लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का प्रचार थमा: 16 राज्यों की 117 सीटों और ओडिशा की 42 विधानसभा सीटों पर मंगलवार को मतदान attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 16 राज्यों की 117 सीटों और ओडिशा विधानसभा की 42 सीटों पर मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार रविवार शाम पाँच बजे थम गया।

धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने का कई राज्यों में चुनाव प्रचार पर असर देखने को मिला जबकि पर्वतीय राज्यों में मौसम अच्छा होने के कारण चुनाव प्रचार में अधिक उत्साह देखा गया। चुनाव प्रचार के दौरान कई रैलियाँ, रोड शो और जनसभाएँ आयोजित की गयीं तथा झंडे और पोस्टर भी प्रदर्शित किये गये। उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर मतदाताओं को लुभाने की भी कोशिश की।

यह 17वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव का सबसे बड़ा चरण है। सोलह राज्यों की 117 सीटों के लिए होने वाले मतदान को देखते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने चुनाव प्रचार में जमकर भाग लिया।

ओडिशा विधानसभा की 147 सीटों में से 42 पर तीसरे चरण में संबंधित लोकसभा सीटों के साथ ही मतदान कराये जायेंगे। तीसरे चरण के साथ ही दक्षिण भारत में चुनाव पूरी तरह समाप्त हो जायेगा।

इस चरण में लोकसभा की 117 सीटों पर 1630 से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी केरल के वायनाड़ सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव और उनके कुनबे को सियासी इम्तिहान से गुजरना है।

उत्तर प्रदेश की जिन 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, वहां गठबंधन के तहत नौ सीटों पर सपा मैदान में है जबकि एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी चुनाव लड़ रही है। इस चरण में पूरी तरह से अखिलेश यादव बनाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच राजनीतिक लड़ाई लड़ी जा रही है।

तीसरे चरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, सपा नेता मुलायम सिंह यादव, बसपा प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा अन्य स्टार प्रचारकों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में धुआँधार प्रचार किया।

बिहार में जनता दल (यू) के नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान, उत्तर प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती तथा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में विभिन्न स्थानों पर जनसभाओं को सम्बोधित किया। भाजपा की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तथा अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया।

इस चरण में पहले 14 राज्यों की 115 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होना था। इन सीटों के अलावा दूसरे चरण की जिन दो लोकसभा सीटों पर चुनाव आयोग ने मतदान टाल दिया था, अब उस पर भी वोट डाले जाएंगे। इस तरह से 16 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा।

गुजरात की सभी 26, केरल की सभी 20, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 14-14, उत्तर प्रदेश की 10, छत्तीसगढ़ की सात, ओडिशा की छह, पश्चिम बंगाल और बिहार की पाँच-पाँच, असम की चार, गोवा की दोनों, जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव की एक-एक सीट शामिल है। इसके अलावा तमिलनाडु की वेल्लोर और त्रिपुरा की त्रिपुरा पूर्वी सीट भी शामिल है, जहाँ पहले दूसरे चरण में वोटिंग होनी थी।

मतदान सुबह सात से शाम पाँच बजे और कहीं-कहीं शाम छह बजे तक भी होगा।

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कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री घोषित किया, सर्वाधिक सीटें जीतने पर सरकार बनायेंगे attacknews.in

पणजी, 21 अप्रैल । कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं तो राहुल गांधी देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे।

शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी राजग सरकार का वही हाल होगा जो 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का हुआ था और ‘इंडिया शाइनिंग’ अभियान के बावजूद भाजपा हार गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘नेतागण तय करेंगे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सी पार्टी आगे है। अगर कांग्रेस आगे है तो अगले प्रधानमंत्री हमारे प्रमुख राहुल गांधी होंगे।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘चुनाव पूर्व गठबंधन होते हैं और चुनाव के बाद भी गठबंधन होते हैं। यह सब नतीजों पर निर्भर करेगा।’’

मौजूदा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘यही सवाल 2004 में भी हमारे सामने रखा गया था जब अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में कहीं बेहतर प्रधानमंत्री थे, लेकिन क्या हुआ था? ‘भारत उदय’ नाकाम हो गया था, वही अब होने वाला है।”

उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं लेकिन एक बात मैं आपसे कह सकता हूं कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे और भाजपा हार जाएगी। कांग्रेस को अधिक संख्या में सीटें मिलेंगी।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘ सवाल यह है कि विमर्श का विषय क्या है? क्या पीएम लोगों से कुछ वादा कर रहे हैं? क्या पीएम को पिछले पांच वर्षों के दौरान अपने कार्यों का हिसाब नहीं देना चाहिए?’’

उन्होंने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और भाजपा अपने अभियान में भावनात्मक अपीलों का सहारा ले रहे हैं।

शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘वे लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं। यह शर्म की बात है। इस देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री सशस्त्र बलों का उपयोग राजनीतिक एजेंडे के लिए कर रहे हैं। इसके लिए उनकी निंदा की जानी चाहिए।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘भारतीय सेना नरेंद्र मोदी सरकार की नहीं है। यह लोगों और राष्ट्र की है। उन्होंने हमारे सैनिकों की शहादत और बलिदान का अपमान किया है।’’

शर्मा ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के बारे में भाजपा को कांग्रेस को सीख देने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने इस लड़ाई में दो प्रधानमंत्रियों- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी- को खोया है।

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श्रीलंका में मुस्लिम आतंकी संगठन नेशनल तोहिद जमात द्वारा गिरजाघरों और भारतीय उच्चायोग पर हमले की चेतावनी 10 दिन पहले ही जारी कर दी थी attacknews.in

कोलंबो, 21 । श्रीलंका में रविवार को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों से 10 दिन पहले देश के पुलिस प्रमुख ने चेतावनी जारी करके कहा था कि आत्मघाती हमलावर ‘अहम गिरजाघरों’ को निशाना बना सकते हैं।

पुलिस प्रमुख पी. जयसुंदरा ने 11 अप्रैल को एक गुप्तचर चेतावनी शीर्ष अधिकारियों को भेजी थी।

इस अलर्ट में कहा गया था कि एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि एनटीजे (नेशनल तोहिद जमात) अहम गिरजाघरों और कोलंबो में भारतीय उच्चायोग पर फिदायीन हमले की योजना बना रहा है।

एनटीजे श्रीलंका का कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है। पिछले साल बुद्ध प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने में इस संगठन का नाम सामने आया था।

श्रीलंका में रविवार को हुए सात बम विस्फोटों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इन विस्फोटों में तीन गिरजाघरों को भी निशाना बनाया गया।

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चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा सिंह को दूसरा नोटिस जारी किया, मामला राम मंदिर मुद्दे पर दिये बयान का attacknews.in

भोपाल, 21 अप्रैल । आतंकवादी हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर दिए बयान के बाद भोपाल संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अब अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर दिए बयान को लेकर चर्चा में आ गयी हैं।

राम मंदिर मुद्दे को लेकर दिए बयान के बाद भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा प्रत्याशी को कल तत्काल ही नोटिस जारी कर एक दिन में जवाब पेश करने के लिए कहा है। इसके पहले जिला निर्वाचन अधिकारी श्री करकरे को लेकर दिए बयान पर भी नोटिस जारी कर उनसे एक दिन में जवाब मांगा गया है।

नोटिस में प्रज्ञा सिंह ठाकुर के टी वी चैनल पर आए बयान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन प्रतीत होता है। इस संबंध में वे एक दिन में अपना स्पष्टीकरण पेश करें, अन्यथा एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस के अनुसार सुश्री ठाकुर ने कहा है ‘राम मंदिर, हम बनाएंगे एवं भव्य मंदिर बनाएंगे। हम तोड़ने गए थे ढांचा, मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा। इस पर मुझे भयंकर गर्व है। मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी। हमने देश का कलंक मिटाया है।’

सुश्री ठाकुर के कल दिए बयान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हाे रहा है। इसमें वे कहती हुयीं सुनी जा रही हैं कि काहे का विवादित ढांचा। वह रामजी का मंदिर है। भव्य मंदिर बनाने से मुझे कोई नहीं राेक सकता है।

इसके पहले सुश्री ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे पर बयान दिया था और आलोचनाओं के बाद उन्होंने उसे वापस लेकर माफी मांग ली थी।

सुश्री ठाकुर को भाजपा ने भोपाल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मुकाबले उतारा है।

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श्रीलंका के इतिहास में सबसे बड़े ईस्टर संडे पर सीरियल धमाकों में 156 से ज्यादा लोगों की मौतों के लिए जिम्मेदार इस्लामी संगठन नेशनल तौहित जमात का नाम सामने आया attacknews.in

कोलंबो 21 अप्रैल । श्रीलंका में सीरियल बम धमाकों ने तबाही से पूरी दुनिया हिल गई है। तीन चर्च सहित 6 जगह हुए बम धमाकों में 156 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई । दो चर्चों के अंदर आत्मघाती बम धमाका होना बताया जा रहा है।गौरतलब है कि ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं।

इंटेलीजेंस अलर्ट में नेशनल तौहीत जमात (एनटीजे) नामक संगठन श्रीलंका के कुछ अहम गिरजाघरों को निशाना बनाने की फिराक में होना बताया गया हैं। इस एनटीजे का नाम श्रीलंका के धमाके में सामने आया है, वह कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन बताया जा रहा है। पिछले साल भी यह संगठन सुर्खियों में आया था जब वहां कुछ बौद्ध धर्मस्थलों पर हमला किया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है।

मीडिया की खबरों के अनुसार, कोलंबो में एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि उन्हें ये शक है कि दो चर्चों के अंदर सुसाइड बॉम्बरों ने हमले को अंजाम दिया है्। इस संबंध में और जानकारी जुटाने में जुटी है पुलिस।

यह हमला श्रीलंका की राजधानी कोलंबो सहित तीन शहरों में किए गए हैं। रविवार सुबह ईस्टर पर्व के मौके पर जब ईसाई समुदाय के लोग चर्चों में प्रार्थना करने पहुंचे थे। जिस समय यह धमाके हुए उस समय ईसाई समुदाय चर्च के अंदर ही थे।

अभी तक किसी आतंकी संगठन या व्यक्ति की तरफ से इस कृत्य की जिम्मेदारी नहीं ली गई है। न ही अब तक श्रीलंका की तरफ से यह बताया गया है कि क्या यह कोई आतंकी हमला है।

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को सुबह पाैने नौ बजे छह स्थानों पर बम बलास्ट हुए हैं। धमाका तीन चर्च और तीन पांच सितारा होटल में हुआ है। यह अटैक श्रीलंका की राजधानी कोलंबो समेत तीन शहरों में हुए है। अब तक 156 लोगों के मरने की खबर है। मरने वालों में 35 विदेशी हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि आराेपी को पकड़ने की कार्रवाई आगे चल रही है।श्रीलंका की जनता अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। इसके बाद कोलंबो शहर को सेना के हवाले कर दिया गया है।

श्रीलंका की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी भाग लेंगे। श्रीलंका के इकोनॉमिक रिफॉर्म्स एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्टर हर्षा डिसिल्वा ने कहा कि भयानक दृश्य, आपातकालीन दल पूरी ताकत से सभी स्थानों पर हैं। हम कई घायलों को अस्पताल ले गए।

समाचार पत्र द डेली मिरर के मुताबिक, विस्फोट कोच्चिकाडे के कोटाहेना स्थित सेंट एंथनी चर्च में, काटना के कटुवापिटिया स्थित सेंट सेबेस्टियन चर्च में और तीसरा बटीकालोआ के जियॉन चर्च में हुआ है। अन्य तीन विस्फोट कोलंबो के फाइव-स्टार होटलों शंगरी-ला, सिनैमन ग्रैंड और किंग्सबरी में हुए हैं। बटीकालोआ टीचिंग हॉस्पिटल के मुताबिक, 156 मारे गए हैं और चार सौ लोग घायल हैं।

कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के सूत्रों ने बताया कि 300 से अधिक घायलों को भर्ती कराया गया है।
उन्होंने लोगों से शांत रहने और घरों के अंदर रहने की अपील की।

श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में करीब एक साथ हुए छह विस्फोटों में कम से कम 156 लोगों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

श्रीलंका के इतिहास में यह सबसे भयानक हमलों में से एक है।

पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेखरा ने बताया कि यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार आठ बजकर 45 मिनट पर ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगेम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए।

वहीं तीन अन्य विस्फोट पांच सितारा होटलों – शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए। होटल में हुए विस्फोट में घायल विदेशी और स्थानीय लोगों को कोलंबो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि अब तक इन धमाकों में 156 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

उन्होंने बताया कि कोलंबो में 45, नेगेम्बो में 68 और बट्टिकलोवा में 27 लोगों की मौत हो गई।

अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि कोलंबो के नेशनल हॉस्पिटल में 45 शवों में से नौ शव विदेशी नागरिकों के हैं।

कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के प्रवक्ता डॉक्टर समिंदि समराकून ने बताया कि 300 से ज्यादा घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं बट्टिकलोवा अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर कलानिधि गणेशालिंघम ने बताया कि सेंट माइकल चर्च के 100 से ज्यादा घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। श्रीलंका में पूर्व में लिट्टे (एलटीटीई) ने कई हमले किए हैं। हालांकि 2009 में लिट्टे का खात्मा हो गया लेकिन कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन एनटीजे सक्रिय हैं ।

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

सिरिसेना ने कहा, ‘‘ मैं इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं। सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।’’

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इसे ‘कायराना हमला’ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ मैं श्रीलंका के नागरिकों से दुख की इस घड़ी में एकजुट और मजबूत बने रहने की अपील करता हूं। सरकार स्थिति को काबू में करने के लिए तत्काल कदम उठा रही है।’’

एक मंत्री ने बताया कि श्रीलंका की सरकार ने आपात बैठक बुलाई है। सभी आपातकालीन कदम उठाए गए हैं और जल्द ही आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।

श्रीलंका के आर्थिक सुधार एवं लोक वितरण मंत्री हर्ष डि सिल्वा ने कहा, ‘‘ बेहद भयावह दृश्य, मैंने लोगों के शरीर के अंगों को इधर-उधर बिखरा देखा। आपातकालीन बल सभी जगह तैनात हैं।’’

कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, ‘‘ विस्फोट आज कोलंबो और बट्टिकलोवा में हुए। हम स्थिति लगातार नजर रख रहे हैं। भारतीय नागरिक किसी भी तरह की सहायता, मदद और स्पष्टीकरण के लिए इन नंबरों पर फोन कर सकते हैं- +94777903082, +94112422788, +94112422789 ।’’

सिलसिलेवार धमाकों के बाद शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया, “चर्चों और होटलों में ईस्टर संडे बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे गए हैं और ऐसा लगता है कि हत्या, अफरा तफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बहुत व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है।”

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने धमाकों की निंदा करते हुए इसे अमानवीय करार दिया है।

गौरतलब है कि ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं।

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चीफ जस्टिस गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला कर्मी की जमानत रद्द करने की याचिका पुलिस ने दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दुसरी पीठ के सुपुर्द की attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल । दिल्ली की एक अदालत ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व महिला कर्मचारी की जमानत रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश याचिका पर सुनवाई शनिवार को स्थगित कर दी।

उच्चतम न्यायालय में कनिष्ठ न्यायालय सहायक के पद पर कार्यरत रही महिला ने हाल में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया था। महिला के खिलाफ रिश्वत लिए जाने का आरोप है।

उधर उच्चतम न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला की ओर से लगाया गया यौन प्रताड़ना का मामला शनिवार को सुनवाई के लिए दूसरी पीठ के सुपुर्द कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई दूसरी पीठ में होगी। तीन सदस्यीय पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना थे। न्यायालय ने उन मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की, जिनमें एक महिला (मुख्य न्यायाधीश की पूर्व सहायक) की ओर से मुख्य न्यायाधीश पर यौन प्रताड़ना के लगाये गये आरोपों का विवरण दिया गया था।

सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में न्यायालय कहा कि यह गंभीर मामला है और सार्वजनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भी है।

शीर्ष अदालत ने संबंधित आरोपों के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया लेकिन मीडिया को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए संयम बरतने को कहा है।

शिकायतकर्ता महिला उच्चतम न्यायालय में मई 2014 से कनिष्ठ न्यायालय सहायक के पद पर कार्यरत थी और 21 दिसम्बर 2018 को उसकी सेवाएं अनौपचारिक ढंग से समाप्त कर दी गयी। महिला ने अपने शपथ पत्र में काफी आक्रोश जताते हुए आरोप लगाया,“ मुझे काफी यौन प्रताड़ता दी गयी। बहुत प्रताड़ित किया गया। इसके अलावा मेरे पति और उनके भाई को भी दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद से निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही मेरे पति के एक अन्य भाई को उच्चतम न्यायालय की ग्रुप डी की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।”

क्या चीफ जस्टिस सुनवाई कर सकते थे:

क्या प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को उस पीठ में बैठना चाहिए था जिसने उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सुनवाई की?

सीजेआई ने हालांकि सुनवाई के बीचोंबीच खुद को इससे अलग कर लिया और न्यायिक आदेश पारित करने का फैसला उन दो न्यायाधीशों के ऊपर छोड़ दिया जिन्हें पीठ में शामिल होने के लिए नामित किया गया था।

कुछ वरिष्ठ अधिवक्ता इस मुद्दे पर बात करने पर सहमत हुए लेकिन उन्होंने अपने नामों का खुलासा नहीं करने को कहा।

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ विधि अधिकारी ने कहा कि सीजेआई के तीन न्यायाधीशों की पीठ में बैठने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि वह पहले ही साफ कर चुके थे कि वह न्यायिक आदेश का हिस्सा नहीं होंगे। यह आदेश पीठ के दो अन्य न्यायाधीशों ने पारित किया।

विधि अधिकारी ने कहा कि चूंकि न्यायाधीश प्रेस के पास नहीं जा सकते और ना ही जनता से संवाद कर सकते, ‘‘सीजेआई अपने बारे में सफाई देना चाहते थे’’ और ‘‘उन्होंने पीठ में बैठकर टिप्पणियां कीं जिन्हें प्रचारित किया जाना चाहिए।’’

एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि सीजेआई को खुद को पीठ से अलग रखना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ आरोप लगे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आदर्श रूप से, अगर सीजेआई पीठ में खुद को शामिल नहीं करते तो मैं उनके कदम का सम्मान करता।’’

उन्होंने कहा कि इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की जरूरत है।

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कांग्रेस पार्टी के नेता हार्दिक पटेल की सभा में जमकर मारपीट और हाथापाई, बिना भाषण दिए बेरंग लौटना पड़ा attacknews.in

अहमदाबाद, 20 अप्रैल । कांग्रेस में शामिल हो चुके पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व संयोजक हार्दिक पटेल को तमाचा मारे जाने की घटना के एक दिन बाद आज शाम यहां पाटीदारों का गढ़ कहे जाने वाले निकोल क्षेत्र में एक चुनावी सभा में उनका जबरदस्त हुआ जिसके चलते उनके भाषण के बिना ही सभा को समाप्त कर दिया गया।

यह सभा अहमदाबाद पूर्व की लोकसभा प्रत्याशी तथा पास में हार्दिक की करीबी सहयोगी रह चुकी गीता पटेल के समर्थन मे आयोजित की गयी थी। सभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, विधानसभा में पार्टी के उपनेता शैलेश परमार और स्वयं गीता पटेल बोल चुकी थीं पर जैसे ही हार्दिक बोलने के लिए उठे तो उनके विरोध में नारेबाजी शुरू हो गयी।

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विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को वीर चक्र प्रदान करने की सिफारिश attacknews.in

नई दिल्ली 20 अप्रैल । विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ऐसा नाम जिसको शायद ही कोई भूल सकता है। अभिनंदन ने अपना साहस दिखाते हुए पाकिस्तान की सीमा में घुसकर दिखाया था। पाकिस्तान के साथ हवाई जंग में उसके एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने की वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए वायुसेना ने विंग कमांडर अभिनंदन को वीर चक्र प्रदान करने की सिफारिश की है। 

युद्ध के समय असाधारण वीरता के लिए यह सम्मान सैनिकों को दिया जाता है। युद्धकाल में दिए जाने वाले सम्मानों में यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है। परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद वीर चक्र का स्थान आता है। अभिनंदन को वीर चक्र देने की सिफारिश के अलावा एयरफोर्स ने पाक के बालाकोट में एयरस्ट्राइक करने वाले मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के 12 पायलटों को भी वायुसेना मेडल देने की बात कही गई है।

अभिनंदन वर्थमान के लिए ‘वीर चक्र’ की सिफारिश एयरफोर्स मुख्यालय पहुंच गई है। यह वहां तय किया जाएगा और सरकार द्वारा मंजूरी दी जाएगी। फिर अगर वहां से बात आगे बढ़ती है तो ‘वीर चक्र’ या जो भी मेडल तय होगा उसकी घोषणा 15 अगस्त को की जाएगी।

इस बीच विंग कमांडर अभिनंदन का एयरफोर्स ने सुरक्षा कारणों के चलते कश्मीर से ट्रांसफर कर दिया है। वह श्रीनगर स्थित एयरबेस पर तैनात थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उनका स्थानांतरण किया गया है। उन्हें पश्चिमी सेक्टर के महत्वपूर्ण एयरबेस में पाक सीमा पर ही तैनाती दी जाएगी। सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘अधिकारी का पोस्टिंग ऑर्डर जारी कर दिया गया है। उन्हें जल्दी ही श्रीनगर एयरबेस से पोस्टिंग के नए स्थान पर ट्रांसफर किया जाएगा।’

गौरतलब है कि 27 फरवरी को अभिनंदन लड़ाकू विमान मिग 21 बिसोन को उड़ाकर पाकिस्तान ले गए थे। पाकिस्तानी वायुसेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि 2 दिन बाद ही पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया था। 

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पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी के बेटे रोहित शेखर को जहर देकर मुंह- गला दबाकर हत्या की गई, पत्नी को लेकर हत्याकांड में नया मोड़ attacknews.in

नई दिल्ली 20 अप्रैल । उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मौत के मामले में क्राइम ब्रांच की जांच जारी है। इस बीच रोहित शेखर की मौत में नया खुलासा हुआ है। अब उनकी मां ने कहा है रोहित के अपनी पत्नी के साथ संबंध मधुर नहीं थे और उनका राजनीतिक करियर आगे नहीं बढ़ पा रहा था, जिसके चलते वह तनाव में थे। रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा ने कहा कि वह कुछ दिनों पहले ही उस जगह पर भी गए थे, जहां उनके पिता एनडी तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया था।

शुरूआत में शेखर की मौत की वजह हार्टअटैक बताई जा रही थी। लेकिन पोस्टमार्टम में दावा किया गया है कि रोहित की मौत गला दबाने और मुंह एवं नाक बंद करने के चलते दम घुटने से हुई थी। एम्स में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने गुरुवार को ही हत्या का एक मामला दर्ज करते हुए जांच के लिए इसे क्राइम ब्रांच के पास भेज दिया था। क्राइम ब्रांच आज रोहित शेखर की पत्नी से पूछताछ में जुटी है। खबरों की मानें तो रोहित की गर्दन पर उंगलियों के निशान भी मिले हैं।

रोहित शेखर तिवारी की मंगलवार को मौत हो गई थी। उन्हें दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में शाम करीब पांच बजे लाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पांच डॉक्टरों की टीम ने रोहित का पोस्टमार्टम किया जिसमें खुलासा हुआ है कि यह कोई सामान्य मौत नहीं बल्कि हत्या का मामला हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मौका ए मुआयना में इस बात का पता चला कि कोठी में पांच सीसीटीवी कैमरे चल रहे थे जिसमें से एक में रोहित शेखर रात को नशे में सीढ़ी चढ़ते नजर आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि रोहित की हत्या करने वाला कोई घर के अंदर का ही सदस्य है। नौकर सहित कई करीबी शक के दायरे में हैं। रोहित शेखर का शरीर छाती से ऊपर गहरा नीला निशान पड़ गया था और दोनों कंधे काले हो गए थे। जिससे यह शक हो रहा है कि शायद रोहित को कोई जहरीला पदार्थ दिया गया था।’

रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रोहित का दिल सिकुड़ा नजर आया और छाती से ऊपर का हिस्सा गहरा नीला पड़ चुका था। जबकि परिजनों ने बताया था कि रोहित की मौत हार्ट अटैक से हुई है। घर के नौकरों से लेकर परिजनों के बयानों में कई विरोधाभास देखने को मिल रहे हैं। क्राइम ब्रांच प्रॉपर्टी विवाद सहित कई एंगल से इसकी जांच में जुटी है।

कोठी के जिस कमरे में रोहित की मौत हुई वहां काफी खून निकला था, यहां तक की वहां खून से सने टिश्यू पेपर और तकिए मिले हैं। सिंगल बेड के इस छोटे कमरे के अंदर काफी दवाईयां भी रखी हुईं थी।

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भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की डिक्शनरी में हिंदुत्व शब्द ही नहीं और उसके प्रयोग पर प्रश्न किया attacknews.in

भोपाल, 20 अप्रैल । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं भोपाल संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि हिंदुत्व शब्द उनकी डिक्शनरी में ही नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से चर्चा में इससे जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल आप लोग क्यों करते हैं।
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नरेंद्र मोदी ने कहा: कांग्रेस ने भारत की जिस महान संस्कृति को आतंकवादी कहा उसका जवाब देने के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह एक प्रतीक है attacknews.in

नई दिल्ली/अररिया 20 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस बिना सबूत के दुनिया में 5,000 साल तक जिस महान संस्कृति और परंपरा ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश दिया, ऐसी संस्कृति को आतंकवादी कह दिया। माेदी ने कहा कि उन सबको जवाब देने के लिए यह (भोपाल से उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ) एक प्रतीक है और यह कांग्रेस को महंगा पड़ेगा।

यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने टाइम्स नाउ को साक्षात्कार में कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब 1984 में श्रीमती गांधी की हत्या हुई। उसके बाद उनके सुपुत्र ने कहा था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो जमीन हिलती है और उसके बाद देश में हजारों सरदारों का कत्लेआम करने का कोहराम मच गया। क्या यह टेरर नहीं था? क्या यह निश्चित लोगों का टेरर नहीं था? इसके बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया गया और उस संबंध में मीडिया ने उनसे एक भी सवाल नहीं पूछा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जो लोग उस समय के आंखों देखे गवाह हैं कि इन्होंने (आरोपी) इतने सरदारों को जला दिया। उनको ही बाद में सांसद पद से नवाजा गया , केंद्र में मंत्री बनाया गया। उसमें से एक को अभी मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री (कमलनाथ) तक बना दिया गया।

कांग्रेस पर आगे हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को कोर्ट ने सजा दी है, उन्हें लोग गले लगा रहे हैं, जेल में जाकर मिल रहे हैं। अस्पताल में आए तो उनसे मिलने जा रहे हैं। ऐसे लोगों को उसूलों की बातें करने का कोई हक नहीं है।

आपको बताते जाए कि 2008 में मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला अदालत में विचाराधीन है।

उधर अररिया ( उत्तरप्रदेश) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को वोटभक्त और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को देशभक्त बताया और कहा कि उनकी सरकार में सैनिकों ने उरी और पुलवामा हमले के बाद आतंकियों को उसके घर में घुसकर मारा जबकि दिल्ली के बाटला हाउस में जब आतंकवादी मारे गये तो कांग्रेस नेता खुश नहीं हुये बल्कि उनकी आंखों में आंसू आ गये थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने यहां फॉरबिसगंज के हवाईअड्डा मैदान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी प्रदीप सिंह के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुये कहा कि 26/11 को मुंबई में जब आतंकियों ने हमला किया था, तो कांग्रेस और उसके साथियों की सरकार ने क्या किया था, यह किसी से छुपा ढंका नहीं है।

उन्होंने कहा कि उस वक्त देश के वीर जवानों ने पाकिस्तान में घुस कर बदला लेने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने मना कर दिया क्योंकि उसे वोटबैंक की राजनीति करनी थी।

श्री मोदी ने कहा कि 26/11 के हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में सभी को पता था कि वे पाकिस्तानी हैं लेकिन, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने कार्रवाई करने की बजाय हिंदुओं के साथ आतंकी शब्द चिपकाने के लिए साजिशों पर ध्यान लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि योजना बनाकर इस हमले की जांच की पूरी दिशा ही भटका दी गयी। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियों को केवल वोटबैंक की ही राजनीति करनी थी।

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चीफ जस्टिस गोगोई ने खुद के ऊपर लगे यौन उत्पीड़न की सुनवाई के बाद कहा: यह बड़ी ताकतों द्वारा कोर्ट को निष्क्रिय करने की साजिश का हिस्सा है attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद उन्होंने शनिवार को उच्चतम न्यायालय में इस मामले की अप्रत्याशित सुनवाई की। सीजेआई गोगोई ने कहा कि शीर्ष अदालत की पूर्व महिला कर्मचारी के आरोप ‘‘अविश्वसनीय’’ हैं और यह सीजेआई कार्यालय को ‘‘निष्क्रिय’’ करने के लिए कुछ ‘‘बड़ी ताकतों’’ द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा है।

दिल्ली में गोगोई के गृह कार्यालय में काम कर चुकी पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए आरोपों ने न्यायपालिका को हैरान कर दिया। गोगोई ने कहा कि वह इन आरोपों का खंडन करने के लिये भी इतना नीचे नहीं गिरेंगे।

महिला के हलफनामे के आधार पर कुछ समाचार पोर्टलों द्वारा आरोप प्रकाशित करने के बाद अदालत कक्ष संख्या एक में जल्दबाजी में की गई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले में संयम बरतने और जिम्मेदारी से काम करने का मुद्दा मीडिया के विवेक पर छोड़ रही है ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं हो। हालांकि अदालत ने सुनवाई के प्रकाशन-प्रसारण पर रोक का कोई आदेश जारी नहीं किया।

यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के हलफनामे की प्रतियां उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर भेजे जाने के बाद शनिवार को इसके सार्वजनिक होने पर न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष पीठ गठित की गयी।

सरकार या किसी प्रमुख राजनीतिक दल की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

विशेष पीठ ने करीब 30 मिनट तक इस मामले की सुनवाई की और इस दौरान गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ‘‘बहुत ही गंभीर खतरा’’ है और प्रधान न्यायाधीश पर ‘‘बेशर्मी’’ से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये गये हैं क्योंकि कुछ ‘‘बड़ी ताकत’’ प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को ‘‘निष्क्रिय’’ करना चाहती है।

हालांकि गोगोई ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किसे ‘‘बड़ी ताकत’’ बता रहे हैं।

सीजेआई ने कहा कि महिला की आपराधिक पृष्ठभूमि है और उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज हैं।

सीजेआई ने सवाल किया, ‘‘जब उनके खिलाफ प्राथमिकी लंबित थी तो वह उच्चतम न्यायालय की कर्मचारी कैसे बन गईं?’’

उन्होंने कहा कि उनके पति के खिलाफ भी दो आपराधिक मामले लंबित हैं।

न्यायालय ने कहा कि न्यायपालिका को ‘‘बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता’’ और मीडिया को सच्चाई का पता लगाये बिना इस महिला की शिकायत का प्रकाशन नहीं करना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ को अगले सप्ताह ‘‘अनेक संवेदनशील मामलों की सुनवाई करनी है और यह देश में लोकसभा चुनावों का महीना भी है।’’

सीजेआई ने इनमें से किसी मामले का जिक्र नहीं किया।

पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल थे।

पीठ ने इस विवाद के पीछे किसी बड़ी ताकत का हाथ होने का इशारा किया जो न्यायिक व्यवस्था में जनता के विश्वास को डगमगाने में सक्षम है।

यद्यपि इस पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश कर रहे थे लेकिन उन्होंने न्यायिक आदेश पारित करने का काम न्यायमूर्ति मिश्रा पर छोड़ दिया था।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने आदेश लिखाते हुये कहा कि मामले पर विचार करने के बाद हम फिलहाल कोई भी न्यायिक आदेश पारित करने से गुरेज कर रहे हैं और इसे संयम बरतने तथा जिम्मेदारी से काम करने के लिये मीडिया के विवेक पर छोड रहे हैं जैसा उससे अपेक्षा है और तदनुसार ही निर्णय करे कि उसे क्या प्रकाशित करना है क्या नहीं करना है क्योंकि ये अनर्गल आरोप न्यायपालिका की गरिमा को अपूर्णनीय क्षति पहुंचाते हैं और इसकी स्वतंत्रता को नकारते हैं।

आदेश मे कहा गया कि इसलिए हम इस समय हम अनावश्यक सामग्री को अलग करने का काम मीडिया पर छोड़ रहे हैं ।

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति गोगोई और शीर्ष अदालत के तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों ने 12 जनवरी 2018 को अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन बुलाकर संवेदनशील मामलों के आवंटन क मुद्दे पर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ परोक्ष रूप से मोर्चा खोल दिया था।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उनके खिलाफ ‘‘अविश्वसनीय’’ आरोप लगाये गये हैं और ‘‘मैं नहीं समझता कि मुझे इन आरोपों का खंडन करने के लिये भी इतना नीचे आना चाहिए। हालांकि न्यायाधीश के रूप में 20 साल की नि:स्वार्थ सेवा के बाद यह (आरोप) सामने आया है।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे कोई धन के मामले में पकड़ नहीं सकता। लोगों को कुछ और तलाशना था और उन्हें यह मिला है।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि करीब दो दशक की सेवा के बाद उनके पास भविष्य निधि में करीब 40 लाख रूपए के अलावा बैंक में 6.80 लाख रूपए हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसके पीछे कोई न कोई बहुत बड़ी ताकत होगी। दो कार्यालय है–पहला प्रधान मंत्री का और दूसरी प्रधान न्यायाधीश का है। वे (इस विवाद के पीछे छिपे लोग) प्रधान न्यायाधीश कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैं। 20 साल की सेवा के बाद प्रधान न्यायाधीश को यह पुरस्कार मिला है।’’

इन आरोपों से बेहद आहत और आक्रोशित न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘‘इस देश की न्यायपालिका बहुत ही गंभीर खतरे में है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ मैं इसी कुर्सी पर बैठूंगा और बगैर किसी भय के अपने न्यायिक कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा। मैं सात महीने (प्रधान न्यायाधीश के रूप में शेष कार्यकाल) में मुकदमों का फैसला करूंगा। मैं ऐसा करूंगा।’’

न्यामयूर्ति गोगोई ने तीन अक्टूबर, 2018 को प्रधान न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया था और इस साल 17 नवंबर को उनका कार्यकाल पूरा होगा।

प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने कहा कि किसी न्यायाधीश के पास सिर्फ उसकी ‘‘प्रतिष्ठा’’ ही होती है और यदि यौन उत्पीड़न जैसे निराधार आरोपों से उस पर हमला किया जाता है तो कोई भी ‘‘बुद्धिमान व्यक्ति’’ न्यायाधीश के पद के लिये आगे नहीं आयेगा।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यदि इस तरह की बातें होंगी तो कोई भी न्यायाधीश मामलों का फैसला नहीं करेगा। वह (न्यायाधीश) कहेगा कि मुझे क्यों फैसला करना चाहिए। फिर मैं आऊंगा (न्यायालय में) और मामलों को स्थगित कर दूंगा। कोई भी विवेकशील व्यक्ति क्यों न्यायाधीश बनना चाहेगा? प्रतिष्ठा ही एकमात्र चीज है जो किसी न्यायाधीश के पास होती है।’’

उच्चतम न्यायालय के महासचिव संजीव सुधाकर कालगांवकर ने कई न्यायाधीशों को महिला का पत्र मिलने की बात की पुष्टि करते हुए कहा कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप द्वेषपूर्ण हैं और उनका कोई आधार नहीं है।

उन्होंने कहा कि शनिवार की सुबह करीब आठ-नौ बजे कई न्यूज पोर्टल पर खबर आई और उन्हें करीब नौ साढ़े नौ बजे इसकी जानकारी मिली।

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शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश यादव को दिखाया आईना: मुलायम का अपमान किसने किया, मायावती को सिर पर किसने बिठाया और भाजपा की गोद में कौन बैठा attacknews.in

फिरोजाबाद/लखनऊ (उप्र), 20 अप्रैल । भाजपा के साथ मिलकर काम करने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने पलटवार किया है।

अखिलेश ने फिरोजाबाद में सपा—बसपा—रालोद की संयुक्त रैली में शिवपाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह रात में भाजपा के नेताओं से मिलते हैं और उन्हीं के सहारे अपनी राजनैतिक लड़ाई लड़ना चाहते हैं।

इस पर शिवपाल ने जवाब देते हुए एक बयान में कहा ‘मुझ पर सवाल खड़ा करने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष यह बताएं कि आखिर किसके इशारे पर प्रोफेसर (सपा प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव) द्वारा अवैध सभा बुलाकर नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) को अपमानित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से हटाया गया था। क्या इसके लिए भाजपा ने कहा था?’

उन्होंने कहा ‘मेरा तो आजीवन साम्प्रदायिकता के विरुद्ध संघर्ष का इतिहास रहा है, लेकिन आप यह बताएं कि बसपा प्रमुख मायावती का इतिहास क्या रहा है? मायावती हमेशा की तरह इस बार भी वोट लेकर चुनाव बाद भाजपा से हाथ मिला लेंगी।’

शिवपाल ने कहा कि फ़िरोज़ाबाद की जनता के पास नेताजी के अपमान का बदला लेने का यह स्वर्णिम मौका है। आगामी 23 मई को जनता बहुत से सवालों के जवाब दे देगी।

मालूम हो कि अखिलेश ने शनिवार को फिरोजाबाद से सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे अपने चाचा प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा ‘फिरोजाबाद से चुनाव लड़ने वाले एक नेता कह रहे हैं कि हमने उनको घर से निकाल दिया। सचाई यह है कि वह भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वह रात में भाजपा के नेताओं से मिलते हैं और उन्हीं के सहारे अपनी राजनैतिक लड़ाई लड़ना चाहते हैं।’’

गौरतलब है कि सपा से अलग होकर नयी पार्टी बना चुके शिवपाल अब भी जसवंतनगर सीट से सपा के विधायक हैं।

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भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जानबूझकर जनसम्पर्क से रोका जा रहा है,साध्वी को हेमंत करकरे वाले बयान पर कलेक्टर का नोटिस attacknews.in

भोपाल, 20 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि भोपाल से पार्टी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जानबूझ कर जनसंपर्क से रोका जा रहा है।

श्री झा ने यहां जारी विज्ञप्ति में साध्वी प्रज्ञा भारती को रोड शो की अनुमति नहीं दिए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में यह आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि सुश्री ठाकुर ने जिला प्रशासन से रोड शो की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इससे इंकार कर दिया है।

उन्होंने कहा कि चुनाव में हर उम्मीदवार, पार्टी और नेताओं को जनसंपर्क करने का अधिकार है, लेकिन भाजपा को प्रचार करने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।

साध्वी प्रज्ञा को कलेक्टर भोपाल का नोटिस

उधर महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ एवं शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान के सिलसिले में भोपाल कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुश्री ठाकुर से एक दिन में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। इसमें मुख्य रूप से श्री करकरे को लेकर दिए गए बयान के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही गयी है। सूत्रों ने कहा कि जवाब मिलने के बाद आगे की विधिवत कार्रवाई की जाएगी।

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संयुक्त राष्ट्र ने भोपाल गैस कांड को दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक माना, इसमें 6 लाख से ज्यादा पीड़ित और सरकारी आंकड़ों में 15 हजार मौतें हुई attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 20 अप्रैल । संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारों लोगों को मौत के मुंह में धकेलने वाली 1984 की भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की ‘‘सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं’’ में से एक है। रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि हर साल पेशे से जुड़ी दुर्घटनाओं और काम के चलते हुई बीमारियों से 27.8 लाख कामगारों की मौत हो जाती है।

संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश की राजधानी में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से निकली कम से कम 30 टन मिथाइल आइसोसायनेट गैस से 600,000 से ज्यादा मजदूर और आसपास रहने वाले लोग प्रभावित हुए थे।

इसमें कहा गया है कि सरकार के आंकड़ों के अनुसार 15,000 मौतें हुई। जहरीले कण अब भी मौजूद हैं और हजारों पीड़ित तथा उनकी अगली पीढ़ियां श्वसन संबंधित बीमारियों से जूझ रही है तथा उनके अंदरुनी अंगों एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 1919 के बाद भोपाल त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी।

साल 1919 के बाद अन्य नौ बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में चेर्नोबिल और फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना के साथ ही राणा प्लाजा इमारत ढहने की घटना शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल पेशे से जुड़ी मौतों की वजह तनाव, काम के लंबे घंटे और बीमारियां है।

आईएलओ की मनाल अज्जी ने यूएन न्यूज से कहा, ‘‘रिपोर्ट में कहा गया है कि 36 प्रतिशत कामगार बेहद लंबे घंटों तक काम कर रहे हैं मतलब कि हर सप्ताह 48 घंटे से ज्यादा।

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