आधार बैंक खाता खुलवाने, मोबाईल सिम लेने के लिए अनिवार्य नहीं है अध्यादेश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन मार्च । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोबाइल सिम कार्ड लेने तथा बैंक खाता खुलवाने में पहचान पत्र के तौर पर आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मान्यता देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।

अध्यादेश शनिवार को जारी कर दिया गया। इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया जिसकी वजह से सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा।

मंत्रिमंडल ने आधार तथा दो अन्य विधेयकों में प्रस्तावित बदलावों को अमल में लाने के लिये पिछले सप्ताह अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी थी। संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है।

अध्यादेश में किसी व्यक्ति द्वारा प्रमाणन के लिये दी गयी जैविक पहचान की सूचनाएं और आधार संख्या का सेवा प्रदाता द्वारा अपने पास जमा रखने को प्रतिबंधित किया गया है। अध्यादेश के जरिये आधार कानून में यह बदलाव भी किया गया है कि कोई भी बच्चा 18 साल का हो जाने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है।

अध्यादेश में यह भी सुनिश्चित हो गया है कि बैंक खाता खोलना हो या मोबाइल फोन सिम कार्ड लेना हो, आधार पेश नहीं करने की स्थिति में किसी भी सेवा से उपभोक्ता को इंकार नहीं किया जा सकता है।

इसमें प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निकायों पर एक करोड़ रुपये तक का आर्थिक जुर्माना तथा अनुपालन नहीं करना जारी रखने की स्थिति में प्रति दिन 10 लाख रुपये के अतिरिक्त जुर्माने का प्रावधान है।

आधार के अवैध इस्तेमाल की स्थिति में तीन साल तक की कैद और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। यदि अवैध इस्तेमाल करने वाला निकाय कोई कंपनी हुई तो जुर्माना एक लाख रुपये तक हो सकता है।

अध्यादेश के जरिये आधार कानून की धारा 57 को हटा दिया गया है। यह धारा निजी कंपनियों, इकाइयों द्वारा आधार के इस्तेमाल से जुड़ी है

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मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होने वाले प्रस्ताव से विरोध को वापस लेगा पाकिस्तान attacknews.in

इस्लामाबाद, तीन मार्च । जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) समेत सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान ‘निर्णायक कार्रवाई’ कर सकता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादियों की सूची में जैश प्रमुख मसूद अजहर को शामिल करने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस भी ले सकता है। रविवार को एक खबर में यह बात कही गयी।

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने बुधवार को पाकिस्तान में रहने वाले अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नये सिरे से प्रस्ताव रखा था। ऐसा होने से अजहर के वैश्विक रूप से यात्रा करने पर पाबंदी लग जाएगी, उसकी संपत्तियां फ्रीज हो जाएंगी।

घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के हवाले से एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि पाकिस्तान एक बड़े नीतिगत फैसले में सभी प्रतिबंधित संगठनों और साथ ही प्रतिबंधित जैश के प्रमुख के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर सकता है।

अजहर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, इस बारे में स्थिति साफ नहीं है लेकिन अधिकारी ने संकेत दिया कि पाकिस्तान जैश प्रमुख को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस ले सकता है।

जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब अजहर के खिलाफ सुरक्षा परिषद की कार्रवाई का और विरोध नहीं करेगा तो उन्होंने कहा, ‘‘देश को फैसला लेना होगा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण है या देश का व्यापक राष्ट्रीय हित अहम है।’’

सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध के बारे में निर्णय लेने वाली समिति 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के वीटो अधिकार प्राप्त तीन स्थाई सदस्य देशों के ताजा प्रस्ताव पर 10 दिन के अंदर विचार करेगी।

अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में इस तरह का यह चौथा प्रयास है।

भारत ने 2009 में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव रखा था।

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खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर जिंदा हैं, खुफिया एजेंसियां उसकी मौत की पुष्टि करने की कर रही हैं जांच attacknews.in

 

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद  तीन मार्च । जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर की पाकिस्तान में मौत के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के बारे में खुफिया एजेंसियां पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इसके अलावा कोई जानकारी नहीं है कि अजहर का सेना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसके गुर्दे खराब हो चुके हैं।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के रहने वाले अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया था।

वर्ष 1999 में तत्कालीन राजग सरकार ने इंडियन एयरलाइन्स के अपहृत विमान आईसी-814 को छुड़ाने के बदलने अजहर को छोड़ दिया था। 50 साल के अजहर पर 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का, जम्मू कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमले और पठानकोट वायु सेना केंद्र तथा पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने के भी आरोप हैं।

अधिकारियों के अनुसार सोशल मीडिया पर आज व्यापक रूप से इस तरह की खबरें चल रही हैं कि अजहर की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है।

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। सरकार ने आतंकी शिविरों को तबाह करने का दावा करते हुए बड़ी सफलता मिलने की बात कही थी।

उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिये इंटरव्यू में कहा था कि जैश प्रमुख अजहर पाकिस्तान में है और उसकी सेहत बहुत खराब है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत ठोस सबूत पेश करे तो पाक सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

कुरैशी ने कहा था, ‘‘वह मेरी जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में है। वह इतना बीमार है कि अपने घर से नहीं निकल सकता।’’

जिंदा हैं मसूद अजहर:

उधर इस्लामाबाद से खबर है कि भारत  में मोस्ट वांटेड आतंकी, जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अभी ‘जिंदा’ है।

रविवार को पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई जिसमें मसूद के परिजनों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि मसूद की मौत की खबर गलत है।

जियो उर्दू न्यूज ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो दावा किया जा रहा है कि मसूद अजहर की मौत हो गई है, वह गलत हैं. सोशल मीडिया पर अटकलों के बीच रविवार शाम खबर आई कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना की मौत हो गई है. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी.

ज्यादा जानकारी न देते हुए परिवार के करीबी अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए, चैनल ने कहा कि वह ‘जिंदा’ है. पाकिस्तान सरकार की ओर से अजहर की मौत पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई.

पाक के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने अजहर की मौत का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मुझे इस समय कुछ भी पता नहीं है.’

बता दें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के रहने वाले अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया था.साल 1999 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने इंडियन एयरलाइन्स के अपहृत विमान आईसी-814 को छुड़ाने के बदलने अजहर को छोड़ दिया था. 50 साल के अजहर पर 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का जम्मू कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमले और पठानकोट वायु सेना केंद्र और पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने के भी आरोप हैं।

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था. सरकार ने आतंकी शिविरों को तबाह करने का दावा करते हुए बड़ी सफलता मिलने की बात कही थी।

उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जैश प्रमुख अजहर पाकिस्तान में है और उसकी सेहत बहुत खराब है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत ठोस सबूत पेश करे तो पाक सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. कुरैशी ने कहा था, ‘वह मेरी जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में है. वह इतना बीमार है कि अपने घर से नहीं निकल सकता.’

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विपक्ष की प्राथमिकता नरेंद्र मोदी को खत्म करने की है और यही विपक्ष अलग- अलग सुर में पाकिस्तान के खुश कर रहा है जिसे देश माफ नहीं करेगा attacknews.in

पटना/ अमेठी , तीन मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता आतंकवाद, गरीबी, भ्रष्टाचार और काले धन को खत्म करने की है, लेकिन विपक्ष की प्राथमिकता मोदी को खत्म करने की है।विपक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सीमा पार आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हवाई हमले को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल सबूत मांग कर न केवल सेना का मनोबल तोड़ने में लगे हैं बल्कि इस मामले पर अलग सुर में बात कर पाकिस्तान को खुश भी कर रहे हैं, जिसे देश कभी माफ नहीं करेगा। वही अमेठी (उप्र), में नरेन्द्र मोदी ने पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकार ने सुरक्षाबलों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी।

मोदी ने यहां गांधी मैदान में रविवार को आयोजित राजग की संकल्प रैली को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपब्धियां गिनाते हुए कहा कि यह तभी संभव हो पाया है जब 2014 में आपने राजग को एक मजबूत जनादेश दिया । 2014 से लेकर अब तक का समय देश की बुनियादी आवश्यक्ताओं को पूरा करने का था । 2019 के बाद आगे का समय देश को 21वीं सदी में नई ऊंचाई पर पहुंचाने का है ।

उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में नए भारत की एक मजबूत नींव राजग के घटक दलों ने मिलकर तैयार की है । अब समय आ गया है कि इस मजबूत नींव पर सतत और समृद्ध नए भारत का निर्माण हो ।

मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अगर ‘‘महामिलावट’’ वाली सरकार रहती तो न फैसले होते और न ही गरीबों का कल्याण होता । इन लोगों की प्रवृत्ति अपना विकास करने की है । देश का विकास करने की नहीं है ।

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘महामिलावट’’ के घटक सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए जीते हैं । उन्हें देश की कोई परवाह नहीं है और न वे देश की परवाह करते हैं । यही सीख हमें उनके इतिहास और वर्तमान से मिली है । जब हमारे देश की सेना आतंकवाद को कुचलने में जुटी है, सीमा के भीतर हो या सीमा के पार आतंक के ठिकानों पर प्रहार करने में लगी है । ऐसे समय में देश के भीतर ही कुछ लोग क्या-क्या कर रहे हैं । देश की आवाज और हमारी सेना के हौसलों को बुलंद करने की बजाय वे ऐसी बातें कर रहे हैं जिससे दुश्मनों के चेहरे खिल रहे हैं । पाकिस्तान में टीवी पर उनकी बातें और तस्वीरें दिखा-दिखाकर वहां तालियां बज रही हैं।

मोदी ने कहा कि जब आतंक की फैक्टरी चलाने वालों के खिलाफ एक सुर और स्वर से बात करने की जरूरत थी तब दिल्ली में 21 पार्टियां मिलकर केंद्र की राजग सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने के लिए एकत्र हुई थीं ।

उन्होंने कहा कि देश का कोई भी सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति उनके उस कृत्य को कभी भी माफ नहीं करेगा ।

मोदी ने रैली में शामिल लोगों से पूछा कि क्या ऐसे समय में पाकिस्तान खुश हो, ऐसी भाषा बोलनी चाहिए । पाकिस्तान में तालियां बजें, ऐसा पाप यहां करना चाहिए क्या । क्या यह शोभा देता है ।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब इन्ही दलों के नेता हमारे वीर जवानों ने जो पराक्रम दिखाया, उस पर संदेह कर रहे हैं । जैसे उनके द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा जा रहा था, अब वे आतंकी ठिकानों को हवाई हमले में खत्म किए जाने का भी सबूत मांगने लगे हैं ।

मोदी ने कहा ‘‘मैं कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों से जानना चाहता हूं कि आखिर वे क्यों हमारे वीर जवानों का मनोबल तोड़ने में लगे हैं । आखिर क्यों कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे देश के विरोधियों को फायदा हो रहा है ।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र की राजग सरकार ने देश को नई नीति और रीति दी है । कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का देश की सुरक्षा को लेकर जो रवैया था, वह देश देख चुका है । अब नया हिंदुस्तान, नई रीति और नीति के साथ आगे बढ़ रहा है । अब भारत अपने वीर जवानों के बलिदान पर चुप नहीं बैठता । चुन-चुनकर हिसाब लेता है ।

मोदी ने कहा कि दुनिया में कहां और कैसे बात करनी है और उसका परिणाम क्या होता है, उसे देश आज अच्छी तरह से अनुभव कर रहा है ।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अपने स्वार्थ और परिवार के लिए राजनीति करने वालों के पास मोदी को गाली देते रहने के सिवाय और कोई काम नहीं बचा है ।

मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा, ‘‘वे कहते हैं आओ मिलकर मोदी को खत्म करें और मोदी कहता है कि आओ हम सब एक होकर आतंकवाद को खत्म करें ।’’ उन्होंने कहा कि उनकी (विपक्ष) प्राथमिकता है मोदी को खत्म करो, मेरी प्राथमिकता है आतंकवाद खत्म करो।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं कहता हूं कि आओ मिलकर गरीबी का मुकाबला करें, देश को गरीबी से मुक्त करें, हम सब एक होकर भ्रष्टाचार और कालेधन को समाप्त करें, देश के नौजवानों के लिए नए अवसर बनाएं, उनके सपने पूरे करें और इसके लिए काम करें तथा देश में कुपोषण, गंदगी को खत्म करें, पर वे कहते हैं आओ मिलकर मोदी को खत्म करें । नीयत-नीयत का फर्क है।’’

उन्होंने केंद्र की वर्तमान सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यों के साथ हाल में शुरू की गयी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना की राशि अब सीधे किसानों के खाते में जमा होगी । कोई बिचौलिया या दलाल नहीं, कोई चोरी करने वाला नहीं । अब उन्हें बीज, खाद, कीटनाशक, चारा जैसी जरूरत के लिए किसी से कर्ज नहीं मांगना पडे़गा ।

मोदी ने बिहार में पूर्व में हुए चारा घोटाले को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और कहा कि चारे के नाम पर क्या-क्या हुआ है, यह बिहार के लोग बहुत बेहतर तरीके से जानते हैं । अब बिचौलियों से मुक्त सीधे बैंक खाते में पैसा जमा कराने वाली प्रभावी योजना राजग सरकार के आपके इस चौकीदार ने शुरू की है । लूट-खसूट और बेनामी संपत्ति और बिचौलियों की जो संस्कृति बिहार सहित देश की राजनीति में दशकों से सामान्य हो चुकी थी, उसको बंद करने की हमने हिम्मत दिखायी है ।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीब और मध्यम वर्ग के हक और पसीने की कमाई पर जो अपनी दुकानें चला रहे थे, वे अब चौकीदार से परेशान हैं और इसलिए चौकीदार को गाली देने की प्रतियोगिता चल रही है । आप आश्वस्त रहिए, आपका यह चौकीदार पूरी तरह से चौकन्ना है । सुरक्षा चाहे गरीब की हो या देश की । देश पर बुरी नजर रखने वालों के सामने आपका यह चौकीदार और हमारा राजग गठबंधन दीवार बनकर खड़ा है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘देश की रक्षा—सुरक्षा, गरीब, वंचित, शोषित एवं मध्यम वर्ग के हित में जितने भी बडे़ फैसले लेने हैं, वह डंके की चोट पर लिए जा रहे हैं और आगे भी लिए जाएंगे ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश को विश्व में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए दिन-रात एक-एक कर नए रास्ते बना रहा हूं और विपक्ष मुझे ही रास्ते से हटाने के लिए काम कर रहा है, साजिश रच रहा है तथा झूठ बोल रहा है ।’’ मोदी ने कहा कि इनकी सारी बातें एक के बाद एक देश के सामने आ चुकी हैं । देश के लोग मन बना चुके हैं कि इन्हें एक बार फिर सजा देंगे । उनकी गलतियों का एहसास कराएंगे । वे अपनी राजनीति करते रहें । हम देश के विकास के लक्ष्य को लेकर निरंतर आगे बढ़ेंगे ।

रैली को बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, लोजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान तथा उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भी संबोधित

श्री मोदी ने कहा कि जब भारत की सक्षम सेना आतंक को कुचलने के लिए सीमा के भीतर और सीमा के पार आतंकी ठिकानों पर प्रहार करने में लगी है, तो ऐसे समय में पूरे देश की आवाज हमारी सेना के हौसले बुलंद करने के लिए होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस तथा उनके साथी ऐसा करने की बजाय ऐसी बातें कर रहे हैं, जिससे दुश्मनों के चेहरे खिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आतंक की फैक्ट्री चलाने वालों के खिलाफ एक सुर और एक स्वर में बात करने की जरूरत थी तब दिल्ली में 21 पार्टियां मिलकर केन्द्र की राजग सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने के लिए जुटी थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में टीवी पर उनकी बातें और उनकी तस्वीरें दिखायी जा रही थी, जिससे वहां तालियां बज रही थी। बिहार और पूरा देश उनके इस कृत्य को कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के वीर जवानों ने जो पराक्रम दिखलाया उस पर कांग्रेस और उनके साथी संदेह कर रहे हैं। जिस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा गया था उसी तरह अब वे आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले का भी प्रमाण मांग रहे हैं।

अमेठी में कहा: सुरक्षा बलो की सुरक्षा को यूपीए ने कमजोर रखा:

अमेठी (उप्र) में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि पहले की सरकार ने सुरक्षाबलों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी।

मोदी ने यहां विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुए कहा, ‘पहले जो सरकार थी उसने सुरक्षा बलों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी ।’

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘कुछ लोग जगह जगह घूमकर भाषण करते रहते हैं- मेड इन उज्जैन, मेड इन जैसलमेर, मेड इन बड़ौदा। लेकिन ये मोदी है… अब यहां बनने वाली राइफल मेड इन अमेठी के नाम से जानी जाएगी । दुनिया की सबसे आधुनिक राइफल एके-203 का अमेठी में निर्माण होगा।’

उन्होंने कहा, ‘यही लोग वर्षों तक राफेल विमानों के सौदे पर बैठे रहे और जब सरकार जाने की बारी आई तो उसको ठंडे बस्ते में डाल दिया। हमारी सरकार आई और डेढ़ साल के भीतर सौदे पर मुहर लगाई और कुछ ही महीने में दुश्मन के होश उड़ाने के लिए पहला राफेल विमान भारत के आसमान में होगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि एके-203 राइफलों से आतंकियों और नक्सलियों के साथ होने वाली मुठभेड़ों में हमारे सैनिकों को निश्चित रूप से बहुत बढ़त मिलने वाली है ।

मोदी ने कहा कि हमारी सेना ने साल 2005 में आधुनिक हथियार की अपनी जरूरत को तब की सरकार के सामने रखा था । इसी को देखते हुए अमेठी में इस फैक्ट्री के लिए काम शुरू हुआ ।

उन्होंने कहा कि आपके सांसद ने जब 2007 में इसका शिलान्यास किया, तब ये कहा गया था कि साल 2010 से इसमें काम शुरू हो जाएगा लेकिन काम शुरू होना तो दूर, तीन साल में पहले की सरकार ये तय ही नहीं कर पाई कि अमेठी की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में किस तरह के हथियार बनाए जाएं।

मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं, ये फैक्ट्री बनेगी कहां, इसके लिए ज़मीन तक उपलब्ध नहीं कराई गई ।

उन्होंने कहा कि हमारे देश को आधुनिक राइफल ही नहीं, आधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट ही नहीं, आधुनिक तोप के लिए भी इन्हीं लोगों ने इंतजार कराया है।

ये हमारी ही सरकार है जिसने आधुनिक होवित्जर तोप का सौदा किया और अब तो ये भारत में ही बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले साढे़ चार साल में 2 . 30 लाख से ज्यादा बुलेटप्रूफ जैकेटों के ऑर्डर दिए।

मोदी ने कहा, ‘जिन्होंने हमें वोट दिया, वो भी हमारे हैं, जिन्होंने वोट नहीं दिया, वो भी हमारे हैं ।’

उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी को पराजित किया था ।

कार्यक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि वोट लेकर जनता को भूल जाना कुछ लोगों की प्रवृत्ति रही है। वो गरीब को गरीब बनाए रखना चाहते हैं ताकि पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी हटाओ के नारे लगा सकें। हम गरीब को इतनी ताकत दे रहे हैं कि वो अपनी गरीबी से तेजी से बाहर निकले।

अमेठी की फैक्ट्री भारत और रूस के बीच साझा उपक्रम है।

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विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान शीघ्र काॅकपिट पर लौटने को आतुर, सुरक्षा एजेंसियों ने डीब्रीफिंग की,आगे भी सवाल- जवाब जारी रहेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन मार्च । विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने वायुसेना के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वह यथाशीघ्र कॉकपिट में लौटना चाहते हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

वायुसेना के पायलट अभिनंदन का दो दिनों से यहां एक सैन्य अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।

अधिकारियों ने  बताया कि वर्धमान ने वायुसेना के वरिष्ठ कमांडरों और इलाज कर रहे डॉक्टरों से कहा कि वह यथाशीघ्र विमान उड़ाना शुरू करना चाहते हैं।

बुधवार को वह पाकिस्तानी वायुसेना के साथ हवाई संघर्ष के दौरान एफ-16 लड़ाकू जेट को मार गिराने वाले वायुसेना के पहले पायलट बन गये थे। इस भीषण संघर्ष के दौरान उनके मिग -21 को भी मार गिराया गया था और उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था।

वह शुक्रवार की रात को लौटे थे और उनका नायक की भांति भव्य स्वागत किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि सेना के रिसर्च एवं रेफरल अस्पताल के डॉक्टरों का एक समूह उनके स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी कर रहा है।

एक सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘यह कोशिश रही है कि वह शीघ्र ही कॉकपिट में लौटें।’’

अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान में उत्पीड़न से गुजरने के बावजूद उनका जज्बा काफी ऊंचा है। वह शुक्रवार को रात करीब पौने बारह बजे वायुसेना की उड़ान से राजधानी लौटे थे। उससे करीब ढाई घंटे पहले वह अटारी वाघा सीमा से भारत में पहुंचे थे।

पकड़े जाने के बाद वर्धमान ने बिल्कुल प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में साहस और शालीनता का परिचय दिया था जिसकी नेताओं, रणनीतिक विशेषज्ञों और पूर्व सैनिकों ने प्रशंसा की थी।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बी एस धनोआ ने शनिवार को वर्धमान से अलग अलग भेंट की थी। उस दौरान वर्धमान ने पाकिस्तान में हिरासत के दौरान मानसिक उत्पीड़न के बारे में बताया।

रक्षामंत्री ने उनके साहस की प्रशंसा की और कहा कि राष्ट्र उनकी निस्वार्थ सेवा के प्रति आभारी है।

अभिनंदन वर्द्धमान की हुई डीब्रीफिंग :

विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान से रविवार को सुरक्षा एजेंसियों ने डीब्रीफिंग (सवाल-जवाब) की।

वर्धमान को अटारी-बाघा सीमा से पाकिस्तान से भारत वापस लाने के बाद शुक्रवार देर रात दिल्ली लाया गया था जहां भारतीय वायु सेना के कई वरिष्ठ पायलटों ने उनसे मुलाकात की।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने विंग कमांडर से डीब्रीफिंग की और यह अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। उनके कई चिकित्सकीय परीक्षण भी किए गए।

एक सैन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘ यह सुनिश्चित करने की कोशिशें की जा रही हैं कि वह जल्द ही कॉकपिट में लौट आएं।’’

भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को खदेड़ने के दौरान हवा में हुई लड़ाई के दौरान उनका मिग 21 बाइसन गिर गया था जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया था। इससे पहले वर्धमान ने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराया था।

विंग कमांडर शुक्रवार रात भारतीय वायु सेना की उड़ान से रात 11 बजकर करीब 45 मिनट पर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। वह अटारी-वाघा सीमा से भारत में आने के करीब ढाई घंटे बाद यहां पहुंचे।

उन्हें पहले एयर फोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैबलिशमेंट (एएफसीएमई) ले जाया गया। बाद में उन्हें आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ले जाया गया ।

पाकिस्तान में पकड़े जाने के बाद वर्धमान ने मुश्किल परिस्थितियों से निपटने में साहस का परिचय दिया जिसके लिए नेता, कूटनीतिक मामलों के विशेषज्ञ, पूर्व सैन्य कर्मी, मशहूर हस्तियां और आम जनता उनकी प्रशंसा कर रही है।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने शनिवार को अलग अलग, वर्धमान से मुलाकात की जिस दौरान विंग कमांडर ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान ने उन्हें कैद में रखने के दौरान मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

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नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त किया कि, बिहार की जनता की ओर से सभी 40 लोकसभा सीटें NDA को मिलेगी attacknews.in

पटना तीन मार्च । बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि इस प्रदेश के लोग आपको आवश्वस्त करते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटें राजग को मिलेगी ।

पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित राजग की संकल्प रैली को संबोधित करते हुये नीतीश ने मोदी से कहा ‘ बिहार के लोग आपको आवश्वस्त करते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटें राजग को मिलेगी’।

उन्होंने कहा, ‘हाल ही में आतंकवादियों द्वारा की गयी घटना के दौरान हमारे जवान शहीद हुए। जवाबी कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहल की गयी और सेना को खुली छूट दी गयी। देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता है। जवाबी कार्रवाई के लिए मैं देश की सेना को सलाम करता हूँ और प्रधानमंत्री को बधाई देता हूँ’।

नीतीश ने कहा, ‘आतंकवादी घटना के दौरान बिहार के मसौढ़ी के तारेगना डीह के शहीद संजय कुमार सिन्हा, भागलपुर के शहीद रत्न कुमार ठाकुर और बेगुसराय निवासी सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर शहीद पिंटू कुमार सिंह को मैं सलाम करता हूँ। आतंकियों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई हो रही है। वायुसेना के विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान का भी मैं अभिनंदन करता हूँ, जिन्हें 60 घंटे के अंदर पाकिस्तान द्वारा रिहा किया गया, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर बधाई देता हूँ’।

उन्होंने कहा ‘आतंकवाद से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा, मुझे और पूरे देश को भरोसा है कि मोदी जी के नेतृत्व में सरकार जरूरी कदम उठाएगी’।

नीतीश ने केंद्र की राजग सरकार द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्यों की चर्चा करते हुए कहा ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कई बेहतर कार्य किये गये हैं’।

उन्होंने कहा, ‘बिहार की प्रगति एवं लोगों के हित के लिए हमारा एलायंस हुआ है। बिहार के विकास के सिलसिले में व्यापक सहयोग के लिए मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूँ’।

नीतीश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों की चर्चा करते हुये कहा कि सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन अर्जन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना पूजा सात सामाजिक पाप हैं।

उन्होंने राजद सहित अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा ‘कुछ लोग सत्ता में सेवा के लिए नहीं बल्कि मेवा के लिए आते हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। जब उनलोगों को सत्ता मिली तो उन्होंने क्या किया और हमलोगों को सत्ता मिली तो हमलोगों ने कौन-कौन से काम किये, वह आपके सामने है।

नीतीश ने रैली में भाग लेने आए भाजपा, जदयू और लोजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि इस संकल्प रैली में आपलोगों का जैसा उल्लास है, इसे बरकरार रखियेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बिहार के लोग सभी 40 लोकसभा सीट जीतने के लिए आश्वस्त कर रहे हैं। हमलोग काम के आधार पर हर बात करते हैं।

नीतीश ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव होने वाला है, चुनाव के बाद मोदी जी के नेतृत्व में फिर से केंद्र में सरकार बने और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ता रहे’।

रैली को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश की सीमा में घुस कर तीन आतंकी कैम्प ध्वस्त कर वायुसेना के वीरों ने जब पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेते हुए देशवासियों के गम-गुस्से को गर्व और शौर्य अभिनंदन के उत्सव में बदल दिया है।

उन्होंने कहा कि नये और मजबूत भारत के संकल्प के लिए आहूत राजग की रैली से उन लोगों की छाती फट रही है, जो भारत के टुकड़े करने की मंशा रखने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं।

सुशील ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार को 1लाख 65 हजार करोड़ रुपये का जो अभूतपूर्व पैकेज दिया, उससे राज्य में गंगा पर रेल-सड़क पुल और महासेतु के निर्माण सहित कई विकास योजनाओं का शिलान्यास- लोकार्पण हो चुका है, युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, हर गांव में बिजली पहुंच चुकी है, राज्य के 35 लाख से ज्यादा गरीबों के घर रसोई गैस पर खाना बनने लगा है, लेकिन जो लोग जमीन, माल, फ्लैट, बेनामी सम्पत्ति और विलासितापूर्ण बंगला हथियाने में लगे रहे, उन्हें गरीबों-दलितों-पिछड़ों का विकास कैसे दिखायी पड़ेगा?

रैली को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद, राय, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह, बिहार के मंत्री और राज्य मंत्री लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, मंत्री मंगल पांडेय, नंद किशोर यादव और महागठबंधन के अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

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गजवा-ए-हिंद यानि भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की योजना में जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान की भूमिका सामने आई, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन मार्च । पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दुस्साहसिक आतंकवादी हमले उसके ‘गजवा-ए-हिंद’ (भारत के खिलाफ पवित्र युद्ध) का हिस्सा हैं, जिसने इसे सबसे घातक आतंकवादी समूह में बदल दिया और इस संगठन ने दो दशकों में दो बार भारत और पाकिस्तान को युद्ध की कगार पर ला दिया।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पिछले 20 वर्षों में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में पठानकोट एयरबेस, उरी में सैन्य ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला, श्रीनगर में बादामीबाग कैंट पर हमले और जम्मू कश्मीर विधानसभा के पास बम विस्फोट शामिल हैं।

एक सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान 2001 में उस समय युद्ध की कगार पर आ खड़े हुए थे, जब जैश ने भारतीय संसद पर हमला किया था। गत 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद एक बार फिर यही स्थिति बनी। attacknews.in

अधिकारी ने एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अल-कायदा से जुड़े हुए आतंकवादी संगठन ने 27 नवम्बर,2017 को पाकिस्तान के ओकारा जिले में एक सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें भारत-पाकिस्तान संबंधों को ध्यान में रखे बिना ‘गजवा-ए-हिंद’ जारी रखने का संकल्प लिया गया था। attacknews.in

24 दिसम्बर, 1999 में इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान आईसी814 का अपहरण किये जाने पर 31 दिसम्बर, 1999 को आतंकी षडयंत्रकर्ता मसूद अजहर को भारतीय जेल से रिहा किये जाने के बाद जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया गया था।

इस संगठन ने जम्मू कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है।

घाटी में अप्रैल 2000 में किये गये हमले में 30 सैनिक शहीद हो गये थे, जून 2000 में श्रीनगर के बटमालू में एक बस स्टैंड पर हुए हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गये थे। एक अक्टूबर, 2001 को जम्मू कश्मीर विधानसभा पर बम विस्फोट में 31 लोगों की मौत हुई थी और 13 दिसम्बर, 2001 को संसद पर हुए हमले में नौ सुरक्षाकर्मी तथा अधिकारी मारे गये थे।

11 सितम्बर 2001 को हुए हमले के ठीक तीन महीने बाद विधानसभा पर हमला और अफगानिस्तान में तोरा बोरा की गुफाओं में लादेन पर नकेल कसने के एक हफ्ते बाद संसद पर हमला हुआ।attacknews.in

गुलाब नबी आजाद के जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से कुछ घंटे पहले दो नवम्बर, 2005 को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते ने श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में एक शक्तिशाली कार बम हमला किया जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये।

जैश के एक सशस्त्र समूह ने दो जनवरी, 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे।

जैश-ए-मोहम्मद ने 18 सितम्बर, 2016 को उरी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया जिसमें 17 सैनिक शहीद हो गये थे और 30 अन्य घायल हो गये थे।

पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया जिससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है

पुलवामा आतंकवादी हमले से पाकिस्तान की 3 दशक पुरानी रणनीति असफल:attacknews.in

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जघन्य आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो किरकिरी के बीच अमेरिका में पाकिस्तान के एक पूर्व राजदूत एवं जानेमाने लेखक ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में ‘आतंकवाद की फैक्ट्री ’को समर्थन देने की पाकिस्तान की तीन दशक पुरानी रणनीति असफल हो गयी है।

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत एवं प्रसिद्ध लेखक हुसैन हक्कानी ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में प्रकाशित अपने लेख में यह बात कही है। attacknews.in

पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए- मोहम्मद के आत्मघाती आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान का एक खेमा भी आतंकवाद के मुद्दे पर उसे ‘बेनाब’ कर रहा है। इस हमले में केन्द्रीय रिजर्व बल के 40 से अधिक जवान शहीद हो गये थे।

श्री हक्कानी ने अपने लेख में कहा,“कुछ पाकिस्तानियों को निगलने में यह कड़वा लग सकता है लेकिन यह सच है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने की पाकिस्तान की तीन दशक पुरानी रणनीति विफल हो गयी है। कश्मीरी मुसलमानों को समर्थन देने का दावा करने वाले पाकिस्तान की नीति ने उनकी (कश्मीरी मुसलमानों) जिंदगी को और कठिन कर दिया है।”attacknews.in

उन्होंने कहा,“ सीमा पार से हिंसा को समर्थन देने से भारत को कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है। पाकिस्तान आतंकवाद को पूरा समर्थन दे रहा है हालांकि, हमारी सरकारें आधिकारिक तौर पर इसका खंडन करती आ रही हैं।”

लेखक ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन खुले तौर पर आतंकवादी हमलों को अंजाम दे रहे हैं और वे भारत में हुए हमलों की जिम्मेदारी भी ले रहे हैं। attacknews.in

भारत -पाकिस्तान के संबंधों में हाल में आये तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,“रणनीतिक दृष्टिकोण से भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार को ‘एक सॉफ्ट स्पॉट ’मिल गया है जिसके तहत वह दो परमाणु सम्पन्न देशों के बीच युद्ध की स्थिति से बचने वाली हर मर्यादा का पालन करते हुए आतंकवादी हमले के प्रतिकार में कदम उठा सकती है। इसे वर्ष 2016 में विशेष सैन्य बलों के माध्यम से आतंकवादियों के खिलाफ जमीन पर होने वाले हमले और इस वर्ष 26 फरवरी को आतंकवादी ठिकाने पर हुई हवाई कार्रवाई के रूप में देखा जा सकता है।”

आतंकी गतिविधियों पर भारत की नजर:

पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक 2 के बाद अब देश के भीतर भी आतंकी स्लीपर मॉड्यूल पर सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी चल रही है।

भारत में स्लीपर मॉड्यूल के खिलाफ बड़ी खुफिया कार्रवाई हो सकती है इसके लिए गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा पर एडवाइजरी जारी की है । attacknews.in

आईबी के अलर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने राजधानी सहित सभी मेट्रो शहरों और धार्मिक स्थलों, मेट्रो, एयरपोर्ट, होटल, गेस्ट हाउसों की खास निगरानी के आदेश दिए हैं. हर दो घंटों में सुरक्षा समीक्षा रिपोर्ट देने को कहा गया है।

भारत में अलकायदा इंडियन सब कांटिनेंट, जैश ए मोहम्मद, आईएसआईएस जेके, जैश लश्कर सिमी समेत 25 संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल पर लगाम कसने के लिए विशेष टीम बनाई गई है। टीम में आईबी और एनआईए के अधिकारी शामिल हैं।

इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी संगठन कुछ भारतीयों को सुसाइड बाम्बर बनने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. बांग्लादेश का आतंकी संगठन जेएमबी भी असम और बंगाल में हमले कर सकता है. गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, असम, पंजाब और पश्चिम बंगाल में सिमी सहित दूसरे आतंकी संगठन बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. आतंकी संगठनों के संदिग्ध स्लीपर सेल की लिस्ट राज्यों की खुफिया इकाइयों को सौंपी गई है। attacknews.in

खास तौर पर दिल्ली, हैदराबाद, यूपी, महाराष्ट्र, जम्मू और पंजाब की इंटेलिजेंस पुलिस को अलर्ट रहने को कहा गया।राज्यों की एजेंसियों को जल्दबाजी में कोई कदम न उठाने बल्कि इन पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. अगर उन्हें कोई जानकारी मिलती है तो फौरन आंतरिक विभाग को देने को कहा गया, ताकि सूचना को और पुख्ता किया जाए।वहीं सोशल मीडिया पर होने वाली सभी गतिविधियों पर खास नजर रखने के निर्देश गए हैं।

करीब 2 हजार से ज्यादा आतंकी गतिविधियों में लिप्त वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया है ।स्लीपर सेल मॉडयूल को हवाला और बैंकों के माध्यम से पैसा मिलता है।सभी बैंकों से संदिग्ध खातों की सूची मांगी गई है. ऐप्स के जरिए संदिग्ध लेनदेन पर भी खास नजर रखी जा रही है. पाकिस्तान सहित कुछ और देशों की सूची सभी निजी व सरकारी बैंकों को दी गई है. इन देशों से हुए किसी भी ट्रांसफर के बारे में फौरन एजेंसियों को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले का मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक कर बदला ले लिया।भारत की इस जवाबी कार्रवाई में करीब 350 आतंकी मारे गए. हमले की जानकारी सबसे पहले पाकिस्‍तान ने ही ट्वीटर के जरिए दी थी।

क्या है गजवा-ए-हिंद और भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की योजना:

भारत का इतिहास कितना पुराना एवं समृद्ध रहा है। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है, क्योंकि भारत हमेशा से साहित्यिक, आध्यात्मिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत राष्ट्र रहा है। इसीलिए भारत ने सदियों से विदेशी आक्रमण झेले हैं तथा उनका सशक्त रूप से सामना किया है। attacknews.in

महमूद ग़ज़नवी ने भारत पर 17 बार भारत पर आक्रमण किया था। इसी प्रकार कई मुस्लिम आक्रांता भारत सिर्फ लूटमार करने के लिए आये थे, क्योंकि भारत इतना समृद्ध था।

“गजवा-ए-हिन्द” का अर्थ है, भारत पर विजय प्राप्त कर यहाँ पर इस्लाम का शासन स्थापित करना। कई मुस्लिम आक्रांताओं का भारत पर आने का यही उद्देश्य था, जिनमे मुग़ल वंश और अकबर भी शामिल था।

गजवा-ए-हिन्द (इस्लाम का भारत विजय) की तैयारी जोरो पर : attacknews.in

यह जाने कि, गजवा-ए-हिन्द का मतलब क्या है, काफिरों को जीतने के लिए किये जाने वाले युद्ध को “गजवा” कहते हैं और जो इस युद्ध में विजयी रहता है उसे “गाजी” कहते हैं, जिस भी आक्रान्ता और अक्रमंनकारी के नाम के सामने गाजी लगा हो या जिसे गाजी की उपाधि दी गयी हो निश्चय हो वह हिन्दुओ का व्यापक नर संहार करके इस्लाम के फैलाव में लगा था। attacknews.in

हिन्दुओ की सबसे बड़ी कमजोरी है की हम धर्म के बारे में बहुत कम जानते हैं और और अपने को सेकुलर कहते है और सेकुलर का मतलब भी नहीं जानते जबकि एक मुस्लिम अपने को कभी भी सेकुलर नहीं कहता है चाहे वह नेता हो या आम नागरिक , हां, वह हिन्दू भीड़ में सेकुलर का भाषण जरुर देता है. ११ साल पहले एक जानकर मुस्लिम ने बताया था की हमारे लडाके इस तरह तैयार किये जा रहे हैं कि उन्हें पुलिस और फ़ौज से मुकाबला करना है, आम गैर मुस्लिमो पर हम ऐसी ही भारी पड़ेंगे।

गजवा-ए- हिंद के लिए बनाई गई योजना:

गजवा-ए-हिन्द का मतलब है की भारत में सभी गैर मुस्लिमो पर इस्लामिक शरिया कानून लागु करना जिसके लिए या तो इनको मारकर ख़तम कर दो या इनको इस्लाम स्वीकार कराओ या उन्हें तब तक जिन्दा रखो जब तक अपनी कमाई का एक हिस्सा “जजिया कर” के रूप में इस्लामिक सरकार को देते रहे जैसा मुग़ल करते रहे. भारत में यह एक बार हो चूका है हलाकि यह टुकड़े- टुकड़े में हुआ जिसका परिणाम यह हुआ कि अरबो रुपये से बनाई गयी सभी धार्मिक और राजसी हिन्दू इमारते और पूजा स्थल मुस्लिमो ने कब्जे कर लिए और उन्हें अपना बनाकर रख लिया जिसका सबसे बड़ा उदाहरन “ताजमहल” है ।

गजवा-ए-हिन्द के ७ मुख्य प्रक्रिया स्तर होते हैं— १- अल-तकिय्या : यह वह अवस्था है जब मुस्लिम कमजोर या कम संख्या में होता है, इस स्थिति में काफिरों (गैर-मुस्लिमो) से झूठ बोलना और उन्हें धोखा देना जायज माना जाता है. यह अवस्था अपने को अंदरूनी तौर से मजबूत रखना और काफिरों से अपनी अंदरूनी जानकारियों से देय रखना।

२-काफिरों के मन में भय भरना : इस काम के लिए काफिरों पर धोखे से हमला करना और उनकी हत्या करना, झुण्ड बनाकर किसी एक जगह पर काफिरों (गैर मुस्लिमो) पर हमले करना । attacknews.in

3 हथियारों का जखीरा इकठ्ठा करना : यह काम बहुत ही निर्णायक होता है और इसमें धर्म युद्ध जैसे कोई नियम नहीं होते. काफ़िर को जितनी पीड़ा दायक मृत्यु दी जाये दुसरे काफ़िर को दिखाकर वह सबसे ज्यादा प्रभावी होता है. हथियार इकठ्ठा करने का काम “अदनान खगोसी और उसके बाद बहुत से मुस्लिम तस्कर” पिछले कई साल से कर रहे हैं. सबसे ज्यादा हथियार सोवियत संघ से मुस्लिम देशो के टूटने के बाद भारत में लाये गए, अनुमान के अनुसार पूर्व सोवियत देशो से १ करोड़ AK-47 गायब हुए उनका कोई पता नहीं है ये हथियार मुख्यतः भारत-अफगानिस्तान-पाकिस्तान गए।

4 समय समय पर काफिरों की ताकत का अन्दाज़ा करना : इसके लिए दंगो का सहारा लेकर अपने आक्रमणों का काफिरों की तरफ से प्रतिरोध आंकना जो बहुत दिनों से चल रहा है।

5 ठिकाने या शिविर बनाना : इस काम के लिए धर्म का सहारा और दुसरे धर्म पर इस्लाम को सच्चा धर्म बताकर लोगो को आस्थावान बनाकर किया जाता है जिससे लोग मुस्लिमो पर विश्वास करे और उन पर शक न करे. इसके लिए बस्ती और मस्जिद को इस्तेमाल किया जाता है जहा पर लोगो को इकठा करना और हथियार रखना और भीड़ को भड़काकर काफिरों का उस खित्ते में सफाया कर देना. गतिविधि वाले शिविर इलाके में किसी न किसी बहाने सभी काफिरों को भगाना जरुरी होता है जिससे सवेदनशील सुचनाये काफिरों को लीक न हो जाये क्योकि इस्लाम की असली ताकत “अल-तकिय्या” ही है. attacknews.in

6 सरकारी सुरक्षा तंत्र को कंमजोर करना : इस काम में तो खुद सरकारे शामिल हैं, हर शुक्रवार को नमाज के बाद पुलिस की पिटाई उनके मनोबल को तोड़कर पुरे तंत्र को कमजोर करने का हिस्सा है जो जोर शोर से चल रहा है. सेकुलर सरकारे खुद इस काम को समर्थन दे रही है. जिस फौजी के पास १२०० गज कारगर रेंज की असाल्ट रायफल है, वह इन जेहादियों पर गुलेल चला रहा है.,सेना की संख्या कम रखना, उनके पास साधनों का अभाव, उनके ऊपर क़ानूनी शिकंजा, नौकरी को मजबूरी बनाना यह इसी का हिस्सा है कि व्यापक दंगे की स्थिति में जिसमे मशीन गन और ग्रेनेड प्रयोग किये जाये, सेना का काम सिर्फ कर्फ्यू लगाने तक ही सीमित रहे.

7 व्यापक दंगे : यह गजवा-ए-हिन्द का अंतिम पड़ाव है जिसमे बहुत कम समय में ज्यादा से ज्यादा काफ़िर या गैर मुस्लिम मर्दों को मौत के घाट उतरना और उनके प्रतिरोध को कम कर देना. इस काम के लिए जेहादी लड़को से मरने पर युवा जेहादियों को ७२ सुन्दर जवान हूर मिलने की बात की जाती है और जीत गए तो जवान काफ़िर महिलाओं के साथ सहवास का अनंत मौका. यही अंतहीन सिलसिला सालो से चल रहा है।झूठे इतिहास और गलत पढाई तथा चर्च-अरब नियत्रित टीवी / मीडिया के प्रभाव को बढाने ।

गजवा-ए-हिन्द के यह प्रक्रिया कश्मीर में जमाई जा चुकी है जो १००% सफल है, जम्मू में इसका ट्रायल चल रहा है. बीच में इसाइयत के खेल ने इसे कमजोर किया लेकिन अब दुबारा इसने गति पकड़ी थी और इसमे सबसे बड़ा रोड़ा जानकारी बाटने के रूप में फेसबुक है लेकिन फिर भी तस्करी के हथियार तो आते रहते हैं ।

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क्रैश हुए विमान F-16 के पाकिस्तानी पायलट शहाजुद्दीन की पाकिस्तान मे ही हत्या कर दी गई attacknews.in

इस्लामाबाद 2 मार्च । भारत  में विंग कमांडर अभिनंदन ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान में पैराशूट किया, वहां फंसे और सही-सलामत वापस आ गए। मगर दूसरी तरफ ऐसी ही परिस्थितियों में पाकिस्तान का एक पायलट अपने ही मुल्क में फंसा तो अपने ही लोगों के हाथों मारा गया।

यही नहीं, पाकिस्तान सरकार ने ये इस पूरी घटना को मानने से भी इनकार कर दिया और इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान का विंग कमांडर शहाजुद्दीन जिस F-16 को पायलट कर रहा था, उसे पाकिस्तान ने चोरी से भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया।

भारतीय एयरस्पेस में घुसे इस विमान को जब भारतीय वायुसेना ने मार गिराया, तो शहाजुद्दीन भी विंग कमांडर अभिनंदन की तरह पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर गिरा।

पाक के नौशेरा सेक्टर में पैराशूट के उतरते ही शहाजुद्दीन का सामना स्थानीय लोगों की भीड़ से हुआ। पहली दगाबाजी भीड़ ने की और उसे भारतीय सैनिक समझकर बुरी तरह पीटा गया।

याद दिला दें कि पाकिस्तान ने पहले क्लेम किया था कि उन्होंने दो भारतीय पायलट पकड़े हैं। लेकिन बाद में पुष्टी केवल एक की ही हुई। दरअसल दूसरा पायलट उन्हीं का विंग कमांडर था जो वहीं की भीड़ से पिटने के बाद अस्पताल में भर्ती था। ये पूरा खुलासा  वेबसाइट फर्स्टपोस्ट ने किया है।

फर्स्टपोर्ट को ये जानकारियां लंदन के वकील खालिद उमर ने दी हैं। जिन्हें शहाजुद्दीन के परिवारवालों ने पूरी कहानी बताई है।

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नरेंद्र मोदी के विरोध में देशहित का विरोध मत करो, इस विरोध से मसूद अजहर और हाफिज़ सईद जैसे आतंकियों को सहारा न मिल जाएं attacknews.in

 

नयी दिल्ली, दो मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ लोगों द्वारा अपने ही देश का विरोध करने को राष्ट्र के समक्ष चुनौती बताते हुए शनिवार को कहा कि मोदी विरोध की जिद में देश हित का विरोध मत करिए। उन्होंने यह भी कहा कि ध्यान रखिए कि मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों को, आतंक के सरपरस्तों को सहारा न मिल पाये।

मोदी ने कहा कि देश में आज एक चुनौती है कि कुछ लोगों द्वारा अपने ही देश का विरोध किया जा रहा है। आज जब पूरा देश सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है तो कुछ लोग सेना पर ही संदेह कर रहे हैं ।

उन्होंने यहां इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, ‘‘ ऐसे लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि आपको सेना के सामर्थ्य पर संदेह है या भरोसा है। मोदी विरोध करना हो तो जरूर करिए, हमारी योजनाओं में कमियां निकालिए, आपका हमेशा स्वागत है। लेकिन देश के सुरक्षा हितों का, देश के हित का विरोध मत करिए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ आप ये ध्यान रखिए कि मोदी विरोध की इसी जिद में मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों को, आतंक के सरपरस्तों को सहारा न मिल जाए।’’

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के पीछे खड़ा था वहीं देश के कुछ दल इस पर प्रश्न उठा रहे थे।

राफेल विमान सौदे पर विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ राफेल पर स्वार्थनीति और अब राजनीति के कारण देश का बहुत नुकसान हुआ। राफेल की कमी आज देश ने महसूस की है। आज हिंदुस्तान एक स्वर में कह रहा है कि अगर हमारे पास राफेल होता, तो क्या होता?’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से 2019 तक आवश्यकताओं को पूरा करने का समय था, जबकि 2019 से आगे आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर है। 2014 से 2019 बुनियादी जरूरतों को हर घर तक पहुँचाने का समय था, जबकि 2019 से आगे तेज उन्नति के लिए उड़ान भरने का अवसर है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ बीते पांच वर्षों की मेहनत और परिश्रम से हमने देश की नींव को मजबूत करने का काम किया है। इसी नींव पर नए भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। आज मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि हां इक्कीसवीं सदी भारत की होगी।’’ उन्होंने कहा कि देश में कई मोदी आएंगे और जाएंगे, लेकिन यह देश अजर और अमर रहेगा।

मोदी ने कहा कि 2014 के चुनाव के बाद जब वह दिल्ली आये थे तो बहुत सी बातों का अनुभव उन्हें नहीं था और यही वरदान साबित हुआ।

मोदी ने कहा कि आज का भारत ‘नया भारत’ है। हमारे लिए एक-एक वीर जवान का खून अनमोल है। अब कोई भी भारत को आंख दिखाने का प्रयास नहीं कर सकता। आज का भारत निर्भीक है, निडर है और निर्णायक है। सवा सौ करोड़ भारतीयों के पुरुषार्थ के कारण ही देश आज आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि आतंक के आकाओं में सैनिकों के शौर्य का डर हो तो ये अच्छा है। जब भ्रष्टाचारियों में भी कानून का डर हो तो ये डर अच्छा है । अब ये नया भारत अपने सामर्थ्य, अपने साधन, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है।

मोदी ने कहा कि यह अपनी बुनियादी कमजोरियों को दूर करने का, अपनी चुनौतियों को कम करने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 और 2019 से शुरू होने वाली आगे की ये यात्रा बदलते हुए सपनों की कहानी है। निराशा की स्थिति से आशा के शिखर तक पहुंचने की कहानी है। संकल्प से सिद्धि की ओर ले जाने वाली कहानी है ।

साल 2019-20 निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष 2019-20 को शनिवार को निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित कर दिया। तेजी से बढ़ते शहरीकरण के इस दौर में उन्होंने देश में आवास की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।

उन्होंने 2022 तक हर भारतीय को घर देने के सरकार के लक्ष्य को पाने में निजी क्षेत्र से समर्थन मांगा।

मोदी ने निर्माण प्रौद्योगिकी भारत-2019 प्रदर्शनी सह संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने किफायती आवास पर मुख्य ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने रीयल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित नियम-कानूनों को बदला और इसके साथ ही कौशल विकास के साथ ही प्रौद्योगिकी में सुधार किया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने 1.30 करोड़ घर बनाए हैं जबकि पिछली सरकार महज 25 लाख घर ही बना पायी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़े खुद बोलते हैं। इससे दिखता है कि हम गरीबों और मध्यम वर्ग के घर के सपने को पूरा करने के अपने लक्ष्य के प्रति किस तरह समर्पित हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि घरों में पीने का पानी हो, बिजली हो, उज्ज्वला गैस कनेक्शन हो, अन्य सुविधाएं हों। पिछले साढ़े चार साल में घरों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है लेकिन अभी और बेहतर किया जाना है। इसके लिये मैं निजी क्षेत्र का समर्थन चाहता हूं …. आइये साथ मिलकर काम करें … और कुछ ऐसा करें जिससे गरीबों की मदद हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत उन चुनिंदा देशों में है जहां घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिये निर्माण क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर मैं अप्रैल 2019 से मार्च 2020 को निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित करता हूं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘एक घर का मतलब महज चार दीवारें नहीं है। यह एक ऐसी जगह है जहां लोग सपने देखते हैं और उसे पूरा करते हैं। एक घर का मतलब इज्जत और सुरक्षा है। मुझे इस बात से हमेशा दुख होता है कि हमारे जैसे देश में भी कई ऐसे लोग हैं जिनके पास घर नहीं है। हम प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये इसे हल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह मेरा सपना है कि हर भारतीय के पास पक्का मकान हो।

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दिग्विजय सिंह ने अब इमरान खान को आतंकवादी हाफिज़ सईद और मसूद अजहर को भारत के हवाले करने को कहा attacknews.in

इंदौर, दो मार्च । भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को वापस लौटाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बधाई देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि खान को अब “बहादुरी” दिखाते हुए हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगनाओं को भारत के हवाले कर देना चाहिये।

दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं पाकिस्तान के माननीय प्रधानमंत्री इमरान खान को इस बात के लिये बधाई देता हूं कि उन्होंने अच्छे पड़ोसी होने का नया रास्ता दिखाया और भारतीय वायुसेना के जांबाज अधिकारी को हमें वापस लौटा दिया, लेकिन अब उन्हें बहादुरी दिखाते हुए हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकवादियों को भी हमें सौंप देना चाहिये।”

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खान की अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं के मंसूबे थे कि अभिनंदन की स्वदेश वापसी के एवज में हिंदुस्तान के साथ “सौदेबाजी” की जानी चाहिये थी।

दिग्विजय ने कहा, “इस सौदेबाजी के बगैर भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर को लौटाये जाने के कारण पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके देश में काफी बयानबाजी की गयी है।”

राज्यसभा के 72 वर्षीय सांसद ने एक सवाल पर कहा, “मैं पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारतीय वायुसेना की हालिया कार्रवाई पर कोई सवाल नहीं उठा रहा हूं। लेकिन खुले स्थान पर हुए किसी भी घटनाक्रम के बारे में सैटेलाइट तकनीकी के माध्यम से सारी तस्वीरें सामने आ जाती हैं। लिहाजा अमेरिका की सरकार ने ओसामा बिन लादेन के बारे में जिस तरह विश्व के सामने सबूत पेश किये थे, (पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में) उस तरह का प्रमाण हमें (भारत सरकार) भी देने चाहिये।”

खबरों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल शुक्रवार को कन्याकुमारी में कहा था कि मुंबई पर 26/11 आतंकी हमलों के बाद भारतीय वायुसेना सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने इसमें अड़ंगा लगाया।’’

इस बारे में पूछे गये प्रश्न पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, “मैं इतना ही कह सकता हूं कि श्री नरेंद्र मोदी जी से बड़ा झूठा व्यक्ति हमने अब तक नहीं देखा है।”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं की मानसिकता को भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कथित तौर पर “प्रो-पाकिस्तानी” बताये जाने पर दिग्विजय ने कहा, “विजयवर्गीय का बयान मैं पिछले कुछ दिनों से पढ़ रहा हूं। वह मुझे भटके हुए नजर आ रहे हैं। उन्हें विपक्षी नेताओं के बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिये।”

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कश्मीर घाटी में 4500 करोड़ की संपत्ति वाली आतंकवाद के लिए जिम्मेदार जमात- ए- इस्लामी पर प्रतिबंध से महबूबा मुफ्ती बौखलाई , कई जगह प्रदर्शन, जानिए जमात का इतिहास और गतिविधियां attacknews.in

श्रीनगर, दो मार्च । केंद्र द्वारा ‘जमात-ए-इस्लामी’ संगठन पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अधिकारियों ने कश्मीर में संगठन से जुड़ी कई सम्पत्तियों को सील कर दिया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ‘जमात-ए-इस्लामी’ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के आवास सहित कई अन्य सम्पत्तियां शुक्रवार रात को शहर और घाटी के कई इलाकों में सील कर दी गईं।

उन्होंने बताया कि ‘जमात-ए-इस्लामी’ के नेताओं के बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि विभिन्न जिलाधिकारियों ने भी जमात नेताओं की चल एवं अचल संपत्तियों की सूची मांगी है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संगठन पर प्रतिबंध या धनशोधन मामलों में एनआईए द्वारा की गई जांच से इसका कोई संबंध है या नहीं।

गौरतलब है कि जमात-ए-इस्लामी पर देश में राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में होने का आरोप है।

सुरक्षाबलों ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगाववादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है तथा जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के कई नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है।

रिपोर्ट की माने तो जमात-ए-इस्लामी के पास करीब 4500 करोड़ी की संपत्ति है। सरकारी अधिकारियों के हवाले से दावा किया जाता है कि जम्मू-कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कांफ्रेंस जैसी संगठनों के लिए जमात-ए-इस्लामी ही जिम्मेदार है। यह संगठन आतंकी संगठनों को धन और बल हर तरह से मदद पहुंचाने के मामले को लेकर भी सवालों के घेरे में रहा है।

श्रीनगर से रिपोर्ट है कि,जम्मू-कश्मीर के कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी पर बैन के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और पीडीपी कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।

बता दें कि सरकार ने देश विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में जुटे होने के कारण अलगाववादी समूह जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर को कथित रूप से राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों के लिये गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत गुरुवार को प्रतिबंधित कर दिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ‘जमात-ए-इस्लामी’ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के आवास सहित कई अन्य सम्पत्तियां शुक्रवार रात को शहर और घाटी के कई इलाकों में सील कर दी गईं. साथ ही ‘जमात-ए-इस्लामी’ के नेताओं के बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं।

जमात-ए-इस्लामी के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले ट्वीट किया था, ‘लोकतंत्र विचारों का संघर्ष होता है, ऐसे में जमात-ए-इस्लामी पर पाबंदी लगाने की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है और यह जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे से अक्खड़ और धौंस से निपटने की भारत सरकार की पहल का एक अन्य उदाहरण है.’

महबूबा ने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी से भारत की सरकार इतनी असुविधाजनक नहीं है. कश्मीरियों के लिए अथक परिश्रम करने वाले एक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. क्या अब बीजेपी विरोधी राष्ट्र विरोधी हो रहा है?’

क्या है जमात-ए-इस्लामी

जमात-ए-इस्लामी एक इस्लामिक राजनीतिक पार्टी है, इसकी स्थापना 1941 में मौलाना अबुल आला मौदूदी ने खुदा की सल्तनत स्थापित करने के मकसद से की थी।उन्होंने इस्लाम को धार्मिक मार्ग से परे एक राजनीतिक विचारधारा प्रदान करने वाले रास्ते के रूप में देखा था. जमात-ए-इस्लामी के तीन धड़े हैं । जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमात-ए-इस्लामी-पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी कश्मीर. जमात-ए-इस्लामी हिंद को छोड़कर अन्य दोनों धड़े आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं.

जमात-ए-इस्लामी पर पहली बार बड़ी कार्रवाई हुई है. संगठन पर पूर्व में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम करने का आरोप है हालांकि, संगठन हमेशा से खुद को एक सामाजिक और धार्मिक संगठन बताता आया है. जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर देश में देश विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में होने का आरोप है.

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पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को मानसिक प्रताड़ना देने के साथ ISI ने हर तरह से दबाव बनाकर कमजोर करने की कोशिश की attacknews.in

नईदिल्ली 2 मार्च । विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को भारत आए अभी 1 दिन भी नहीं बीता कि पाकिस्तान के झूठ की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं।  आज यहां ये खुलासा हुआ भारतीय पायलट को पाकिस्तान में बहुत मानसिक प्रताड़ना दी गई ।

सूत्रों के मुताबिक खुद विंग कमांडर अभिनंदन ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना ने हिरासत के दौरान उनका काफी मानसिक उत्पीडऩ किया।

आर्मी अस्पताल में चेकअप करा रहे अभिनंदन ने बताया है कि हिरासत के दौरान उसको छुआ तक नहीं गया लेकिन मानसिक तौर पर उसे काफी प्रताडि़त किया गया।

सूत्रों की मानें तो अभिनंदन ने ये बयान खुद दिया है और इस आपबीती ने ये साबित कर दिया कि पाक अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आ सकता।

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन की घड़ी, मोजे और चश्मे तो लौटा दिया, लेकिन उनकी पिस्टल, मैप और सर्वाइवल किट को वापस नहीं किया।

हैंड ओवर सर्टिफिकेट के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा विंग कमांडर अभिनंदन के घड़ी, मोजे और चश्मे को ही वापस किया गया है.

इसमें यह भी कहा गया कि शुक्रवार को भारतीय पायलट अभिनंदन को पाकिस्तानी रेंजर्स के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट शहजाद फैजल ने बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट संजय कुमार को सौंपा।

आज आर्मी अस्पताल में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मुलाकात की। यही नहीं अस्पताल में धनोआ ने विंग कमांडर के साथ अकेले में भी काफी देर तक बातचीत की थी।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया- पाकिस्तान से वापसी के बाद विंग कमांडर ने बताया कि उन्हें शारीरिक टॉर्चर तो नहीं की गई लेकिन काफी मानसिक यातनाएं दी गई।

Sources: After returning from Pakistan, Wing Commander Abhinandan Varthaman has informed that though he was not physically tortured by the Pakistanis; he went through a lot of mental harassment. pic.twitter.com/x7C3lFsrSR

— ANI (@ANI) March 2, 2019

अभिनंदन एक दिन पहले शुक्रवार की देर रात अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते दिल्ली लौटे हैं।

विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिसतान के अधिकारियों की तरफ से उस वक्त पकड़ लिया गया जब नियंत्रण रेखा के उस पार उनका मिग-21 बिसन विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

इस दौरान उन्होंने एक पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 लड़ाकू विमान को भी मार गिराया। लेकिन, जब वे पैराशूट का इस्तेमाल कर नीचे उतरे तो उन्हें पता चला कि वह पाकिस्तान के नियंत्रण वाले जम्मू कश्मीर में है और उन्हें पाकिस्तान सेना के हवाले कर दिया गया।

पाकिस्‍तान से भारत वापस लौटने के बाद इंडियन एयर फ़ोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान सबसे सबसे पहले पालम हवाई अड्डे पर अपने परिवार से मिले।

अब अभिनंदन की शारीरिक जांच के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का निरिक्षण करने के लिए एक मनोवैज्ञानिक द्वारा जांच कराइ जाएगी. साथ ही ये निर्धारित किया जाएगा कि पाकिस्‍तान में उनके शरीर में कोई चिप या ऐसी ही कोई अन्य उपकरण तो नहीं लगा दिया गया है.

वहीं, जानकारी के अनुसार दो दिन तक पाकिस्तान में कैद रहने के दौरान पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने कई अवसरों पर उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास किया.

पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अधिकारी निरंतर प्रयास कर रहे थे कि अगर किसी भी अवसर पर विंग कमांडर अभिनंदन कमजोर पड़ते हैं या अपनी रिहाई की भीख मांगते हैं तो सबसे पहले उनका ऐसा एक वीडियो तैयार किया जाए. इसीलिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने दो से तीन बार अभिनन्दन के अलग-अलग तरीके से वीडियो बनाए, किन्तु पाकिस्तानी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।

अपनी मजबूत इरादों और जीवटता के दम पर अभिनंदन ने एयरफोर्स या देश से सम्बंधित कोई भी राज पाकिस्तान को नहीं बताया।

पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने उन्हें उनके परिवार से लेकर हर ढंग से दबाव डालने की कोशिश की, किन्तु अभिनंदन किसी भी अवसर पर नहीं झुके. विंग कमांडर अभिनंदन के भारत वापस लौटते ही सबसे पहले उन्हें परिवार से मिलने के लिए समय दिया गया. उन्होंने अपनी माता, पिता, पत्नी और बेटे को गले लगाया.

रक्षा मंत्री ने अभिनंदन से मुलाकात की:

आज आर्मी अस्पताल में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने  विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान से मुलाकात की और उनसे कहा कि समूचे राष्ट्र को उनके साहस एवं दृढ़ता पर गर्व है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

भारतीय वायुसेना के एक मेडिकल संस्थान में हुई मुलाकात के दौरान, समझा जाता है कि अभिनंदन ने पाकिस्तान की गिरफ्त में करीब 60 घंटे रहने के बारे में रक्षा मंत्री को विस्तार से बताया।

अभिनंदन शुक्रवार देर शाम अटारी – वाघा सीमा होते हुए भारत पहुंचे और इसके करीब ढाई घंटे बाद रात करीब पौने 12 बजे वह वायुसेना के एक विमान से नयी दिल्ली पहुंचे। उनके भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर यह पाया गया कि उनकी दायीं आंख के पास सूजन है।

एयर फोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैबलिशमेंट (एएफसीएमई) में अभी उनकी मेडिकल जांच चल रही है।

गौरतलब है कि उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों ने 27 फरवरी को पकड़ लिया था। दरअसल, पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के साथ हुई एक झड़प के दौरान उनका मिग 21 गिर गया था। लेकिन उन्होंने अपने विमान के गिरने से पहले पाकिस्तानी वायुसेना के एफ – 16 को मार गिराया था।

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पाकिस्तान ने अपना नापाक मंसूबा जारी रखा, राजौरी और नौशेरा में भारी गोलाबारी, संघर्ष विराम के उल्लंघन का भारतीय सेना भी दे रही है जवाब attacknews.in

जम्मू, दो मार्च । पाकिस्तानी सिपाहियों ने जम्मू कश्मीर के राजौरी में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का एक बार फिर उल्लंघन किया जिसके बाद भारतीय सेना ने कड़ा और प्रभावी जवाब दिया।

सीमा पार से नौशेरा में दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गोलाबारी शुरू हुई जिसने सरहद पर तकरीबन 12 घंटे की शांति को खत्म कर दिया। यह मंगलवार को भारत की ओर से पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद बढ़ गई थी।

पुंछ जिले के निचले कृष्णा घाटी सेक्टर में शुक्रवार रात भारी गोलाबारी में एक युवती और उसके दो बच्चों की मौत हो गई थी और दो सैनिकों समेत कई अन्य जख्मी हो गए थे। गोलीबारी में भारत की तरफ मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ पाकिस्तान ने अपना नापाक मंसूबा जारी रखा और दोपहर साढ़े 12 बजे नियंत्रण रेखा पर नौशेरा में बिना उकसावे की गोलाबारी की और छोटे हथियारों से गोलीबारी की।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ भारतीय सेना ने मज़बूत और प्रभावी जवाब दिया।’’

उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में भारत की ओर किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थान एहतियाती उपाय के तौर पर शनिवार को पांचवे दिन भी बंद रहे।

उन्होंने बताया कि भारतीय बल हाई अलर्ट पर हैं और नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे सीमा पार से हो रही गोलाबारी रूक गई जिसमें पुंछ जिले के सलोत्री गांव में 24 वर्षीय रूबाना कौसर, उसका पांच साल का बेटा फजान और नौ महीने की बेटी शबनम की मौत हो गई थी और उसका पति मोहम्मद युनूस जख्मी हो गया था।

अधिकारी ने बताया कि सरहद पर स्थित कुछ बुरी तरह से प्रभावित गांवों के निवासी दहशत में हैं और अपना घर-बार छोड़कर महफूज स्थानों की ओर चले गए हैं। लोगों के बड़ी तादाद में पलायन करने की कोई खबर नहीं है और लोग अपने घरों में रह रहे हैं। हालांकि उस स्थिति के लिए जरूरी इंतजाम किए हैं जब लोगों को अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर होना पड़े।

पुंछ के उपायुक्त राहुल यादव ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थान खुले हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ सभी ऐंबुलेंसों को तैयार रखा गया है और उन्हें नियंत्रण रेखा के नज़दीक के इलाकों में भेजा गया है। साथ में, जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए विशेष दल हैं।’’

पाकिस्तानी सेना ने पिछले एक हफ्ते के दौरान 60 से ज्यादा बार संघर्ष विराम तोड़ा है और जम्मू कश्मीर के पुंछ, राजौरी, जम्मू और बारामूला जिलों में नियंत्रण रेखा पर असैन्य और अग्रिम इलाकों को निशाना बनाया है। इसमें कुछ सैनिकों समेत नौ लोग जख्मी हुए हैं।

नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच, उत्तरी सेना कमांडर ले जनरल रणबीर सिंह ने व्हाइट नाइट कोर के कमांडर ले जनरल परमजीत सिंह ने बृहस्पतिवार को राजौरी में अग्रिम चौकियों का दौरा किया था और अभियान चलाने को लेकर तैयारियों का जायजा लिया था।

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जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के लोगों को मिल रहा था आरक्षण जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निवासियों को राज्य सरकार ने वंचित रखा था, केंद्र सरकार ने इस भेदभाव को मिटाया attacknews.in

नयी दिल्ली 02 फरवरी । सरकार ने जम्मू कश्मीर में आरक्षण के संबंध में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा का भेद खत्म कर डेढ दशक से भी अधिक समय से चली आ रही असमानता अौर भेदभाव को दूर किया है।

साथ ही उसने दो दशक से भी अधिक समय से पदोन्नति में आरक्षण के लाभ से वंचित इस राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय को इसका फायदा देने का मार्ग प्रशस्त किया है। जम्मू कश्मीर में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजाेर लोगों को भी देश के अन्य हिस्सों की तरह 10 फीसदी आरक्षण का लाभ तुरंत पहुंचाने के लिए कदम उठाया गया है।

जम्मू कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगते इलाकों में रहने वाले लोगों को भी पाकिस्तानी सेना की फायरिंग और गाेलाबारी से उतनी ही दुश्वारियों और कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है जितना नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को।

नियंत्रण रेखा के 6 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले पुंछ , राजौरी , कश्मीर तथा लद्दाख क्षेत्र के लोगों को वर्ष 2004 से उनकी कठिनाइयों को देखते हुए नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में 3 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा था जबकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगते जम्मू , सांबा और कठुआ जिलों के लोगों को पिछले डेढ दशक से इससे वंचित रखा गया था।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के संबंधित प्रस्तावों को गत गुरूवार को मंजूरी देकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इस 3 फीसदी आरक्षण के दायरे में लाकर लंबे समय से चले आ रहे भेदभाव को दूर किया है। इससे इन जिलों में रहने वाले 300 से भी अधिक गांवों के 3 लाख से भी अधिक लोगों को फायदा मिलेगा। यह प्रावधान जम्मू कश्मीर आरक्षण कानून 2004 में संशोधन के जरिये किया गया है जिसके लिए केन्द्र सरकार फिलहाल अध्यादेश लायी है।

पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित संविधान (जम्मू कश्मीर के संबंध में)आदेश का लाभ राज्य के गुज्जर और बकरवाल समुदाय के साथ- साथ अनुसूचित जाति और जनजाति के सभी लोगों को मिलेगा। इसका प्रावधान वर्ष 1995 में संविधान में किये गये 77 वें संशोधन के जरिये किया गया था लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने जम्मू कश्मीर में इसे लागू नहीं किया जिसके चलते राज्य के इन समुदायों के लोग इस लाभ से पिछले 24 वर्षों से वंचित थे।

इसी तरह सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करने के उद्देश्य से गत जनवरी में संविधान में 103 वां संशोधन किया था।

इस संशोधन को भी सरकार ने जम्मू कश्मीर में तत्काल लागू करने की मंजूरी दी है। यह आरक्षण सभी वर्गों के लिए है।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की सवा करोड आबादी में से 68.31 फीसदी मुस्लिम, 28.43 फीसदी हिन्दू, 1.87 फीसदी सिख और 0.89 फीसदी बौद्ध हैं।

कश्मीर घाटी की 69 लाख आबादी में से 96.40 फीसदी मुस्लिम, 2.45 फीसदी हिन्दू, 0.98 फीसदी सिख और 0.17 फीसदी बौद्ध हैं।

जम्मू की 54 लाख आबादी में से 62.55 फीसदी हिन्दू, 33.45 फीसदी मुस्लिम, 3.30 फीसदी सिख और 0.70 फीसदी बौद्ध हैं।

लद्दाख की 2.7 लाख आबादी में से 46.4 फीसदी मुस्लिम, 39.67 फीसदी बौद्ध ,12.11 फीसदी हिन्दू और 0.83 फीसदी सिख हैं।

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भारत में तीनों सेना प्रमुखों को Z-Plus श्रेणी की सुरक्षा attacknews.in

नयी दिल्ली 02 मार्च । पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढते तनाव के बीच सरकार ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया है।

थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को पहले से ही जैड प्लस सुरक्षा हासिल है।

गृह मंत्रालय के अनुसार इन दोनों वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को खतरे की हाल ही में समीक्षा करने के बाद इनकी सुरक्षा बढाने का निर्णय लिया गया है। जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा के तहत इन्हें अब केन्द्रीय सुरक्षा बलों की सुरक्षा भी मिलेगी।

एक अधिकारी ने कहा कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों को देश भर में विभिन्न हिस्सों में स्थित सैन्य ठिकानों के दौरों पर जाना होता है इसलिए उनकी सुरक्षा बढाना जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गत 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर आतंकवादी हमले के बाद वायु सेना ने गत 26 जनवरी को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के निकट बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के शिविर पर कार्रवाई की थी।

इस कार्रवाई से संबंधित अभियान की योजना और रणनीति बनाने में एयर चीफ मार्शल धनोआ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कार्रवाई में जैश ए मोहम्मद का शिविर पूरी तरह नष्ट हो गया था और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गये थे।

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