गयी है

इससे पहले आज इस मामले ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया और  पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय ‘समिधा’ की सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी।

राजधानी भाेपाल स्थित आरएसएस कार्यालय समिधा के पास पूर्व में राज्य सरकार की ओर से सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। मौजूदा राज्य सरकार ने इन्हें हटवा दिया। इसके बाद से इस विषय को लेकर प्रदेश मेंं राजनीति शुरु हो गई ।

इसी बीच श्री सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से अनुरोध करते हैं कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी अपने ट्वीट के माध्यम से आरोप लगाया कि आरएसएस कार्यालय से सुरक्षा हटाने के बाद कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने संभवत: किसी हमले की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि अगर किसी स्वयंसेवक को नुकसान पहुंचा तो सरकार को मुफीद जवाब दिया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा कि आरएसएस ने कभी सुरक्षा नहीं मांगी और संगठन किसी के द्वारा सुरक्षा दिए जाने का मोहताज भी नहीं है। उन्होंने सरकार से अपेक्षा की कि आरएसएस कार्यालय पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की बहाली की जाएगी।

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भारत द्वारा किए गए उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से अंतरिक्ष की कक्षा मे 400 टुकड़ों के मलबे से भयंकर खतरा attacknews.in

वाशिंगटन, दो अप्रैल । नासा ने भारत द्वारा अपने ही एक उपग्रह को मार गिराए जाने को मंगलवार को ‘‘भयंकर’’ बताया। नासा ने कहा कि नष्ट किए उपग्रह से अंतरिक्ष की कक्षा में 400 टुकड़ों का मलबा हुआ जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर खतरा पैदा हो गया है।

नासा प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने बताया कि अभी तक करीब 60 टुकड़ों का पता लगाया गया है और इनमें से 24 टुकड़े आईएसएस के दूरतम बिन्दु से ऊपर हैं।

उन्होंने यहां नासा टाउनहॉल में कहा, ‘‘यह भयानक है, मलबा और दूरतम बिन्दु तक टुकड़े भेजने की घटना भयानक बात है। भविष्य में मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए इस तरह की गतिविधि अनुकूल नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत द्वारा गत सप्ताह किए एसैट परीक्षण से कक्षा में करीब 400 टुकड़ों का मलबा फैल गया।’’

ब्राइडेंस्टाइन ने कहा कि सभी टुकड़े इतने बड़े नहीं है कि उनका पता लगाया जा सकें और नासा अभी 10 सेंटीमीटर या उससे बड़े टुकड़ों का ही पता लगा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक करीब 60 टुकड़ों का ही पता चला है जिनमें से 24 अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।’’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि भारत ने अंतरिक्ष में मिसाइल से एक उपग्रह मार गिराया है। इस क्षमता को हासिल करने के साथ ही वह अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कतार में शामिल हो गया है। मोदी के इस संबोधन के बाद ब्राइडेंस्टाइन का यह बयान सामने आया है। उन्होंने यह बात नासा के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही।

ब्राइडेंस्टाइन ट्रंप प्रशासन के पहले शीर्ष अधिकारी हैं जो भारत के एसैट परीक्षण के खिलाफ सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं।

उन्हें डर है कि भारत के एसैट परीक्षण से दूसरे देशों द्वारा ऐसी ही गतिविधियों के प्रसार का खतरा पैदा हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब एक देश ऐसा करता है तो दूसरे देशों को भी लगता है कि उन्हें भी ऐसा करना चाहिए। यह अस्वीकार्य है। नासा को इस बारे में स्पष्ट रुख रखने की जरुरत है कि इसका हम पर क्या असर पड़ता है।’’

नासा प्रशासक ने कहा कि एसैट परीक्षण से पिछले दस दिनों में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र को छोटे कण वाले मलबे से खतरा 44 प्रतिशत तक बढ़ गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्री अब भी सुरक्षित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अच्छी बात यह है कि यह पृथ्वी की कक्षा से काफी नीचे था जिससे वक्त के साथ ये सभी टुकड़ें नष्ट हो जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि चीन द्वारा 2007 में किए उपग्रह रोधी परीक्षण का काफी मलबा अब भी अंतरिक्ष में मौजूद है और हम अब भी इससे जूझ रहे हैं।

ब्राइडेंस्टाइन के अनुसार, अमेरिका कक्षा में मलबे के 10 सेंटीमीटर या उससे बड़े करीब 23,000 टुकड़ों का पता लगा रहा है

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वाट्सअप ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए अनेक भाषाओं में चेकपाइंट टिपलाइन प्रस्तुत की attacknews.in

नयी दिल्ली, दो अप्रैल । देश में आम चुनावों से पहले फर्जी खबरों से निपटने के लिए व्हाट्सएप ने मंगलवार को ‘चेकपॉइंट टिपलाइन’ पेश की। इसके माध्यम से लोग उन्हें मिलने वाली जानकारी की प्रमाणिकता जांच सकते हैं।

व्हाट्सएप पर मालिकाना हक रखने वाली कंपनी फेसबुक ने एक बयान में कहा, ‘‘ इस सेवा को भारत के एक मीडिया कौशल स्टार्टअप ‘प्रोटो’ ने पेश किया है। यह टिपलाइन गलत जानकारियों एवं अफवाहों का डाटाबेस तैयार करने में मदद करेगी। इससे चुनाव के दौरान ‘चेकपॉइंट’ के लिए इन जानकारियों का अध्ययन किया जा सकेगा। चेकपॉइंट एक शोध परियोजना के तौर पर चालू की गई है जिसमें व्हाट्सएप की ओर से तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है।’’

कंपनी ने कहा कि देश में लोग उन्हें मिलने वाली गलत जानकारियों या अफवाहों को व्हाट्सएप के +91-9643-000-888 नंबर पर चेकपॉइंट टिपलाइन को भेज सकते हैं। एक बार जब कोई उपयोक्ता टिपलाइन को यह सूचना भेज देगा तब प्रोटो अपने प्रमाणन केंद्र पर जानकारी के सही या गलत होने की पुष्टि कर उपयोक्ता को सूचित कर देगा।

इस पुष्टि से उपयोक्ता को पता चल जाएगा कि उसे मिला संदेश सही, गलत, भ्रामक या विवादित में से क्या है।

प्रोटो का प्रमाणन केंद्र तस्वीर, वीडियो और लिखित संदेश की पुष्टि करने में सक्षम है। यह अंग्रेजी के साथ हिंदी, तेलुगू, बांग्ला और मलयालम भाषा के संदेशों की पुष्टि कर सकता है।

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