पाकिस्तान में एक और हिंदू लड़की का अपहरण कर जबरन मुस्लिम बनाया गया, होली पर अपहृत की गई 2 हिंदू लड़कियों का अब तक अता- पता नहीं attacknews.in

इस्लामाबाद 26 मार्च ।पाक में सिंध प्रांत की दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन पर बवाल मचने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और यहां एक और हिंदू लड़की के अपहरण की खबर आई है।

बताया जा रहा है कि इस अन्य हिंदू लड़की सोनिया भील का भी अपहरण करने के बाद धर्मपरिवर्तन कराया गया है।

वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार बिलाल फारुकी ने ट्वीट कर इस नए अपहरण और धर्म परिवर्तन की जानकारी दी।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक और हिंदू लड़की सोनिया भील का सिंध में अपहरण कर लिया गया।ये तब हुआ है जब हाल ही में दो हिंदू लड़कियों रीना और रवीना के अपहरण व धर्म परिवर्तन की खबरें सुर्खियों में हैं। यह सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में क्यों असफल साबित हो रही है?’

बिलाल फारुकी के इस ट्वीट के बाद द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने इस खबर को प्रमुखता से वेबसाइट पर स्थान दिया।

उधर, पाकिस्तानी अखबारों ने भी हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की खबरों को प्रमुखता दी है।

डॉन ने प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन को लेकर जांच के आदेश को प्रमुखता दी है जबकि द नेशन अखबार ने इस पूरे विवाद को शीर्ष खबर बनाया है। हालांकि उर्दू अखबारों में इस खबर को प्रमुखता नहीं मिली।

कोर्ट ने हिंदू लड़कियों को जल्द ढूँढने का दिया आदेश:

पाकिस्तान में होली के मौके पर अगवा की गई दो हिंदू लड़कियों का मामला अब और गरमा गया है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार सुबह प्रशासन को आदेश दिया है कि लापता दोनों हिंदू लड़कियों को जल्द से जल्द ढूंढा जाए।कोर्ट का कहना है कि दोनों लड़कियों को सरकारी कस्टडी में रखा जाए।

बता दें कि बीते दिनों ही इस मामले के सामने आने के बाद भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के मंत्री से बात की थी।

इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया।

बता दें कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में होली के मौके पर दो हिंदू लड़कियों को किडनैप कर लिया गया था। अपहरण की घटना के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दिख रहा है कि एक मौलवी कथित तौर पर इन दो लड़कियों का निकाह करवा रहा है।

Mr.Minister @fawadchaudhry – I only asked for a report from Indian High Commissioner in Islamabad about the kidnapping and forced conversion of two minor Hindu girls to Islam. This was enough to make you jittery. This only shows your guilty conscience. @IndiainPakistan

— Chowkidar Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 24, 2019

वीडियो वायरल होने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायोग से रिपोर्ट तलब की थी। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के मंत्री को भी ट्विटर पर लताड़ लगाई थी।पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को टैग करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान का आतंरिक मामला है न कि नरेंद्र मोदी के भारत का। इसके जवाब में सुषमा ने कहा कि आपकी घबराहट दिखाती है कि आप अपराध बोध से ग्रसित हैं।

भारत की कड़ी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में इस मामले में एक्शन शुरू हो गया है. स्थानीय रिपोर्ट्स की मानें तो अभी तक इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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छठें लोकसभा चुनाव 1977 में आपातकाल की विध्वंसकता ने कांग्रेस के 3 दशक के शासन का सूपड़ा साफ किया और कई नये चेहरों को स्थापित किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मार्च । वर्ष 1977 में हुये छठे लोकसभा चुनाव के पहले लगाये गये आपातकाल की ‘नाराजगी’ से उपजी ‘जनता लहर’ ने न केवल कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया बल्कि तीन दशक से देश पर शासन कर रही पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया।

पच्चीस जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों को समाप्त किये जाने के खिलाफ लोकनायक जय प्रकाश नारायण की अगुआई में उठे तूफान में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी जड़ से उखाड़ दिया और कांग्रेस को आम चुनाव में पहली बार शिकस्त का सामना करना पड़ा।

इस चुनाव में कुछ ऐसे नेताओं का उदय हुआ जिन्होंनें न केवल राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित किया बल्कि सत्ता के शिखर पर भी पहुंचे । इस चुनाव के बाद जनता पार्टी बनी लेकिन उसके नेता तकनीकी रुप से भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव जीते थे।

गांधी नेहरु परिवार की सीट मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश की रायबरेली में कांग्रेस की दिग्गज नेता श्रीमती गांधी को समाजवादी नेता राजनारायण ने पहली बार धूल चटा दी ।

लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़े राजनारायण एक लाख 77 हजार 719 वोट लाने में कामयाब रहे जबकि श्रीमती गांधी 122512 वोट लाकर चुनाव हार गयी। इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा ।

इस चुनाव में सर्वश्री चौधरी चरण सिंह, लालू प्रसाद, चन्द्रशेखर, राम विलास पासवान, मधुलिमिये, जार्ज फर्नाडीस, कर्पूरी ठाकुर, मुरली मनोहर जोशी, राममूर्ति, जनेश्वर मिश्र जैसे नेता चुनाव जीत गये । चौकाने वाली बात यह रही कि भविष्य की राजनीति को पहचानने में दक्ष माने जाने वाले जगजीवन राम और हेमवती नंदन बहुगुणा ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी हुये लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में इलाहाबाद से चुनाव लड़े विश्वनाथ प्रताप सिंह हार गये ।

लोकसभा की 542 सीटों के लिए हुये इस चुनाव में 426 सीट सामान्य श्रेणी की थीं जबकि 78 अनुसूचित जाति और 38 अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित थीं। कुल 32 करोड़ 11 लाख से अधिक मतदाता थे जिनमें से 60.49 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का उपयोग कर 2439 उम्मीदवारों के चुनावी किस्मत का फैसला किया था । राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस, कांग्रेस (ओ), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय लोकदल शामिल थी। राज्य स्तरीय पार्टियों में अन्नाद्रमुक, द्रमुक, फारवर्ड ब्लाक, केरल कांग्रेस, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, मुस्लिम लीग, पीजेंट एंड वर्क्स पार्टी, अकाली दल समेत कुल 12 पार्टियां थी, इसके अलावा 14 निबंधित पार्टियां भी थी ।

कांग्रेस 492 सीट पर चुनाव लड़ी थी जबकि कांग्रेस (ओ) 19, भाकपा 91, माकपा 53 और लोकदल ने 405 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे। इस चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के 1060 और राज्य स्तरीय पार्टियों के 85 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़े थे। अपने बलबूते पर 1234 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

लोकदल को कुल 41.32 प्रतिशत वोट मिले थे और उसके सार्वाधिक 295 उम्मीदवार विजयी हुये थे। कांग्रेस को 34.52 प्रतिशत वोट मिले और उसके 154 उम्मीदवार चुनाव जीते थे । भाकपा का पहले की तुलना में वोट प्रतिशत कम हुआ था और उसके सात प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल हुये थे। माकपा की स्थिति वोट प्रतिशत के हिसाब से पहले से सुदृढ हुयी थी और उसे 4.29 प्रतिशत वोट मिले तथा उसके 22 उम्मीदवार लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे थे। कांग्रेस (ओ) को 1.72 प्रतिशत मत मिला और उसे तीन सीटों पर कामयाबी मिली। राज्य स्तरीय पार्टियों को 8.80 प्रतिशत वोट मिले और वे 49 स्थानों पर निर्वाचित हुये जबकि निर्दलीय ने 5.50 प्रतिशत वोट लाकर नौ सीटों पर कब्जा कर लिया था।

सत्ता की चाबी संभालने वाली लोकदल को उतर प्रदेश में 85, बिहार में 52, गुजरात में 16, हरियाणा में दस, आन्ध्र प्रदेश में एक, असम में तीन, हिमाचल प्रदेश में चार, कर्नाटक में दो, मध्य प्रदेश में 37, महाराष्ट्र में 19 ओडिशा में 15, पंजाब में तीन, राजस्थान में 24, पश्चिम बंगाल में 15, दिल्ली में सात, चंडीगढ और त्रिपुरा में एक – एक सीट मिली थी ।

पहली बार विपक्ष में आयी कांग्रेस को आन्ध्र प्रदेश में 41, असम में दस, गुजरात में दस, कर्नाटक में 26, केरल में 11, महाराष्ट्र में 20, तमिलनाडु में 14, ओडिशा में चार, पश्चिम बंगाल में तीन राजस्थान में एक तथा कुछ अन्य राज्यों को मिलाकर कुल 154 सीटें मिली थी। भाकपा केवल दो राज्यों केरल और तमिलनाडु में सिमट गयी थी उसे केरल में चार और तमिलनाडु में तीन सीटें मिली थी। माकपा को पश्चिम बंगाल में 17, महाराष्ट्र में तीन, तथा ओडिशा और पंजाब में एक – एक सीट मिली थी ।

द्रमुक को तमिलनाडु में दो, फारवर्ड ब्लाक को पश्चिम बंगाल में तीन, अकाली दल को पंजाब में नौ, पीजेंट एंड वर्क्स पार्टी को महाराष्ट्र में पांच तथा आरएसपी को केरल में एक तथा पश्चिम बंगाल में तीन सीटें मिली थी। निर्दलीय उम्मीदवारों को असम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मिजोरम और मेघालय में सफलता मिली थी ।

लोकदल के टिकट पर जगजीवन राम ने सासाराम (सु) सीट पर कांग्रेस के मुंगेरी लाल को भारी मतों के अंतर से पराजित किया था । श्री राम को 327995 और श्री लाल को 84185 वोट मिले थे। लोकदल के टिकट पर ही उत्तर प्रदेश के बागपत से लड़े चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस के राम चन्द्र विकल को हराया था। श्री सिंह को दो लाख 86 हजार से अधिक तथा श्री विकल को एक लाख 64 हजार से अधिक वोट मिले थे ।

लोकदल के ही टिकट पर उत्तर प्रदेश के बलिया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े चन्द्रशेखर ने कांग्रेस के चन्द्रिका प्रसाद को डेढ लाख लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था। श्री चन्द्रशेखर को 262641 और श्री प्रसाद को 95423 वोट मिले थे। बिहार की छपरा लोकसभा सीट से लोकदल के टिकट पर लालू प्रसाद यादव ने एकतरफा जीत हासिल किया था। श्री यादव को कुल 415409 मत मिले थे जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़े कांग्रेस के राम शेखर प्रसाद सिंह को 41609 वोट ही मिल पाए थे।

लोकदल के ही टिकट पर राम विलास पासवान ने बिहार की हाजीपुर सीट पर कांग्रेस के वालेश्वर राम को भारी मतो से हराया था। श्री पासवान को 469007 तथा श्री राम को 44462 वोट मिले थे। लोकदल के प्रत्याशी के रुप में मधु लिमिये ने बिहार की बांका सीट पर कांग्रेस के चन्द्रशेखर सिंह को पराजित किया था। श्री मधु लिमिये को दो लाख 39 हजार से अधिक तथा श्री सिंह को 78 हजार से अधिक वोट मिले थे। लोकदल के टिकट पर जार्ज फर्नाडीस ने बिहार के मुजफ्फरपुर क्षेत्र में कांग्रेस के नीतिश्वर प्रसाद सिंह तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था ।

लोकदल के ही टिकट पर हेमवती नंदन बहुगुणा ने लखनऊ, मुरली मनोहर जोशी ने अल्मोड़ा, राममूर्ति ने बरेली, नानाजी देशमुख ने बलरामपुर, कमला बहुगुणा ने फूलपुर और जनेश्वर मिश्रा ने इलाहाबाद में अपने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पराजित किया था। कांग्रेस के टिकट पर सौगत राय पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से चुनाव जीत गये थे लेकिन इसी पार्टी के जानकी वल्लभ पटनायक उड़ीसा में कटक सीट पर हार गये थे ।

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कांग्रेस पार्टी की सरकार हरेक व्यक्ति को 12 हजार रूपये महीना और 5 करोड़ गरीब परिवारों 72 हजार रुपये सालाना देंगी attacknews.in

नयी दिल्ली 25 मार्च । कांग्रेस ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में जनता को लुभाने के लिए सोमवार को एक बड़ा दाव चलते हुए प्रत्येक भारतीय की 12000 रुपए प्रति माह आय सुनिश्चित करने और पांच करोड़ गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 72000 रुपये देने की घोषणा की।

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कांग्रेस ने 21 सदी में भारत में गरीबी खत्म करने का संकल्प लिया है। इसके लिए पार्टी दुनिया में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक ‘न्यूनतम आय योजना’ लेकर आयेगी।

श्री गांधी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद प्रत्येक भारतीय के लिए 12 हजार रुपए प्रति माह न्यूनतम आय सुनिश्चित करेगी। उन्हाेंने कहा कि प्रत्येक भारतीय कुछ न कुछ काम कर रहा है और यदि उसकी आय 12 हजार रुपये से कम है तो कांग्रेस उसे 12 हजार रुपए करेगी। इसके अलावा पार्टी देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब पांच करोड़ परिवारों को वार्षिक रुप से 72 हजार रुपए देगी। इससे देश के 25 करोड़ लोगों को लाभ होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इन दोनों योजनाओं को लाभ उस समय तक लोगों को मिलता रहेगा जब वे इसके दायरे से बाहर नहीं हो जाते।

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उमा भारती ने कहा: मैं 2024 का लोकसभा चुनाव लडूंगी, मैंने राजनीति नहीं छोड़ी , मैं भाजपा को नुकसान लायक कोई काम नहीं करूंगी attacknews.in

नयी दिल्ली 25 मार्च । भारतीय जनता पार्टी की नवनियुक्त उपाध्यक्ष उमा भारती ने आज कहा कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और इस दौरान ऐसा कोई काम नहीं करेंगी जिससे पार्टी को नुकसान हो ।

स्वच्छता और पेयजल मंत्री सुश्री भारती ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह राजनीति नहीं छोड़ रही हैं ।

उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले ही इन्कार कर दिया था जिसके बाद उन्हें भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

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मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार की गर्माहट के बीच सलमान खान इंदौर में फिल्म दबंग पार्ट- 3 की शूटिंग करेंगे attacknews.in

मुंबई, 25 मार्च । बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान फिल्म दबंग-3 की शूटिंग अगले महीने से इंदौर में शुरू करने जा रहे हैं।

वर्ष 2010 में प्रदर्शित फिल्म दबंग में सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा ने मुख्य भूमिका निभायी थी। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और वर्ष 2012 में फिल्म का सीक्वल दबंग 2 बनाया गया। काफी समय से दबंग 3 बनाने की चर्चा हो रही है। अब सात साल बाद इस फिल्म का तीसरा पार्ट आ रहा है। यह फिल्म अप्रैल में फ्लोर पर जाएगी।

सलमान इस फिल्म का पहला शेड्यूल एक बेहद खास शहर में शुरू करेंगे।

दबंग 3 का पहला शेड्यूल मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में शुरू होगा। सलमान का जन्म इंदौर में ही हुआ है और खान परिवार का वहां एक बहुत बड़ा घर भी है।इंदौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर इस फिल्म की शूटिंग होगी। सलमान के पिता सलीम खान के लिए भी ये लोकेशन बेहद मायने रखती है। माना जा रहा है कि फिल्म की पूरी स्टार कास्ट फिल्म के पहले शेड्यूल में साथ नज़र आएंगी।

दबंग 3 को अरबाज खान और सलमान खान प्रोड्यूस कर रहे हैं जबकि प्रभुदेवा फिल्म का निर्देशन करेंगे। यह फिल्म दिसंबर में रिलीज होगी।

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पाकिस्तान ने POK के शारदा मंदिर गलियारे को खोलने की अनुमति दी attacknews.in

इस्लामाबाद, 25 मार्च । पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब और भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गलियारे पर सहमति के बाद सोमवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में शारदा मंदिर गलियारे को भी हिंदू तीर्थयात्रियों विशेषकर पड़ोसी देश के श्रद्धालुओं के लिए खोलने की अनुमति दे दी।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत का विदेश मंत्रालय पहले ही इस गलियारे को खोलने के लिए प्रस्ताव भेज चुका है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, “करतारपुर के बाद हिंदुओं के लिए यह बड़ी खबर है। कुछ सरकारी अधिकारी इलाके का दौरा कर प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगे।”

शारदा मंदिर हिंदुओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर करीब पांच हजार वर्ष पुराना है और महाराजा अशोक के कार्यकाल में इसका निर्माण हुआ था। मंदिर के निकट एक तालाब है जिसे “मादोमती ” के नाम से पुकारा जाता है और इसका जल हिंदू समुदाय के लिए कटासराज मंदिर के जल की तरह बहुत महत्व रखता है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के राष्ट्रीय असेम्बली के सदस्य डॉ रमेश कुमार ने समाचार पत्र से कहा, “ पाकिस्तान ने शारदा मंदिर खोलने का फैसला किया है। मैं दो दिन में मंदिर की यात्रा पर जा रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री को इस संबंध में रिपोर्ट भेजूंगा। इस परियोजना पर चालू वर्ष में काम शुरू होगा और इसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू भी यहां की यात्रा पर जा सकेंगे।”

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” पीएम नरेन्द्र मोदी ” फिल्म पर रोक लगाने के लिए विपक्ष पहुंचा चुनाव आयोग attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मार्च । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’ को सिनेमा घरों में दिखाये जाने की तिथि पर सोमवार को आपत्ति जतायी और इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से तारीख बदलने की मांग की।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस फिल्म को लोकसभा चुनाव से पहले पांच अप्रैल काे सिनेमा घरों में दिखाये जाने की घोषणा की गयी है। यह सरासर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।

कांग्रेस के विरिष्ठ नेता कपिल सिब्ब्ल, अभिषेक मनु सिंघवी और रणदीप सिंह सूरजेवाला ने चुनाव अायोग के अधिकारियों से मुलाकात करके इस फिल्म के प्रदर्शित किये जाने की तारीख को बदलने की मांग की।

इससे पहले द्रविड मुनेत्र कषगम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से फिल्म की रिलीज की तिथि को बदलने की मांग कर चुकी है।

कांग्रेस नेताआें ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद इस फिल्म का प्रदर्शन आचार संहिता का सीधा उल्लघंन है।

श्री सिब्बल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा,“हमने चुनाव आयोग को बताया कि नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म चुनाव से ठीक पहले रिलीज हो रही है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक है। इस फिल्म के तीन निर्माता और अभिनेता भाजपा के हैं। फिल्म के डायरेक्टर वायब्रेंट गुजरात में शामिल हैं। यह पूरी तरह मानदंडों का उल्लंघन है।”

इस फिल्म में श्री मोदी का किरदार अभिनेता विवेक ओबरॉय निभा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सात चरणों में होने वाला लोकसभा चुनाव 13 अप्रैल से शुरु हो रहा है।

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पाकिस्तान में मुसलमान बनाकर हिंदू लड़कियों के जबर्दस्ती निकाह में सहयोग करने वाला गिरफ्तार attacknews.in

घोटकी 25 मार्च । पाकिस्तान के घोटकी में दो हिंदू किशोरी बहनों का जबरन अपहरण और धर्म परिवर्तन कर उन्हें मुसलमान बनाकर निकाह कराने के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इसमें सहयोग करने वाले एक व्यक्ति तथा उसमें शरीक होने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

इस बीच घोटकी के उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फारूक लांझर दोनों बहनों के परिवार केे सदस्यों से उनके घर पर जाकर मुलाकात की।

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अंडरवर्ल्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम के लिए तस्करी और हवाला करोबार करने वाले लंबू शकील की मुंबई में मौत attacknews.in

मुंबई, 25 मार्च । वर्ष 1980 और 1990 के दशकों में भगोड़े अपराधी दाऊद इब्राहिम के गिरोह के लिए तस्करी और हवाला कारोबार से जुड़े काम करने वाले शकील अहमद शेख उर्फ ‘लंबू’ शकील की यहां एक अस्पताल में मौत हो गई।

एक अधिकारी ने बताया कि शेख दिल की बीमारी से ग्रस्त था और रविवार को देर रात उसकी दक्षिण मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई।

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद तथा गिरोह के अन्य सदस्य छोटा शकील का भरोसेमंद सहयोगी शेख 80 और 90 के दशकों में इस गिरोह के लिए विदेशों में तस्करी और हवाला गतिविधियों को अंजाम देता था।

अधिकारी ने बताया कि शेख ने गिरोह की सोने की तस्करी संबंधी गतिविधियों में हिस्सा लिया। वह हथियारों और विस्फोट लाने ले जाने में भी कथित तौर पर शामिल था।

उन्होंने कहा कि शेख के खिलाफ 1991 में माता रमाबाई आंबेडकर मार्ग थाने में दंगे तथा हत्या के लिए अब निरस्त हो चुके कानून ‘टाडा’ के तहत मामला दर्ज हुआ था।

उन्होंने बताया ‘‘1991 के बाद देश से भागने पर वह हवाला रैकेट चलाता था। उसे 2003 में दुबई में पकड़ा गया और प्रत्यर्पित कर यहां लाया गया था।’’

मुंबई पुलिस की जबरन वसूली निरोधक प्रकोष्ठ के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सचिन कदम ने कहा कि 2003 में शहर में लौटने के बाद शेख को रंगदारी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया।

शेख अपनी पत्नी और अभिभावकों के साथ दक्षिण मुंबई के बोहरी मोहल्ला में रहता था।

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जेट एयरवेज को बचाने के लिए इस विमान कंपनी के ॠणदाता 1,500 करोड़ रुपये लगाएंगें,नरेश गोयल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया attacknews.in

मुंबई 25 मार्च । भारी आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज के प्रवर्तक एवं अध्यक्ष नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनिता गोयल और एतिहाद एयरवेज के एक प्रतिनिधि ने कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है और अब इस विमानन कंपनी को बचाने के लिए ऋणदाता 1,500 करोड़ रुपये लगायेंगे।

कंपनी के निदेशक मंडल की सोमवार को हुयी बैठक में ये निर्णय लिये गये। इसके साथ ही श्री गोयल कंपनी के अध्यक्ष पद से भी हट जायेंगे। श्री गोयल और उनकी पत्नी के साथ ही एतिहाद एयरवेज के केविन नाइट ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही निदेशक मंडल ने ऋणदाताओं की योजना को अनुमाेदित करते हुये उनके दो सदस्यों को निदेशक मंडल में शामिल करने को भी अनुमोदित कर दिया।

भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में घरेलू ऋणदाताओं ने रिजॉल्यूशन प्लान बनाने की बात कही थी। इसके तहत ऋणदाताओं को एक रुपये अंकित मूल्य की दर पर 11.4 करोड़ शेयर जारी किये जायेंगे। इसके तहत श्री गोयल की नियंत्रक 51 प्रतिशत हिस्सेदारी कम होकर 25.5 प्रतिशत और एतिहाद एयरवेज की हिस्सेदारी की आधी होकर 12 प्रतिशत पर आ जायेगी। इस तरह से कंपनी में ऋणदाताओं को नियंत्रक 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जायेगी।

ऋणदाताओं के निर्देश पर कंपनी की अंतरिम प्रबंधन समिति का गठन किया ताकि कंपनी की दैनिक संचालन और नकदी प्रवाह का प्रबंधन एवं निगरानी की जा सके। ऋणदाता तत्काल जेट एयरवेज में 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी लगायेंगे ताकि उसका परिचालन सामान्य हो सके।

दिवाला तथा ॠणशोधन प्रक्रिया अपनाने से बेहतर परिणाम आएंगे:

नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को लेकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इस मामले में दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया अपनाने से बेहतर परिणाम कंपनी और कर्जदाताओं के बीच बातचीत से सामने आ सकते हैं।

कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कर्जदाता और कर्जदार बातचीत कर रहे हैं। यह सबसे अच्छी प्रक्रिया है।’’

श्रीनिवास इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जेट एयरवेज दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के लिये एक अनुकूल मामला है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि कर्जदाताओं और कर्जदारों के बीच बातचीत से बेहतर परिणाम सामने आते हैं तो यह दिवाला एवं ऋणशोधन की प्रक्रिया में जाने से बेहतर होगा, लेकिन यदि दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया ही एकमात्र रास्ता बचा हो तो बैंकों को कदम उठाना होगा।’’

श्रीनिवास ने आईबीसी को अंतिम उपाय बताते हुए कहा कि यदि कंपनी के भीतर फिर से स्थिति ठीक करने की क्षमता शेष हो तो कंपनी और कर्जदाताओं दोनों के लिये यही बेहतर है कि वे मामले का समाधान निकालने की कोशिश करें।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि कर्जदाताओं और शेयरधारकों के बीच कोई करार नहीं है तब आपको आईबीसी सहित अन्य विकल्पों पर गौर करना होगा।’

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अब राहुल गांधी तय करेंगें अरविंद केजरीवाल से हाथ मिलाने का, दिल्ली की सीटों पर आप से गठबंधन पर राज्य के नेताओं ने पल्ला झाड़ा attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मार्च । दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर लंबे समय से चली आ रही ऊहापोह की स्थिति के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और तालमेल का फैसला उन पर छोड़ दिया।

गांधी से मुलाकात के दौरान आप के साथ तालमेल को लेकर एक बार फिर दो राय सामने आई।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित तथा तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारुन यूसुफ, राजेश लिलोठिया और देवेंद्र यादव तथा कुछ अन्य नेताओं ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने के रुख को दोहराया तो पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, ताजदार बाबर और अरविंद सिंह लवली ने गठबंधन की पैरवी की।

बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि मुलाकात के दौरान कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने प्रदेश में पार्टी के 12 जिला अध्यक्षों, वरिष्ठ नेताओं और तीन नगर निगमों में पार्टी के पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भी गांधी को सौंपे जिनमें गठबंधन की पैरवी की गई है।

सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के बारे में फैसला राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया है।

आप दिल्ली में कांग्रेस के गठबंधन की पैरवी करती आ रही है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है।

बहरहाल, कांग्रेस का स्पष्ट रुख नहीं होने पर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

गौरतलब है कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।

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शिकलीगर समुदाय के बच्चे के अपहरण मामले में भीड़ द्वारा पार्षद पति की पीट – पीट कर हत्या attacknews.in

मुम्बई, 25 मार्च । महाराष्ट्र के बीड जिले में एनसीपी की एक पार्षद के पति की भीड़ ने सोमवार को कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। भीड़ को संदेह था कि अपहरण के एक मामले में वह शिकलीगर समुदाय की मदद कर रहे हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के परली-वैजनाथ नगर के फुले नगर क्षेत्र में पांडुरंग गायकवाड़ (50) पर भीड़ ने तलवारों, दरांती और लाठी से हमला कर दिया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ सोमवार तड़के हुए हमले में गायकवाड़ गंभीर रूप से घायल हो गए । उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’’

पुलिस ने बताया कि हमला कथित तौर पर 16 वर्षीय लड़के के चार महीने पहले हुए अपहरण की घटना से जुड़ा है। शिकलीगर समुदाय के सदस्यों ने कथित तौर पर लड़के का अपहरण किया था क्योंकि लड़के के उनके समुदाय की एक लड़की के साथ प्रेम संबंध थे।

इस संबंध में उस समय पूर्णा पुलिस थाने में अपहरण का एक मामला दर्ज किया गया था। कुछ दिनों बाद लड़के का शव बरामद हुआ था। इस घटना से स्थानीय लोग और उसके परिवार वाले काफी क्रोधित थे।

संभाजीनगर थाने के निरीक्षक बालासाहेब पवार ने कहा, ‘‘ भीड़ को संदेह था कि गायकवाड़ अपहरण मामले में शिकलीगर समुदाय की मदद कर रहे हैं। भीड़ में नाबालिग की मां भी शामिल थी। ’’

उन्होंने बताया कि दो महिलाओं सहित 11 लोगों ने गायकवाड़ पर हमला कर उसकी हत्या की। इनमें से पांच को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

उन्होंने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

शिकलीगर समुदाय के लोग पूरे राज्य में मौजूद हैं। पारम्परिक रूप से ये लोग लोहे के हथियार बनाते हैं।

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हेमामालिनी का ऐलान: यह मेरा आखिरी चुनाव हैं, मैं इसके बाद कोई चुनाव नहीं लडूंगी attacknews.in

मथुरा, 25 मार्च । मथुरा से भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी ने सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी के समक्ष नामांकन दाखिल किया।

उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे अगली बार स्वयं चुनाव न लड़कर युवाओं को आगे आने का मौका देंगी तथा खुद संगठन के कार्य करना पसंद करेंगी।

चुनाव के संयोजन एवं पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. डीपी गोयल एवं चार अन्य प्रस्तावक व समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा आखिरी चुनाव है। मैं इसके बाद कोई चुनाव नहीं लड़ूंगी और इसकी जगह संगठन में रहकर जनता की भलाई के कार्य करना चाहूंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बरसों से मेरा सपना था कि मैं मथुरा के लिए कुछ कर सकूं। इसलिए, पिछले पांच वर्षों में काफी-कुछ करने की कोशिश की। लेकिन, अभी बहुत कुछ करना रह गया है। उम्मीद करती हूं कि यहां की जनता मुझे वह सब भी करने का मौका देगी। मैं इस नगरी को कृष्ण काल के समान ही भव्य एवं दिव्य नगरी बनाना चाहती हूं।’

पर्चा भरने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वृन्दावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना की। ठाकुरजी का आशीर्वाद लेकर हेमा मालिनी ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपना नामांकन दाखिल किया।

उल्लेखनीय है कि हेमा मालिनी ने 16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में तत्कालीन सांसद जयंत चैधरी को तीन लाख 30 हजार से भी अधिक मतों से शिकस्त देकर यह सीट राष्ट्रीय लोकदल से हासिल की थी।

उनके खिलाफ यहां से कांग्रेस ने महेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है। सपा-बसपा के गठबंधन समर्थित राष्ट्रीय लोकदल ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख नरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

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तीन तलाक़ अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मार्च । उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) के चलन को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के एक संगठन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद, पिछले साल 19 सितंबर को ‘मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों की सुरक्षा) अध्यादेश’ पहली बार अधिसूचित किया गया था।

एक बार में तलाक तलाक तलाक कह कर विवाह विच्छेद करने की यह प्रक्रिया तलाक ए बिद्दत कहलाती है। मुस्लिम पुरूष एक साथ तीन तलाक कह कर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है।

अध्यादेश में इसी प्रक्रिया को दंडनीय अपराध बनाया गया है।

एक साल से भी कम समय में इस अध्यादेश को 21 फरवरी को तीसरी बार जारी किया गया।

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राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अब तक तय नहीं कर पाई प्रत्याशी और भाजपा 9 सीटों पर गहन चिंतन में, अब तक के इतिहास में 25 सीटों पर 1989 के बाद भाजपा का हैं दबदबा attacknews.in

जयपुर, 25 मार्च । राजस्थान में लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में अभी असमंजस बना हुआ है तथा भारतीय जनता पार्टी में भी नौ सीटों को लेकर आमराय नहीं बन पाई है। वैसे देखा जाए तो राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले आठ लोकसभा चुनावों में अपना राजनीतिक दबदबा कायम किया हुआ है।

भाजपा ने 25 में से 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं, जबकि कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार सामने नहीं आया है। भाजपा में नौ सीटों में नागौर, भरतपुर, दौसा, बाड़मेर, अलवर, टोंक, सवाई माधोपुर, बांसवाड़ा और राजसमंद में उम्मीदवारों को लेकर दो राय बनी हुई है।

नागौर में केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी तथा बाड़मेर से सांसद कर्नल सोनाराम, भरतपुर से बहादुर सिंह कोली, टोंक सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनपुरिया, बांसवाड़ा से मानशंकर निनामा को लेकर कार्यकर्ताओं में विरोध है। बाड़मेर में सांसद कर्नल सोनाराम ने विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले कर्नल सोनाराम कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में आये थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का टिकट काटकर उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था। इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री के पुत्र मानवेंद्र सिंह भी भाजपा के विधायक होते हुए पार्टी में लड़ाई लड़ते रहे और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गये। कांग्रेस अब उन्हें बाड़मेर से चुनाव लड़ाना चाहती है।

भरतपुर में भाजपा कोली समाज के लोगों को ही लोकसभा चुनाव में उतारती रही है, लेकिन इस बार सांसद बहादुर सिंह कोली के प्रति बढ़ती नाराजगी के कारण उन्हें शायद ही टिकट मिल पाये। भाजपा को नया उम्मीदवार तलाश करने में परेशानी आ रही है। कांग्रेस यहां से जाटव समाज के लोगों को टिकट देती है, लेकिन इस बार पार्टी में भी सही उम्मीदवार तलाशना मुश्किल हो रहा है। किसी प्रशासनिक अधिकारी को मौका देने की भी कांग्रेस में चर्चा है।

राजसमंद में सांसद हरिओम राठौड़ के दुबारा चुनाव मैदान में नहीं उतरने की घोषणा के बाद भाजपा की पूर्व विधायक दिया कुमारी तथा विधायक किरण माहेश्वरी की दावेदारी पर फैसला अभी नहीं हो पाया है।

अलवर में सांसद चांदनाथ की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा की हार से यह सीट भी मुश्किल में पड़ गई है। उपचुनाव जीतने वाले करण सिंह के स्थान पर कांग्रेस पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह को चुनाव लड़ायेगी जिनके सामने बाबा चांदनाथ के उत्तराधिकारी बाबा बालकनाथ का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है।

दौसा में सांसद हरीश मीणा के पाला बदलकर कांग्रेस में शामिल होने तथा विधायक निवाचित होने के बाद भाजपा में इस सीट पर उम्मीदवार की तलाश मुश्किल हो रही है। भाजपा के लिये विद्रोही बने डा0 किरोड़ी लाल मीणा की घर वापसी भी विधानसभा चुनाव में फायदा नहीं पहुंचा पाई तथा पार्टी डा0 मीणा के विरोधी पूर्व विधायक ओम प्रकाश हुडला की पत्नी पर दांव खेलने का विचार कर रही है। भाजपा नेता इन नौ सीटों का पैनल बनाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली गये हुए हैं तथा एक दो दिन में इस पर फैसला हो सकता है।

कांग्रेस में विधायक एवं मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारने को लेकर दो राय बनी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायकों पर दांव खेलना चाहती हैं ताकि विधायक मंत्रियों के चुनाव जीतने के बाद सरकार पर बहुमत का खतरा नहीं आये। जयपुर शहर से पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी तथा ग्रामीण से मंत्री लालचंद कटारिया को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी जोधपुर से मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत को उम्मीदवार बना सकती है। अन्य सीटों पर भी उम्मीदवारों को लेकर दो तीन नाम चल रहे हैं लेकिन इन पर फैसला कल राहुल गांधी के जयपुर, बूंदी तथा सूरतगढ़ रैली के बाद किया जा सकता है।

ऐसा हैं लोकसभा चुनाव में राजस्थान में राज करने वाली पार्टियों का इतिहास;

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले आठ लोकसभा चुनावों में अपना राजनीतिक दबदबा कायम किया हुआ है।

राज्य में अब तक हुए सोलह आम चुनावों में से दस में कांग्रेस का दबदबा रहा है लेकिन 1989 के नौवीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने संयुक्त विपक्ष के साथ तेरह सीटें जीतकर पहली बार अपना दबदबा दिखाया था। इस चुनाव में जनता दल ने ग्यारह तथा एक सीट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के खाते में गई जबकि इससे पहले आजादी के बाद 1951 से 1984 तक हुए आठ लोकसभा चुनावों में सात में दबदबा रखने वाली कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।

भाजपा ने 1999 में तेरहवीं लोकसभा के चुनाव में राज्य की पच्चीस सीटों में से सोलह सीटें जीतकर अपना राजनीतिक प्रभुत्व कायम किया जबकि कांग्रेस नौ सीटें ही जीत पाई। वर्ष 2004 के चौदहवीं लोकसभा चुनाव में भी उसने अच्छा प्रदर्शन किया और उसके 21 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में कांग्रेस चार सीटों पर ही सिमट कर रह गई।

गत 2014 के सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में तो भाजपा ने मोदी लहर के कारण सभी पच्चीस सीटें जीतकर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। कांग्रेस ने 1984 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति के चलते सभी पच्चीस सीटों पर जीत दर्ज की थी।

भाजपा ने 1991 के लोकसभा चुनाव में भी बारह सीटें जीती। इस चुनाव में कांग्रेस ने उससे एक सीट ज्यादा जीती थी। इसके बाद 1996 के ग्यारहवीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों ने बराबर 12-12 सीटें जीती जबकि एक सीट अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवाड़ी) ने जीती। इस दौरान सिर्फ 2009 के चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा । उसने बीस सीटें जीती,भाजपा केवल चार सीट ही जीत पाई।

पिछले आठ लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चार में अपना दबादबा बनाया जबकि एक में वह अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस के बराबर रही जबकि कांग्रेस केवल तीन चुनावों में ही अपना दबादबा रख सकी। इन आठ चुनावों में भाजपा का सबसे ज्यादा दबदबा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्वाचन जिले झालावाड़ में रहा जहां 1989 से अब तक हुए सभी चुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की। श्रीमती राजे ने 1989 से 1999 तक लगातार पांच बार चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक प्रभुत्व जमाया। इसके बाद वह राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। वर्ष 2004 के चुनाव में भाजपा ने श्रीमती राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा और वह चुनाव जीते। इसके बाद वर्ष 2009 में बनी झालावाड़ बारां सीट पर भी श्री दुष्यंत सिंह लगातार दोनों चुनाव जीतकर भाजपा का दबदबा बनाया रखा।
इसी तरह भाजपा कोटा में छह बार चुनाव जीती। वैद्ध दाउ दयाल जोशी ने 1989 से लगातार तीन बार चुनाव जीता। इसके बाद 1999 में रघुवीर सिंह कौशल ने लगातार दो बार तथा पिछले लोकसभा चुनाव में ओम बिड़ला चुनाव जीते। पाली संसदीय क्षेत्र में 1989 से गुमान मल लोढा ने लगातार तीन बार विजय हासिल की। वर्ष 1999 में पुष्प जैन ने लगातार दो बार तथा पिछले चुनाव में पी पी चौधरी ने चुनाव जीता। इस दौरान अजमेर से रासा सिंह रावत ने पांच बार चुनाव जीतकर भाजपा का दबदबा कायम किया। उन्होंने 1989 से लगातार तीन बार तथा फिर 1999 एवं 2004 में जीत हासिल की। पिछला चुनाव सांवरमल जाट ने जीता था हालांकि उनके निधन के बाद हुआ उपचुनाव कांग्रेस ने जीता। या।

इसके अलावा इस दौरान भाजपा ने उदयपुर, भीलवाड़ा, जालोर चार, टोंक एवं सवाईमाधोपुर में चार बार चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक प्रभुत्व जमाया। इस दौरान भाजपा झुंझुनूं में केवल एक बार पिछला लोकसभा चुनाव ही जीत पाई जहां पार्टी की उम्मदीवार संतोष अहलावत ने चुनाव जीता। हालांकि इस बार उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। है। इसी तरह नागौर संसदीय क्षेत्र में भाजपा वर्ष 2004 एवं 2014 का चुनाव ही जीत सकी।

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