मंदसौर संसदीय सीट पर 16 चुनावों में भाजपा के लक्ष्मीनारायण पाण्डेय ने ही 11 चुनाव लड़े और इस चुनाव में कांग्रेस खोज रही हैं जीत का रास्ता attacknews.in

मंदसौर, 23 मार्च । मध्य प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित और राजस्थान से घिरे मंदसौर संसदीय क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है और उसके नेता लक्ष्मी नारायण पांडेय यहां से आठ बार चुनाव जीत चुके है।

अफीम की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र के चुनावी इतिहास की एक खास बात यह भी रही कि यहां अब तक हुये 16 चुनावों में दस बार ऐसे उम्मीदवार काे जीत मिली जिसके दल की केंद्र में सरकार नहीं थी।

इस संसदीय क्षेत्र में जिला मन्दसौर, नीमच पूर्ण एवं रतलाम जिले का आंशिक भाग शामिल है। इसके तहत मन्दसौर, सुवासरा, मल्हारगढ़, गरोठ, नीमच, मनासा, जावद और जावरा आठ विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें से सात पर भाजपा का तथा एक पर कांग्रेस का कब्जा है।

श्री लक्षमी नारायण पांडेय ने यहां से लगातार 11 बार चुनाव लड़ा जिनमें से आठ बार उन्हें सफलता मिली। कांग्रेस को यहां सिर्फ चार बार जीत मिली है। इसी पार्टी की मीनाक्षी नटराजन यहां से सांसद बनने वाली एक मात्र महिला है। पहले दो चुनाव में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी, 1952 में डॉ कैलाशनाथ काटजू और 1957 में मानक अग्रवाल विजयी हुए। वर्ष 1962 में बैरिस्टर उमाशंकर त्रिवेदी ने जनसंघ के खाते में यहां से पहली जीत दर्ज की। अगले चुनाव (1967) में भी जनसंघ के स्वतंत्र सिंह कोठारी विजय हुए।

श्री पांडेय 1971 में पहली बार चुनाव में उतरे और 2009 तक वह लगातार ग्यारह चुनाव लड़े। उन्हें सिर्फ 1980, 1984 तथा 2009 में पराजय मिली। यहां सबसे छोटी हार भी उन्हीं के नाम दर्ज है। वह 1980 में कांग्रेस के भंवरलाल नाहटा से मात्र दो हजार 683 वोट से हार गए थे। उन्हें 1984 में बालकवि बैरागी ने पराजित किया था जबकि 2009 में उन्हें मीनाक्षी नटराजन ने शिकस्त दी थी।

पिछले चुनाव (2014) में भाजपा के सुधीर गुप्ता ने मीनाक्षी नटराजन को पराजित किया था। सुधीर गुप्ता छह लाख 98 हजार 335 मत प्राप्त कर तीन लाख 94 हजार 686 से जीत हासिल की थी जो इस सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

मदसौर संसदीय क्षेत्र की सीमा राजस्थान के झालावाड़, कोटा, चितोड़ एवं मध्यप्रदेश के रतलाम, उज्जैन की सीमाओं से लगती है। यहां अफीम की खेती बहुतायत में होने से अफीम न सिर्फ कृषि बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। अफीम की खेती केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन लाइसेंस के आधार पर होने से अफीम निर्धारण राजनीति का महत्वपूर्ण मुद्दा बनता है। यही कारण है कि पिछले वर्षों में अफीम नीति निर्धारण और इसके संशोधन राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का विषय रहे हैं। इसके अलावा रेल सुविधायें , विकास और उद्योगों की कमी से रोजगार का अभाव और बढ़ते अपराध यहां के प्रमुख राजनीतिक मुद्दे हैं।

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भोपाल संसदीय सीट का इतिहास देखें तो कठिन डगर पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पार्टी का परचम लहरा सकते हैं वरना भाजपा का परचम तो लहरा ही रहा है attacknews.in

भोपाल, 23 मार्च । ओर आखिरकार  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे, इनके चुनाव लड़ने के संकेत मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुत पहले ही दे दिए थे और आज उन्होंने ही घोषणा भी कर दी ।

मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज यहां पत्रकारों को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बारे में कल फैसला किया है।

श्री सिंह वर्ष 1993 से 2003 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाल चुके हैं। इसके पहले वे राजगढ़ संसदीय सीट से सांसद रहे हैं।

भोपाल संसदीय सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है। वर्तमान में यहां से भाजपा के आलोक संजर सांसद हैं। पिछले करीब ढाई दशक से यहां भाजपा का ही प्रतिनिधित्व रहा है। भाजपा ने यहां से अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

ऐसा है भोपाल संसदीय सीट का इतिहास:

तीन दशक से जीत के लिए तरस रही कांग्रेस इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मजबूत गढ़ों में से एक भोपाल संसदीय क्षेत्र में सेंध लगाने की पूरी कोशिश में है और इसके लिए मजबूत प्रत्याशी के रुप में कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के नाम की घोषणा कर दी है।

राज्य के सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल संसदीय क्षेत्र भोपाल पर रियासतकाल में एक समय बेगमों का एकछत्र राज रहा है। मध्यप्रदेश निर्माण के बाद से अब तक दो महिलाओं मैमूना सुलतान और उमा भारती को लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। इस सीट से डॉ शंकरदयाल शर्मा भी दो बार विजयी रहे, जिन्होंने बाद में राष्ट्रपति पद को भी सुशोभित किया।

झीलों की नगरी के रूप में प्रसिद्ध भोपाल संसदीय क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के आलोक संजर सांसद हैं, जिन्होंने वर्ष 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस के पी सी शर्मा को लगभग साढ़े तीन लाख मतों से पराजित किया था। ‘लो प्रोफाइल’ में रहकर कार्य करने वाले श्री संजर को वर्ष 2014 में टिकट को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की लड़ाई के चलते उन्हें उम्मीदवार बनाया गया और वह आसानी से इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी होने के नाते विजयी रहे। वहीं कांग्रेस नेता श्री शर्मा तीन माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से विधायक चुने गये और वह कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क मंत्री हैं।

राज्य में पंद्रह वर्षों बाद श्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ है, इस नाते मुख्यमंत्री की कोशिश है कि भोपाल समेत भाजपा के प्रमुख गढ़ों में कांग्रेस फिर से अपना परचम लहराने में कामयाब हो सके। इसी कोशिश के चलते कांग्रेस का प्रदेश संगठन पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इस सीट से लड़ाने का प्रयास कर रहा था जिसमें वह सफल हुए । एेसी चर्चा थी कि श्री सिंह स्वयं अपने परंपरागत राजगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे ।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गत शनिवार को छिंदवाड़ा में मीडिया से कहा था कि श्री सिंह से राज्य की उन दो तीन सीटों से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है, जहां से कांग्रेस तीस पैंतीस सालों से विजय नहीं हुयी है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बार राज्य में कांग्रेस 29 में से कम से कम 20 सीटों पर चुनाव जीतने की रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय के शिल्पकार रहे श्री कमलनाथ स्वयं इस रणनीति पर बारीकी से नजर रखकर कार्य कर रहे हैं।

कांग्रेस जहां एक आेर भाजपा के अभेद माने जा रहे गढ़ भोपाल में सेंध लगाने को आतुर है, वहीं भाजपा को उम्मीद है कि उनकी पार्टी का प्रत्याशी यहां से लगातार नवीं बार जीत हासिल कर इस गढ़ को सुरक्षित रखेगा। पिछले तीन दशकों के चुनाव नतीजों के चलते माना जाता है कि भोपाल से भाजपा किसी भी नेता को प्रत्याशी बना दे, उसकी जीत सुनिश्चित है। तीस सालों में कांग्रेस ने तरह तरह की रणनीति अपनायी लेकिन वह भाजपा को डिगा नहीं पायी लेकिन अब दिग्विजय सिंह के नाम की घोषणा से मुकाबला बडा ही रोचक होने वाला है ।

संसदीय आकड़ों पर नजर डाले तो 1957 में यहां से कांग्रेस की मैमूना सुल्तान सांसद चुनी गईं। उन्हें 1962 में भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रुप में जीत मिली। इसके बाद 1967 में यहां से भारतीय जनसंघ के जे आर जोशी जीते लेकिन 1971 में शंकरदयाल शर्मा ने यह सीट फिर कांग्रेस की झोली में डाल दी। कांग्रेस विरोधी लहर के चलते 1977 में जनता दल के आरिफ बेग यहां से जीते तो 1980 में शंकरदयाल शर्मा दोबार लोकसभा पहुंचे। वर्ष 1984 में कांग्रेस के के एन प्रधान सांसद बने।

इस सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1989 से 1999 तक चार बार यहां से भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा सांसद रहे। साल 1999 में यहां से भाजपा की उमा भारती सांसद चुनी गईं। वर्ष 2004 में भाजपा ने यहां से कैलाश जोशी पर दांव खेला, जो 2014 तक भोपाल सांसद रहे। वर्ष 2014 के आम चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर आलोक संजर सांसद चुने गए।

भोपाल संसदीय क्षेत्र में भोपाल की सातों विधानसभा सीटों के अलावा सीहोर विधानसभा भी शामिल है। इनमें से पांच पर भाजपा का और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। भोपाल में छठवें चरण में 12 मई को मतदान होगा।

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IPL की शुरुआत: 20-20 क्रिकेट मुकाबले भारत के 21 राज्यों के 36 शहरों में होंगे, पहला मैच महेन्द्र सिंह धोनी विरूद्ध विराट कोहली के बीच होगा attacknews.in

मुंबई, 22 मार्च । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने लोकप्रिय इंडियन प्रीमियर लीग को देश के कोने कोने तक पहुंचाने की कवायद में इस साल आईपीएल फैन पार्क को 21 राज्यों के 36 शहरों में पहुंचा दिया है।

आईपीएल की शुरूआत 23 मार्च को गत चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के बीच मुकाबले से होगी। इस सत्र में आईपीएल फैन पार्क में नये क्षेत्रों में अपने पैर पसारे हैं और यह 21 राज्यों के 36 शहरों में पहुंच गया है। फैन पार्कों से क्रिकेट प्रशंसकों को आईपीएल के साथ नज़दीकियां बढ़ाने का मौका मिलेगा।

इंडियन प्रीमियर लीग ट्वंटी 20 टूर्नामेंट के 12वें संस्करण की शुरूआत शनिवार को यहां चेपौक स्टेडियम में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली गत चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स और स्टार खिलाड़ी विराट कोहली के नेतृत्व वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के बीच आपसी टक्कर से होगी।

धोनी जहां अपनी टीम चेन्नई को तीन बार वर्ष 2010, 2011 और 2018 में चैंपियन बना चुके हैं और इस बार चौथे खिताब की तलाश में हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तान विराट अपनी इस सफलता को आरसीबी के साथ दोहरा नहीं सके हैं और उनकी टीम 12 वर्षाें में एक बार भी खिताब तक नहीं पहुंच पायी है।

अनुभवी विकेटकीपर धोनी ने आईपीएल के पहले ही सत्र से चेन्नई की कमान संभाली जबकि विराट ने 2012 में बेंगलुरू की कप्तानी का जिम्मा लिया। विराट ने भरोसा जताया है कि वह इस बार मैदान पर टीम को सफल बनाने के लिये पूरा जोर लगायेंगे।

हालांकि इस बार आईपीएल का सत्र खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिये मिलाजुला रहने वाला है। आईपीएल के ठीक बाद 30 मई से इंग्लैंड में होने वाला आईसीसी वनडे विश्वकप इस समय सभी राष्ट्रीय खिलाड़ियों के दिमाग में है और जहां भारतीय टीम के वे खिलाड़ी जिनका एकादश में जगह बनाना लगभग तय है, वे अपने निजी प्रदर्शन के साथ साथ अत्याधिक खेल से बचना चाहेंगे।

ऐसे में सभी स्टार खिलाड़ी आईपीएल के पूरे सत्र में दिखाई देंगे यह कहा नहीं जा सकता तो वहीं कई खिलाड़ी विश्वकप टीम में जगह बनाने के लिये आईपीएल को अपनी ढाल बनाएंगे। ट्वंटी 20 लीग को भले ही राष्ट्रीय टीम में चयन का मापदंड न माना जाए लेकिन चयनकर्ता लीग में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ भी नहीं कर सकते हैं।

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पंजाब नेशनल बैंक का घोटालेबाज भगौड़े नीरव मोदी को जल्द भारत लाया जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ब्रिटेन से शीघ्र प्रत्यर्पण के लिये काम कर रहा है। नीरव मोदी दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाला मामले में प्रमुख आरोपी है।

लंदन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद भारत का यह बयान आया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी में कोई भी देरी नहीं की गई और निश्चित प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी ओर से कोई देरी नहीं की गई। कुछ निश्चित प्रक्रियाएं हैं जो पूरी की जानी थी और उसके बाद ही उसकी गिरफ्तारी हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार नीरव मोदी के शीघ्र प्रत्यर्पण को लेकर प्रतिबद्ध है।’’

ब्रिटिश अधिकारियों ने 19 मार्च को लंदन में नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था।

कुमार ने कहा कि ब्रिटेन की ‘क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस’ ने भारत को 18 मार्च को बताया था कि ‘वेस्ट मिंस्टर मजिस्ट्रेट’ अदालत के वरिष्ठ न्यायाधीश ने नीरव मोदी के खिलाफ वारंट जारी किया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिये अनुरोध किया था जिसपर कार्रवाई करते हुए व्यापारी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था।

ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को नीरव मोदी को 29 मार्च तक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एकबार फिर बालाकोट हवाई हमले के सबूत सामने लाने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई के संदर्भ में ‘और तथ्यों’ के साथ सामने आना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके एक कथित बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया समझ से परे है।

पित्रोदा ने  कहा, ‘‘मैंने सिर्फ यही कहा है कि क्या हमें और तथ्य मिल सकते हैं। मुझे नहीं समझ रहा है कि इतना भ्रम क्यों बना हुआ है। लोकतंत्र में आपको सवाल पूछने का हक है। बहस, चर्चा, संवाद और विमर्श करना अच्छा होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सवाल पूछने से जिस तरह की प्रतिक्रिया हुई है वो नहीं होनी चाहिए थी। यहां तक की प्रधानमंत्री के स्तर से प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए थी। मेरी समझ से परे है।’’

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर पित्रोदा द्वारा कथित तौर पर सवाल किए जाने के बाद निशाना साधते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है।

खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने कहा था कि क्या हमने सच में हमला किया था? क्या सच में 300 आतंकी मारे गए थे?

बाद में पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक नागरिक की हैसियत से सवाल किया था।

उन्होंने कहा, ‘मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ। मैं पार्टी की तरफ से नहीं, सिर्फ एक नागरिक के रूप में बोल रहा हूं। मुझे यह जानने का अधिकार है और इसमें क्या गलत है

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जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी द्वारा अवैध रुप से विदेशी मुद्रा रखने पर भारी जुर्माना attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। गिलानी के खिलाफ यह जुर्माना विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन करने पर लगाया गया है। यह अवैध रूप से 10,000 अमेरिकी डॉलर रखे जाने का एक 17 साल पुराना मामला है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि निदेशालय ने 10,000 अमेरिकी डॉलर कुर्क किए जाने का आदेश भी दिया है। यह राशि भारतीय मुद्रा में 6.90 लाख रुपये के बराबर है। निदेशालय ने यह आदेश 20 मार्च को जारी किया।

यह विदेशी मुद्रा 89 वर्षीय गिलानी के श्रीनगर स्थित आवास पर 2002 में आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापे में जब्त की गई थी।

गिलानी के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दर्ज की गयी शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने यह जांच शुरू की थी। निदेशालय फेमा के तहत इसकी जांच कर रहा है। निदेशालय के विशेष निदेशक स्तर के अधिकारी ने यह आदेश जारी किया।

अधिकारियों ने कहा कि जांच और न्यायिक कार्रवाई पूरी होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा के तहत यह आदेश जारी किया।

गिलानी के वकील ने एक लिखित जवाब में उनके आवास से किसी भी तरह की जब्ती होने से इनकार किया।

ऐसी ही जांच एक और अलगावादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ भी चल रही है।

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बिहार में विपक्षी महागठबंधन के बीच सीटों का फार्मूला बंटवारा हुआ, शरद यादव अपने साथियों सहित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से लडेंगे attacknews.in

पटना, 22 मार्च । बिहार में विपक्षी महागठबंधन ने शुक्रवार को राज्य की 40 लोकसभा सीटों के लिए आपसी सीट बंटवारे के फार्मूले की घोषणा जिसके अनुसार 20 सीटों पर लालू प्रसाद की पार्टी राजद, कांग्रेस 9 सीटों पर, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा पांच सीटों पर, जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा :हम: सेक्युलर और मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी तीन—तीन सीटों पर अपने—अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारेंगे।

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और रालोसपा, हम सेक्युलर, वीआईपी और शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने यह स्पष्ट किया है वे और उनके साथी राजद के प्रतीक पर चुनाव लड़ेंगे और लोकसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी का विलय हमारे दल में करेंगे ।

राजद कोटा से एक सीट भाकपा माले को दी गयी है ।

मनोज ने बताया कि कांग्रेस को नौ सीट दिए जाने के साथ राज्यसभा के लिए बिहार की पहली सीट इस दल के किसी नेता को दी जाएगी ।

महागठबंधन द्वारा सीट की घोषणा के समय घटक दलों के शीर्ष नेताओं… राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, लोकतांत्रिक जनता दल शरद यादव, हम सेक्युलर के जीतन राम मांझी तथा वीआईपी के मुकेश साहनी की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर मनोज ने स्पष्ट किया कि पटना के दस, सकुर्लर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ पिछले कई घंटों से लगातार एक बैठक हुई जिसमें शरद यादव, मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, मदन मोहन झा और मुकेश साहनी उपस्थित थे ।

उन्होंने कहा कि इस बैठक में तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद यह तय किया गया कि आज सीमित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी जाए और हम बहुत जल्द ही एक वृहद संवाददाता सम्मेलन करेंगे ।

इस अवसर पर मनोज ने लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के लिए महागठबंधन के उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा की। इसके तहत गया संसदीय क्षेत्र से हम सेक्युलर के जीतन राम मांझी, नवादा से राजद की विभा देवी, जमुई से रालोसपा के भुदेव चौधरी और औरंगाबाद से हम सेक्युलर के उपेंद्र प्रसाद महागठबंधन के उम्मीदवार बनाए गए हैं । पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 25 मार्च को समाप्त होगी और 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।

मनोज ने बताया कि नवादा और डेहरी विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव के वास्ते नवादा से हम सेक्युलर के धीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ मुन्ना और डेहरी से राजद के मोहम्मद फिरोज हुसैन महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे ।

औरंगाबाद के पूर्व कांग्रेस सांसद निखिल कुमार को वहां से टिकट नहीं दिए जाने से नाराज उनके समर्थकों ने हम सेक्युलर के हाथों टिकट बेचे जाने का आरोप लगाते हुए धरना और प्रदर्शन किया ।

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मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाने के लिए फ्रांस ने यूरोपीय संघ से संपर्क किया, जर्मनी भी अभियान में शामिल attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करवाने के लिये फ्रांस ने यूरोपीय संघ (ईयू) से संपर्क किया है और उम्मीद है कि 28 सदस्यों वाला यह समूह सर्व सम्मति के सिद्धांत के आधार पर इस मुद्दे पर फैसला करेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “फ्रांस ने यूरोपीय संघ के साथ यह मुद्दा उठाया है। हम समझते है कि एक बार आतंकवादी घोषित किये जाने की उनकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तब यूरोपीय संघ इस पर फैसला लेगा।”

उन्होंने कहा, “इस पर सर्वसम्मति से फैसला होना है।” ईयू सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है।

यूरोपीय संघ के सदस्य फ्रांस की यह पहल संयुक्त राष्ट्र में अजहर को प्रतिबंधित किये जाने के प्रयास को चीन द्वारा बाधित किये जाने के कुछ दिनों बाद आई है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल किये जाने के प्रस्ताव का 15 सदस्यो में से 14 ने समर्थन किया था लेकिन चीन एक मात्र देश था जो इसके पक्ष में नहीं था।

कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक जर्मनी भी यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देशों के संपर्क में है जिससे अजहर को समूह द्वारा आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध कराया जा सके।

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बी एस येदियुरप्पा द्वारा भाजपा नेताओं को 1800 करोड़ रुपये रिश्वत देने के कागजात फर्जी, अमित शाह ने विपक्ष के झूठ बोलने का अभियान बताया attacknews.in

बेंगलुरू/ नईदिल्ली , 22 मार्च । कर्नाटक भाजपा के प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को इस आरोप को ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’बताया कि उन्होंने पार्टी के शीर्ष अधिकारियों को रिश्वत के रूप में 1,800 करोड़ रुपये दिए थे। इससे पूर्व कांग्रेस ने इस मुद्दे की लोकपाल से जांच कराए जाने की मांग की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने एक बयान में दावा किया कि आयकर विभाग इस आरोप की पहले ही जांच कर चुका है और यह पाया गया कि दस्तावेज ‘‘फर्जी’’ हैं। उन्होंने कहा कि यह अब एक ‘‘बंद अध्याय’’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों में अपनी ‘‘हार’’ को देखकर ‘‘निराश’’ है और इसलिए वह यह मुद्दा उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा आज उठाए गए मुद्दे सहित उठाए जा रहे सभी मुद्दों की पहले ही जांच की जा चुकी है और यह पाया गया था कि दस्तावेज फर्जी हैं।

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने पाया कि दस्तावेज, हस्ताक्षर और हस्तलिखित नोट फर्जी थे।

येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने आने वाले चुनावों में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए मीडिया में यह कहानी गढ़ी है।

इससे पहले कांग्रेस ने एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए येदियुरप्पा ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी जिसकी जांच लोकपाल से होनी चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल जवाब देना चाहिए।

नयी दिल्ली से खबर है कि, भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा उसके नेता बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ लगाए गए आरोप को “झूठ” करार दिया और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जोर देकर कहा कि विपक्षी दल का अभियान खस्ताहाल है और वह हताशा में “जालसाजी” पर भरोसा कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि येदियुरप्पा पर हमला करने के लिये उनकी पार्टी “कुछ पन्नों” का हवाला दे रही है जो “उतने ही विश्वसनीय हैं जितनी राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता।”

इससे पहले कांग्रेस ने मीडिया में आई उन खबरों पर लोकपाल से जांच कराने की मांग की है जिनमें आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा के प्रमुख नेताओं को 1,800 करोड़ रुपये दिये गए।

शाह ने पलटवार करते हुए कहा, “सभी फर्जी मुद्दों के ढहने के बाद हताश कांग्रेस अब जालसाजी पर भरोसा कर रही है। कांग्रेस का अभियान खस्ताहाल है। अब जालसाजी भी उन्हें नहीं बचा सकती। कांग्रेस के एक मंत्री द्वारा दिये गए कुछ पन्ने उतने ही विश्वसनीय और भरोसेमंद हैं जितना राहुल गांधी का नेतृत्व कौशल।”

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विपक्षी दल हताश है क्योंकि उसके कई प्रमुख नेता जमानत पर हैं और उसने उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठ का जाल बुनने बनाने का सहारा लिया है।

प्रसाद ने कहा, “सुबह से हम बेसब्री से राहुल गांधी के संवाददाता सम्मेलन का इंतजार कर रहे थे। और अगर यह इतना बड़ा खुलासा था,तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मीडिया को संबोधित क्यों नहीं किया? हताश कांग्रेस ने अपना संतुलन खो दिया है, जिसके कई नेता जमानत पर हैं और अब वह झूठ, गलत बयानी और झूठ का जाल बुनने का सहारा ले रही है।”

कांग्रेस को इन चुनावों में हार नजर आने का दावा करते हुए प्रसाद ने कहा कि पार्टी और उसके नेता वैचारिक रूप से दिवालिया हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से हताश हैं और जंग शुरू होने से पहले ही हार चुके हैं

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आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ( जेकेएलएफ) प्रतिबंधित attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च ।  केंद्र ने यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को शुक्रवार को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसके प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं।

यह जम्मू-कश्मीर में दूसरा संगठन है जिसे इस महीने प्रतिबंधित किया गया है। इससे पहले, केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सूत्रों ने बताया कि जेकेएलएफ पर प्रतिबंध जम्मू.कश्मीर में कथित तौर पर अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने पर लगाया गया

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बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने पर नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को आतंकवाद के समर्थकों की शरणस्थली बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्षी दलों पर शुक्रवार को आक्रामक रूख अपनाते हुए विपक्ष को ‘‘आतंकवाद के समर्थकों की शरणस्थली’’ बताया और उस पर सशस्त्र सेनाओं का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया।

भाजपा के अन्य नेताओं ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्ष के रूख की आलोचना की है।

‘जनता माफ नहीं करेगी’ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए मोदी ने ट्वीट में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की यह कहने के लिए आलोचना की कि मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भारत हवाई हमले से जवाब दे सकता था लेकिन ‘‘मेरे हिसाब से दुनिया से ऐसे नहीं निपटा जाता।’’

मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के शाही वंश के वफादार दरबारी ने माना था जो दुनिया पहले से ही जानती है कि कांग्रेस आतंकवाद की ताकतों को जवाब नहीं देना चाहती थी। यह नया भारत है—हम आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने बार-बार हमारी सेनाओं का अपमान किया है। मैं अपने साथी भारतीयों से अपील करता हूं कि विपक्षी नेताओं पर उनके बयानों को लेकर सवाल उठाएं। उन्हें बताएं कि 130 करोड़ भारतीय विपक्ष को उनकी हरकतों के लिए माफ नहीं करेंगे या भूलेंगे नहीं। भारत हमारी सेनाओं के साथ दृढ़ता से खड़ा है।’’

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी टि्वटर पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है जबकि हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है।’’

शाह ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष और भाजपा के बीच अंतर साफ है। वे हमारी सेना पर संदेह करते हैं, हमें अपनी सेना पर गर्व है। उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है, हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में अपनी वोट की ताकत के जरिए कांग्रेस की संस्कृति पर सर्जिकल स्ट्राइक करें ।’’

खबरों के अनुसार, पित्रोदा ने यह भी कहा है कि वह बालाकोट हवाई हमले और उसमें मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में ‘‘और जानना’’ चाहते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ मंत्री और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पित्रोदा की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयान पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर हिट होंगे।

वित्त मंत्री ने भाजपा के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वह मानते हैं कि हमने जो किया (बालाकोट हवाई हमला) वह गलत था। किसी भी दूसरे देश ने नहीं कहा कि यह गलत था। यहां तक कि इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी ऐसी बात नहीं कही। यह केवल पाकिस्तान की राय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग किसी राजनीतिक पार्टी के लिए रोल मॉडल होते है।’’

इससे पहले एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव की आलोचना की। यादव ने आरोप लगाया कि वोट हासिल करने के लिए पुलवामा हमला एक ‘‘षडयंत्र’’ था।

उन्होंने सैफई में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में आरोप लगाया, “यह साजिश थी। जब सरकार बदलेगी और उसकी जांच होगी तो आप देखना कि बड़े-बड़े लोग इसमें फंसेंगे। हमारे नौजवानों का अंत करवा दिया, वोट पाने के लिए।”

प्रधानमंत्री ने इस बयान को निंदनीय बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष आतंकवाद के समर्थकों और हमारी सशस्त्र सेनाओं पर सवाल उठाने वालों की शरणस्थली रहा है। राम गोपाल जी जैसे किसी वरिष्ठ नेता का यह निंदनीय बयान उन सभी का अपमान करता है जिन्होंने कश्मीर की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी। यह हमारे शहीदों के परिवारों का अपमान करता है।’’

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में यादव और पित्रोदा के बयानों को भी टैग किया।

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों की कुर्बानी पर कभी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह खुद को भारतीय सेना की तरह दिखाना बंद करे।

उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी लोकतंत्र में यह नेताओं का ‘‘मौलिक अधिकार’’ है कि वे सवाल पूछें।

अरुण जेटली ने कहा: सैम पित्रोदा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण-

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर भारतीय वायु सेना की कार्रवाई के बारे में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए शुक्रवार काे कहा कि जो लोग देश की सुरक्षा और लोगों के जज्बात नहीं समझते वही इस प्रकार के बयान देते हैं ।

वित्त मंत्री श्री जेटली ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं के एक सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा ‘ जिसका गुरु ऐसा है उसका शिष्य कैसा होगा । ’ उन्होंने कहा कि देश तीन दशक से आतंकवाद का मुकाबला कर रहा और मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर नीति बदली है । पहले हम पाकिस्तान की सीमा से आने वाले आतंकवादियों को रोकते थे फिर भी साल में एक दो घटनायें हो जाती थी । अब जहां आतंकवादी है वहीं हम जाते हैं ।

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ पहले सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा की घटना के बाद एयर स्ट्राइक बेहद सफल रहे और इसमें शामिल सभी सुरक्षाकर्मी सुरक्षित रहे । इन दोनों अभियानों मेंं जरुरत के हिसाब से केवल आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया । इसका पूरी दुनिया ने सर्मथन किया यहां तक कि मुस्लिम देशों के संगठन ने भी इसका विरोध नहीं किया ।

श्री जेटली ने कहा “ मैच फ्रंट फुट पर रह कर जीता जाता है बैक पुट पर नहीं । कांग्रेस के किसी नेता ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है बल्कि बार बार इस प्रकार के बयान आ रहे हैं । ’

उल्लेखनीय है कि श्री पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गये आतंकवादियों की संख्या को लेकर प्रमाण देने तथा कुछ अन्य सवाल उठाये हैं ।

कांग्रेस ने कहा : नरेंद्र मोदी जवानों की बात नहीं करें-

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के एक बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि मोदी को जवानों के पराक्रम एवं बलिदान के पीछे छिपने के बजाय रोजगार संकट और अर्थव्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।

पार्टी ने बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई से जुड़ी पित्रोदा की टिप्पणी को उनकी निजी राय भी करार दिया।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘पुलवामा आतंकी हमला मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर विफलता थी। बालाकोट में कार्रवाई हमारी वायुसेना के वीरता और शौर्य का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। ‘

उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद एवं लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन तथा पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगे।

सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई यह है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री कार्बेट पार्क में फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘ मोदी जी और भाजपा को किसी निजी राय का इस्तेमाल जहर फैलाने के लिए नहीं करना चाहिए।’

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोदी को जवानों के पराक्रम एवं बलिदान के पीछे छिपने के बजाय रोजगार संकट, कृषि संकट, जीएसटी की त्रासदी और अर्थव्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर पित्रोदा द्वारा कथित तौर पर सवाल किए जाने के बाद निशाना साधते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है।

खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने कहा था कि क्या हमने सच में हमला किया था? क्या सच में 300 आतंकी मारे गए थे?

विवाद खड़ा होने के बाद पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक नागरिक की हैसियत से सवाल किया था।

उन्होंने कहा, ‘मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ। मैं पार्टी की तरफ से नहीं, सिर्फ एक नागरिक के रूप में बोल रहा हूं। मुझे यह जानने का अधिकार है और इसमें क्या गलत है?

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने भाजपा नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी; राहुल गांधी ने सारे चौकीदारों को चोर बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘येदियुरप्पा डायरी’ के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि ‘भाजपा में सारे चौकीदार चोर हैं।’

श्री गांधी ने ट्वीट किया, “भाजपा के सारे चौकीदार चाेर हैं। नमो, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह।—— ” श्री गांधी ने इसके साथ एक खबर भी पोस्ट की है।

गाैरतलब है कि मीडिया में एक डायरी से संबंधित खबरें आयी हैं, उस डायरी को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की बताया जा रहा है। डायरी में भाजपा के तत्कालीन शीर्ष नेताओं के साथ लेन-देन का ब्याैरा है।

कांग्रेस ने ‘डायरी’ की जांच लोकपाल से कराने की चुनौती दी भाजपा को

कांग्रेस ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन नेतृत्व को 1800 करोड़ रुपए चुकाने का उल्लेख करने वाली कथित ‘येदियुरप्पा डायरी’ की जांच नवनियुक्त लोकपाल से कराने की चुनौती दी।

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक विशेष ब्रीफिंग में कहा कि मीडिया में एक डायरी सामने आयी है जो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की बतायी गयी है। इस डायरी के प्रत्येक पृष्ठ पर श्री येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं। डायरी के अनुसार वर्ष 2007 से 2011 के बीच श्री येदियुरप्पा ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ की ‘रिश्वत’ दी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस लेन-देन का जिक्र श्री येदियुरप्पा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की बातचीत के सार्वजनिक हुए टेप में भी था।

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उतराखण्ड की नैनीताल- ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट को कांग्रेस से हथियाने के लिए भाजपा को करना पड़ेगी कडी मशक्कत attacknews.in

नैनीताल 22 मार्च । उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से सबसे हाॅट मानी जा रही नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का वर्चस्व रहा है लेकिन इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए उसे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी मशक्कत करनी होगी।

पहाड़ और मैदान के बीच बटी इस सीट पर कई मुद्दे ऐसे हैं जो चुनाव में जीत का आधार तय करेंगे। इन मुद्दों में पलायन और ढांचागत सुविधाओं का विकास अहम है। यह सीट 1957 में अस्तित्व में आ गयी थी। तब इसमें बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र भी शामिल था। पुनर्गठन के बाद इसमें कई क्षेत्रों का समावेश हुआ। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत इस समय 15 विधानसभायें सम्मिलित हैं। प्रदेश की राजनीति की दिशा एवं दशा तय करने में इस लोकसभा सीट की अहम भूमिका रही है। इस सीट में नैनीताल जनपद की छह तथा उधमसिंह नगर जनपद की नौ विधानसभा सीटें शामिल हैं। नैनीताल जनपद की नैनीताल, भीमताल, हल्द्वानी, कालाढूंगी, लालकुआं तथा उधमसिंह नगर की बाजपुर, जसपुर, खटीमा, नानकमत्ता, सितारगंज, गदरपुर, काशीपुर, किच्छा और रूद्रपुर विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से अधिकतर पर भाजपा का कब्जा है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि मानी जानी वाली इस सीट पर अधिकांश समय कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के भगत सिंह कोश्यारी ने सभी पुराने समीकरणों को बदलकर रख दिया है। उन्होंने कांग्रेस के के. सी. सिंह बाबा को 284717 मतों से पराजित किया था। अब तक हुये लोकसभा चुनावों में कांग्रेस इस सीट पर ग्यारह बार अपना परचम लहरा चुकी है जबकि भाजपा तीन बार, जनतादल , कांग्रेस (तिवारी)आैर वीएलडी एक-एक बार जीती है। कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी, के.सी. पंत, सत्येन्द्र चंद गुड़िया जैसे नेता इस सीट पर जीत का परचम लहरा चुके हैं। भाजपा ने 1991, 1998 और 1914 के आम चुनावों में ही इस सीट पर कब्जा किया है। भाजपा के बलराज पासी, इला पंत और भगत सिंह कोश्यारी पार्टी को जीत दिला सके हैं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से कांग्रेस 2004 और 2009 के आम चुनावों में तथा भाजपा 2014 में एक बार इस सीट पर आधिपत्य कायम करने में सफल रही है। इन तीन लोकसभा चुनावों में वोट प्रतिशत के लिहाज से देखें तो दोनों पार्टियों का वोट प्रतिशत घटता बढ़ता रहा है। वर्ष 2004 में कांग्रेस पार्टी को लगभग 44 प्रतिशत वोट तथा भाजपा को 36 प्रतिशत मत मिले। अन्य पार्टियां इन दोनों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरीं। इसके बाद 2009 दोनों पार्टियों के मत प्रतिशत में गिरावट हुई। कांग्रेस को 42.68 प्रतिशत तथा भाजपा को 30.94 प्रतिशत मत मिले। वर्ष 2014 की मोदी लहर में भाजपा ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया और उसे 57 प्रतिशत मत मिले जबकि कांग्रेस को मात्र 31 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा।

इस लोकसभा सीट पर पहाड़ी मतदाताओं का वर्चस्व माना जाता है। दूसरे नम्बर पर पंजाबी मतदाता जबकि तीसरे नम्बर पर मुस्लिम मतदाता माने जाते हैं। इनके अलावा बंगाली एवं पूर्वांचल के मतदाता भी इस लोकसभा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

इस बार 1788737 मतदाता अपने सांसद के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 937354 पुरुष और 841420 महिला महिला हैं। इस लोकसभा चुनाव में भी ढांचागत सुविधाओं का विकास अहम मुद्दा होगा। इसके अलावा पहाड़ों से पलायन रोकना, पहाड़ी किसानों की खेती को जंगली जानवरों से बचाना, बेरोजगारी एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराना प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इस लोकसभा सीट पर 63.1 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या है जबकि 36.8 प्रतिशत जनसंख्या शहरी है। इससे साफ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की अलख जगाने का विश्वास दिलाना राजनैतिक दलों के लिये प्रमुख चुनौती होगी।

पिछले कुछ सालों में पहाड़ों से लगातार पलायन हुआ है। सरकार भी मानती है कि पलायन प्रदेश की प्रमुख समस्याओं में से एक है। सरकार ने पलायन आयोग भी बनाया। पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली जानवरों के आतंक ने पलायन को बढ़ाने में कोढ़ में खाज जैसा काम किया है।

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बसपा ने उतर प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की attacknews.in

लखनऊ, 22 मार्च । सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गुरुवार को अपने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिसमें हाल में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) छोड़कर पार्टी में शामिल हुए दानिश अली को अमरोहा से उम्मीदवार बनाया गया है।

बसपा और समाजवादी पार्टी (सपा) उत्तर प्रदेश में लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से बसपा 38 और सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि तीन सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी गयी हैं।

अमेठी और रायबरेली सीट से सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगा। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

बसपा महासचिव मेवालाल गौतम ने सूची जारी करते हुए बताया कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश से 11 उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं।

उन्होंने बताया कि कुंवर दानिश अली को अमरोहा से उम्मीदवार बनाया गया है। सहारनपुर से हाजी फजर्लुरहमान और गौतमबुद्ध नगर से सतबीर नागर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।

पार्टी उम्मीदवारों के नाम और संसदीय क्षेत्र इस प्रकार हैं…

संसदीय क्षेत्र उम्मीदवार

..1.. सहारनपुर…………….हाजी फजर्लुरहमान
..2.. बिजनौर………………..मलूक नागर
..3…नगीना(सुरक्षित)…………..गिरीश चंद्र
..4…अमरोहा……………..कुंवर दानिश अली
…5…मेरठ……………हाजी मोहम्मद याकूब
…6…गौतमबुद्ध नगर………….सतबीर नागर
..7… बुलंदशहर (सुरक्षित)………..योगेश वर्मा
..8.. अलीगढ़ …………….अजीत बालियान
..9….आगरा (सुरक्षित)………मनोज कुमार सोनी
..10….फतेहपुर सीकरी………….राजवीर सिंह
…11.. आंवला……………श्रीमती रुचि वीरा

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राहुल गांधी की अमेठी सीट से सपा- बसपा के नहीं होने के बाद भाजपा की स्मृति ईरानी के बीच होगी कांटे की टक्कर attacknews.in

अमेठी, 22 मार्च । उत्तर प्रदेश की अमेठी संसदीय सीट पर इस बार भी कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दोबारा स्मृति ईरानी को उतारा है।
सुश्री ईरानी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री गांधी को जोरदार टक्कर दी थी और कांग्रेस अध्यक्ष करीब एक लाख मतों से ही जीत सके थे।

शुक्रवार को अमेठी से प्रत्याशी बनाये जाने की पार्टी की घोषणा के बाद सुश्री ईरानी ने कहा कि “राहुल गांधी के लिये दीवार पर नतीजा लिखा हुआ है।”

उन्होंने अमेठी में “कामदार” बनाम “नामदार” के बीच चुनावी मुकाबला होने की बात कही। स्मृति ईरानी ने दावा किया कि अमेठी के लोगों की दिक्कतों को सुनने और उन्हें दूर करने के लिये श्री गांधी को कभी समय नहीं मिला जबकि उन्होंने पिछले पांच साल में वहां के लोगों के साथ ज्यादातर वक्त गुजारा है।

भाजपा प्रत्याशी ने यह कहते हुये राहुल पर निशाना साधा कि जिन गरीबों ने अपने मत देकर श्री गांधी को सांसद बनाया, उन्हें ही कांग्रेस अध्यक्ष ने छला है।

दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर आरोप लगाया है कि अमेठी में जो बड़े उद्योग लगने थे, उन्हें हटाकर दूसरी जगह ले जाया गया है।

समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन ने अमेठी सीट पर प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है। ऐसे में इस बार राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। सुश्री ईरानी ने इस पर चुटकी लेते हुये कहा है कि सपा और बसपा का अमेठी से प्रत्याशी न उतारना साबित करता है कि चुनाव में कांग्रेस की हालत क्या होने वाली है।

गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लगातार कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा अमेठी और आजमगढ़ सीटें जीतेगी। 2014 में अमेठी में कांग्रेस और आजमगढ़ में सपा के मुलायम सिंह यादव जीते थे।

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