पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस सरकार आने पर सरकारी खजाने से अरबों- खरबों रुपया जनता में बांटकर कैसे लागू की जाएगी न्यूनतम आय योजना ( न्याय) के बारे में बताया attacknews.in

चेन्नई 27 मार्च । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और पांच करोड़ परिवारों को धीरे – धीरे इसके दायरे में लाया जाएगा।

चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आय योजना को लेकर अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ पर्याप्त विचार – विमर्श किया है। उन्होंने सहमति जताई है कि भारत के पास इस योजना को लागू करने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.8 प्रतिशत के बराबर रहने की उम्मीद है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि इस योजना को लागू करना संभव है।

चिदंबरम ने कहा कि यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और हम कई चरणों में पांच करोड़ परिवारों को इससे जोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से पहले जमीनी स्तर पर इसका परीक्षण किया जाना है।

चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी और ” हम अगले चरण में जाने से पहले समिति के साथ विचार – विमर्श करेंगे। ”

उन्होंने कहा कि पांच करोड़ परिवारों की पहचान करने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं।

चिदंबरम ने कहा कि 2009 में जब मनरेगा योजना लागू की गई थी तो भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा था कि इस योजना को लागू करना मुमकिन नहीं है।

न्यूनतम आय योजना की आलोचना से जुड़े एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जवाब नहीं देना चाहता हूं जो गरीबी को खत्म करने के उद्देश्य से लाए जा रहे कार्यक्रम की आलोचना करता हो।

उन्होंने कहा कि गरीबी को नहीं मिटा पाने के लिए अकेले कांग्रेस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस ने गरीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं और उनमें से कई में सफल भी हुई है।

चिदंबरम ने कहा कि गरीबी का अंत करने के लिए न्यूनतम आय जरूरी है अन्यथा गरीबी समाप्त नहीं होगी।

जिस तरह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करता है उसी तरह हर परिवार की न्यूनतम आय होनी चाहिए। सरकार पूरी आय प्रदान नहीं कर सकती है इसी वजह से इस योजना को ” न्यूनतम आय सहायता योजना ” कहा गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को घोषणा की थी अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है तो गरीबों परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72,000 रुपये दिए जाएंगे।

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस योजना के क्रियान्वयन में शामिल चुनौतियों से वाकिफ है और हम उन चुनौतियों से बाहर भी आ जाएंगे।

उन्होंने कहा , ” हम आग्रह करेंगे कि हर परिवार अपने घर की महिला के नाम से खाता खोले और धन उनके खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ‘

चिदंबरम ने कहा कि गरीबी उन्मूलन को ” अरम (तमिल में इसका अर्थ – धर्म) के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए , यह धर्म है , 21 वीं सदी में गरीबी दूर करना हर सरकार का नैतिक कर्तव्य है। ”

उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र 2 अप्रैल को जारी हो सकता है।

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रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन कांग्रेस पार्टी की सरकार में वित्त मंत्री बनने के लिए भारत लौट सकतें हैं, राहुल गांधी को न्यूनतम आय योजना का सुझाव इन्होंने ही दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि उनके लायक यदि कोई अवसर आता है तो वह भारत लौटने को तैयार हैं। राजन ने यह बात उन अटकलों के बीच कही है कि केंद्र में आम चुनावों के बाद अगर विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो वह अगले वित्त मंत्री हो सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व अर्थशास्त्री राजन ने कहा कि वह जहां हैं, ‘बहुत खुश हैं।’ लेकिन नये अवसरों के लिये तैयार हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे राजन को भाजपा नीत राजग सरकार ने रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर दूसरा कार्यकाल नहीं दिया।

उन्होंने अपनी नई किताब ‘द थर्ड पिलर’ का मंगलवार शाम विमोचन करने के मौके पर कहा, ‘‘मैं जहां हूं, बहुत खुश हूं। लेकिन अगर मेरे लायक कोई अवसर आता है तो मैं हमेशा वहां रहना चाहूंगा।’’

फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल आफ बिजनेस में अध्यापन का काम कर रहे राजन से यह पूछा गया था कि क्या वह सार्वजनिक सेवा या राजनीतिक भूमिका में भारत लौटना चाहेंगे।

राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकले हैं कि अगर आम चुनावों में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा और तेदेपा जैसे विपक्षी दलों का महागठबंधन जीतता है और सत्ता में आता है तो वह वित्त मंत्री हो सकते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि राजन शीर्ष अर्थशास्त्रियों में से एक है और उनकी पार्टी ने न्यूनतम आय योजना तैयार करते समय उनकी सलाह ली है। इस योजना के तहत कांग्रेस के सत्ता में आने पर देश के सर्वाधिक गरीब 5 करोड़ परिवार को सालाना 72,000 रुपये तक दिये जाएंगे।

सीएनबीसी टीवी 18 को दिये साक्षात्कार में राजन ने कहा कि अभी इस बारे में चर्चा करना जल्दबाजी है कि उनसे सत्ता में आने वाला कोई भी दल सरकार में महत्वपूर्ण पद लेने के लिये संपर्क करता है तो वे क्या करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इस पर चर्चा करना जल्दबाजी है। मुझे वास्तव में लगता है कि यह भारत के लिये महत्वपूर्ण चुनाव है और हमें नये सुधारों की जरूरत है। मुझे उन विचारों को आगे बढ़ाने में खुशी होगी… ।

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मायावती ने गुजरात की सभी सीटों पर बसपा के लोकसभा प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस पार्टी के सामने संकट खड़ा किया attacknews.in

अहमदाबाद, 27 मार्च । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। हालांकि पार्टी को राज्य में कुछ खास चुनावी सफलता कभी नहीं मिली है लेकिन हमेशा कांग्रेस पार्टी के लिए संकट खड़ा किया है ।

पार्टी प्रमुख मायावती 17 अप्रैल को यहां रैली को संबोधित करेंगी और राज्य में पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि इससे सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलेगी।

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होगा। फिलहाल राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

साल 2014 में बसपा ने 26 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे, लेकिन सभी को हार का मुंह देखना पड़ा था।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 182 में से 138 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन मायावती द्वारा रैलियों को संबोधित करने के बाद भी उन्हें एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी।

पार्टी को 2017 के चुनाव में 2.02 लाख वोट मिले थे और उसका मत प्रतिशत 0.6 फीसदी था।

गुजरात के बसपा अध्यक्ष अशोक चावड़ा ने कहा, ‘‘ बसपा अपने दम पर सभी सीटों पर लड़ेगी। मायावतीजी 17 अप्रैल को एक रैली को संबोधित करेंगी। हमारे पास गुजरात में काफी समर्थन है और हमने हाल में छोटानागपुर में स्थानीय निकाय का चुनाव जीता है।

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हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्यों से मोदी लहर में 28 में से 14 सीटें जीतने वाली भाजपा के लिए 2019 का लोकसभा चुनाव आसान नहीं रहेगा attacknews.in

चंडीगढ़, 27 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर पिछले चुनाव में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित चंडीगढ़ की 28 सीटों में से 14 सीटें जीती थीं लेकिन पांच वर्ष में बदले राजनीतिक परिदृश्य इन सीटों को बचाये रखना उसके लिये बड़ी चुनौती होगी।

मोदी लहर में भाजपा  को हरियाणा की सात, हिमाचल प्रदेश की चार, पंजाब की भाजपा-शिअद को मिलाकर छह है और चंडीगढ़ की एक सीट मिली थी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी अपनी पार्टी बना चुके हैं। अकाली दल के दो सांसद पार्टी छोड़ चुके हैं और गुरदासपुर सीट उपचुनाव में भाजपा गंवा चुकी है।

पंजाब में 2017 में विधानसभा चुनाव जीत कर कांग्रेस ने अकाली दल-भाजपा गठबंधन की 10 साल पुरानी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। भाजपा सांसद और फिल्म स्टार विनोद खन्ना के निधन के बाद हुए गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली तथा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ चुनाव जीते। झटके भाजपा के सहयोगी अकाली दल को भी लगे और उसके दो सांसदों रंजीत सिंह ब्रहमपुरा (खडूर साहिब) तथा शेर सिंह घुबाया (फिरोजपुर) ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है। खडूर साहिब से अकाली दल बीबी जागीर कौर को प्रत्याशी घोषित कर चुका है और श्री घुबाया कांग्रेस में जा चुके हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कार्यशैली के कारण पार्टी छोड़ी है और अकाली दल (टकसाली) बनाया है जिसमें पूर्व सांसद रतन सिंह अजनाला, सेवा सिंह सेखों शामिल हैं।

पंजाब में पिछले कुछ सालों में तीसरी ताकत बनकर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) की भी हालत खराब है। इसके पटियाला से सांसद धर्मवीर गांधी पार्टी छोड़ चुके हैं। फतेहगढ़ साहिब से सांसद हरिंदर खालसा को भी पार्टी निलंबित कर चुकी है। बागी विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे सुखपाल सिंह खेहरा का गुट भी पार्टी से बाहर हो चुका है। श्री खेहरा ने अपनी पार्टी पंजाब एकता पार्टी बनाई है तथा कुछ और स्थानीय दलों के साथ मिलकर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस बना लिया है। पीडीए ने ही सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा भी की है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार आप के लिए भी अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना मुश्किल होगा। पंजाब में यह परिपाटी भी रही है कि जो पार्टी प्रदेश की सत्ता में हाेती है लोकसभा चुनावों में उसे फायदा मिलता है, इसलिये कांग्रेस आश्वस्त लग रही है और उसने आप से गठबंधन की संभावनाओं को बार-बार नकारा है।

विश्लेषकों के अनुसार हरियाणा में स्थिति थोड़ी भाजपा के पक्ष में दिख रही है क्योंकि यहां विपक्ष बिखरा हुआ है। विरोधी पार्टियां न सिर्फ-दूसरे से लड़ रही हैं बल्कि ‘गुटबाजी‘ की भी शिकार हैं। जींद विधानसभा सीट पर हाल में हुए उपचुनाव के नतीजों ने दिखा दिया है कि विपक्ष की खिचड़ी का स्वाद बिगड़ने का कारण ‘कई रसोइयों‘ का होना है। कांग्रेस जो मनोहर लाल खट्टर सरकार बनने से पहले प्रदेश में दस साल शासन कर चुकी है, गुटबाजी की शिकार है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में फूट पड़ चुकी है और हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला नई पार्टी जननायक जनता पार्टी बना चुके हैं। आम आदमी पार्टी (आप) यहां कांग्रेस से गठबंधन के लिए इच्छुक है पर अभी तक तस्वीर स्पष्ट नहीं है। भाजपा सांसद राजकुमार सैनी अपनी अलग पार्टी लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी बना चुके हैं और बहुजन समाज पार्टी से गठजोड़ कर चुके हैं। बसपा कुछ समय पहले तक इनेलो के साथ थी लेकिन चौटाला परिवार और पार्टी में फूट के बाद उसने इनेलो का दामन छोड़कर लोसुपा का दामन थाम लिया। गुटबाजी भाजपा में भी है जो उसे अपनी सीटें बढ़ाने से तो कम से कम रोक ही सकती है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से लेकर प्रदेश के मंत्रियों के एक गुट और मुख्यमंत्री के गुट के बीच भी अनबन की खबरें उड़ती रही हैं।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में वापसी कर चुकी है और यहां पार्टी की स्थानीय इकाई ने वर्तमान चारों सांसदों काे ही लोकसभा प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की है। यहां पिछले करीब सवा साल में भाजपा सरकार के प्रदर्शन का असर लोकसभा चुनावों पर पड़ सकता है और भाजपा को अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं है।

चंडीगढ़ में भाजपा ने पिछले चुनाव में यह सीट कांग्रेस से छीनी थी और किरण खेर सांसद बनी थीं। यहां से भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हरमोहन धवन पार्टी छोड़कर आप के प्रत्याशी घोषित किये जा चुके हैं। कांग्रेस का अभी तय नहीं है कि यहां से वह पूर्व सांसद पवन बंसल पर ही दांव लगायेगी या कोई और प्रत्याशी लायेगी। पिछली बार हालांकि गुल पनाग (आप) ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था।

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मध्यप्रदेश की सागर संसदीय सीट सन् 1989 के चुनाव के बाद से भाजपा के खाते में रही हैं, अब कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस लाने की तैयारी में है attacknews.in

सागर, 27 मार्च। बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर संसदीय क्षेत्र में लगातार छह बार से अपना परचम फहरा रही भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में भी जीत के लिए पूरी तैयारी की साथ उतरने जा रही है वहीं कांग्रेस अपनी खोई हुई सीट को वापस लेने की फिराक में है।

महिला आरक्षण पर राजनीति करने वाले तमाम राजनैतिक दलों में से केवल कांग्रेस ने अब तक यहां महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर भाजपा 1989 से लगातार जीत दर्ज रही है। उसके नेता वीरेंद्र कुमार यहां से चार बार सांसद बने हैं।

पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सहोद्रा राय ने कंछेदी को पराजित कर लोकसभा पहुंची थी। वर्ष 1957 में हुये अगले चुनाव में कांग्रेस के ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी अपने प्रतिदंदी धनीराम को पराजित कर सांसद बने। वह 1962 दूसरी बार सागर से सांसद चुने गए। वर्ष 1967 के चुनाव में इस क्षेत्र के फिर से अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हाेने पर कांग्रेस ने पूर्व सांसद सहोद्रा राय को प्रत्याशी बनाया लेकिन वह बीजेएस के राम सिंह से चुनाव हार गयीं। वर्ष 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने सहोद्रा बाई राय को फिर उतारा। इस बार वह बीजेएस के अमर सिंह को हरा कर दूसरी बार सांसद चुनी गई। कांग्रेस ने 1977 के आम चुनाव में उन पर चौथी बार दांव लगाया लेकिन वह भारतीय लोकदल के नर्मदा प्रसाद राय के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 1984 के चुनाव में पूर्व सांसद राम प्रसाद अहिरवार को कांग्रेस के नंदलाल चौधरी से पराजय का सामना करना पड़ा तो 1989 के चुनाव में कांग्रेस के पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी को भाजपा के शंकर लाल खटीक से पराजय का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने 1991 के चुनाव में आनंद अहिरवार को चुनाव मैदान में लेकिन उन्हें भी भाजपा के राम प्रसाद अहिरवार ने पराजित कर दिया।

भाजपा की ओर से वीरेंद्र कुमार 1996 में यहां से पहली बार सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस ने पूर्व सांसद आनंद अहिरवार को शिकस्त दी। इसके बाद वीरेंद्र कुमार ने 1998 में पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी, 1999 में नंदलाल चौधरी की बहू माधवी चौधरी को तथा 2004 में कांग्रेस के पूर्व विधायक उत्तम चंद खटीक को पराजित किया।

परिसीमन के बाद 2008 में यह सीट सामान्य वर्ग के लिए घोषित की गयी और 2009 के चुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक भूपेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेर खान को चुनाव मैदान मे उतारा जिसमें खान को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा का यह सिलसिला 2014 के चुनाव में भी नहीं रुका। उसके उम्मीदवार पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव ने कांग्रेस के पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत को पराजित किया।

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सन् 1980 के सातवें लोकसभा चुनाव में आयरन लेडी के रुप मे उभरी इंदिरा गांधी के अभियान से विपक्ष बिखर गया और कांग्रेस पार्टी ने जीती थी 353 सीटें attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च । आपातकाल के बाद एकजुट हुये दलों में टूट तथा सत्ता से बेदखल होने के बाद तरह तरह की राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रही ‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी के जनता से सीधे जुड़ने के अभियान का 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (आई) को फायदा मिला और वह भारी बहुमत से फिर से सत्ता में आ गयी।

सातवें आम चुनाव के पहले राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस (आई) और कांग्रेस (यू) , जनता पार्टी और जनता पार्टी (एस) का गठन हो चुका था । वर्ष 1977 में पहली बार सत्ता का सुख भोगने वाले समाजवादियों में बिखराव हो गया था इनके कुछ नेता जनता पार्टी और जनता पार्टी (एस) में बंट गये थे । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अपना अस्तित्व बनाये हुये थी जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने सांगठनिक स्थिति को मजबूत बनाया था जिसका फायदा उसे चुनाव में मिला था ।

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर इंदिरा गांधी का मुकाबला करने के जनता पार्टी की ओर से विजयराजे सिंधिया चुनाव मैदान में उतरी थी लेकिन मुकाबले में कही टिक नहीं सकी । कांग्रेस (आई) के टिकट पर चर्चित युवा नेता संजय गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर चुनाव जीता। राजनीति पर अद्भुत पकड़ रखने वाले जगजीवन राम ने जनता पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुयें थे ।

राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा इस चुनाव में राज्य स्तरीय पार्टियों में द्रमुक , अन्नाद्रमुक , फारवर्ड ब्लाक , आल इंडिया मुस्लिम लीग , मुस्लिम लीग , महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी , पीपुल्स कांफ्रेंस , पीजेंट एंड वर्क्स पार्टी , अकाली दल आरएसपी समेत कुल 19 पार्टियों ने चुनाव लड़ा था । उस समय कुल 11 निबंधित पार्टियां थी जिनमें भारतीय सोसलिस्ट पार्टी , झारखंड पार्टी तथा शिवसेना प्रमुख थी ।

लोकसभा की 542 सीटों में से 422 सामान्य श्रेणी की थी जबकि अनुसूचित जाति के लिए 79 और अनुसूचित जनजाति के लिए 41 सीट सुरक्षित थीं । इस चुनाव में 542 में से 529 सीटों के लिए ही चुनाव हुआ था जिसमें 4629 उम्मीदवारों ने अपनी चुनावी किस्मत आजमायी। इस चुनाव में 35 करोड़ 62 लाख से अधिक मतदाताओं में से 56.92 प्रतिशत ने मतदान किया था । अधिकतम 39 उम्मीदवारों ने चंडीगढ से चुनाव लड़ा था ।

कांग्रेस (आई) ने सबसे अधिक 492 ,जनता पार्टी ने 433 , जनता पार्टी (एस) ने 293 , कांग्रेस (यू) ने 212 , भाकपा ने 47 तथा माकपा ने 64 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया था । कांग्रेस (आई) को 42.69 प्रतिशत वोट मिले और उसके 353 प्रत्याशी चुनाव जीते थे । जनता पार्टी (एस) के 41 तथा जनता पार्टी के 31 प्रत्याशी निर्वाचित हुये थे । भाकपा के 10 , माकपा के 37 तथा कांग्रेस (यू) को 13 लोकसभा क्षेत्रों में सफलता मिली थी ।

कांग्रेस (आई) को उत्तर प्रदेश में 51 , बिहार में 30 , आन्ध्र प्रदेश में 41 , असम में दो , गुजरात में 25 , हरियाणा में पांच , हिमाचल प्रदेश में चार , कर्नाटक में 27 , जम्मू कश्मीर में एक , केरल में पांच , मध्य प्रदेश में 35 , महाराष्ट्र में 39 , उड़िसा में 20 , पंजाब में 12 , राजस्थान में 18 , तमिलनाडु में 20 , पश्चिम बंगाल में चार , दिल्ली में छह , अरुणाचल में दो , मणिपुर , अंडमान निकोबार , चंडीगढ़ , दादर नागर हवेली , और पुड्डुचेरी में एक – एक सीट मिली थी ।

जनता पार्टी (एस) को उत्तर प्रदेश में 29 , बिहार में पांच , हरियाणा में चार , उड़िसा में एक और राजस्थान में दो सीटें मिली थी । जनता पार्टी को बिहार में आठ , महाराष्ट्र में आठ , मध्य प्रदेश में चार , उत्तर प्रदेश में तीन तथा कर्नाटक , दिल्ली , गुजरात , और हरियाणा में एक – एक सीट मिली थी । भाकपा को बिहार में चार , पश्चिम बंगाल में तीन , केरल , मणिपुर और उत्तर प्रदेश में एक – एक सीट मिली थी । कांग्रेस (यू) को बिहार में चार , आन्ध्र प्रदेश में एक , गोवा दामन दीव में एक , जम्मू कश्मीर में एक , केरल में तीन , महाराष्ट्र , राजस्थान और लक्ष्यदीप में एक – एक सीट मिली थी ।

तमिलनाडु में द्रमुक को 16 तथा अन्नाद्रमुक को दो , फारवर्ड ब्लाक को पश्चिम बंगाल में तीन , आरएसपी को पश्चिम बंगाल में चार तथा अकाली दल को पंजाब में एक सीट पर सफलता मिली थी । निर्दलीय उम्मीदवारों को बिहार में दो , जम्मू कश्मीर , केरल , मध्य प्रदेश , मिजोरम , नागालैंड , तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में एक – एक सीट पर कामयाबी मिली थी ।

रायबरेली में इंदिरा गांधी ने 223903 वोट लाकर जनता पार्टी की उम्मीदवार विजयराजे सिंधिया को पराजित किया था । श्रीमती सिंधिया 50 हजार से कुछ अधिक मत प्राप्त कर सकी थी । अमेठी में संजय गांधी ने जनता पार्टी के ही रविन्द्र प्रताप सिंह को हराया था । श्री गांधी को 186990 और श्री सिंह को 58445 वोट मिले थे । बिहार में जनता पार्टी के टिकट पर जगजीवन राम ने कांग्रेस (आई) के महावीर पासवान को हराया था ।

इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस (आई) के विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 153062 मत लाकर जनता पार्टी (एस) के लक्ष्मी भूषण वाष्णेय को परास्त किया था । बलिया में चन्द्रशेखर जनता पार्टी के टिकट पर और बागपत में चरण सिंह जनता पार्टी (एस) के टिकट पर जीते थे । बिहार के बांका लोकसभा क्षेत्र में जनता पार्टी (एस) के उम्मीदवार रहे मधु लिमिये कांग्रेस (आई) केे चन्द्र शेखर सिंह से चुनाव हार गये थे । मधु लिमिये को 95358 और श्री सिंह को 171781 वोट मिले थे । छपरा सीट पर जनता पार्टी के उम्मीदवार सत्यदेव सिंह ने जनता पार्टी (एस) के प्रत्याशी लालू प्रसाद यादव को पराजित किया था । श्री सिंह को 160054 तथा श्री यादव को 151273 मत मिले थे । कटिहार में कांग्रेस (आई) के तारिक अनवर , मुजफ्फरपुर में जनता पार्टी (एस) के जार्ज फर्नाडीस और हाजीपुर में जनता पार्टी (एस) के ही रामविलास पासवान जीत गये थे ।

उत्तर प्रदेश के गढवाल सीट पर कांग्रेस (आई) के हेमवती नन्दन बहुगुणा ने जनता पार्टी के प्रताप सिंह पुष्पन और नैनीताल में कांग्रेस (आई) के ही नारायणदत्त तिवारी ने जनता पार्टी के भारत भूषण को पराजित किया था । पश्चिम बंगाल में जादवपुर सीट पर माकपा के सोमनाथ चटर्जी और बसीरहाट में माकपा के दिग्गज इन्द्रजीत गुप्त निर्वाचित हुये थे।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जनता पार्टी (एस) के मनोहर लाल , सोनीपत में जनता पार्टी (एस) के ही देवीलाल और भिवानी में कांग्रेस (आई) के बंशीलाल ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराया था । मध्य प्रदेश में गुना से कांग्रेस (आई) के माधवराव सिंधिया और छिंदवाड़ा में इसी पार्टी के कमलनाथ निर्वाचित घोषित किये गये थे । महाराष्ट्र के राजपुर सीट पर जनता पार्टी के उम्मीदवार मधु दंडवते ने कांग्रेस (आई )के प्रत्याशी एस एन देसाई को पराजित किया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड कंपनियों के समूह द्वारा किये गये हजारों करोड़ रुपयों के घोटालों को गंभीर मामला माना attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मार्च । उच्चतम न्यायालय ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की पूछताछ से संबंधित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की नयी स्थिति रिपोर्ट में किये गये खुलासे को मंगलवार को बहुत ही गम्भीर करार दिया।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने ‘सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल सरकार’ मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस आयुक्त से पूछताछ के आधार पर सीबीआई की ओर से पेश सीलबंद प्रगति रिपोर्ट बहुत ही गम्भीर है और वह अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती।

न्यायालय ने कहा, “हमने स्थिति रिपोर्ट देखी है। सीबीआई यदि संबंधित मुद्दे पर अलग से अर्जी देना चाहती है तो एक सप्ताह के भीतर दे दे।”

न्यायालय ने कहा कि सीबीआई की ओर से अर्जी दिये जाने के 10 दिनों के भीतर श्री कुमार जवाब दाखिल करेंगे। मामला गम्भीर तो है, लेकिन श्री कुमार को मौका दिये बिना कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।

इस बीच, पीठ ने राज्य सरकार के उस अनुरोध को भी ठुकरा दिया जिसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही खत्म करने को कहा गया था।

न्यायालय ने कहा कि अवमानना याचिका पर विचार करते समय अगर कुछ गंभीर बातें संज्ञान में आती हैं और उस पर कार्रवाई की जरूरत होती है तो वह आंखें बंद करके नहीं रह सकता।

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पुलिस कांस्टेबल द्वारा कार रिपेयर नहीं करने पर व्यापारी की गोली मारकर हत्या attacknews.in

रायपुर, 26 मार्च । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विवाद के बाद एक आरक्षक ने व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी ।

रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज यहां  बताया कि शहर के पचपेड़ी नाका इलाके में आरक्षक मनोज सेन ने पुराने वाहनों के व्यवसायी संजय अग्रवाल :42: की इंसास रायफल से गोली मारकर हत्या कर दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पचपेड़ी नाका इलाके में संजय अग्रवाल श्री साईं मोटर्स के नाम से पुरानी गाड़ियों की खरीद- बिक्री का व्यवसाय करता था। पुलिस लाईन में पदस्थ आरक्षक मनोज सेन ने संजय अग्रवाल से इस महीने की चार तारीख को 3.70 लाख रूपए में पुरानी कार का सौदा किया था। इसके लिए सेन ने संजय को तीन लाख रूपए भी दे दिया था।

लेकिन कार लेने के दूसरे दिन ही कार बिगड़ गई, तब सेन ने संजय से कार सुधारने के लिए कहा और कार को संजय के पास रख दिया था। सेन लगातार संजय से कार सुधारने के लिए कह रहा था लेकिन संजय इस ओर ध्यान नहीं दे रहा था।

अधिकारियों ने बताया कि आज वह इसी सिलसिले में साईं मोटर्स गया और इस दौरान मनोज और संजय में कहासुनी हो गई।

उन्होंने बताया कि विवाद के बढ़ने के बाद मनोज ने इंसास रायफल से संजय अग्रवाल पर गोलियां चला दीं। घटना के बाद मनोज से वहां चला गया। संजय को अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों उसे मृत घोषित कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि सेन ने जिस इंसास रायफल से गोलीबारी की है, वह उसके रिश्तेदार की है। सेन का रिश्तेदार शहर के माना क्षेत्र में स्थित छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के बटालियन में तैनात है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने आरोपी आरक्षक मानोज सेन को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

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PNB बैंक घोटालेबाज मेहुल चौकसी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की बेटी के खाते में रिश्वत का पैसा जमा करवाया attacknews.in

जयपुर, 26 मार्च । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां आरोप लगाया कि बैंकों का पैसा लेकर भागे मेहुल चौकसी ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की पुत्री के खाते में रिश्वत का पैसा जमा कराया है।

श्री गांधी ने शक्तिकेंद्र के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का पैसा वित्तमंत्री जेटली के पास भी गया है। बैंकाें का पैसा लेकर भागे मेहुल चौकसी ने उनकी बेटी के खाते में पैसे डलवाये हैं। श्री गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीरव मोदी और ललित मोदी की चौकीदारी करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इनके नाम के साथ मोदी शब्द क्यों जुड़ा हुआ है।

उन्होंने श्री मोदी पर आरोप लगाया कि नोटबंदी के जरिए आम आदमी की जेब से पैसा निकालकर बैंकों में डलवाया गया जिसे बाद में अनिल अम्बानी जैसे उद्योगपतियों को बांट दिया। अनिल अम्बानी की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाले गये। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो उद्योगपतियों से बैंक की चाभी लेकर आम आदमी को सौंपी जायेगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो युवा उद्यमियों को नया उद्योग खड़ा करने पर तीन वर्ष तक कोई सरकारी इजाजत की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बाद वे औपचारिकता पूरी कर सकते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के स्टार्टअप मेक इन इंडिया को ढकोसला बताते हुए कहा कि हकीकत में सरकार ने कोई काम नहीं किया।

श्री गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते हुए कहा कि कांगेस का शासन आया तो इसे हटाकर एक सरल और साधारण टैक्स लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को अभी पांच करों का सामना करना पड़ता है। तथा आयकर विभाग वाले उनका खून चूसते हैं।

15 लाख रुपये हर बैंक खाते में डालने के श्री मोदी के वायदे को याद करते हुए श्री गांधी ने कहा कि उनका यह विचार बहुत अच्छा था, लेकिन उन्होंने 15 लाख की बात गलत बोली। हमने बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों से सम्पर्क करके न्यूनतम आय योजना बनाई जिसमें 20 प्रतिशत गरीब परिवारों के बैंक खाते में हर वर्ष तीन लाख साठ हजार रुपये जमा होंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि 21वीं सदी में एक भी गरीब नहीं रहे तथा 12 हजार रुपये न्यूनतम आय की लाइन निर्धारित की गई है जिससे कम कमाई करने वालों के खाते में सरकार उसकी भरपाई करेगी।

शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में उनका उपयोग पार्टी संगठन में किया जायेगा, यह लम्बा रास्ता हो सकता है, लेकिन उन्हें संगठन में जगह मिलेगी। इस अवसर पर शक्ति केंद्र के 10 कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया।

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राहुल गांधी समेत विपक्ष ने नोटबंदी को देशद्रोह और भाजपा नेताओ द्वारा सरकारी खजाना लूटने वाला बताया attacknews.in

नयी दिल्ली 26 मार्च । कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर पुराने नोट बदलने का आरोप लगाया और कहा कि नोटबंदी एक ‘देशद्रोह’ थी जिसमें सरकारी खजाना लूटा गया था।

विपक्षी दलों ने यहां एक संयुक्त संवादददाता सम्मेलन में एक वीडियो टेप जारी किया और कहा कि नोटबंदी के जरिए जनता का पैसा लूटा गया था। भाजपा नेताओं ने निर्धारित समय सीमा के बाद भी पुराने नोटों को नये नोटों में बदला है अौर इसके लिए 40 प्रतिशत तक ‘कमीशन’ लिया गया है। टेप में भाजपा के अहमदाबाद कार्यालय में कुछ लोगों को पांच लाख रुपए के पुराने नोटों को 40 प्रतिशत कमीशन के साथ बदलते दिखाया गया है।

संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सिंह सुरजेवाला, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा तथा अन्य दलों के नेता माैजूद थे।

उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को पांच सौ रुपए और एक हजार रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा कर दी और पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का समय 31 दिसंबर 2018 तय कर दिया।

राहुल गांधी ने कहा:नोटबंदी ने काले धन वालों की मदद की : 

इधर सूरतगढ़ (राजस्थान), में  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी के जरिए काले धन वालों की मदद करने का आरोप भी लगाया।

सूरतगढ़ में पार्टी की जनसंकल्प रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘झंडा एक है तो देश भी एक ही होगा। हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी के जरिए कालेधन वालों की मदद की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आते ही देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों की न्यूनतम मासिक आय 12000 रुपये सुनिश्चत करेगी। इसके लिये वह उनके खाते में 72 हजार रूपये सालाना डालेगी।

राहुल ने कहा कि देश में 25 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे हैं जो कि देश के लिए शर्म की बात है। उन्होंने देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को 72 हजार रूपये सालाना देने की पार्टी की घोषणा को देश में गरीबी पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताते हुए कहा कि कांग्रेस देश से गरीबी मिटाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी अमीरों को पैसा देते हैं तो कांग्रेस पार्टी गरीबों को पैसा देगी।’’

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी तथा जीएसटी जैसे कदमों से मोदी सरकार ने देश में बेरोजगारी बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के जरिए कालेधन वालों की मदद की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की रक्षा और युवाओं को रोजगार देने पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम गरीबों की बात करते हैं। हम न्याय चाहते हैं, हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे।’’

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सभा को संबोधित किया।

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भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने लिखित बयान जारी किया कि, रामलाल ने संदेश दिया है कि, मुझे कानपुर या कहीं और से चुनाव नहीं लड़ना चाहिये attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मार्च। भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मुरली मनोहर जोशी से कहा है कि वे आगामी आम चुनाव ना लड़ें।

यह घटनाक्रम, उम्रदराज हो चुके अपने कई नेताओं को चुनाव में प्रत्याशी ना बनाने के पार्टी के फैसले की ही एक कड़ी है। इस फैसले के तहत भाजपा के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी को भी पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के कार्यालय ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। कार्यालय के अनुसार, जोशी ने कानपुर के मतदाताओं के लिए एक संक्षिप्त बयान जारी किया है। 85 वर्षीय जोशी ने 2014 में कानपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव जीता था।

बयान में कहा गया है कि “भाजपा महासचिव (संगठन) राम लाल ने संदेश दिया है कि मुझे कानपुर या कहीं और से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।” इस बयान पर हालांकि जोशी के हस्ताक्षर नहीं हैं लेकिन उनके कार्यालय ने पुष्टि की है यह बयान उनका ही है।

जोशी ने 2009 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था लेकिन 2014 में उन्होंने यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खाली कर दी थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी की प्रतिक्रिया अभी पता नहीं चल पाई है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी (91 वर्ष) के साथ जोशी दो दशक से अधिक समय तक भाजपा के चेहरे के तौर जाने जाते थे।

संसद की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष जोशी के विभिन्न मुद्दों जैसे रोजगार, जीडीपी और गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) आदि पर निष्कर्षों से सरकार के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी ने यह ‘‘सैद्धांतिक निर्णय’’ किया है कि बुजुर्ग नेताओं को युवा नेताओं के लिए रास्ता बनाना चाहिए।

इस बार पार्टी ने आडवाणी सहित 80 साल से अधिक उम्र के अपने नेताओं बी सी खंडूरी, करिया मुंडा, कलराज मिश्रा और विजय चक्रवर्ती आदि को टिकट नहीं दिया है।

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भाजपा द्वारा घोषित 10वीं 39 प्रत्याशियों की सूची में अभिनेत्री जयाप्रदा मुकाबला करेगी सपा के आजम खान से,मेनका गांधी और वरुण गाँधी की सीटें बदली attacknews.in

नयी दिल्ली 26 मार्च । जानीमानी फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गयीं और इससे चंद घंटों बाद ही उन्हें उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया गया।

भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में श्रीमती जयाप्रदा को सदस्यता पर्ची सौंपी और अंगवस्त्र पहना कर पार्टी में स्वागत किया।

इस अवसर भाजपा के मीडिया विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख एवं सांसद अनिल बलूनी भी उपस्थित थे। श्री यादव ने कहा कि श्रीमती जयाप्रदा ने सात से अधिक भाषाओं में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है और वह अनेक भाषाएं जानतीं हैं। तीन बार सांसद भी रहीं हैं। सांस्कृतिक एवं राजनीतिक अनुभव से परिपक्व श्रीमती जयाप्रदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच साल के शासन में प्रदर्शन से प्रभावित होकर पार्टी में आयीं हैं।

श्री यादव ने श्रीमती जयाप्रदा के पार्टी में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वह मशहूर फिल्म हस्ती हैं। उनका लम्बा राजनीतिक अनुभव भी रहा है जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा।

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता एवं राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की करीबी सहयोगी जयाप्रदा सपा के टिकट पर दो बार रामपुर से निर्वाचित हुई हैं ।

अगर भाजपा उन्हें रामपुर से टिकट देने से उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से होगा ।

जयाप्रदा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक ‘बहादुर’ नेता बताया जिनके हाथों में देश सुरक्षित है।

भाजपा नेता भूपेन्द्र यादव ने कहा कि उन्हें :जयाप्रदा: किसी पहचान की जरूरत नहीं हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यो से काफी प्रभावित हैं ।

दक्षिण भारत की फिल्मों के बाद बॉलीवुड में अपनी पहचाने बनाने वाली जयाप्रदा राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़ गयी । राजनीति में तेलुगू देशम पार्टी :तेदेपा: से राजनीतिक कैरियर शुरू करने के बाद वह समाजवादी पार्टी में आ गयी।

।जयाप्रदा ने इस मौके पर कहा, ‘मैंने दिल से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई हूं । मेरा पूरा जीवन भाजपा के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है।’ रामपुर सीट पर चुनाव इस बार काफी दिलचस्प माना जा रहा है। भाजपा ने 2014 में नेपाल सिंह को रामपुर से लोकसभा का टिकट दिया था। नेपाल सिंह ने चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नसीर खां को नकदीकी मुकाबले में हराया था। बसपा के साथ गठबंधन करके समाजवादी पार्टी ने इस बार रामपुर से आजम खां को मैदान में उतारा है। इस संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है ।

श्रीमती जयाप्रदा ने इस अवसर पर कहा कि चाहे वह फिल्म में रही हों या राजनीति में, दोनों को उन्होंने दिल से अपनाया है । भाजपा की सदस्यता के लिए उन्होंने श्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह नंदमूरी तारक रामाराव में नेतृत्व में राजनीति में आयी थी। वह श्री एन चंद्रबाबू के नेतृत्व के बाद ,श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी में रहीं। अब उन्हें पहली बार किसी राष्ट्रीय पार्टी में आने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि वह बहादुर एवं दृढ़ निश्चयी नेता श्री मोदी के मिशन एवं भाजपा के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आने वाले समय में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगी।

श्रीमती जयाप्रदा के पार्टी में शामिल होने के करीब साढ़े चार घंटे बाद भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के 39 और पश्चिम बंगाल के 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इस सूची में पहला नाम श्रीमती जयाप्रदा का था जिन्हें रामपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। श्रीमती जयाप्रदा इस सीट से सपा के टिकट पर दो बार लोकसभा सदस्य रह चुकीं हैं। वह एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहीं हैं।

भाजपा में पार्टी की सदस्यता देने के चंद घंटों बाद ही चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाने के उदाहरण पहले भी देखे गये हैं। विगत आम चुनावों के दौरान श्री जगदंबिका पाल और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी को आनन फानन में पार्टी में शामिल करके उम्मीदवार बनाया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से सांसद केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी एवं उनके पुत्र सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी की सीटों को आपस में बदल दिया है तथा रामपुर से मशहूर अभिनेत्री जयाप्रदा तथा इलाहाबाद से राज्य सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 29 और पश्चिम बंगाल की दस लोकसभा सीटों के लिए मंगलवार को उम्मीदवारों की दसवीं सूची जारी की।

भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह सूची जारी की।

केन्द्रीय संचार एवं रेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा को गाजीपुर से और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय को चंदौली से पुन: टिकट दिया गया है। आगरा के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया को इटावा (सु.) से प्रत्याशी बनाया गया है। जबकि कानपुर से डॉ. मुरली मनोहर जोशी की जगह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सत्यदेव पचौरी को टिकट दिया गया है।

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2014 में रायबरेली में सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़ने वाले अजय अग्रवाल ने टिकट न मिलने पर भाजपा नेतृत्व को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी attacknews.in

लखनऊ, 26 मार्च । लोकसभा के पिछले चुनाव में रायबरेली से भाजपा के प्रत्याशी रहे अजय अग्रवाल ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि अगर इस दफा उनका टिकट काटा गया तो पार्टी को वैश्य समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

अग्रवाल ने शाह को सोमवार को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की तीन सीटों पर वैश्य समाज के प्रत्याशी उतारे थे जबकि आबादी के हिसाब से इस बिरादरी के सात-आठ प्रत्याशी होने चाहिए थे। इस बार उन्हें पता लगा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में वैश्य समाज की भागीदारी को तीन से घटाकर दो सीटों पर करने जा रही है, जिसकी वजह से वैश्य समाज में गहरा रोष व्याप्त है।

अग्रवाल ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने केवल अपने और कार्यकर्ताओं के दम पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को टक्कर दी थी। अगर भाजपा ने इस चुनाव में उनका टिकट काटा तो पार्टी को वैश्य समाज में आक्रोश के कारण बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने रायबरेली से वैश्य समाज का टिकट काटकर किसी अन्य जाति को देने का आत्मघाती कदम उठाया तो यह समाज पूरे उत्तर प्रदेश खासकर रायबरेली, लखनऊ, फतेहपुर, कानपुर, वाराणसी, अमेठी, बाराबंकी, फैजाबाद, मोहनलालगंज और कौशांबी लोकसभा क्षेत्रों में अपना आक्रोश प्रकट कर सकता है।

अग्रवाल ने कहा कि पार्टी के हित में वह आग्रह करना चाहते हैं कि रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में 2014 में वैश्य समाज को दिए गए प्रतिनिधित्व में कोई बदलाव न किया जाए।

मालूम हो कि कभी सपा के राष्ट्रीय सचिव रहे अग्रवाल ने वर्ष 2014 में रायबरेली सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें करीब एक लाख 74 हजार वोट मिले थे हालांकि वह सोनिया से तीन लाख 52 हजार से ज्यादा मतों से हार गये थे।

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चीन ने अरुणाचल प्रदेश और ताइवान को अपना हिस्सा नहीं बताने पर 30 हजार विश्व मानचित्रों को नष्ट कर दिया attacknews.in

बीजिंग, 26 मार्च । चीन ने अरुणाचल प्रदेश और ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा ना दिखाने को लेकर देश में छपे 30,000 विश्व मानचित्रों को नष्ट कर दिया है। मीडिया में आई एक खबर में यह दावा किया गया है।

चीन भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश पर दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है। चीन अपने रुख को उजागर करने के लिए आए दिन अरुणाचल प्रदेश में भारतीय नेताओं के आने पर आपत्ति जताता रहता है।

भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न हिस्सा है और भारतीय नेता देश के अन्य हिस्सों की तरह समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश जाते रहते हैं।

दोनों देशों ने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े सीमा विवाद को हल करने के लिए अभी 21 चरणों की वार्ता की है।

चीन उससे अलग हुए ताइवान पर भी अपना दावा जताता है।

सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स में मंगलवार को छपी एक खबर के मुताबिक, इन मानचित्रों को किसी देश को भेजा जाना था। इस देश का नाम अभी मालूम नहीं है।

खबर में बताया गया कि चीन के किंगदाओ में सीमा शुल्क अधिकारियों ने करीब 30,000 ‘‘गलत’’ विश्व मानचित्रों को नष्ट कर दिया जिसमें ताइवान को अलग देश दिखाया गया था और चीन-भारत सीमा का गलत चित्रण किया गया था।

इंटरनेशनल लॉ ऑफ चाइना फॉरेन अफेयर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लियु वेंगजोंग ने कहा, ‘‘चीन ने इस संबंध में जो किया वह पूरी तरह वैध और आवश्यक है क्योंकि संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता किसी भी देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजें होनी चाहिए। ताइवान और दक्षिण तिब्बत दोनों चीन के क्षेत्र हैं जो अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर अटूट और अभिन्न हैं।’’

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कांग्रेस के मजबूत गढ़ रायबरेली से सोनिया गांधी को पटकनी देने के लिए भाजपा भी उतारने जा रही है चर्चित चेहरा: जाने इस सीट का इतिहास attacknews.in

रायबरेली, 26 मार्च । लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से ज्यादातर सीटें जीतने के लिये सभी पार्टियों में होड़ लगी है। प्रदेश की इन सीटों में रायबरेली भी है, जिसे कांग्रेस का मजबूत गढ़ कहा जाता है।

इस सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार सोनिया गांधी होंगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रत्याशी के नाम का अभी खुलासा नहीं किया है। भाजपा की ओर से पूर्व प्रत्याशी अजय अग्रवाल और कई अन्य नेताओं के नामों की चर्चा जरूर हो रही है।

कांग्रेस के लिये रायबरेली की सीट कितनी अहम है यह इसी से पता चलता है कि नेहरू-गांधी परिवार का यहां से पुराना नाता है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मोतीलाल नेहरू और 1921 में मुंशीगंज में किसानों पर गोलीबारी के बाद जवाहरलाल नेहरू यहां आये थे। कांग्रेस का यह कितना मजबूत गढ़ है यह इसी से पता चलता है कि रायबरेली में पार्टी अब तक सिर्फ तीन बार पराजित हुयी है।

1977 में जनता पार्टी से राजनारायण, 1996 और 1998 में भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने रायबरेली संसदीय सीट पर कांग्रेस को पटकनी दी थी लेकिन उसके बाद से यहां नेहरू-गांधी परिवार का ही कब्जा है।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। उन्हें तब 5,26,434 मत मिले थे जबकि भाजपा के प्रत्याशी रहे अजय अग्रवाल को 1,73,721 मत हासिल हुये थे।

यहां के लोग याद करते हैं कि 1967 से 1977 तक का दौर रायबरेली के विकास का स्वर्णिम समय रहा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने यहां विकास कराया था। कई बड़ी फैक्टरियां और राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी यहां खुले लेकिन 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद विकास की रफ्तार थम गयी।

रायबरेली संसदीय सीट पर 16,50,767 मतदाता हैं। इनमें 8,70,954 पुरुष और 7,79,813 महिलायें हैं। कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी का यहां से एक बार फिर चुनाव लड़ना तय है वहीं अजय अग्रवाल एक बार फिर भाजपा के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनके अलावा कांग्रेस से बगावत करने वाले विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह भी भाजपा का टिकट चाहते हैं।

श्री अग्रवाल और श्री सिंह के अलावा अमर सिंह, कुमार विश्वास और मीनाक्षी लेखी का नाम भी रायबरेली से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उछाला जा रहा है लेकिन अभी तक पार्टी आलाकमान ने कोई फैसला नहीं लिया है।

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