PNB बैंक घोटाले का मुख्य अपराधी भगौड़े नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज, 29 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा attacknews.in

लंदन, 20 मार्च । पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ रुपये लेकर विदेश भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी को आज उस समय तगड़ा झटका लगा जब स्थानीय वेस्टमिंस्टर की अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए 29 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

पीएनबी के साथ 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य अभियुक्त नीरव मोदी को स्कॉर्टलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार कर वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया था।

नीरव मोदी की तरफ से वकील आनंद दुबे ने पैरवी की, लेकिन उनकी दलीलें दरकिनार करते हुए अदालत ने नीरव की जमानत याचिका खारिज कर दी तथा हीरा कारोबारी को इस मामले की अगली तारीख 29 मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

श्री दुबे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के भी वकील हैं।

भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी को लंदन के हाल्बॉर्न में पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ भारतीय प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने सोमवार को वारंट जारी किया था।

पंजाब नेशनल बैंक के करीब 14 हजार करोड़ रूपये के घोटाले का आरोपी नीरव मोदी 17 माह पहले देश से भाग गया था। नीरव को कुछ दिन पहले लंदन की सड़कों पर देखा गया था ,जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रलाय ने कहा था कि सरकार उसके प्रत्यर्पण को लेकर कार्रवाई कर रही है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल और ब्रिटिश अधिकारियों से सम्पर्क साधकर नीरव मोदी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई करते हुए उसकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की थी।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी ने मिलकर पंजाब नेशनल बैंक को 14 हजार करोड़ रुपये का चुना लगया था।

भारतीय अधिकारियों के आवेदन पर नीरव मोदी की गिरफ्तारी के लिए पिछले साल जुलाई में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था।

पेंटिंग और कारों की नीलामी होगी:

इधर मुंबई की धनशोधन मामले की विशेष अदालत ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भगोड़े नीरव मोदी की कीमती पेटिंग और कारों की नीलामी की अनुमति दे दी।

नीरव मोदी को देर रात ब्रिटेन में गिरफ्तार भी किया गया है।

ईडी के विशेष अधिवक्ता एच एस वेनेगांवकर ने धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश सलमान आजमी को बताया कि आयकर विभाग नीरव मोदी के कलासंग्रह की नीलामी की प्रक्रिया की अनुमति दे सकता है। ये कलाकृतियां हाल ही में जांच एजेंसी ने जब्त की थी और कहा था कि नीलामी से मिलने वाले धन को न्यायालय में जमा करना होगा।

न्यायालय ने यह दलील स्वीकार कर ली। ईडी ने हाल ही में नीरव मोदी की 147 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियों को पीएमएलए के तहत कुर्क किया था।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी हैं। नीरव मोदी की कलाकृतियों के संग्रह में जाने माने चित्रकार एम. एफ. हुसैन, के के हेबर, अंजोलिया ईला मेनन और नंद लाल बोस आदि की पेंटिंग शामिल हैं।

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पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य अपराधी नीरव मोदी लंदन में गिरफ्तार attacknews.in

लंदन 20 मार्च । पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपए लेकर भागे नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है। करीब 13 महीने पहले 13 हजार करोड़ के पीएनबी स्कैम में भारतीय जांच एजेंसियों को नीरव मोदी की तलाश थी। इससे पहले सोमवार को ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।

आपको बताते जाए कि बैंकों का 13 हजार करोड़ लेकर फरार नीरव मोदी पिछले दिनों लंदन की सडक़ों पर अपना लुक बदलकर बेखौफ घूमता नजर आया था। जबकि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है। इसके बाद ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गिरफ्तारी के आदेश निकाल दिए थे। इसके बाद नीरव मोदी के पास जमानत के लिए कोर्ट जाने का विकल्प बचा हुआ है।

कोर्ट से नीरव को सशर्त जमानत मिल सकती है।नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार ब्रिटेन से प्रत्यपर्ण करने का प्रयास करेगी।

सूत्रों के मुताबिक अब भारत से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम लंदन के लिए रवाना होगी।

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छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर भाजपा के नये प्रत्याशी, वर्तमान किसी भी सांसद को टिकट नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 मार्च । भाजपा ने एक बड़ा निर्णय करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी 10 मौजूदा सांसदों की जगह नए चेहरे को उतारने की घोषणा की है । यह फैसला ऐसे समय में किया गया है जबकि पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।

भाजपा के महासचिव और प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने इसकी घोषणा की। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने आगामी आम चुनाव के लिए यहां उम्मीदवारों को लेकर विचार विमर्श किया। केंद्रीय समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य शीर्ष नेता शामिल हैं।

जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने नए उम्मीदवारों और नए उत्साह के साथ चुनाव लड़ने का निर्णय किया है।’’

भाजपा को पिछले साल विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी अपना खोया हुआ आधार फिर से पाने का प्रयास कर रही है।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 68 सीटें जीती थी। राज्य में 15 साल शासन कर चुकी भाजपा को 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। दोनों दलों की वोट हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत का अंतर था।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा इस पर भी विचार कर रही है कि मौजूदा सांसदों के परिवार के भी किसी सदस्य चुनाव में नहीं उतारा जाए। पार्टी ने यह मानदंड अपनाया तो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संभावित उम्मीदवारी भी सवालों के घेरे में आ जाएगी, क्योंकि उनके पुत्र अभिषेक सिंह वर्तमान सांसद हैं।

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चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर सख्त हुआ, परामर्श जारी किया, दूसरे चरण के मतदान की अधिसूचना जारी की attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 मार्च । चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार के दौरान सैनिकों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से बचने के परामर्श को विस्तारित करते हुये कहा है कि चुनाव प्रचार में कोई भी राजनीतिक दल ‘सैन्य अभियानों’ का किसी भी प्रकार से जिक्र करने से बचे।

मंगलवार को जारी परामर्श में आयोग ने प्रचार अभियान में सैन्यकर्मियों की तस्वीर के अलावा सैन्य अभियानों से जुड़ी तस्वीरों का भी इस्तेमाल करने से बचने को कहा है। आयोग के प्रधान सचिव नरेन्द्र एन बुतोलिया द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार विज्ञापन और प्रचार में सैनिकों और सैन्य अभियानों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से बचें।

आयोग ने इस बारे में गत नौ मार्च को भी परामर्श जारी किया था। इसमें सैन्यकर्मियों की तस्वीरों के इस्तेमाल से बचने की बात कही गयी थी।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर वायु सेना की कार्रवाई के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इस्तेमाल करने के बाद आयोग ने यह परामर्श जारी किया था।

नये परामर्श में आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और प्रचार अभियान में जुटे लोगों को न सिर्फ सैनिकों बल्कि सैन्य अभियानों की तस्वीरें भी प्रचार अभियान में शामिल करने से बचना चाहिये। आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में रक्षा बलों के किसी भी तरह के इस्तेमाल से बचने की सख्त हिदायत दी है।

हाल ही में आयोग ने भाजपा के दिल्ली में विधायक ओ पी शर्मा को अपने सोशल मीडिया अकांउट से विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर इस्तेमाल करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

सोशल मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बैठक:

चुनाव आयोग ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म से एक अलग आचार संहिता बनाने को कहा और इस माध्यम का दुरुपयोग न करने की सलाह दी।

आयोग ने  फेसबुक, व्हाटसऐप, इंटरनेट, मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिये।

इस पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के प्रतिनिधि सहमत हो गये और उन्होंने आश्वासन दिया कि वे एक संहिता तैयार करेंगे और इस बारे में कल विस्तृत रूपरेखा पेश करेंगे।

दूसरे चरण की 97 सीटों के लिए अधिसूचना जारी:

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को होने वाले मतदान की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी।

इस चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों के लिये मतदान होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा दूसरे चरण के चुनाव के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हस्ताक्षर वाली अधिसूचना जारी किये जाने के साथ ही इस चरण में मतदान वाली सीटों के लिये उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गयी है।

उल्लेखनीय है कि आयोग ने 17वें लोकसभा चुनाव के लिये निर्धारित कार्यक्रम के तहत पहले चरण में 11 अप्रैल को 91 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिये सोमवार को अधिसूचना जारी की थी। लोकसभा की 543 सीटों के लिये सात चरणों में चुनाव होना है।

अधिसूचना के अनुसार, इस चरण के लिये नामांकन की अंतिम तिथि 26 मार्च है। नामांकन पत्रों की जांच 27 मार्च को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 29 मार्च है।

इस चरण में तमिलनाडु की सभी 39 सीटों के अलावा बिहार की 40 में से पांच, जम्मू कश्मीर की छह में से दो, उत्तर प्रदेश की 80 में से आठ, कर्नाटक की 28 में से 14, महाराष्ट्र की 48 में से 10 और पश्चिम बंगाल की 42 में से तीन सीटों के लिये चुनाव होगा।

इस चरण में उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर चुनाव होना है उनमें आगरा, मथुरा, नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस और फतेहपुर सीकरी शामिल है। वहीं बिहार की किशनगंज, कटिहार, पूर्णियां, भागलपुर और बांका लोकसभा सीट के लिये दूसरे चरण में मतदात होगा।

जम्मू कश्मीर की श्रीनगर और ऊधमपुर सीट के अलावा पश्चिम बंगाल की जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और रायगंज सीट पर भी दूसरे चरण में मतदान होगा।

भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने दूसरे चरण के मतदान वाली सीटों के लिये अपने उम्मीदवार घोषित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।

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पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य अपराधी नीरव मोदी की कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 मार्च । सीबीआई सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि पीएनबी बैंक घोटाले में फरार आरोपी नीरव मोदी को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करके भारत लाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं।इसमें थोडा समय लग सकता है ।

सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय के जरिये ब्रिटेन से प्रत्यर्पण आग्रह किया गया है।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि कुछ टेलीविजन चैनलों द्वारा मंगलवार को लंदन में उन्हें देखने के बाद एजेंसी को कोई नई जानकारी नहीं मिली है।

उन्होंने कहा कि किसी आरोपी के प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया अपना समय लेती है और सीबीआई उसके प्रत्यर्पण आग्रह के लिए ब्रिटेन की एजेंसियों को हरसंभव मदद देगी।

सूत्रों ने स्पष्ट किया कि किसी दल को लंदन भेजने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने एजेंसी द्वारा नीरव मोदी के खिलाफ पिछले साल जारी रेड कार्नर नोटिस पर प्रतिक्रिया दी है। इंटरपोल से एजेंसी द्वारा किये गये आग्रह पर जून 2018 में रेड कार्नर नोटिस जारी हुआ था।

गौरतलब है कि नीरव ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ रुपये का कथित रूप से गबन किया था।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, ताकि उसके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा सके।

सूत्रों ने, हालांकि यह भी स्वीकार किया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कुछ वक्त लग सकता है। सीबीआई का अपना अधिकार क्षेत्र है और उसी दायरे में उसे काम करना होता है। जांच एजेंसी ने अपने दायित्व का पूर्ण निर्वहन किया है, बाकी का काम भारत और ब्रिटेन की सरकारों का है।

गौरतलब है कि नीरव मोदी की गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है। लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने कल यहां बताया था कि नीरव मोदी के खिलाफ लंदन की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। भगोड़ा नीरव मोदी पिछले दिनों लंदन की सड़कों पर दिखाई दिया था, जिसके बाद विदेश मंत्रलाय ने बयान जारी कर कहा था कि सरकार नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर कार्रवाई कर रही है।

सीबीआई ने इंटरपोल और ब्रिटिश अधिकारियों से सम्पर्क साधकर नीरव मोदी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई करते हुए उसकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की थी।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी ने पंजाब नेशनल बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया था।

भारतीय अधिकारियों के आवेदन पर नीरव मोदी की गिरफ्तारी के लिए पिछले साल जुलाई में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था और अब ब्रिटेन की अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।

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यह है भारत के पहले लोकपाल पिनाकी चन्द्र घोष , साथ ही न्यायिक सदस्यों की भी नियुक्तियां attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 मार्च।) उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को मंगलवार को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया।

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की पूर्व प्रमुख अर्चना रामसुंदरम, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, महेंद्र सिंह और इंद्रजीत प्रसाद गौतम को लोकपाल का गैर न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है।

न्यायमूर्ति दिलीप बी भोंसले, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती और न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी को भ्रष्टाचार निरोधक निकाय का न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है।

ये नियुक्तियां उस तारीख से प्रभावित होंगी, जिस दिन वे अपने-अपने पद का कार्यभार संभालेंगे।

इन नियुक्तियों की सिफारिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत चयन समिति ने की थी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे मंजूरी दी।

विपक्षी पार्टियां लोकपाल की नियुक्ति में देरी के लिए मोदी सरकार को घेरती रही हैं।

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2 साल में उत्तरप्रदेश में पुलिस और अपराधियों के बीच 3500 से ज्यादा मुठभेड़ हुई इसमे 73 बदमाशों को मार गिराया और 1 हजार से अधिक घायल हुए attacknews.in

लखनऊ, 19 मार्च । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा यात्रा पर निकली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिये जिनके प्रयास से पवित्र नदी की निर्मलता वापस लायी जा सकी और वह गंगाजल का आचमन कर सकी।

अपनी सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूरा होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि उन्हे खुशी है कि श्रीमती वाड्रा जलमार्ग से गंगा यात्रा पर निकली है और उन्होने पवित्र गंगाजल का आचमन किया। उन्हे और प्रसन्नता हाेती कि वह अपने साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मित्रों को भी साथ ले जाती।

उन्होने कहा कि कांग्रेस महासचिव को अपनी इस यात्रा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया कहना चाहिये जिनके प्रयास से वह निर्मल गंगा में अपनी यात्रा को अंजाम दे सकी वरना पहले की सरकारों ने गंगा को प्रदूषित रखने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रखी थी।

श्री योगी ने कहा कि पिछली गैर भाजपा सरकारों ने गंगा को स्वच्छ बनाने की योजनाओं के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार और सरकारी धन की लूट खसोट की जिससे गंगा साफ होने की बजाय और प्रदूषित होती चली गयी।

केन्द्र की मौजूदा नरेन्द्र मोदी सरकार ने पक्के इरादे के साथ नमामि गंगे मिशन की शुरूआत की और गंगा को निर्मल बनाने के काम को पूरी पारदर्शिता के साथ निभाया। गंगा की निर्मलता का प्रमाण है कि हाल ही में सम्पन्न कुंभ मेले में 22 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगायी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार ने दो सालों के कार्यकाल में बगैर किसी भेदभाव के विकास, कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किये हैं।

राज्य सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय पर मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि पिछले दो सालों में उनकी सरकार ने राज्य को बदहाली के दंश से उबार कर प्रगति के रास्ते पर लाकर खडा किया है। कानून व्यवस्था में सुधार और मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के जरिये निवेश की संभावनाओं को प्रबल किया गया जिससे राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हुये।

उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की दशा सुधारने के लिये अहम फैसले लिये जबकि किसान और कृषि क्षेत्र की हालत को सुधारने के लिये केन्द्र की मदद से कई योजनाओं का ईमानदारी से क्रियान्वयन किया गया। महिला सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार के दिशा निर्देशों का कडाई से पालन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था के पुख्ता होने का प्रमाण है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना और कंधाला से पलायन कर रहे लोग अब घर लौटने लगे हैं। अपराध अौर अपराधियों के खिलाफ सरकार की जीरो टोलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है। पुलिस के काम में किसी भी दशा में राजनीतिक हस्तक्षेप को जगह नहीं दी गयी जिससे पुलिस के टूटे मनोबल को बहाल करने में मदद मिली।

उन्होने कहा कि पिछले दो साल के दौरान पुलिस ने 3500 से ज्यादा मुठभेडों को अंजाम दिया जिसमे आठ हजार से अधिक अपराधी गिरफ्तार किये गये जबकि एक हजार से अधिक बदमाश पुलिस की गोली से घायल हुये और 73 बदमाश मारे गये हालांकि इस दौरान छह जवान वीरगति को प्राप्त हुये।

योगी सरकार की दूसरी वर्षगांठ 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने के चलते सादगी के साथ मनायी गयी। श्री योगी ने 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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” पीएम नरेन्द्र मोदी ” फिल्म अब 5 अप्रैल को पूरे देशभर में रिलीज होगी, पहले 12 अप्रैल को होने वाली थी । attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित बहुप्रतिक्षित फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ तय समय से एक सप्ताह पहले पांच अप्रैल को रिलीज होगी।

फिल्म जगत के सूत्राें ने बताया कि फिल्म को लेकर व्यापक उत्सुकता को देखते हुए फिल्म निर्माताओं ने इसे एक सप्ताह पहले रिलीज करने का फैसला किया है। यह फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज होनी थी लेकिन अब यह पांच अप्रैल को सिनेमाघरों में दिखायी जाएगाी।

फिल्म के समय से पूर्व रिलीज होने को लेकर निर्माता संदीप एस सिंह ने कहा, “लोगों की मांग को देखते हुए हम फिल्म को एक सप्ताह पहले रिलीज कर रहे हैं। लोगों में इस फिल्म को लेकर बहुत उत्सुकता है और हम नहीं चाहते कि उन्हें इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़े। यह 1.3 अरब लोगों की कहानी है और मैं उन्हें यह फिल्म दिखाने के लिए अधिक इंतजार नहीं करा सकता हूं।”

इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय ने श्री मोदी की भूमिका निभायी है और इस किरदार के माध्यम से वह उनके संघर्ष के दिनों से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक की कहानी दिखाएंगे। फिल्म के कुछ दृश्यों के सामने आने के बाद लोगों में इसे लेकर बहुत चर्चा है। फिल्म में आेबेराॅय नौ अलग-अलग किरदारों में नजर आएंगे।

फिल्म का पोस्टर जनवरी में रिलीज होने के बाद से लोगों का ध्यान इस फिल्म पर है। फिल्म का पहला पोस्टर जनवरी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 23 अलग-अलग भाषाओं में जारी किया।

फिल्म के निर्माता सुरेश ओबेरॉय, संदीप एस सिंह, आनंद पंडित और निर्देशक ओमंग कुमार हैं। इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय के अलावा बोमन इरानी, मनोज जोशी, प्रशांत नारायण, जारीना वाहेब, बरखा सेनगुप्ता, अनजान श्रीवास्तव, यतीन कार्येकर, रामाकांत दायमा, अक्षत आर सलुजा, जिमेश पटेल आैर दर्शन कुमार मुख्य भूमिका में हैं।

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इंदिरा गांधी रायबरेली सीट हारने के बाद इस सीट को सुरक्षित नहीं मान रहीं थी लेकिन आज यह कांग्रेस पार्टी का गढ़ बनी हुई है attacknews.in

रायबरेली, 19 मार्च । कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र में पार्टी को पहला झटका यहां तब लगा था जब आपातकाल से खिन्न जनता ने 1977 के चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

इस चुनाव में केवल यहीं नहीं पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस का सफाया हो गया था और वह सत्ता से बाहर हो गयी थी हालांकि इसके ढाई वर्ष के बाद ही इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने सत्ता में वापसी की।

आपातकाल के बाद 1977 में चुनाव हुए में इंदिरा गांधी काे रायबरेली में उन्हें जनता पार्टी के उम्मीदवार राजनारायण से शिकस्त का सामना करना पडा था। लगभग ढाई साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद वर्ष 1980 में जब मध्यावधि चुनाव हुए, ताे यह अटकले लगायी जाने लगी कि इंदिरा शायद रायबरेली से चुनाव ना लड़ें। खुद इंदिरा रायबरेली से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नहीं थी। इसके कई कारण थे जिनमें एक ताे वहां से पिछला चुनाव हार चुकी थीं, दूसरा कि उनके खिलाफ जनता पार्टी ने जबरदस्त याेजना बनायी थी। इस याेजना के तहत रायबरेली से जनता पार्टी ने अपनी दमदार नेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया काे मैदान में उतारा था।

धुन की पक्की कांग्रेस नेत्री ने अपनी याेजना बनायी जिससे वह बगैर जोखिम लिये किसी भी कीमत पर संसद में पहुंचे। उन्होंने तय किया कि वह दाे सीटाें से चुनाव लड़ेंगी। एक रायबरेली और दूसरा आंध्रप्रदेश की मेडक सीट। रायबरेली की तुलना में मेडक सीट ज्यादा सुरक्षित थी। वर्ष 1977 में जब कांग्रेस काे हिंदी भाषी क्षेत्राें में करारी हार झेलनी पड़ी थी, तब दक्षिण ने ही कांग्रेस काे कुछ हद तक बचाया था। इसलिए उन्हाेंने मेडक सीट से भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था।

जनता पार्टी के नेता किसी भी हाल में इंदिरा गांधी काे संसद में पहुंचने से राेकना चाहते थे। इसलिए जिन दाे सीटाें पर इंदिरा गांधी चुनाव लड़ रही थीं, उन दाेनाें सीटाें पर जनता पार्टी ने दमदार प्रत्याशी उतारा। रायबरेली में उनके सामने राजमाता सिंधिया थीं, ताे मेडक में इंदिरा गांधी के खिलाफ एस जयपाल रेड्डी चुनाव मैदान में उतरे। श्री रेड्डी जनता पार्टी सरकार में मंत्री थे और ताकतवर नेता माने जाते थे लेकिन उनका सामना इस बार इंदिरा गांधी से हाे रहा था। क्या इंदिरा काे हरा कर जयपाल रेड्डी राजनारायण की याद ताजा करेंगे, यही सवाल उठ रहे थे। इधर, जनता पार्टी की किचकिच का असर भी दिख रहा था। जनता का माेह जनता पार्टी से भंग हाे रहा था।

चुनाव में इंदिरा गांधी की लाेकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हाेंने दाेनाें सीटाें पर भारी मताें से जीत दर्ज की। पारंपरिक सीट रायबरेली में उन्हाेंने राजमाता सिंधिया काे डेढ़ लाख से ज्यादा मताें से हराया।

यह चुनाव उन्होंने कांग्रेस (आइ) के बैनर तले चुनाव लड़ा था। उन्हें 2,23,903 मत मिले थे, जबकि राजमाता काे सिर्फ 50,249 मत मिले। आंध्र प्रदेश की सीट मेडक से भी इंदिरा गांधी दाे लाख से ज्यादा मताें से जीती थीं। श्रीमती गांधी काे 3,01,577 मत मिले थे, जबकि जनता पार्टी के नेता एस जयपाल रेड्डी काे सिर्फ 82,453 मतो से संतोष करना पडा था। बाद में इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ दी थी।

इसके अलावा रायबरेली सीट पर कांग्रेस को दो बार हार का सामना करना पडा जब वर्ष 1996 और 1998 में भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने यहां से जीत हासिल की। आजादी के बाद से अब तक यहां 19 बार हुये चुनावों में 16 मर्तबा कांग्रेस का परचम लहराया है। कांग्रेस की मौजूदा प्रत्याशी सोनिया गांधी 2004 से यहां से सांसद है।

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1957 में दूसरे आम चुनाव मे भारत में कांग्रेस पार्टी को मिले बहुमत से अलग आकर्षक व्यक्तित्व के कारण अटल बिहारी वाजपेयी का उदय हुआ और विजयी होकर इतिहास बनाया attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 मार्च । आजादी के बाद 1957 में हुये दूसरे लोकसभा चुनाव ने न केवल तपे-तपाये नेताओं को नीति-निर्माता बनने का अवसर दिया बल्कि अपनी वाकपटुता और आकर्षक व्यक्तित्व के बदौलत लोकप्रियता हासिल करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पहली बार निर्वाचित कर देश को नया संदेश दिया।

लाेकसभा की 494 सीटों के लिए हुये इस चुनाव में चार राष्ट्रीय, 11 अन्य दलों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस, अखिल भारतीय जनसंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और प्रजा सोसलिस्ट पार्टी शामिल थी। इस चुनाव में जनसंघ के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर सीट पर पहली बार जीत हासिल कर एक नया इतिहास रच दिया था।

राज्य स्तरीय अन्य पार्टियों में जनता पार्टी, फारवर्ड ब्लाक (मार्सिस्ट), गणतंत्र परिषद, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, झारखंड पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीजेंट एंड वर्कर पार्टी, अखिल भारतीय राम राज्य पार्टी रिवोल्यूशनरी सोसलिस्ट पार्टी और आल इंडिया शेड्यूल कास्ट फेडरेशन शामिल थी। राष्ट्रीय पार्टियों को 73 प्रतिशत से अधिक वोट मिले जबकि क्षेत्रीय पार्टियों को 7.60 प्रतिशत वोट मिले। आश्चर्यजनक ढंग से 19.32 प्रतिशत मतदाताओं ने निर्दलीय प्रत्याशियों को वोट देना बेहतर समझा।

उस समय 19 करोड़ 36 लाख 52 हजार से अधिक मतदाताओं ने 1519 उम्मीदवारों के चुनावी किस्मत का फैसला किया था। इस चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल 919 और अन्य पार्टियों ने 119 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे। इसके अलावा 481 निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने दमखम पर चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस ने सर्वाधिक 490 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये जिनमें से 371 चुनाव जीतने सफल रहे। कई राज्यों में तो अधिकांश सीटें उसके कब्जे में आ गयीं। यह पार्टी 47.78 प्रतिशत मत पाने में सफल रही। समाजवादी विचार धारा की पार्टी माने जाने वाली प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने 189 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा जिनमें से केवल 19 विजयी होने में सफल रहे। यह पार्टी 10.41 प्रतिशत मत पाने में कामयाब रही। जनसंघ ने 130 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया और उसके केवल चार प्रत्याशी जीतने में सफल रहे। इस पार्टी के कुल मिले वोट प्रतिशत में पहले के चुनाव की तुलना में थोड़ी वृद्धि होकर यह छह प्रतिशत के अासपास पहुंच गयी।

पहले लोकसभा चुनाव परिणामों से उत्साहित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 110 उम्मीदवारों को टिकट दिया जिनमें से 27 निर्वाचित हो गये और वह दूसरे लोकसभा में भी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी रही। पहले लोकसभा चुनाव में भाकपा के 16 उम्मीदवार चुने गये थे। यह पार्टी 8.92 प्रतिशत वोट पाने में कामयाब रही थी।

राज्य स्तरीय पार्टियों ने कुल 119 प्रत्याशियों को टिकट दिया जिनमें से 31 निर्वाचित हो गये। इसके साथ ही 481 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जिनमें से 42 विजयी हुये। इस चुनाव में हर सीट पर औसत तीन से चार उम्मीदवार चुनाव लड़े । आन्ध्र प्रदेश के एक लोकसभा क्षेत्र में 10 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरु उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुये थे। उन्हें कुल 2,27,448 वोट मिले। इसी पार्टी के लाल बहादुर ने इलाहाबाद में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के राधेश्याम पाठक को हराया था। कांग्रेस के फिरोज गांधी रायबरेली क्षेत्र में 1,62,595 वोट लाकर निर्वाचित हुये थे जबकि बिहार में सासाराम से जगजीवन राम ने प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के शिवपूजन सिंह को पराजित किया था। कांग्रेस के मोरारजी देसाई सूरत सीट से चुने गये। उन्हें एक लाख 90 हजार से अधिक मत मिले।

जनसंघ के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर सीट पर 52 प्रतिशत से अधिक मत लाकर कांग्रेस के हैदर हुसैन का हराया था। समाजवादी विचारक आचार्य जे बी कृपलानी बिहार के सीतामढ़ी सीट से जीतने में कामयाब रहे जबकि कांग्रेस के ललित नारायण मिश्र (सहरसा), विजयराजे सिंधिया (गुना) और विद्या चरण शुक्ला (बलोदाबाजार) से जीतने वालों में शामिल थे।

कट्टर वामपंथी विचारक हिरेन्द्र नाथ मुखर्जी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर कलकत्ता केन्द्रीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गये थे। श्री मुखर्जी कुल 135308 वोट लाकर कांग्रेस के. एन. सान्याल को भारी मतों के अंतर से पराजित किया था। दिग्गज मजदूर नेता और भाकपा के उम्मीदवार श्रीपद अमृत डांगे (बाम्बे सिटी सेंट्रल), वी. परमेश्वरण नायर (केरल के क्वीलोन) तथा पी. के. वासुदेवन नायर (तिरुवल्ला) से निर्वाचित हुये थे।

कांग्रेस को आन्ध्र प्रदेश में 37, असम में 09, बिहार में 41, बाम्बे में 38, केरल में 06, मध्य प्रदेश में 35, मद्रास में 31, मैसूर में 23, उड़िसा में 07, पंजाब में 21, राजस्थान में 19, उत्तर प्रदेश में 70, पश्चिम बंगाल में 23, दिल्ली में 05, हिमाचल प्रदेश में 04, मणिपुर में एक और त्रिपुरा में एक सीट मिली थी।

भाकपा को आन्ध्र प्रदेश में 02, बाम्बे में 04, केरल में 09, मद्रास में 02, उड़ीसा में एक, पंजाब में एक, उत्तर प्रदेश में एक, पश्चिम बंगाल में 06 और त्रिपुरा में एक सीट मिली थी। जनसंघ को बाम्बे और उत्तर प्रदेश में दो – दो सीटें मिली थी। प्रजा सोसलिस्ट पार्टी को असम में दो, बिहार में दो, बाम्बें में पांच, केरल में एक, मैसूर में एक, उड़िसा में दो, उत्तर प्रदेश में चार और पश्चिम बंगाल में दो सीटें मिली थी।

झारखंड पार्टी के बिहार में छह सीटें मिली थी। फारवर्ड ब्लाक, गणतंत्र परिषद, पीसेंट एंड वर्कर पार्टी हिन्दू महासभा को भी छिटपुट रुप से कुछ सीटों पर सफलता मिली थी ।

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दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने की कवायद से हाई प्रोफाइल भोपाल संसदीय सीट भाजपा का गढ़ रही है: ऐसा रहा है इसका राजनैतिक इतिहास attacknews.in

भोपाल, 19 मार्च । तीन दशक से जीत के लिए तरस रही कांग्रेस इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मजबूत गढ़ों में से एक भोपाल संसदीय क्षेत्र में सेंध लगाने की पूरी कोशिश में है और इसके लिए मजबूत प्रत्याशी की तलाश की जा रही है।

राज्य के सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल संसदीय क्षेत्र भोपाल पर रियासतकाल में एक समय बेगमों का एकछत्र राज रहा है। मध्यप्रदेश निर्माण के बाद से अब तक दो महिलाओं मैमूना सुलतान और उमा भारती को लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। इस सीट से डॉ शंकरदयाल शर्मा भी दो बार विजयी रहे, जिन्होंने बाद में राष्ट्रपति पद को भी सुशोभित किया।

झीलों की नगरी के रूप में प्रसिद्ध भोपाल संसदीय क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के आलोक संजर सांसद हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस के पी सी शर्मा को लगभग साढ़े तीन लाख मतों से पराजित किया था। ‘लो प्रोफाइल’ में रहकर कार्य करने वाले श्री संजर को वर्ष 2014 में टिकट को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लड़ाई के चलते उन्हें उम्मीदवार बनाया गया और वह आसानी से इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी होने के नाते विजयी रहे। वहीं कांग्रेस नेता श्री शर्मा तीन माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से विधायक चुने गये और वह कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री हैं।

राज्य में पंद्रह वर्षों बाद श्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ है, इस नाते मुख्यमंत्री की कोशिश है कि भोपाल समेत भाजपा के प्रमुख गढ़ों में कांग्रेस फिर से अपना परचम लहराने में कामयाब हो सके। इसी कोशिश के चलते कांग्रेस का प्रदेश संगठन पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इस सीट से लड़ाने का प्रयास कर रहा है। एेसी चर्चा है कि श्री सिंह से भोपाल या फिर इंदौर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है, हालाकि वह स्वयं अपने परंपरागत राजगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को छिंदवाड़ा में मीडिया से कहा कि श्री सिंह से राज्य की उन दो तीन सीटों से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है, जहां से कांग्रेस तीस पैंतीस सालों से विजय नहीं हुयी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बार राज्य में कांग्रेस 29 में से कम से कम 20 सीटों पर चुनाव जीतने की रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय के शिल्पकार रहे श्री कमलनाथ स्वयं इस रणनीति पर बारीकी से नजर रखकर कार्य कर रहे हैं।

कांग्रेस जहां एक आेर भाजपा के अभेद माने जा रहे गढ़ भोपाल में सेंध लगाने को आतुर है, वहीं भाजपा को उम्मीद है कि उनकी पार्टी का प्रत्याशी यहां से लगातार नवीं बार जीत हासिल कर इस गढ़ को सुरक्षित रखेगा। पिछले तीन दशकों के चुनाव नतीजों के चलते माना जाता है कि भोपाल से भाजपा किसी भी नेता को प्रत्याशी बना दे, उसकी जीत सुनिश्चित है। तीस सालों में कांग्रेस ने तरह तरह की रणनीति अपनायी लेकिन वह भाजपा को डिगा नहीं पायी।

संसदीय आकड़ों पर नजर डाले तो 1957 में यहां से कांग्रेस की मैमूना सुल्तान सांसद चुनी गईं। उन्हें 1962 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रुप में जीत मिली। इसके बाद 1967 में यहां से भारतीय जनसंघ के जे आर जोशी जीते लेकिन 1971 में शंकरदयाल शर्मा ने यह सीट फिर कांग्रेस की झोली में डाल दी। कांग्रेस विरोधी लहर के चलते 1977 में जनता दल के आरिफ बेग यहां से जीते तो 1980 में शंकरदयाल शर्मा दोबार लोकसभा पहुंचे। वर्ष 1984 में कांग्रेस के के एन प्रधान सांसद बने।

इस सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1989 से 1999 तक चार बार यहां से भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा सांसद रहे। साल 1999 में यहां से भाजपा की उमा भारती सांसद चुनी गईं। वर्ष 2004 में भाजपा ने यहां से कैलाश जोशी पर दांव खेला, जो 2014 तक भोपाल सांसद रहे। वर्ष 2014 के आम चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर आलोक संजर सांसद चुने गए।

भोपाल संसदीय क्षेत्र में भोपाल की सातों विधानसभा सीटों के अलावा सीहोर विधानसभा भी शामिल है। इनमें से पांच पर भाजपा का और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। भोपाल में छठवें चरण में 12 मई को मतदान होगा।

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मैं भी चौकीदार अभियान पर मायावती बोली: पहले चायवाला और अब चौकीदार; भाजपा का पलटवार: 31 मार्च को नरेंद्र मोदी चौकीदार पर देशभर में वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली/ लखनऊ , 19 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनांदोलन बन चुके अपने ‘मैं भी चौकीदार हूं’ अभियान से जुड़े लाखों लोगों से देश के 500 स्थानों पर 31 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये संवाद करेंगे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। श्री प्रसाद ने कहा कि श्री मोदी का ‘मैं भी चाैकीदार हूं’ अभियान करोड़ों लोगों का एक व्यापक जनान्दोलन बन गया है। इस अभियान से डॉक्टर, इंजीनियर, पेशेवर, वकील, किसान, युवा, महिलाएं, कर्मचारी आदि जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर यह एक दिन विश्वव्यापी ट्रेंड था जबकि भारत में दो दिन तक तक ट्रेंड चला है। प्रधानमंत्री मोदी के इस अभियान के समर्थन में 20 लाख लोगों ने ट्वीट किये और 1680 करोड़ इम्प्रेशन आये हैं। एक करोड़ लोगों ने संकल्प लिया है और इतने ही लोगों ने इस अभियान के वीडियो को देखा है।

श्री प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री 31 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के 500 स्थानों पर लाखों विभिन्न ‘चौकीदारों’ से संवाद करेंगे। इन लोगों में पार्टी के कार्यकर्ता, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता, पेशेवर, किसान, दलित एवं आदिवासी, पूर्व सैनिक, खिलाड़ी, महिलायें आदि शामिल होंगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा देश की आम जनता का अभिनंदन करना चाहती है जो करोड़ों की संख्या में इस अभियान से जुड़ रहे हैं। इसे दुनिया को असाधारण संदेश गया है कि लोग भ्रष्टाचार एवं कुशासन से लड़ना चाहते हैं।

श्री प्रसाद ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगाें को इस अभियान से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग जमानत पर हैं, जिनकी पार्टी, परिवार एवं संपत्ति संकट में है और जिनके पास छिपाने के लिए है, उन्हें ही इस अभियान से परेशानी हो रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चौकीदार अभियान के बारे में दिये गये बयान के हवाले से कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि चौकीदार तो अमीरों के होते हैं। उन्हें कैसे समझाया जाये कि जो लोग सत्ता में थे, वे गरीबों का करोड़ों रुपये लूट कर खा रहे थे और ये चौकीदार उसे रोकने के लिए आये हैं।” उन्होंने कहा कि जो लोग सुख, सुविधाओं में पैदा हुए हैं, वे टिप्पणी कर रहे हैं।

भाजपा ने कहा: चौकीदार अभियान जन आंदोलन बना:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने  कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मैं भी चाैकीदार हूं’ अभियान देश के करोड़ों लोगों का एक व्यापक जनान्दोलन बन गया है और इससे केवल उन लोगों को परेशानी हो रही है जो जमानत पर हैं और जिनकी पार्टी, परिवार एवं संपत्ति संकट में है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘मैं भी चौकीदार हूं’ अभियान तीन दिन के अंदर व्यापक जनांदोलन बन गया है।

श्री प्रसाद ने कहा कि इस अभियान से डॉक्टर, इंजीनियर, पेशेवर, वकील, किसान, युवा, महिलाएं, कर्मचारी आदि जुड़े हैं। लेकिन कुछ लोगाें को इससे परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग जमानत पर हैं, जिनकी पार्टी, परिवार एवं संपत्ति संकट में है और जिनके पास छिपाने के लिए है, उन्हें ही इस अभियान से परेशानी हो रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चौकीदार अभियान के बारे में दिये गये बयान के हवाले से कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि चौकीदार तो अमीरों के होते हैं। उन्हें कैसे समझाया जाये कि जो लोग सत्ता में थे, वे गरीबों का करोड़ों रुपये लूट कर खा रहे थे और ये चौकीदार उसे रोकने के लिए आये हैं।” उन्होंने कहा कि जो लोग सुख, सुविधाओं में पैदा हुए हैं, वे टिप्पणी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा देश की आम जनता का अभिनंदन करना चाहती है जो करोड़ों की संख्या में इस अभियान से जुड़ रहे हैं। इसे दुनिया को असाधारण संदेश गया है कि लोग भ्रष्टाचार एवं कुशासन से लड़ना चाहते हैं।

मायावती बोली: पहले चायवाला और अब चौकीदार:

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को तंज करते हुये कहा कि पिछले चुनाव में चायवाला और अब चौकीदार…, देश वाकई बदल रहा है । बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चौकीदार मुद्दे पर सरकार की खिंचाई की ।

मायावती ने आज ट्वीट किया ‘सादा जीवन उच्च विचार के विपरीत शाही अन्दाज में जीने वाले जिस व्यक्ति ने पिछले लोकसभा चुनाव के समय वोट की खातिर अपने आपको चायवाला प्रचारित किया था, वह अब इस चुनाव में वोट के लिये ही बड़े तामझाम और शान के साथ अपने आपको चौकीदार घोषित कर रहे हैं। देश वाकई बदल रहा है ।’’

उधर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा ‘‘विकास पूछ रहा है कि खाद की बोरी से चोरी रोकने के लिये भी कोई चौकीदार है क्या ?’’

दूसरे ट्वीट में अखिलेश ने कहा ‘‘विकास पूछ रहा है कि जनता के बैंक खाते से चोरी छिपे जो पैसे काटे जा रहे हैं, उससे बचाने के लिये कोई चौकीदार है क्या ?’

तीसरे ट्वीट में उन्होंने कहा ‘विकास पूछ रहा है कि मंत्रालय से जहाज की फाइल चोरी होने के लिये जिम्मेदार लापरवाह चौकीदार को सजा मिली क्या ?

गौरतलब है कि गंगा यात्रा पर निकलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सोमवार को चौकीदार मुद्दे पर मोदी को निशाने पर लिया था । नाम के आगे चौकीदार लगाने पर प्रियंका गांधी ने कहा था ‘‘ उनकी (प्रधानमंत्री मोदी की) मर्जी है कि वह अपने नाम के आगे क्या लगाएं । मुझे एक भाई ने कहा कि देखिए, चौकीदार तो अमीरों के होते हैं। हम किसान तो अपने चौकीदार खुद ही होते हैं ।’’

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GST की नई दर नयी रियल एस्टेट आवासीय परियोजनाओं पर अप्रैल से लागू होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 19 मार्च । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने रियल एस्टेट पर जीएसटी दर में कमी किये जाने से परेशान डेवलपरों को राहत देते हुये मंगलवार को कहा कि अब एक अप्रैल 2019 से बनने वाली नयी रियल एस्टेट आवासीय परियोजनाओं पर सिर्फ नयी दरें लागू होंगी लेकिन 31 मार्च 2019 तक निर्माणाधीन परियोजनाओं पर डेलवपरों को नयी या पुरानी दर चुनने का अधिकार होगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुयी 34वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये।

बैठक के बाद राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि 31 मार्च तक जो परियोजनायें निर्माणाधीन रहेंगी उनके डेवलपर को नयी या पुरानी दर चुनने का अधिकार होगा। पुरानी दर में इनपुट टैक्स क्रेडिट( आईटीसी) मिलेगा लेकिन नयी दर में यह मिलेगा।

उन्होंने कहा कि पुरानी दर में किफायती आवासों पर आईटीसी के साथ आठ प्रतिशत जीएसटी और अन्य पर आईटीसी के साथ 12 प्रतिशत जीएसटी प्रभावी है। नयी दर में किफायती आवासों के लिए बगैर आईटीसी के एक प्रतिशत और अन्य परियोजनाओं पर बगैर आईटीसी के पांच प्रतिशत जीएसटी है।

उन्होंने कहा कि डेवलपरों को नयी दर या पुरानी दर चुनने के लिए एक निर्धारित समय सीमा दी जायेगी जो संबंधित राज्यों के साथ विचार विर्मश कर तय की जायेगी।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने रियल एस्टेट पर जीएसटी दर में कमी किये जाने से परेशान डेवलपरों को राहत देते हुये कहा कि अब एक अप्रैल 2019 से बनने वाली नयी रियल एस्टेट आवासीय परियोजनाओं पर सिर्फ नयी दरें लागू होंगी लेकिन 31 मार्च 2019 तक निर्माणाधीन परियोजनाओं पर डेलवपरों को नयी या पुरानी दर चुनने का अधिकार होगा।

राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि 31 मार्च तक जो परियोजनायें निर्माणाधीन रहेंगी उनके डेवलपर को नयी या पुरानी दर चुनने का अधिकार होगा। पुरानी दर में इनपुट टैक्स क्रेडिट( आईटीसी) मिलेगा लेकिन नयी दर में यह मिलेगा।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने आवास परियोजनाओं में मकानों पर नये कर ढांचे को लागू करने की योजना को स्वीकृति दी।

राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर के आवास विकास के कारोबार में लगी कंपनियों को नए कर ढांचे के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।’

जीएसटी परिषद ने 24 फरवरी की पिछली बैठक में किफायदी दर के निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर को घटा कर एक प्रतिशत कर दिया था। अन्य श्रेणी के मकानों पर कर की दर कम कर पांच प्रतिशत कर दी गयी। नयी दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।

जीएसटी परिषद की बैठक में रीयल एस्टेट क्षेत्र पर वर्तमान कर ढांचे से नए कर ढांचे को लागू करने से जुड़े प्रावधानों पर और इसके अनुपालन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी।

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अजीत डोभाल ने कहा: भारत आतंकवाद से मुकाबला करने और उसका कब- कहां जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं attacknews.in

गुड़गांव, 19 मार्च । राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि देश का नेतृत्व आतंकवाद के किसी भी कृत्य तथा इसे बढ़ावा देने वाले लोगों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 80वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में डोभाल ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भारत न तो भूला है और न ही भूलेगा। 14 फरवरी को हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

उन्होंने कहा ‘‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि देश का नेतृत्व इस तरह के (पुलवामा जैसे) आतंकी हमलों से तथा इसे बढ़ावा देने वालों से कारगर तरीके से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहायक डोभाल की, पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी गुट जैश ए मुहम्मद के आतंकी शिविर पर हवाई हमले की योजना बनाने में अहम भूमिका मानी जाती है।

पुलवामा हमला बीते तीन दशक में कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए भीषण हमलों में से एक है।

डोभाल ने कहा ‘‘हमें क्या करना चाहिए ? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए ? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है। देश हर तरह की चुनौती से निपट सकता है और इसके लिए हमारे अंदर साहस है।’’

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह ‘‘बेहद त्रासदीपूर्ण घटना थी।’’ उन्होंने कहा कि देश इन जवानों और इनके परिवारों का हमेशा ही ऋणी रहेगा।

डोभाल ने सीआरपीएफ से पीछे मुड़ कर न देखने और अतीत को लेकर चिंतित न होने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने बल से पेशेवर रूख अपनाने, विश्वसनीय प्रशिक्षण और शारीरिक क्षमता पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा ‘‘अगर आपका मनोबल ऊंचा है तो देश का भविष्य सुरक्षित है।’’

डोभाल ने कहा ‘‘सीआरपीएफ को शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभानी है। देश का प्रमुख अंदरूनी सुरक्षा बल होने के नाते सीआरपीएफ के कंधों पर अपने दायित्व का निर्वाह करने की बड़ी जिम्मेदारी है।’’

ब्रिटिश शासन के दौरान 1939 में ‘क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव्स पुलिस’ के तौर पर सीआरपीएफ की स्थापना की गई थी। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में इस बल को युद्ध और शांति के दौरान देश में दी गई सेवाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान दिया।

फिलहाल सीआरपीएफ में तीन लाख कर्मी हैं।

डोभाल ने कहा कि देश पुलवामा के आत्मघाती आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों का बलिदान कभी नहीं भूलेगा।

उन्होंने कहा कि यह नेतृत्व का ही फैसला था कि इस हमले का जवाब “कब, कहां और कैसे” दिया जाना था।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि चाहे आतंकवाद से मुकाबला करना हो अथवा इनके मददगारों से लड़ना हो, देश इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने हैं, उनमें पूरी तरह सक्षम है।

आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए श्री डोभाल ने कहा “किसी देश में आंतरिक सुरक्षा का बहुत महत्व होता है। दूसरे विश्व युद्ध् के बाद 37 राष्ट्र टूट गए अथवा अपनी संप्रभुता खो बैठे । इनमें से 28 देश का कारण आंतरिक संघर्ष था। देश यदि कमजोर होते हैं तो उसकी वजह कहीं न कहीं आंतिरक सुरक्षा की कमी होती है। आंतरिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण दायित्व सीआरपीएफ पर है।”

उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के समय सीआरपीएफ के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि शायद लोगों को अब यह याद नहीं है कि बंटवारे के समय इस बल की बहुत कम संख्या थी, किंतु सीआरपीएफ ने उस समय जो भूमिका निभायी उस पर पुस्तकें लिखी जा सकती हैं।

श्री डोभाल ने कहा कि देश के इस विशाल सुरक्षा बल की शुरुआत महज दो बटालियन से हुई और आज यह बढ़कर 242 पर पहुंच गई। यह एकमात्र ऐसा सुरक्षा बल है जो देश के हर कोने में चुनाव, कानून और व्यवस्था के लिए पहुंचा होता है। इस बल की विश्वसनीयता बेमिसाल  है ।

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राहुल गांधी ने कहा: राफेल विमान सौदे में पकड़े जाने के बाद नरेन्द्र मोदी पूरे देश को चौकीदार बनाने का प्रयास कर रहे हैं attacknews.in

कलबुर्गी (कर्नाटक), 18 मार्च । कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान का उपहास उड़ाते हुए सोमवार को कहा कि राफेल लड़ाकू सौदे में ‘पकड़े’ जाने के बाद नरेंद्र मोदी समूचे देश को चौकीदार बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

राहुल ने मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान पर हमला करते हुए कहा ‘‘चौकीदार चोरी करते हुए पकड़ा गया और चूंकि वह पकड़ा गया इसलिए चौकीदार कह रहा है कि पूरा हिन्दुस्तान चौकीदार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, पकड़े जाने के पहले समूचा हिन्दुस्तान चौकीदार नहीं था । ’’

राहुल ने यह हमला ऐसे वक्त किया है जब भाजपा ने अपनी ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम तेज कर दी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपने नाम के आगे ‘चौकीदार’ शब्द जोड़ा है।

भाजपा नेताओं ने छोटे विज्ञापन वीडियो भी अपने अकाउंट से साझा किए जिनमें यह दिखाया गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के लोग किस प्रकार मोदी की तरह देश के लिए अपना योगदान देकर ‘चौकीदार’ बन रहे हैं। इन नेताओं में कई केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

मोदी के ट्विटर प्रोफाइल पर उनका नाम ‘चौकीदार नरेंद्र मोदी’ लिखा हुआ है और अन्य भाजपा नेताओं ने भी समन्वित मुहिम के तहत ऐसा किया है।

राहुल ने कहा, ‘‘पकड़ाने के पहले नरेंद्र मोदी चौकीदार थे। चोर पकड़ा गया। ’’

उत्तर कर्नाटक में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि पूरा देश जानता है कि ‘‘चौकीदार चोर है।’’ राहुल ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्वाचन क्षेत्र में रैली को संबोधित किया।

राहुल ने कहा, ‘‘याद है आपको…जब वह प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने कहा था मुझे प्रधानमंत्री मत बनाइए , मुझे चौकीदार बनाइए ? उन्होंने कभी नहीं कहा था कि पूरे हिन्दुस्तान को चौकीदार बना दीजिए।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने लोगों से उन्हें प्रधानमंत्री बनाने को कहा था और कहा था कि वह उनके चौकीदार बनेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, ‘‘उन्होंने किसकी चौकीदारी की है।’’

उन्होंने अनिल अंबानी की चौकीदारी की या नहीं ? मेहुल चौकसी, नीरव मोदी,ललित मोदी, विजय माल्या- उन्होंने उनकी चौकीदारी की।

राहुल ने कहा कि जिस दिन पुलवामा हमला हुआ था, उसी दिन चौकीदार ने अडाणी को हिन्दुस्तान के छह एयरपोर्ट दे दिए ।

राफेल सौदे के बारे में राहुल ने कहा कि यह दुनिया में सबसे बड़ा रक्षा सौदा है ।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में इससे बड़ा रक्षा सौदा नहीं हुआ है । यह हजारों करोड़ों रूपये का है ।’’

राहुल ने दावा किया कि संप्रग सरकार ने साफ तौर पर कहा था कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को ठेका मिलेगा और राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण बेंगलुरू, ओडिशा और देश के अन्य भागों में होता।

तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने साफ कहा था कि हरेक लड़ाकू विमान की कीमत 526 करोड़ रूपये पड़ेगी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपने साथ अंबानी को फ्रांस ले जाकर पूरे सौदे को ही बदल दिया।

राहुल ने दावा किया, ‘‘526 करोड़ रूपये के विमान को चौकीदार जी ने 1600 करोड़ रूपये में खरीदा । ’’

उन्होंने कर्नाटक के नौजवानों से कहा कि मोदी ने उनकी नौकरी ले ली ।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री और आरएसएस संविधान को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव को विचारधाराओं की लड़ाई बताते हुए जनता से अपील की कि वे यह ध्यान रखें कि कांग्रेस किसी अन्य पार्टी (भारतीय जनता पार्टी-भाजपा) से नहीं बल्कि एक विचारधारा से लड़ रही है।

श्री गांधी ने सोमवार को यहां आयोजित ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि देश को केवल एक ही व्यक्ति चलाए। उन्होंने कहा, “ श्री मोदी ने कहा था कि जब वह सत्ता में आए थे तो ‘हाथी सो रहा था। क्या वह यह जतलाना चाहते हैं कि उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले देश सो रहा था और कुछ भी नहीं किया जा रहा था। क्या यह सच है ? ”

उन्होंने कहा, “ श्री मोदी गंदी और फूट डालने की राजनीति कर रहे हैं। वह अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर दलितों पर अत्याचार कर रहे हैं। यह सभी को याद है कि दलित छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या करने के लिए क्यों विवश हुआ।”

उन्होंने कहा कि एक ओर देश में 15 ऐसे सबसे अमीर उद्यम हस्तियां हैं , जिन्होंने देश के अधिकांश धन इकट्ठा किया है तथा निजी स्कूलों, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और यहां तक कि चार्टर्ड विमानों तक उनकी आसान पहुंच है। दूसरी तरफ शेष देश है जो बुनियादी आवश्यकताओं के लिए भी संघर्ष कर रहा है।

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