पाकिस्तान ने साफ कह दिया: भारत द्वारा सौंपे गए सबूतों में पुलवामा आतंकवादी हमले में न तो मसूद अजहर और न ही पाकिस्तान का नाम हैं; उधर चीन ने अमेरिका पर अनदेखी का आरोप लगाया attacknews.in

इस्लामाबाद, 28 मार्च। पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारत ने आतंकी हमले के बाद इस्लामाबाद को जो डोजियर सौंपा है उसमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और पुलवामा हमले में किसी प्रकार के संबंध का उल्लेख नहीं है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डोजियर मिलने के तुरंत बाद पाकिस्तान ने हमले की जांच के लिए दस सदस्यीय एक दल का गठन किया और इसमें संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी शामिल किए गए।

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा घटना के साथ पाकिस्तान की कोई कड़ी नहीं पाई गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय डोजियर में ऐसा कोई दावा नहीं किया गया है कि पुलवामा घटना एवं मसूद अजहर में किसी प्रकार का कोई संबंध है।’’

भारत ने नयी दिल्ली में पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को 27 फरवरी को एक डोजियर सौंपा था और इसमें पाकिस्तान की सरजमीं से चल रहे आतंकी संगठन जैश की पुलवामा हमले में संलिप्तता के बारे में विशिष्ट जानकारी थी। इस साल 14 फरवरी को हुये इस भीषण आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। डोजियर में जैश के आतंकी शिविरों और उसके नेतृत्व की पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में जानकारियां दी गईं थीं।

पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय डोजियर 91 पृष्ठों का है और यह छह भागों में है। इनमें से सिर्फ दूसरा एवं तीसरा भाग पुलवामा हमले के बारे में हैं। अन्य भागों में ‘‘ज्यादातर सामान्य आरोप’’ हैं। पाकिस्तान का ध्यान उन हिस्सों पर है जिनका संबंध पुलवामा हमले से है।

उन्होंने पाकिस्तान के भारत के साथ सहयोग करने की इच्छा पर जोर देते हुये कहा, ‘‘हमने भारत को सूचित कर दिया है कि हम सहयोग के लिए तैयार हैं बशर्ते वे हमें ऐसी कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी एवं साक्ष्य देते हैं जो पाकिस्तान के न्यायालय में टिक पाएं। हम उन पर काम करने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा ताकि सभी विवादों का हल निकल सके लेकिन भारतीय पक्ष ने प्रत्युत्तर नहीं दिया।

चीन ने कहा: अमेरिका अनदेखी कर रहा है:

बीजिंग से खबर है कि,  चीन ने अमेरिका पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ने इस मसले पर सीधा अपने प्रस्ताव का मसौदा सुरक्षा परिषद में भेजकर 1267 समिति के नियमों का उल्लंघन किया है, जिससे यह मामला और जटिल हो जायेगा।

श्री शुआंग ने कहा कि ऐसे कार्यों से 1267 समिति का अधिकार क्षेत्र कमजोर होता है। 1267 समिति सुरक्षा परिषद की प्रमुख आतंकवाद निरोधक एजेंसी है।

मसूद अज़हर पर सुरक्षा परिषद में लाये गए ताजा प्रस्ताव पर चीन की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “ चीन ने इस मामले से संबंधित किसी भी मसले पर वीटो नहीं लगाया है। हमने प्रस्ताव को विचार के लिए रखा है, यह सुरक्षा परिषद में वीटो से काफी अलग होता है।”

गौरतलब है कि 13 मार्च को चीन ने मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने वाले एक प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में वीटो कर उसे रोक दिया था। यह प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से लाया गया था।

भारत का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद ने उसके नागरिकों पर अनगिनत आतंकवादी हमले करने के दावे किये हैं जिनमें पुलवामा में 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर जघन्य फिदायीन हमला शामिल है जिसमें 44 जवान शहीद हो गये थे।

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भारत ने कहा: पर्याप्त सबूत सौंपे जाने के बावजूद पाकिस्तान द्वारा पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच का इरादा नहीं है attacknews.in

नयी दिल्ली 28 मार्च । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा फिदायीन आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान को सौंपे गये डोज़ियर पर वहां की सरकार के जवाब को भारत ने निराशाजनक करार दिया है और कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान सरकार में ना तो कोई संजीदगी है और न ही इरादा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद की लिप्तता तथा पाकिस्तान में उसके आतंकी शिविरों एवं सरगना की मौजूदगी को लेकर अपने विस्तृत डोज़ियर पर पाकिस्तान के जवाब से निराश है।

श्री कुमार ने कहा कि यह खेद की बात है कि पाकिस्तान पुलवामा में हुए हमले को आतंकवादी हमला मानने से लगातार इनकार कर रहा है। उसने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में स्थित आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों के खिलाफ की गयी किसी भी विश्वसनीय कार्रवाई के विवरण को साझा नहीं किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि हमें पाकिस्तान के इस उत्तर से कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। 2008 के मुंबई हमले और 2016 के पठानकोट हमले के बाद इसी प्रकार की इबारत में उसने जवाब दिया था। जबकि यह जगजाहिर है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किये गये जैश-ए-मोहम्मद एवं उसके सरगना मसूद अज़हर का ठिकाना पाकिस्तान में स्थित है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने इसे स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान में संजीदगी एवं इरादा हो तो कार्रवाई करने लायक पर्याप्त सूचनाओं एवं सबूतों की कोई कमी नहीं है।

श्री कुमार ने कहा कि फिर भी भारत पाकिस्तान द्वारा सौंपे गये कागज़ात का अध्ययन कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 2004 में दिये गये वचन का पालन करना चाहिए जिसे वर्तमान नेतृत्व ने दोहराया है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाली धरती का भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार के आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा। उसे आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध तुरंत विश्वसनीय, ठोस एवं इस प्रकार की कार्रवाई करनी चाहिए जिसे साबित किया जा सके।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बुधवार शाम को इस्लामाबाद में एक विज्ञप्ति जारी करके कहा था कि पाकिस्तान सरकार ने पुलवामा हमले पर भारत की रिपोर्ट के आधार पर जांच करने के बाद आरंभिक निष्कर्षों को भारत सरकार के साथ साझा किया है। विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को पुलवामा के बारे में निष्कर्षों की रिपोर्ट सौंप दी है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान में यह भी कहा था कि वह इस सिलसिले में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है और भारत के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। बयान में कहा गया, “हम क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे हैं। जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हमने भारत से और सूचना तथा सबूत मुहैया कराने की मांग की है।”

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शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा: चुनाव के समय कांग्रेस के सभी नेता हिंदू बन जाते हैं, उन्हें मंदिर याद आने लगते हैं attacknews.in

भोपाल, 28 मार्च । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व समेत भोपाल से पार्टी प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस के सभी नेता हिंदू बन जाते हैं।

श्री चौहान ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि चुनाव के समय केवल श्री सिंह ही नहीं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी मंदिर जाने लगती हैं। चुनाव आते ही कांग्रेस के सभी नेता हिंदू बन जाते हैं, उन्हें मंदिर याद आने लगते हैं।

श्री गांधी द्वारा हर गरीब को 72 हजार रुपए प्रति साल दिए जाने की घोषणा पर कटाक्ष करते हुए श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अंतत: स्वीकार कर लिया है कि गरीबी हटाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लााल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक में से कोई नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि श्री गांधी जनता को अब ‘मिसलीड’ नहीं करें। जनता अब कांग्रेस के इस तरह के वादे के झांसे में नहीं आएगी।

भोपाल संसदीय क्षेत्र पर श्री सिंह के समक्ष भाजपा से स्वयं श्री चौहान का नाम हाेने से जुड़े सवाल पर श्री चौहान ने कहा कि वे इस सवाल पर चुप्पी साधना ज्यादा पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि रोज-रोज श्री सिंह का नाम क्यों लिया जाए।

भाजपा की ओर से अब तक भोपाल सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने के बारे में श्री चौहान ने कहा कि भोपाल के चुनाव में अभी बहुत दिन हैं। अभी से घोषित किया जाने पर प्रत्याशी के समक्ष दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
पार्टी में शहडोल संसदीय सीट से मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह और टीकमगढ़ सीट से पूर्व विधायक आर डी प्रजापति के बगावती तेवर होने की खबरों को खारिज करते हुए श्री चौहान ने कहा कि पार्टी में कोई असंतोष नहीं है। वे स्वयं अब कार्यालय में बैठ कर सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने की रणनीति पर काम करेंगे।

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इलाहाबाद से भाजपा सांसद बगावत कर वापस अपने पुराने घर सपा में गये तो पुरानी कांग्रेसी रीता बहुगुणा जोशी को भाजपा ने दाव पर लगाया attacknews.in

प्रयागराज, 28 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद लोकसभा सीट से प्रदेश सरकार में महिला, परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को टिकट दिया है। डॉ. जोशी का यह गृह जिला है और पार्टी को उम्मीद है कि वह इस वजह से यहां की सीट उसकी झोली में डाल सकती हैं।

डॉ. रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद की महौपौर रह चुकी हैं और कांग्रेस से भाजपा में आयी हैं। उन्होंने भाजपा के टिकट पर 2017 में हुये प्रदेश विधानसभा चुनाव में लखनऊ की कैंट सीट से जीत हासिल की थी। डॉ. जोशी ने उस चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा को पराजित किया था।

डॉ. जोशी के लिए यह शहर नया नहीं है। यह उनका गृह जिला है। वर्ष 2016 में भाजपा में शामिल होने से पहले 24 साल तक वह कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर रहीं।

राजनीति के जानकारों का मानना हैै कि भाजपा ने शायद लखनऊ में उनकी जीत से आशान्वित होकर ही इलाहाबाद संसदीय सीट से डॉ. जोशी को उतारा है। वर्ष 2014 में मोदी लहर थी। जिसका लाभ 2017 में हुए प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को मिला लेकिन अब 17वीं लोकसभा के चुनाव में 2014 की वह लहर नजर नहीं आ रही है।

उनका कहना है मतदाताओं में कई कारणों से श्री मोदी के प्रति रुझान कम दिख रहा है।

इलाहाबाद संसदीय सीट पर कांग्रेस ने अभी तक अपने किसी दावेदार के नाम की घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में इलाहाबाद सीट सपा के खाते में है। उसने भी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। अब सबकी निगाह इस पर है कि दोनों पार्टियां किन कद्दावर नेताओं को इलाहाबाद से उतारती हैं।

भाजपा के लिए अब यह सीट श्यामाचरण के छोड़ने से प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गयी है। वह यह भी दिखाना चाहेगी की किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी पार्टी से होती है न कि पार्टी की पहचान व्यक्ति से।

17वीं लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा काे श्यामाचरण गुप्त ने तगड़ा झटका दिया। वह पार्टी से बगावत कर अपने पुराने कुनबे सपा में पुन: शामिल होकर बांदा से उम्मीदवार बन गये। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा छोड़कर भाजपा में आये श्री गुप्त ने इलाहाबाद संसदीय सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के कुंवर रेवती रमण सिंह को 62,009 मतों से पराजित किया था।

श्री गुप्त को 3,13,772 मत मिलेे थे जबकि श्री सिंह के खाते में 2,51,763 मत पड़े थे।

स्थानीय लोगों का इस बार के लोकसभा चुनावों के बारे में कहना है कि मतदाता अब जागरूक हो रहा है। वह बार-बार पाला बदलने वाले नेता पर विश्वास कैसे करे। नेता केवल अपने लाभ के लिए पाला बदलता है, मतदाताओं से उसका कोई लेना-देना नहीं है। जो नेता अपना पुराना घर एक झटके में छोड़कर दूसरे घर में पनाह लेता है उसका कोई विश्वास नहीं होता। उनका कहना है कि दूसरे के घर में पनाह तभी मिल सकती है जब उसकी जुबानी बोलना हो।

सिविल लाइंस क्षेत्र में रेलवे स्टेशन से बस अड्डे पर रिक्शा चलाने वाले बिहार के भागलपुर निवासी गयादीन (52) का कहना है कि उसने कई बार सवारियों को इस तरह की बातें करते सुना है। उसने बताया, “मेरी समझ में भी यह बात थोड़ी आने लगी है।”

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मैं चौकीदार हूँ, मैं हिसाब दूंगा भी और हिसाब लूंगा भी; जो बैंको में खाते खुलवाने का मजाक उड़ाते थे, वे आज पैसा डालने की बात करते हैं attacknews.in

रुद्रपुर/ मेरठ , 28 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक रैली में गुरुवार को कहा कि वह चौकीदार हैं, वह हिसाब देंगे और दूसरों से हिसाब लेंगे भी।

श्री मोदी ने नैनीताल, ऊधमसिंह नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी अजय भट्ट के समर्थन में आयोजित जनसभा में गढ़वाली भाषा में अपना सम्बोधन शुरू करते हुये कहा कि देवभूमि के करोड़ों लोगों का आशीर्वाद उनके साथ है।

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि हमारे देश के सैनिकों को जिस प्रकार से अपमानित किया जा रहा है और नीचा दिखाने का प्रयास हो रहा है तथा उनके खिलाफ अपशब्द बोलने की हिम्मत की जा रही है, वह क्षमा किये जाने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की, बलिदानियों की भूमि है। ऐसी भूमि पर देश के चौकीदार को आशीर्वाद देने के लिए इतने सारे चौकीदार एक साथ निकल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में वह विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा,“मैं पूछूंगा उनसे, कांग्रेस और अन्य से कि वे अपने कार्यकाल में नाकाम क्यों रहे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज फैसले लेने वाली सरकार है तो दूसरी ओर फैसले टालने वालाें का इतिहास है। उस ओर वंशवाद की बहार है। एक ओर दमदार चौकीदार है तो उस ओर दागदारों की भरमार है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं नया भारत जो अपने गौरवशाली अतीत के साथ ही वैभवशाली होगा।”

श्री मोदी ने कहा कि जब आपके इस चौकीदार की सरकार के पहले महामिलावटी लोगों की सरकार थी तो देश भर में बम धमाके होते थे। आतंकवादियों की भी जाति देखी जाती थी। उनका धर्म जाना जाता था, तब कार्रवाई होती थी। उन्होंने कहा कि आज देश में तो संकल्प सिद्ध करने वाली सरकार, सर्जिकल स्ट्राइक वाली सरकार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग पूरी करने वाली सरकार यही है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह बैंक खाते खुलवाते थे तो लोग कमेंट करते थे कि बैंक कहां हैं। उनकी सरकार ने यह काम कर दिखाया। उन्होंने कहा, “बताइये इस देश में जो लोग 70 वर्ष में आपका बैंक खाता नहीं खुलवा सके। वे आपके खाते में पैसा पहुंचने देंगे क्या।”

जनसभा को क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने भी सम्बोधित किया।

मेरठ में कहा:बैंक खाते खुलवाये नहीं और पैसा डालने की बात करते हैं :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ पर तंज कसते हुए गुरुवार को कहा कि जब उनकी सरकार ने बैंक खाते खुलवाये तो कुछ ‘बुद्धिमान’ लोग कहते थे कि देश में बैंक ही नहीं हैं खाते खुलवाने से क्या होगा और आज वही खातों में पैसे डालने की बात करते हैं।

मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोग 2019 में एक बार फिर मोदी सरकार बनाने का मन बना चुके हैं। रैली में मौजूद भारी भीड़ से गदगद प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि दुनिया का मीडिया, जिसे भी 2019 के जनादेश का आकलन करना है वह इस जन सैलाब को देख सकता है।

श्री मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस को तो आड़े हाथों लिया ही, उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा। केंद्र में सरकार बनने पर गरीबों के लिए न्याय योजना लाने के कांग्रेस के वादे पर श्री मोदी ने कहा, “जब मैं बैंक खाते खुलवाता था तो कुछ बुद्धिमान लोग कहते थे कि देश में बैंक ही नहीं है, खातों से क्या होगा। जो 70 साल में गरीब का खाता नहीं खुलवा सके वे आज कहते हैं कि खातों में पैसे डालेंगे।”

बसपा और सपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी के नेताओं को जेल भेजने के लिए ‘बहन जी’ ने जीवन के दो दशक लगा दिये, उसी से उन्होंने हाथ मिला लिया है। जिस दल के नेता बहन जी को गेस्ट हाउस में ही खत्म कर देना चाहते थे वह अब उनके साथी बन गये हैं।”

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर श्री मोदी ने कहा, “अभी पिछले चुनाव में यूपी ने दो लड़कों का खेल देखा और दो लड़कों से बुआ-बबुआ तक पहुंचने में जो तेजी दिखाई गई है, वह बहुत गजब है।” मेरठ से 2019 के आम चुनाव अभियान की शुरुआत करने की वजह बताते हुए श्री मोदी ने कहा 1867 में वहीं सपना, वही आकांक्षा दिल में लिये इसी मेरठ से स्वतंत्रता के आंदोलन का पहला बिगुल फूंका गया था।

उन्होंने कहा, “पांच साल पहले जब मैंने आप सभी से आशीर्वाद मांगा था तो आपने भरपूर प्यार दिया था, मैंने कहा था आपके प्यार को मैं ब्याज सहित लौटाऊंगा और जो काम किया है, उसका हिसाब दूंगा तथा साथ में दूसरों का हिसाब भी लूंगा। ये दोनों काम साथ-साथ चलेंगे। तभी तो होगा हिसाब बराबर। चौकीदार हूं भाई और चौकीदार कोई नाइंसाफी नहीं करता। हिसाब होगा, सबका होगा, बारी-बारी से होगा।”

उन्होंने कहा आज एक तरफ नये भारत के संस्कार हैं, तो दूसरी तरफ वंशवाद और भ्रष्टाचार का विस्तार। एक तरफ दमदार चौकीदार है, तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है।

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असीमानंद को बरी करने वाले जज जगदीप सिंह ने आतंकवाद का मामला अनसुलझा रहने पर साक्ष्यों को जिम्मेदार बताया attacknews.in

पंचकूला (हरियाणा), 28 मार्च । समझौता एक्सप्रेस बम धमाका मामले में स्वामी असीमानंद और तीन अन्य आरोपियों को बरी करने वाली एक विशेष अदालत ने यहां कहा कि विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्य के अभाव की वजह से, हिंसा के इस नृशंस कृत्य में किसी गुनहगार को सजा नहीं मिल पाई।

इस मामले में चारों आरोपियों – स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को अदालत ने 20 मार्च को बरी कर दिया था।

एनआईए अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने अपने फैसले में कहा, “मुझे गहरे दर्द और पीड़ा के साथ फैसले का समापन करना पड़ रहा है क्योंकि विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्यों के अभाव की वजह से हिंसा के इस नृशंस कृत्य में किसी को गुनहगार नहीं ठहराया जा सका। अभियोजन के साक्ष्यों में निरंतरता का अभाव था और आतंकवाद का मामला अनसुलझा रह गया।”

भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास धमाका हुआ। उस वक्त रेलगाड़ी अटारी जा रही थी जो भारत की तरफ का आखिरी स्टेशन है। इस बम विस्फोट में 68 लोगों की मौत हो गई थी।

न्यायाधीश ने कहा कि आतंकवाद का कोई महजब नहीं होता क्योंकि दुनिया में कोई भी मजहब हिंसा का संदेश नहीं देता।

उन्होंने 28 मार्च को सार्वजनिक किये गए विस्तृत फैसले में कहा है, “अदालत को लोकप्रिय या प्रभावी सार्वजनिक धारणा अथवा राजनीतिक भाषणों के तहत आगे नहीं बढ़ना चाहिए और अंतत: उसे मौजूदा साक्ष्यों को तवज्जो देते हुए प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों और इसके साथ तय कानूनों के आधार पर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “चूंकि अदालती फैसले कानून के मुताबिक स्वीकार्य साक्ष्यों पर आधारित होते हैं, इसलिए ऐसे में यह दर्द और बढ़ जाता है जब नृशंस अपराध के साजिशकर्ताओं की पहचान नहीं होती और वे सजा नहीं पाते।”

न्यायाधीश ने कहा कि, “संदेह चाहे कितना भी गहरा हो, साक्ष्य की जगह नहीं ले सकता।”

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अब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने आतंकवादी मसूद अजहर को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए सीधे सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव भेजा attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 28 मार्च । अमेरिका ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाते हुए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है ताकि अजहर का नाम काली सूची में डाला जा सके।

अमेरिका को इस प्रयास में फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन प्राप्त है।

सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति में अजहर को सूचीबद्ध कर उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के एक प्रस्ताव पर चीन के वीटो करने के दो सप्ताह के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह के मुखिया का नाम काली सूची में डालने, उसके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाने, उसकी संपत्ति जब्त करने आदि के लिए बुधवार को 15 सदस्यीय परिषद को मसौदा प्रस्ताव भेजा।

संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों ने  बताया कि ‘पहली बार’ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर का नाम काली सूची में डालने के लिए सीधे सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव भेजा है। ऐसा प्रस्ताव अनापत्ति संबंधी किसी प्रावधान के तहत नहीं आता।

सूत्रों ने बताया कि मसौदा प्रस्ताव पर अनौपचारिक चर्चा की जाएगी और तब यह परिषद में जाएगा।

यह तय नहीं है कि मसौदा प्रस्ताव पर मतदान कब होगा। इस दौरान चीन एक बार फिर वीटो कर सकता है जिसने पूर्व में अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रयास में अड़ंगा लगाया था।

सूत्रों ने बताया कि मसौदा प्रस्ताव में जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए जघन्य एवं कायराना आत्मघाती हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जाएगी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुये थे।

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पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकवादी हमले के सबूतों को झुटलाया और साफ कह दिया: भारत ने जो 22 आतंकवादी शिविर बताएं हैं, वह सबूत भी झूठे हैं attacknews.in

पाकिस्तान

इस्लामाबाद, 28 मार्च । पुलवामा फिदायीन आतंकवादी हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने से बराबर इन्कार कर रहे पाकिस्तान ने विदेशी राजनयिकों के समक्ष भी यही राग अलापा और कहा कि इस मामले में 54 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत की तरफ से सौंपे गये डोजियर के आधार पर शुरुआती जांच रिपोर्ट से विदेशी राजनयिकों को अवगत कराया। चौदह फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर फिदायीन हमले में 44 जवान शहीद हो गये थे।

पाकिस्तान ने पुलवामा हमले संबंधी जांच के ‘‘प्रारंभिक निष्कर्ष’’ के बारे में बताते हुए कहा कि भारत ने जिन 22 स्थानों के बारे में बताया था, उसने उनकी जांच की है लेकिन उसे वहां कोई आतंकवादी शिविर नहीं मिले।

उसने दावा किया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के संबंध में 54 लोगों को हिरासत में लिया गया लेकिन उनका हमले से किसी तरह से संबंध होने का पता नहीं चला है।

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने पुलवामा हमले के बाद उसे भारत की ओर से डोजियर सौंपे जाने के बाद अपने देश की ‘‘प्रारंभिक जांच’’ की जानकारियां सार्वजनिक करते हुए कहा कि वह अनुरोध किए जाने पर इन 22 स्थलों पर यात्रा करने की अनुमति देने का इच्छुक है।

उसने एक बयान में कहा, ‘‘हिरासत में बंद 54 व्यक्तियों के खिलाफ जांच की जा रही है, लेकिन पुलवामा हमले से उनके संबंध के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है।’’

पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बीच यहां प्राधिकारियों ने देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के 120 से अधिक सदस्यों को एहतियातन नजरबंद किए जाने की घोषणा की थी।

पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने पांच मार्च को कहा था कि जैश प्रमुख अजहर मसूद का बेटा और उसका भाई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के उन 44 सदस्यों में शामिल है जिन्हें पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया है।

एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारत से कहा था कि वह पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता और देश में जैश के शिविरों की मौजूदगी के संबंध में ‘‘और सूचना/सबूत’’ मुहैया कराए।

कार्यालय ने कहा, ‘‘इसी प्रकार भारत ने जिन 22 स्थलों के बारे में बताया था उनकी जांच की गई है। इस प्रकार के कोई शिविर नहीं हैं। पाकिस्तान अनुरोध किए जाने पर इन स्थलों पर यात्रा करने की अनुमति देने का इच्छुक है।’’

उसने कहा कि सहयोग करने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर पाकिस्तान ने कुछ प्रश्नों के साथ अपनी जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष बुधवार को भारत के साथ साझा किए।

कार्यालय ने कहा, ‘‘साथ ही, इस्लामाबाद में राजनयिक कोर को भी जानकारी दी गई है।’’

भारत ने पुलवामा में किए गए आतंकवादी हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता के ‘विशिष्ट ब्यौरों’ और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के शिविरों के बारे में एक अधिकृत दस्तावेज..डोजियर पड़ोसी राष्ट्र को 27 फरवरी को सौंपा था। यह डोजियर पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपा गया था।

विदेश कार्यालय ने कहा कि डोजियर मिलने के तुरंत बाद पाकिस्तान ने एक जांच टीम गठित की, जांच के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया और उस सोशल मीडिया सामग्री के तकनीकी पहलुओं पर काम शुरू किया जो भारतीय दस्तावेजों का एक मुख्य आधार है।

उसने कहा कि भारतीय डोजियर में 91 पृष्ठ और छह भाग हैं जिनमें से केवल दूसरा और तीसरा भाग ही पुलवामा हमले से संबंधित है।

कार्यालय ने कहा, ‘‘अन्य भाग एक तरह से सामान्य आरोप हैं। पाकिस्तान पुलवामा हमले संबंधी भागों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।’’

उसने दावा किया कि जांच के दौरान भारत द्वारा मुहैया कराई गई सूचना के सभी पहलुओं की पूरी जांच की गई। इसमें आदिल डार का ‘‘अपराध स्वीकार करने वाला’’ वीडियो, हमले की जिम्मेदारी का ‘‘दावा’’, पुलवामा हमले के समर्थन में संदेश एवं वीडियो साझा करने के लिए इस्तेमाल किए गए व्हाट्सऐप और टेलीग्राम नंबर, प्रतिबंधित संगठन से जुड़े 90 संदिग्ध लोगों की सूची और प्रशिक्षण शिविरों के 22 बताए स्थल शामिल हैं।

कार्यालय ने कहा कि सेवा प्रदाताओं से भारत द्वारा मुहैया कराए गए जीएसएम नंबर के संपर्कों एवं गतिविधियों की प्रासंगिक जानकारियों समेत डेटा देने का अनुरोध किया गया हे।

उसने कहा कि अमेरिका सरकार से व्हाट्सऐप के सहयोग का अनुरोध किया गया है। जांच की प्रक्रिया जारी रखने के लिए भारत से उक्त अतिरिक्त जानकारी एवं दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

उसने कहा, ‘‘पाकिस्तान इस प्रक्रिया को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद से भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इसके बाद भारत ने बालाकोट में जैश के एक प्रशिक्षण शिविर पर आतंकवाद विरोधी एक अभियान को अंजाम दिया था।

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राहुल गांधी से विशेष साक्षात्कार: कांग्रेस पार्टी न्यूनतम आय योजना को लागू कर गरीबी पर आखिरी प्रहार करके गरीबों को इससे बाहर निकालेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के अपने वादे से भाजपा के पस्त होने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर अर्थव्यवस्था में फिर से नयी जान फूंकी (रिमोनटाइज) जाएगी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।

गांधी ने 11 अप्रैल से शुरू होने जा रहे 17वें लोकसभा चुनाव से पहले  दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि ‘न्याय’ योजना का एक मकसद देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को साल में 72 हजार रुपये देना है और दूसरा मकसद बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में नोटबंदी जैसी विफल नीतियों और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) के खराब क्रियान्वयन से अर्थव्यवस्था को बदहाल कर दिया। असंगठित क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।’’

गांधी ने  कहा, ‘‘न्याय के दो मकसद हैं। पहला, समाज में सबसे निचले स्तर के 20 प्रतिशत परिवारों को न्यूनतम आय की गारंटी देना है। दूसरा, अर्थव्यवस्था को दुरूस्त (रिमोनटाइज) करना है जिसे मोदी जी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस योजना का नाम ‘न्याय’ रखे जाने का एक कारण है। हमने इसका नाम ‘न्याय’ क्यों चुना? क्योंकि नरेंद्र मोदी ने पांच वर्षों में गरीबों से सिर्फ और सिर्फ छीना, उन्हें कुछ नहीं दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने किसानों से छीन लिया, छोटे और मंझोले कारोबारियों से छीन लिया, बेरोजगार युवकों से भी छीना है, माताओं और बहनों की बचत तक छीन ली। हम देश के वंचित तबके को वह लौटाना चाहते हैं जो मोदी जी ने उनसे छीना है।’’

‘न्याय’ को परिवर्तनकारी और गरीबी पर आखिरी प्रहार करार देते हुए गांधी ने कहा कि यह योजना वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन करने योग्य है और इसका नोटबंदी तथा जीएसटी की तरह जल्दबाजी में क्रियान्वयन नहीं किया जाएगा।

इस योजना से राजकोषीय घाटे की स्थिति खराब होने से जुड़ी कुछ अर्थशास्त्रियों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘नहीं, यह सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने बड़ी संख्या में अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया, कई कागजातों तथा इस विषय से जुड़ी शोध सामाग्रियों का अध्ययन किया गया तथा इसके क्रियान्वयन की संभावना पर पूरा मंथन करने के बाद इसे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का फैसला हुआ।

यह पूछे जाने पर कि ‘न्याय’ का वादा भी लोकलुभावन है तो गांधी ने कहा, ‘‘यह लोकलुभावन कदम नहीं है जैसा कि कुछ आलोचक बताने की कोाशिश कर रहे हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ अगर नरेंद्र मोदी 15 लोगों को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये देते हैं तो उसे लोकलुभावन नहीं माना जाता। तो फिर गरीबों को फायदा पहुंचाने के मकसद से तैयार न्याय योजना को इस नजरिए से क्यों देखा जाना चाहिए।’’

नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए गांधी ने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किए बिना, नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम नहीं उठा सकते। हमने विचार-विमर्श किया और परखा भी है। ‘न्याय’ वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन योग्य है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम ‘न्याय’ को जीएसटी की तरह लागू नहीं करेंगे। हम सबसे पहले पायलट परियोजना के तौर पर इसे लागू करेंगे ताकि क्रियान्वयन की प्रक्रिया में अगर कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सके। फिर हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करेंगे। हम लाभार्थियों की पहचान करने के लिए ठोस तरीका अपनाएंगे ताकि कोई पात्र परिवार छूट न जाए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट परियोजना कांग्रेस शासित राज्यों में शुरू होगी, गांधी ने कहा कि इस बारे में फैसला विशेषज्ञ करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। हमारा लक्ष्य अब गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’

गांधी ने कहा कि आज भी 20 से 22 प्रतिशत परिवार गरीबी में जीवन जी रहे हैं। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री की नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) की वजह से गरीबी के दलदल में गिरे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मकसद भारत से गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि न्याय से कोई वित्तीय मुद्दा नहीं पैदा होने वाला है।

गांधी ने कहा कि सबसे गरीब लोगों के हाथ में पैसा जाने के बाद देश की विकास दर बढ़ेगी।

कांग्रेस पर दशकों से ‘गरीबी हटाओ’ का नारे लगाने के भाजपा के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत की 70 फीसदी आबादी गरीब थी और कांग्रेस सरकारों ने इस परिदृश्य को बदलने के लिए कड़ी मेहनत की।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीबी उन्मूलन ही एक बड़ी परियोजना है और इसके लिए दशकों तक सतत कार्य हुआ। आजादी के बाद से कांग्रेस गरीबी उन्मूलन के कदम उठाने में अग्रणी रही है।’’ गांधी ने कहा कि हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, उदारीकरण और मनरेगा एवं खाद्य सुरक्षा का अधिकार जैसे कदमों की वजह से करोड़ों भारतीय गरीबी के दायरे से बाहर निकले और अब गरीबी पर ‘आखिरी प्रहार’ करके 20-25 करोड़ गरीबों को इस दलदल से बाहर निकालना है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी जी ने अपना काम सही तरीके से किया होता तो गरीबी को खत्म करने की प्रक्रिया अब तक पूरी हो चुकी होती। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी नीतियों ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ हालात और बिगाड़ दिये।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साझेदार इस योजना को लागू करने पर सहमत होंगे, गांधी ने कहा कि उन्होंने ‘न्याय’ के बारे में किसी सहयोगी दल से कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं सुनी है। ‘‘हमें अधिकतर विपक्ष की तरफ से भी समर्थन मिला है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनरेगा को संसद में ‘संप्रग सरकार की विफलता का जीता जागता स्मारक’ बताया था, जबकि इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकत दी है।

गांधी ने कहा, ‘‘न्याय से देश में उपभोग और उत्पादन का मजबूत दौर शुरू होगा जो अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाएगा।’’

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पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकवादी हमले के भारत द्वारा सौंपे गए डोजियर पर और सबूत देने को कहा attacknews.in

इस्लामाबाद 27 मार्च । पाकिस्तान ने आज कहा कि वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हुए फिदायीन आतंकवादी हमले के बारे में भारत के डोज़ियर के आधार पर पूरी जिम्मेदारी से जांच कर रहा है और उसने भारत से इस बारे में और सबूत मुहैया कराने को कहा है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि पाकिस्तान सरकार ने पुलवामा हमले पर भारत की रिपोर्ट के आधार पर जांच करने के बाद आरंभिक निष्कर्षों को भारत सरकार के साथ साझा किया है। विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को बुलाया और उन्हें पुलवामा के बारे में निष्कर्षों की रिपोर्ट सौंप दी।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि वह इस सिलसिले में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है और भारत के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। बयान में कहा गया, “हम क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे हैं। जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हमने भारत से और सूचना तथा सबूत मुहैया कराने की मांग की है।”

भारत ने 27 फरवरी को पाकिस्तान को पुलवामा हमले के बारे में एक डोज़ियर सौंपा था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले के बारे में भारत के साथ सहयोग का प्रस्ताव किया था और विश्वसनीय सबूत मिलने पर समुचित कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया था।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत सरकार की ओर से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।

पाकिस्तान ने  कहा कि उसने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हुए फिदायीन आतंकवादी हमले के बारे में भारत के डोज़ियर के आधार पर जांच के आरंभिक निष्कर्षों को भारत सरकार से साझा किया है।

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दिग्विजय सिंह ने कहा: मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी 29 में से 20 सीटें जीतने जा रही है, पुलवामा में आतंकवादी हमला इंटेलिजेंस फेलियर का प्रमाण है attacknews.in

दिग्विजय

भोपाल, 27 मार्च । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी राज्य में 29 में से कम से कम 20 सीटों पर चुनाव जीतेगी।

भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि पार्टी पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है और सभी नेता एकजुट हैं। उन्होंने भोपाल से उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार बनाने पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उस सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है, जहां से पूर्व राष्ट्रपति डा शंकरदयाल शर्मा भी चुनाव लड़े हैं।

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयं को सांस्कृतिक संगठन मानता है तो फिर उन्हें राजनीति नहीं करना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके परिवार का कोई सदस्य एवं पूर्वज कभी भी हिंदू महासभा या संघ से जुड़ा हुआ नहीं है।

श्री सिंह को कांग्रेस ने भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित किया है, जहां से पार्टी लगभग 35 सालों से विजयी नहीं हुयी। वे बाकायदा चुनाव प्रचार में सक्रिय भी हो गए हैं। हालाकि भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने आज केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आतंकी हमले की खुफिया सूचना के बाद भी केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को हवाई जहाज से ले जाने की अनुमति क्यों नहीं दी।

आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पुलवामा की घटना ‘इंटेलिजेंस फेलियर’ का सबसे बड़ा प्रमाण है।

पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक श्री सिंह ने दावा किया कि आठ फरवरी को आईजी कश्मीर का सिग्नल था, उन्होंने मैसेज किया था कि काफिले की सुरक्षा रखें, लेकिन लापरवाही बरती गई और 14 फरवरी को सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमला हो गया।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जवाब मांगा जा रहा हे, लेकिन भाजपा के पास अब कहने को कुछ नहीं बचा।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की रणनीति अब सिर्फ समुदायों मेंं आपस में झगड़ा कराने की है, यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह एक रहकर भाजपा को किसी तरह का मौका न दें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से सिर्फ कांग्रेस लड़ी है।

दिग्विजय सिंह ने  कहा कि भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव वे नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी और सभी कार्यकर्ता लड़ रहे हैं।

श्री सिंह आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ‘‘शक्ति’’ एप से जुड़े भोपाल लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि उनके जैसे कार्यकर्ता को जहां से चुनाव लड़ने का अवसर मिला, उस संसदीय सीट का नेतृत्व डाॅ. शंकर दयाल शर्मा जैसे महान व्यक्ति ने किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर भोपाल से कमजोर प्रत्याशी उतारने का आरोप लगाने वाली भाजपा अभी तक यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पायी है।

उन्होंने शक्ति एप कार्यकर्ताओं से कहा कि वे व्हाट्सऐप ग्रुप बनायें और भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करें। शक्ति’ के माध्यम से सच्चाई जन-जन तक पहुंचायें।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने घरों पर कांग्रेस का झंडा लगाकर झंडा अभियान चलायें।

इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को नारेबाजी नहीं करने और जिंदाबाद नहीं बोलने की हिदायत भी दी।

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दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली, 27 मार्च । उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि चुनाव में किसी भी प्रत्याशी के एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी के लिये दायर याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई की जायेगी

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडार और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा कि इसे दो सप्ताह बाद उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाये।

निर्वाचन आयोग ने इससे पहले शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में चुनाव सुधारों के बारे में 2004 के प्रस्तावों का हवाला देते हुये कहा था कि कानून में संशोधन करके यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक सीट पर चुनाव नहीं लड़ सके।?

आयोग ने यह भी कहा था कि प्रत्याशियों के एक से अधिक सीट से चुनाव लड़ने के उसके प्रस्ताव को संसदीय समिति ने 1998 में इस बारे में उसका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था। समिति ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि सर्वदलीय बैठक इस प्रावधान को बनाये रखने के पक्ष में थी।

याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर अपने जवाब में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि 2004 के उसके प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं है। आयोग ने कहा कि कानून में स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए कि जो व्यक्ति, दो सीटों पर चुनाव लड़ेगा और इसके परिणामस्वरूप दो में से एक सीट के लिये उपचुनाव कराना होगा,उसे उसे उपचुनाव पर होने वाले खर्च के लिये एक धनराशि सरकार के पास जमा करानी चाहिए। आयोग ने कहा था कि उस समय उसका प्रस्ताव विधानसभा सीट के लिये पांच लाख रूपए और लोकसभा सीट के उपचुनाव के मामले में दस लाख रूपए जमा कराने का था।

आयोग का कहना था कि 2004 के प्रस्ताव के बारे में उसके दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसके लिये जमा करायी जाने वाली राशि बढ़ाई जा सकती है।

उपाध्याय ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि संविधान के कामकाज की समीक्षा के लिये गठित राष्ट्रीय आयोग के सुझाव के अनुरूप लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिये हतोत्साहित किया जाना चाहिए।

उन्होंने विधि आयोग की 170वीं रिपोर्ट का भी हवाला दिया जिसमे कहा गया है कि अब निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने का वक्त आ गया

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उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण पर DRDO अध्यक्ष रेड्डी ने कहा: भारत के लिए यह कवच के तौर पर काम करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च ।भारत का उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकसित करने में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा। यह बात बुधवार को डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कही।

रेड्डी ने कहा कि परियोजना के लिए मंजूरी करीब दो वर्ष पहले दी गई थी।

अंतरिक्ष में भारत द्वारा उपग्रह को मार गिराए जाने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।’’ इससे देश अंतरिक्ष शक्तियों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है।

रेड्डी ने कहा कि परीक्षण के लिए उपयोग की गई प्रौद्योगिकी पूरी तरह स्वदेश में विकसित है।

उपग्रह को मिसाइल से मार गिराया जाना दर्शाता है कि ‘‘हम ऐसी तकनीक विकसित करने में सक्षम हैं जो सटीक दक्षता हासिल कर सकता है।’’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख ने कहा, ‘‘उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से हमारी क्षमता का पता चलता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा।’’

उन्होंने कहा कि परियोजना को काफी तेजी से लागू किया गया और इस तरह के कार्यक्रम लागू करने में यह डीआरडीओ की क्षमता को दर्शाता है।

डीआरडीओ ने कहा कि एक बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर मिसाइल ने सफलतापूर्वक लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में भारतीय उपग्रह को ‘हिट टू किल’ मोड में निशाना बना लिया।

इसने कहा, ‘‘इंटरसेप्टर मिसाइल तीन चरणों का मिसाइल था जिसमें दो ठोस रॉकेट बूस्टर थे। रेंज सेंसर से निगरानी में पुष्टि हुई कि मिशन ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया।’’

परीक्षण ‘मिशन शक्ति’ अभियान के तहत ओडिशा में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।

रेड्डी ने कहा कि इस परीक्षण से बाहरी अंतरिक्ष में अपने संसाधनों की रक्षा करने की भारत की क्षमता का पता चलता है।

भारत के पास अब भी विस्तृत राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत नहीं है। बहरहाल, सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए संयुक्त संचालन सिद्धांत अप्रैल 2017 में जारी हुआ था जिसमें बाहरी अंतरिक्ष से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए ‘रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी’का गठन किया जाना प्रस्तावित था।

इस बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण किसी देश के खिलाफ नहीं था और बाहरी अंतरिक्ष में भारत किसी हथियार दौड़ में शामिल नहीं होना चाहता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐलान: भारत अंतरिक्ष महाशक्ति वाला चौथा देश बना, एंटी सैटेलाइट मिसाइल से लाइव सैटेलाइट को मार गिराया attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऐलान किया कि भारत ने अंतरिक्ष में एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से एक ‘लाइव’ सैटेलाइट को मार गिराकर अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा लिया है और भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

‘मिशन शक्ति’ अभियान की सफलता के बाद भारत के वैश्विक अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में स्थापित हो जाने की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किमी दूर पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। यह लाइव सैटेलाइट एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, जिसे एंटी-सैटेलाइट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया। यह अभियान तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा किया गया।’’

इस अभियान से जुड़े वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अंतरिक्ष में निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया है । अब तक यह क्षमता अमेरिका, रूस और चीन के ही पास थी ।

मोदी ने कहा कि हमने जो नई क्षमता हासिल की है, यह किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि तेज गति से बढ़ रहे हिन्दुस्तान की रक्षात्मक पहल है । उन्होंने वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनकी सराहना भी की।

उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत भारत क्षेत्र और उससे भी आगे शांति का गारंटर हो सकता है। हमारा सामरिक उद्देश्य शांति का संरक्षण है, न कि युद्ध की तैयारी करना।’’

प्रधानमंत्री ने टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। इसके पहले उन्होंने ट्वीट किया कि वह राष्ट्र को कुछ ‘महत्वपूर्ण संदेश’ देने वाले हैं।

आज पूरा देश जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को बेसब्री से इंतजार कर रहा था वहीं सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थी कि क्या यह संबोधन आपातकाल को लेकर होगा, दाऊद इब्राहिम को लाने या मसूद अजहर को मार गिराने को लेकर होगा।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘कुछ ही समय पूर्व भारत ने एक अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की है। भारत ने आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति – स्पेस पावर – के रूप में दर्ज करा दिया है। अब तक दुनिया के तीन देश – अमेरिका, रूस और चीन – को यह उपलब्धि हासिल थी। अब भारत चौथा देश है, जिसने आज यह सिद्धि प्राप्त की है। हर हिन्दुस्तानी के लिए इससे बड़े गर्व का पल नहीं हो सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लो अर्थ ओरबिट – में यह लाइव सैटेलाइट, जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, उसे एंटी सैटेलाइट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया है। सिर्फ तीन मिनट में, सफलतापूर्वक यह ऑपरेशन पूरा किया गया है। मिशन शक्ति – यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था, जिसमें बहुत ही उच्चकोटि की तकनीकी क्षमता की आवश्यकता थी। वैज्ञानिकों द्वारा सभी निर्धारित लक्ष्य और उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हम सभी भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि यह पराक्रम भारत में ही विकसित ए-सैट मिसाइल द्वारा सिद्ध किया गया है।’’

प्रधानमंत्री ने सात चरणों में होने जा रहे लोकसभा चुनावों से पहले यह घोषणा की।

मोदी की घोषणा पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू होने के बाद डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ने हमारी क्षमता को प्रदर्शित किया है और यह अच्छे प्रतिरोधक (डेटरेंट) का काम करेगा।

रेड्डी ने कहा कि इस परियोजना की मंजूरी दो साल पहले दी गई थी।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है।’’

विशेषज्ञों और पूर्व वैज्ञानिकों ने कहा कि ऐसा परीक्षण करने के लिए भारत 2012 में ही जरूरी क्षमता से लैस था, लेकिन तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने इसकी मंजूरी नहीं दी।

डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वी के सारस्वत के मुताबिक, भारत के पास इस परीक्षण के लिए 2012-13 में ही क्षमता थी, लेकिन कोई राजनीतिक मंजूरी नहीं दी गई थी।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष और अब भाजपा में शामिल हो चुके जी माधवन नायर ने कहा कि भारत के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता एक दशक पहले से थी, लेकिन उस वक्त इसे प्रदर्शित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव था।

कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए 2004 से 2014 तक सत्ता में थी।

भाजपा ने सत्ता में होने के दौरान एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता प्रदर्शित नहीं करने को लेकर यूपीए पर निशाना साधा जबकि विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को संबोधित किए जाने पर उनका मजाक उड़ाया।

विदेश मंत्रालय ने 10 बिंदुओं के जरिए स्पष्ट किया कि भारत ने अंतरिक्ष में अपने साजो-सामान की सुरक्षा करने की काबिलियत परखने की खातिर एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण किया और यह किसी देश को निशाना बनाकर नहीं किया गया।

मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण निचले वायुमंडल में किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतरिक्ष में मलबा इकट्ठा नहीं हो। जो भी मलबा पैदा होगा वह कुछ ही हफ्तों में क्षरित होकर धरती पर गिर पड़ेगा।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इससे किसी अंतरराष्ट्रीय कानून या संधि का उल्लंघन नहीं हुआ है । भारत हमेशा से अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के विरूद्ध रहा है और इससे (उपग्रह मार गिराने से) देश की इस नीति में कोई परिवर्तन नहीं आया है ।

मोदी ने कहा कि ‘मिशन शक्ति’ एक अत्यंत जटिल ऑपरेशन था जिसमें उच्च कोटि की तकनीकी क्षमता की आवश्यकता थी। वैज्ञानिकों द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्य और उद्देश्य प्राप्त कर लिए गये हैं। सभी भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है ।

उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की अगुवाई में अंजाम दिए गए ‘मिशन शक्ति’ का उद्देश्य भारत की संपूर्ण सुरक्षा को मजबूत करना था।

मोदी ने कहा ‘‘हर राष्ट्र की विकास यात्रा में कुछ ऐसे पल आते हैं जो उसके लिए अत्यधिक गौरव वाले होते हैं और आने वाली पीढ़ियों पर उनका असर होता है। आज कुछ ऐसा ही समय है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति एवं सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए एक मजबूत भारत का निर्माण जरूरी है और हमारा उद्देश्य शांति का माहौल बनाना है, न कि युद्ध का माहौल बनाना ।

उन्होंने कहा कि भारत ने जो उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमता प्रदर्शित की है, यह एक दुर्लभ उपलब्धि है। ‘’निचली कक्षा के उपग्रह को मार गिराना हमारे देश के लिए दुर्लभ उपलब्धि है । अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह क्षमता हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। हमारा संपूर्ण प्रयास स्वदेशी है।’’

मोदी ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में जो काम किया है वह देश की सुरक्षा, आर्थिक विकास और तकनीकी प्रगति से जुड़ा है । यह कार्य सफल, समृद्ध, सुरक्षित एवं शांतिप्रिय राष्ट्र की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है । ‘‘हम आगे बढ़ें और भविष्य की चुनौतियों के लिये तैयार रहें ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने लोगों की कर्मठता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर पूर्ण विश्वास है। ‘‘हम नि:संदेह एकजुट होकर शक्तिशाली एवं खुशहाल भारत का निर्माण करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि वह ऐसे भारत की परिकल्पना करते हैं जो अपने समय से दो कदम आगे की सोचे और उस पर चलने का साहस करे ।

मोदी ने इस घोषणा से पहले कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की थी।

कांग्रेस ने भारत की उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमता के सफल परीक्षण के लिए वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए केन्द्र सरकार पर वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि का भी श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। अन्य विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से शिकायत की कि इससे आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।

चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से जुड़े मुद्दे आचार संहिता के दायरे में नहीं आते।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘मिशन शक्ति’ की सफलता के लिए डीआरडीओ की सराहना की और राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह मोदी को ‘विश्व रंगमंच दिवस’ की बधाई देते हैं।

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘ बहुत खूब डीआरडीओ, आपके कार्य पर हमें गर्व है।’

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री को विश्व रंगमंच दिवस की बधाई भी देना चाहता हूं।’

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी ने खुद को एक घंटे तक ‘‘मुफ्त टीवी टाइम’’ दिलाकर जमीनी मुद्दों से देश का ध्यान भटका दिया।

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदा लेने के लिए की गई यह एक और बेइंतहा नौटंकी है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पिछली यूपीए सरकार ने देश को अपना एंटी-सैटेलाइट मिसाइल बनाने के लिए वैज्ञानिकों को अनुमति नहीं दी क्योंकि उसमें ‘‘काबिलियत और स्पष्टता’’ नहीं थी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एच डी कुमारस्वामी ने ए-सैट की सफलता को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि करार दिए जाने पर सवाल उठाए और पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वह ‘‘किसी और के किए गए काम का इस्तेमाल’’ कर वोट मांग रहे हैं।

कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘क्या यह (मोदी सरकार की) बड़ी उपलब्धि है? देश में इस उद्देश्य के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम है। वे नियमित रूप से अपना काम करते हैं, चाहे सत्ता में किसी भी की सरकार क्यों नहीं हो।

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अमित शाह ने बताया: गिरिराज सिंह बिहार की वेगूसराय सीट से ही चुनाव लडेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च । लोकसभा चुनाव में सीट बदले जाने के तरीके को लेकर असंतुष्ट केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अब पार्टी की ओर से बेगूसराय सीट से ही चुनाव लड़ेंगे । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह जानकारी दी ।

भाजपा की ओर से घोषित सूची में गिरिराज सिंह को उनकी वर्तमान सीट नवादा की बजाए बेगूसराय सीट से टिकट दिया गया था । इसके कारण वह असंतुष्ट थे ।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा।’’ शाह ने कहा, ‘‘ मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूँ।’’

मंगलवार को गिरिराज सिंह ने कहा था कि प्रदेश नेतृत्व अगर मुझे विश्वास में ले लेता तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती, इसने मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है ।

गौरतलब है कि नवादा सीट राजग में सीटों के बंटवारे के तहत लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में चली गई है । वहीं बेगूसराय सीट पर गिरिराज सिंह का मुकाबला भाकपा के कन्हैया कुमार और राजद के तनवीर हसन से है ।

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