पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा अपने परिवार को लोकसभा टिकट मिलने पर एक कार्यक्रम में बेटे और पोते के साथ मिलकर खूब रोते-बिलखते रहे attacknews.in

बेंगलूर, 13 मार्च । अपने खिलाफ वंशवादी राजनीति करने का आरोप लगते देख कर जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के संस्थापक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा बुधवार को एक कार्यक्रम में रो पड़े। इस मौके पर उनके बड़े बेटे एच डी रेवन्ना और पोते प्रज्वल रेवन्ना भी रो पड़े।

गौरतलब है कि जेडीएस से लोकसभा चुनाव में देवेगौड़ा के दोनों पोतों निखिल कुमारस्वामी और प्रज्वल को क्रमश: मांड्या एवं हासन सीट का टिकट देने के फैसले के कारण देवेगौड़ा परिवार पर वंशवादी राजनीति करने के आरोप लग रहे हैं। देवेगौड़ा इसी आरोप पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे।

देवेगौड़ा ने हासन में प्रज्वल के प्रचार अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित कार्यक्रम में भावुक अंदाज में कहा, ‘‘…..इतने सारे आरोप, मीडिया में सुबह से ही (वे बातें कर) देवेगौड़ा, रेवन्ना, कुमारस्वामी और उनके बेटों के बारे में।’’

प्रज्वल देवेगौड़ा के बड़े बेटे एवं राज्य सरकार में लोक निर्माण मंत्री एच डी रेवन्ना के बेटे हैं। वह हासन सीट से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवार हैं।

देवेगौड़ा की आंखों से आंसू निकलते और उनकी आवाज भर्राई देखकर वहां मौजूद जेडीएस समर्थकों ने उनसे शांत हो जाने का अनुरोध किया। इस कार्यक्रम में प्रज्वल और उनके पिता रेवन्ना भी भावुक हो गए।

वहीं, भाजपा ने देवेगौड़ा पर निशाना साधते हुए इस भावुक वाकये को ‘‘ड्रामा’’ करार दिया।

प्रज्वल उस वक्त रो पड़े, जब देवेगौड़ा ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया और रेवन्ना तब रोए जब विधायक बालकृष्ण इस बार हासन सीट से देवेगौड़ा के चुनाव नहीं लड़ने का जिक्र कर रहे थे।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मांड्या में उनके पोते निखिल की उम्मीदवारी को लेकर पैदा किए गए विवाद से वह दुखी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मांड्या से निखिल को उम्मीदवार बनाने का फैसला जेडीएस नेताओं का था। मैंने घोषणा नहीं की थी। मुझे बहुत दुख हुआ है, वे कह रहे हैं कि निखिल वापस जाओ…।’’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘मैं मांड्या जाऊंगा। उन्हें ‘वापस जाओ’ के नारे लगाने दें…मैंने पिछले 60 बरसों में किसके लिए लड़ाई लड़ी है। मैं मांडया के लोगों के सामने सारी बातें रखूंगा।’’

भाजपा ने देवेगौड़ा और उनके परिवार के भावुक होने वाला वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘2019 के चुनावों के लिए पहला ड्रामा शुरू।’’

विपक्षी पार्टी ने कहा, ‘‘यदि ‘रोना’ एक कला है तो एच डी देवेगौड़ा और उनका परिवार दशकों से लगातार लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ‘रोने की कला’ का इस्तेमाल करने में माहिर है। तथ्य यह है कि चुनावों से पहले देवेगौड़ा और उनका परिवार रोता है। और चुनावों के बाद उनके परिवार को वोट देने वाले रोते हैं।

attacknews.in

आस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद भारत में एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला जीती, 273 रन का पीछा भारत नहीं कर सका attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मार्च । आस्ट्रेलिया ने उस्मान ख्वाजा के श्रृंखला में दूसरे शतक, लेग स्पिनर एडम जंपा की शानदार गेंदबाजी तथा भारत की प्रयोगधर्मिता का पूरा फायदा उठाकर पांचवें और निर्णायक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां 35 रन से जीत दर्ज करके दस साल बाद भारतीय सरजमीं पर वनडे श्रृंखला अपने नाम की।

फिरोजशाह कोटला में केवल दो बार (1982 और 1996) ही कोई टीम 250 से अधिक का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर पायी। आस्ट्रेलिया का टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही रहा और केवल चार विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ उतरे भारत के लिये 273 रन का लक्ष्य पहाड़ जैसा बन गया।

शुरू में रोहित शर्मा (89 गेंदों पर 56 रन) की अर्धशतकीय पारी तथा बाद में केदार जाधव (57 गेंदों पर 44 रन) और भुवनेश्वर कुमार (54 गेंदों पर 46 रन) ने सातवें विकेट के लिये 91 रन जोड़कर उम्मीद जगायी लेकिन भारत आखिर में 50 ओवर में 237 रन पर आउट हो गया। जंपा ने 46 रन देकर तीन जबकि तेज गेंदबाज पैट कमिन्स, जॉय रिचर्डसन और मार्कस स्टोइनिस ने दो . दो विकेट लिये।

इससे पहले ख्वाजा ने 106 गेंदों पर दस चौकों और दो छक्कों की मदद से 100 रन बनाये। उन्होंने कप्तान आरोन फिंच (43 गेंदों पर 27 रन) के साथ पहले विकेट के लिये 76 और पीटर हैंड्सकांब (60 गेंदों पर 52 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिये 99 रन की दो उपयोगी साझेदारियां की। भारत ने अच्छी वापसी की लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने अंतिम चार ओवर में 42 रन जुटाये जिससे आस्ट्रेलिया नौ विकेट पर 272 रन के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंच गया।

आस्ट्रेलिया ने इससे पहले 2009 में भारतीय सरजमीं पर छह मैचों की श्रृंखला 4-2 से जीती थी। इस बार उसने पहले दो मैच गंवाने के बाद लगातार तीन मैच जीतकर श्रृंखला 3-2 से अपने नाम की। यह वनडे में पांचवां अवसर है जबकि किसी टीम ने पहले दो मैच हारने के बाद श्रृंखला जीती। आस्ट्रेलिया से पहले दक्षिण अफ्रीका (दो बार), बांग्लादेश और पाकिस्तान ने यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत ने दूसरी बार पहले दो मैच जीतने के बाद श्रृंखला गंवायी। इससे पहले 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ वह शुरुआती बढ़त का फायदा नहीं उठा पाया था।

शिखर धवन (12) मोहाली की अपनी फार्म को बरकरार नहीं रख पाये। दिल्ली का एक अन्य स्टार कोहली आक्रामक मूड में लग रहे थे। मनपसंद शाट नहीं लगने पर वह एक दो बार झल्लाये भी। ऐसे में मार्कस स्टोइनिस की अतिरिक्त उछाल वाली अपेक्षाकृत धीमी गेंद पर कट करने के प्रयास में वह विकेट के पीछे कैच दे बैठे।

कोटला को सांप सूंघ गया। दिल्ली का एक बल्लेबाज पवेलियन लौट रहा था तथा एक और बल्लेबाज अपने घरेलू मैदान पर उतर रहा था। विश्व कप 2015 के बाद नंबर चार पर कई प्रयोग करने वाली भारतीय टीम ने ऋषभ पंत (16) को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी लेकिन वह पहली परीक्षा में नाकाम रहे। जंपा पर छक्का जड़कर उत्साह जगाने वाले इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने आफ स्पिनर नाथन लियोन की बाहर की तरफ टर्न होती गेंद पर स्लिप में कैच थमा दिया।

विजय शंकर (16) उतावलापन महंगा पड़ा तो रोहित दो जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाये। अपना 41वां अर्धशतक पूरा करने वाले यह बल्लेबाज अति उत्साही शाट लगाने के प्रयास में स्टंप आउट हो गया। जंपा ने इसी ओवर में रविंद्र जडेजा (शून्य) को भी पवेलियन भेजा।

भारत की हार जब तय लग रही थी तब जाधव ने दर्शकों में भरोसा जताया जबकि भुवनेश्वर ने अपने बल्लेबाजी कौशल का अच्छा नमूना पेश किया। इन दोनों ने दिखाया कि दबाव में सतर्कता और आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी कैसे की जाती है। जाधव ने मैक्सवेल पर छक्का लगाया तो भुवनेश्वर ने जंपा और जॉय रिचर्डसन की गेंदें छह रन के लिये भेजकर अपनी सीटों से उठ चुके दर्शकों को बैठने के लिये मजबूर किया। लेकिन इन दोनों के लगातार गेंदों पर आउट होने से रही सही उम्मीद समाप्त हो गयी।

इससे पहले भारत ने पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। जसप्रीत बुमराह (दस ओवर में 39 रन, कोई विकेट नहीं) और जडेजा (दस ओवर में 45 रन देकर दो विकेट) ने अधिक प्रभावित किया। भुवनेश्वर (दस ओवर में 48 रन देकर तीन विकेट) सबसे सफल गेंदबाज रहे, मोहम्मद शमी (नौ ओवर में 57 रन देकर दो विकेट) ने टुकड़ों में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन कुलदीप यादव (दस ओवर में 74 रन एक विकेट) ने निराश किया।

जडेजा ने अपने पहले ओवर में फिंच को आउट करके भारत को पहली सफलता दिलायी लेकिन दूसरे स्पिनर कुलदीप को बल्लेबाजों ने आसानी से खेला। आस्ट्रेलियाई पारी के चारों छक्के इस चाइनामैन स्पिनर पर लगे। कुलदीप की एक गुगली ने जरूर हैंड्सकांब को छका दिया था लेकिन तब विकेटकीपर पंत भी गच्चा खा गये और गेंद चार रन के लिये चली गयी।

आस्ट्रेलिया 28 ओवर के बाद एक विकेट पर 157 रन बनाकर बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था। ऐसे में अपने पहले चार ओवर में केवल आठ रन देने वाले बुमराह ने दबाव बनाया तो भुवनेश्वर और जडेजा ने उसे भुनाया। ख्वाजा ने 102 गेंदों पर शतक पूरा किया लेकिन इसी स्कोर पर भुवनेश्वर की गेंद पर कवर में कैच दे बैठे। कोहली ने ही अगले ओवर में ग्लेन मैक्सवेल (एक) का एक्स्ट्रा कवर पर कैच लेकर दर्शकों में जोश भरा।

शमी अपना तीसरा स्पैल करने के लिये आये। उनकी तेजी से उठती गेंद को हैंडसकांब नहीं समझ पाये जो उनके बल्ले को चूमकर विकेट के पीछे गयी और इस बार पंत ने कोई गलती नहीं की। हैंड्सकांब ने इससे पहले वनडे में अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया।

मोहाली के नायक एश्टन टर्नर (20), स्टोइनिस (20) और कैरी (तीन) ने तेजी से रन बनाने के प्रयास में विकेट गंवाये। जॉय रिचर्डसन (29) और पैट कमिन्स (15) ने 48वें ओवर में बुमराह पर 19 रन बटोरकर उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा और स्कोर 250 रन के पार पहुंचाया।

attacknews.in

कांग्रेस ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची घोषित की , कर्नाटक में जदस से समझौता, बिहार में महागठबंधन के साथ सहमति, प्रियंका भीम आर्मी प्रमुख से मिली attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मार्च । कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को पार्टी उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। इसमें उत्तर प्रदेश की 16 और महाराष्ट्र की पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है।

पार्टी की ओर से जारी सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, श्रीप्रकाश जायसवाल तथा मिलिंद देवड़ा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर, पूर्व सांसद प्रिया दत्त, संजय सिंह और किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के नाम शामिल हैं।

कांग्रेस ने हाल ही में उत्तर प्रदेश 11 और गुजरात की चार सीटों के लिए लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की थी। पहली सूची में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम थे।

इस तरह से पार्टी उत्तर प्रदेश में अब तक 27 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी

कर्नाटक में कांग्रेस और जदस के बीच समझौता:

कर्नाटक में कांग्रेस तथा जनता दल (सेक्युलर) के बीच लोकसभा सीटों के लिए आज देर रात समझौता हाे गया जिसके तहत कांग्रेस 20 और जद (एस) आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगा।

कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के कर्नाटक के प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा जद-एस के नेता एच डी देवगौड़ा के बीच नयी दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें कांग्रेस की ओर से उन्हें और जद-एस की तरफ से दानिस अली को सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला करने के लिए अधिकृत किया गया था।

बिहार में सीटों को लेकर महागठबंधन के साथ सहमति:

बिहार में लोकसभा सीटों के बँटवारे को लेकर महागठबंधन की आज यहां हुई बैठक में सीटों पर आपसी सहमति बन गयी है और 17 मार्च को इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल के आवास पर हुई बैठक में सभी घटक दलों के नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गयी और सभी दल इससे संतुष्ट हैं।

बैठक में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा “महागठबंधन के सभी नेता आज यहाँ बैठक के लिए आये थे। हमने सीटों के बँटवारे पर चर्चा की। सीटों के बँटवारे को लेकर घटक के दलों के बीच कोई संशय नहीं है। हमारे बीच सब कुछ साफ है।”

बैठक में श्री यादव के अलावा कांग्रेस के बिहार के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा, विकासशील इंसाफ पार्टी के मुकेश सहनी तथा अन्य नेता मौजूद थे।

मेरठ में भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर से मिली प्रियंका गांधी वाड्रा:

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार शाम उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से एकांत में मुलाकात की। इस के अलग-अलग राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

श्रीमती वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर समेत कांग्रेस के कई नेता आज शाम अचानक चंद्रशेखर से मिलने मेरठ के आनंद अस्पताल पहुंचे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने हालांकि स्पष्ट कहा कि इसे राजनीति से जोड़कर न देखा जाए ,लेकिन माना जा रहा है कि इस मुलाकात से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ नये राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।

attacknews.in

विश्व के 50 देशों ने बोइंग 737 मैक्स 8 विमानों पर रोक लगाई, भारत पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मार्च । भारत ने इथोपियन एयरलाइंस के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मद्देनजर मंगलवार को बोइंग 737 मैक्स 8 विमान को प्रतिबंधित कर दिया। विश्व के कई अन्य देशों ने भी इस तरह का कदम उठाया है।

गौरतलब है कि रविवार को हुई इस विमान दुर्घटना में 157 लोगों की मौत हो गई थी।

स्पाइस जेट के पास करीब 12 ऐसे विमान हैं, जबकि जेट एयरवेज के पास ऐसे पांच विमान हैं।

नागर विमानन मंत्रालय ने एक ट्विटर पर कहा कि डीजीसीए ने बोइंग 737-मैक्स विमानों के उड़ान भरने पर फौरन प्रतिबंध लगा दिया है। ये विमान तब तक उड़ान नहीं भरेंगे, जब तक कि सुरक्षित परिचालन के लिए उपयुक्त सुधार एवं सुरक्षा उपाय नहीं कर लिए जाते।

मंत्रालय ने कहा कि हमेशा की तरह यात्रियों की सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। हम यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर के नियामकों, एयरलाइनों और विमान निर्माताओं के साथ करीबी परामर्श करना जारी रखेंगे।

गौरतलब है कि इथोपियन एयरलाइंस का बोइंग 737 मैक्स 8 विमान रविवार को इथोपिया के अदीस अबाबा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चार भारतीय समेत विमान में सवार सभी 157 लोगों की मौत हो गई थी।

बीते करीब पांच महीने में बोइंग 737 मैक्स 8 विमान दूसरी बार हादसे का शिकार हुआ है। पिछले साल अक्टूबर में लायन एयरलाइन का इसी श्रृंखला एक विमान इंडोनेशिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सचिव को निर्देंश दिए हैं कि यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए आकस्मिक योजना तैयार करने के लिए सभी एयरलाइंस के साथ एक आपातकालीन बैठक करें। यात्रियों की सुरक्षा के समझौता नहीं किया जा सकता। वहीं यात्रियों के सफर पर इसका न्यूनतम असर पड़े, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि उनकी सुविधा अहम है।

एक बयान में स्पाइस जेट ने कहा कि हम बोइंग और डीजीसीए के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। हम हमेशा की तरह सुरक्षा को पहले स्थान पर रखना जारी रहेंगे। हम डीजीसीए के कल के निर्देशों के अनुरूप पहले ही अतिरिक्त एहतियाती उपाय अमल में ला चुके हैं।

यूरोपीय संघ और कई देशों ने अपने-अपने हवाई क्षेत्र में 737 मैक्स 8 के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इस विमान के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश नीदरलैंड है। इसके अलावा ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने भी बोइंग 737 मैक्स 8 के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। तुर्की की एयरलाइन ने भी ऐलान किया है कि वह बुधवार से कुछ स्पष्टताएं आने तक इन विमानों का परिचालन नहीं करेगी।

वहीं नार्वे की एयर शटल एयरलाइन, दक्षिण कोरिया की ईस्टर जेट, दक्षिण अफ्रीका की कॉमैर ने भी इन विमानों से परिचालन नहीं करने का ऐलान किया है।

सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अर्जेंटीना और ओमान ने भी बोइंग 737 मैक्स विमानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

चीन ने घरेलू एयरलाइनों को सोमवार से ही इस विमान का परिचालन रोकने का आदेश दिया था। वहीं, इंडोनेशिया ने भी ऐसा ही किया

इथोपिया में रविवार को हुए विमान हादसे के बाद भारत समेत करीब 50 देशों ने बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।

भारत, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, नॉरवे, पोलैंड, जर्मनी, चीन, ब्राज़ील, वियतनाम, अर्जेंटीना समेत कई देशों ने इथोपिया में हुए हादसे के बाद बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक लगा दी है|

ऑस्ट्रेलिया की विमानन कंपनी वर्जिन ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को जनता को आश्वासन देते हुए कहा है कि जब तक बोइंग 737 मैक्स विमान के सुरक्षा को लेकर सतुष्टि नहीं होगी तब तक कोई भी नया बोइंग विमान बेड़े में शामिल नहीं होगा। वर्जिन ऑस्ट्रेलिया के पास वर्तमान में हालाँकि एक भी बोइंग 737 मैक्स 8 विमान नहीं है लेकिन उन्होंने अमेरिकी विनिर्माता संस्था से 30 ऐसे विमानों का आर्डर दे रखा है जो नवंबर में सौपें जाने है।

इसके अलावा पोलैंड नागरिक उड्डयन कार्यालय ने भी मंगलवार को बोइंग 737 मैक्स 8 के संचालन पर रोक लगा दी है।

पोलैंड के राष्ट्रीय वाहक के प्रवक्ता ने कल इस हवाईजहाज द्वारा संचालित सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया है और बोइंग 737 मैक्स के उपयोग किये जाने वाले मार्गो पर फिलहाल अन्य हवाई जहाजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इथोपिया विमान हादसे में पोलैंड के दो नागरिकों की भी मौत हो गयी थी।

नॉर्वे की विमानन कंपनी नार्वेजियन एयर शटल ने भी यूरोपीय विमानन प्राधिकरण द्वारा परामर्श के बाद अपने सभी 18 बोइंग 737 मैक्स विमानों के संचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी (जीसीएए) ने मंगलवार को देश के बोइंग 737 मैक्स-8 जेट विमानों के परिचालन पर तत्काल रोक लगा दी थी।

गौरतलब है कि इथोपियन एयरलाइंस का एक विमान इथोपिया से 45 किलोमीटर दूर बिशोफ्तू के पास रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें चालक दल के सदस्यों समेत विमान में सवार सभी 157 लोग मारे गये। बोइंग 737-800 मैक्स विमान ने रविवार सुबह इथोपिया के आदिस अबाबा स्थित बोले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से केन्या के नैरोबी के लिए उड़ान भरी थी।

पिछले पांच महीनों में इथोपिया में यह दूसरा बड़ा हादसा है, इससे पहले लायन एयर द्वारा संचालित एक बोइंग 737 मैक्स विमान 8 इंडोनेशिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 189 लोगों की मौत हो गयी थी। बढ़ते हादसों के बाद दुनिया के कई विमानन प्राधिकारों के जांचकर्ता इस विमान के स्वचालित सिस्टम में किसी प्रकार की खराबी की जांच कर रहे हैं।

attacknews.in

राफेल की सच्चाई आने पर प्रधानमंत्री जेल में होंगे, नरेन्द्र मोदी के प्रति मेरे मन में कभी घृणा नहीं रही इसीलिए उनसे लगाव के कारण संसद में गले लगा था attacknews.in

नागरकाेइल / चेन्नई  13 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे की सच्चाई सामने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेल में होंगे।

श्री गांधी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा , “ श्री मोदी ने कहा था कि वह देश का चौकीदार बनना चाहते हैं ना कि प्रधानमंत्री , लेकिन बहुत बार ऐसा कहने के बाद भी वह श्री अनिल अंबानी को करोड़ों रूपयों का फायदा पहुंचा रहे हैं।”

चेन्नई,में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राफेल विमान सौदा मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी सवाल पूछा जाना चाहिए।

ब्लू जींस और ग्रे टी-शर्ट पहने श्री गांधी ने यहां स्टेला मेरी महिला कॉलेज में विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान कहा, “मनमर्जी से कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार को सभी लोगों की जांच करनी चाहिए चाहे वह श्री वाड्रा हों या फिर प्रधानमंत्री मोदी।”

श्री गांधी एक छात्र की ओर से अपने बहनोई राबर्ट वाड्रा से धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पूछताछ किये जाने से संबंधित सवाल पर इस आशय का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राफेल सौदा मामले पर श्री मोदी से पूछताछ की जानी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से सरकारी पूछताछ को लेकर कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा,“मैं पहला व्यक्ति हूं जो कह रहा हूं कि रॉबर्ट वाड्रा की जांच करें लेकिन साथ ही श्री मोदी की भी जांच होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा,“ सरकार को हरेक व्यक्ति की जांच का अधिकार है। कानून सभी के लिए एक समान होना चाहिए न कि इसे मनमर्जी से लागू किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों में भी श्री मोदी का नाम आया है जिनमें कहा गया है कि राफेल सौदे को लेकर डसॉल्ट कंपनी के साथ बातचीत को लेकर उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति उनके मन में कभी घृणा नहीं रही और हमेशा मन में प्यार एवं सम्मान ही रहा है तथा यही बात उन्होंने उनसे सीखी है।

श्री गांधी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्यार सभी धर्मों का आधार है चाहे वह हिन्दू धर्म हो या फिर इस्लाम और ईसाई। उन्होंने प्रधानमंत्री को संसद में गले लगाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा “ श्री मोदी ने संसद में भाषण देते वक्त मेरे पिता, दादी और परदादा के साथ साथ कांग्रेस पार्टी की कटु आलोचना की थी और मैनें इस भाषण को सुनकर तभी निश्चय कर लिया था कि मोदी के प्रति अपना लगाव दिखाने के लिए उनसे गले मिलूंगा।”

attacknews.in

भारत के पहले लोकसभा चुनाव से ही रियासतों के राजा- महाराजाओं ने चुनाव लड़कर लोकतंत्र का भी राजा बनने की शुरुआत कर दी थी attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मार्च । सैकड़ों साल की गुलामी के बाद स्वतंत्र हुये देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत 1951 में हुये पहले लोकसभा चुनाव में न केवल आजादी के दीवानों ने हिस्सा लिया बल्कि राजा-महाराजों ने भी अपने दांव आजमाये।

पहले आम चुनाव में लोकसभा की 489 सीटों के लिए चुनाव हुआ था जिसमें कुल 53 राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने अपनी चुनावी किस्मत आजमायी और चुनावी राजनीति के गूढ़ रहस्यों को जाना। इस चुनाव में कुल 17 करोड़ 32 लाख 12 हजार 343 मतदाता थे जिनमें से 10 करोड़ 59 लाख 50 हजार से अधिक मतदाताओं ने ढाई लाख मतदान केन्द्रों पर कुल 1874 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला किया। इस चुनाव में औसतन हर सीट पर चार-पांच उम्मीदवार खड़े हुये थे। पंजाब में एक सीट पर सर्वाधिक 14 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था।

चुनाव आयोग के दस्तावेजों के अनुसार राजनीति के इस कुंभ के दौरान 14 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों तथा 39 राज्य स्तरीय दलों ने हिस्सा लिया था जिनमें कुछ पार्टियों का खाता भी नहीं खुल सका था। राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस, भारतीय जनसंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फारवर्ड ब्लाक (मार्कसिस्ट ग्रुप) फारवर्ड ब्लाक (रुईकार ग्रुप), अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, कृषिकर लोक पार्टी, किसान मजदूर प्रजा पार्टी, रिवोल्यूशनरी कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया, अखिल भारतीय राम राज्य परिषद, रिवोल्यूशनरी सोसलिस्ट पार्टी, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति फेडरेशन और साेसलिस्ट पार्टी शामिल थी। रूस की राजनीति से प्रभावित कुछ लोगों ने तो बोलशेविक पार्टी आफ इंडिया का गठन किया था।

अन्य पार्टियों में प्रजा पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, जस्टिस पार्टी, केरल सोसलिस्ट पार्टी, किसान मजदूर मंडल, आल पीपुल्स पार्टी, झारखंड पार्टी, कोचीन पार्टी, हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी, गांधी सेवक सेवा जैसी पार्टियां थी। पहले चुनाव के दौरान कुछ लोकसभा क्षेत्रों के नाम एक ही थे लेकिन उनमें दो से तीन सीटें तक थी।

इस चुनाव के लिए कांग्रेस ने सबसे अधिक 479 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे। उनमें से 364 की जीत हुयी थी जबकि चार प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाये थे। कांग्रेस को 44.99 प्रतिशत वोट मिला था और वह सत्तारूढ़ हुयी थी। इस चुनाव में 44.87 प्रतिशत मतदान हुआ था। सोसलिस्ट पार्टी ने 254 और किसान मजदूर प्रजा पार्टी ने 145 उम्मीदवारों को चुनाव लड़या था। सोसलिस्ट पार्टी के 12 और किसान मजदूर प्रजा पार्टी के नौ प्रत्याशी चुनाव जीत गये थे।

सबसे बड़ी बात यह थी कि उस समय के वामपंथी आन्दोलन की अगुआ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व ने बुद्धिमानी का परिचय देते हुए सिर्फ 49 सीटों पर चुनाव लड़ा और वह 16 सीटें जीत कर लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। उसे 3.29 प्रतिशत वोट ही मिला था और उसके आठ उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी। जनसंघ ने 94 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया था जिनमें से तीन जीते तथा 49 की जमानत जब्त हो गयी थी। इस पार्टी को तीन प्रतिशत से कुछ अधिक वोट मिले थे।

इस चुनाव में कांग्रेस के नेता जवाहर लाल नेहरू (उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिला पूर्व सह जौनपुर जिला पश्चिम सीट), जगजीवन राम (बिहार के शाहाबाद दक्षिण), वी. वी. गिरि (मद्रास के पाटरपम्टनम), के कामराज नडार (श्रीविल्लीपुत्तुर), विजय लक्ष्मी पंडित (लखनऊ जिला केन्द्रीय), अब्दुल कलाम आजाद रामपुर जिला सह रायबरेली जिला पश्चिम) और फिरोज गांधी (प्रतापगढ़ जिला पश्चिम सह रायबरेली जिला पूर्व) सीट से निर्वाचित हुये थे।

जनसंघ की स्थापना करने वालों में शामिल श्यामा प्रसाद मुखर्जी कलकत्ता दक्षिण पूर्व सीट से विजयी हुये थे। उन्होंने 65 हजार से अधिक वोट लाकर कांग्रेस के मृगनका मोहन सूर को पराजित किया था। दिग्गज कम्युनिस्ट नेता हीरेन्द्र नाथ मुखर्जी कलकत्ता उत्तर पूर्व सीट पर कांग्रेस के बी. बी. मुखर्जी को भारी मतों के अंतर से हराया था। श्री हीरेन्द्रनाथ मुखर्जी को लगभग 72 हजार वोट तथा श्री मुखर्जी को 36 हजार से अधिक वोट मिले थे।

पहले लोकसभा चुनाव में बीकानेर चुरु सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी महाराजा कर्णी सिंह ने कांग्रेस के राजा कुशल सिंह को पराजित किया था। महाराजा कर्णी सिंह को उस जमाने में एक लाख 17 हजार से अधिक वोट मिले थे जबकि राजा कुशल सिंह 54 हजार से अधिक वोट लाने में सफल रहे थे। इस चुनाव में समाजवादी चिन्तक सुचेता कृपलानी नयी दिल्ली सीट से किसान मजदूर प्रजा पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुयी थी।

इस चुनाव में कुल 533 लोगों ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था जिनमें से 37 निर्वाचित हुये थे। निर्दलीय प्रत्याशियों ने कुल मतदान का 15.90 प्रतिशत वोट हासिल किया था। संसाधनों कमी और प्रचार सामग्री के अभाव के कारण कुछ लोगों ने बैलगाड़ी और भोंपू के माध्यम से चुनाव प्रचार किया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दीवार लेखन पर अधिक जोर देती थी। राजा-महराजा का चुनाव प्रचार आकर्षण का केन्द्र होता था।

attacknews.in

हेयर ट्रांसप्लांट से 40 घंटे बाद एलर्जी के कारण घने बाल करवाने वाले व्यक्ति की मौत attacknews.in

मुंबई, 13 मार्च । मध्य मुंबई के एक अस्पताल में 12 घंटे तक बाल प्रतिरोपण कराने के तकरीबन 40 घंटे के भीतर ही एलर्जी की वजह से 43 वर्षीय एक कारोबारी की पिछले सप्ताह यहां मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कारोबारी की पहचान श्रवण कुमार चौधरी के रूप में हुई है। कारोबारी ने मध्य मुंबई के चिंचपोकली क्षेत्र के एक क्लीनिक में सात मार्च को बाल प्रतिरोपण कराया था।

चौधरी को सांस लेने में दिक्कत और गले तथा चेहरे पर सूजन होने की वजह से उपनगरीय पवई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उन्होंने बताया कि चौधरी की मौत नौ मार्च को एलर्जी की वजह से हो गई।

पुलिस के अनुसार कारोबारी में एनाफिलैक्सिस नाम की एलर्जी की पहचान की गई जो कि जीवन के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है।

इस मामले में संबंधित क्लीनिक के त्वचाविशेषज्ञ का बयान दर्ज किया गया है। बयान में उन्होंने कहा कि कारोबारी एक बार में 9000 बाल लगाना चाहते थे, जो कि चिकित्सीय परामर्श के हिसाब से सही नहीं है। इस मामले में बाल प्रतिरोपण 12 घंटे तक चला।

अधिकारी ने बताया कि मौत के पीछे की वास्तविक वजह जानने के लिए पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

attacknews.in

पढ़िये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की जुबानी आतंकवादी मसूद अजहर के छोड़े जाने और हाईजैक हुए विमान के यात्रियों की जान बचाने की घटना attacknews.in

नई दिल्ली 12 मार्च । 2019 के चुनावी घमासान में 20 वर्ष पुरानाा  कंधार विमान अपहरण कांड भी चर्चा  में हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौलाना मसूद अजहर की तस्वीर दिखाकर बीजेपी और राषट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर  निशाना साध रहे हैं।

वे मूसद अजहर की रिहाई का पूरा आरोप तत्तकालीन बीजेपी सरकार और अजीत डोभाल पर मढ़ रहे हैं।

बता दें कि 1999 में एयर इंडिया का विमान हाईजैक किया गया था और यात्रियों  को रिहा कराने के लिए भारत सरकार ने एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाया जिसे तत्कालीन कैबिनेट सेक्रेटरी प्रभात कुमार हेड कर रहे थे। लेकिन अजित डोभाल उस ग्रुप में शामिल नहीं थे।

डोभाल तब IB  में स्पेशल डायरेक्टर हुआ करते थे। लेकिन डोवल के पास कश्मीर में काउंटर टेररिज्म से लड़ने का तजुर्बा था लिहाजा सरकार ने उन्हें खासतौर पर बंधकों को छुड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी।

अजीत डोभाल ने बताया, ‘कंधार वाला जो हाईजैकिंग का इंसीडेंट था वो एक फॉरेन टेरेट्री में था. एक ऐसी टेरेट्री में था जिस सरकार के साथ हमारे कोई राजनीतिक संबंध नहीं थे..और वो एक ऐसा लैंडलॉक देश था जिसमें जाने के लिए..अगर हमें किसी हवाई जहाज से भी ले लाना पड़ता हो तो उस देश की इजाज़त चाहिए थी जो कि हमें बहुत मुश्किल से मिल रही थी..जब हम नेगोशिएशन के लिए भी गए तो हमारे जहाज को पाकिस्तान ने जाने की इजाज़त नहीं दी।’

उस वक्त अजीत डोवल अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर मौजूद थे। बंधक बनाए गए हिंदुस्तानियों की रिहाई के लिए बातचीत कर रहे थे। तालिबान की जमीन पर तालिबान के संगीनों के साए में आतंकियों और भारत के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के बीच बातचीत हो रही थी।

अजीत डोभाल ने बताया, ‘वहां पर हमारा ऑब्जेक्ट अपने यात्रियों को केवल खाली कराना नहीं था। लड़ना केवल उन हाईजैकर के साथ नहीं था जो उसके अंदर थे..उससे बड़ी जो उनका टोटल सपोर्ट तालिबान की जो वहां पर सरकार थी..उनके टैंक..उनके मुजाहिद..उनके वॉलेंटियर..जिन्होंने पूरा का पूरा कांधार एयरपोर्ट ढ़का हुआ था। वहां पर एंटी एयरक्राफ्ट गन्स और उनके टैंक्स वगैरा चारों तरफ थे..अगर हमें उन तक पहुंचना था और अपने यात्रियों को निकालना था तो पहले उनको इनसे लड़ना पड़ेगा..और अगर इनसे लड़ना पड़ेगा तो ये उतने ही नहीं होते ये पूरे देश के ऊपर एक तरह का आक्रमण होता..उस आक्रमण पर विजय पाने के बाद ही उस हवाई जहाज को रेस्क्यू किया जा सकता था..लेकिन उस केस में सबसे पहले अगर इस तरह का अगर कोई इंगेजमेंट शुरु होता तो सबसे पहले केजुअल्टी वो जहाज होता तो पैसेंजर्स तो सारे ही जाते।’

डोभाल के मुताबिक बंधक संकट के दौरान वो आतंकियों से सख्ती से निपटना चाहते थे…लेकिन भारत सरकार की मुश्किल वक्त की बढ़ती सुई के साथ बढ़ने लगी…मीडिया का दबाव…बंधक यात्रियों के घरवालों का विरोध प्रदर्शन और इन सब के बीच हाईजैकर्स ने हिंदुस्तान की जेल में कैद अपने 36 आतंकी साथियों की रिहाई के साथ-साथ 200 करोड़ रुपए की फिरौती की डिमांड रखी थी…ये वो वक्त था जब हालात भारत के एकदम विपरीत थे क्योंकि कंधार एयरपोर्ट पर कमांडो ऑपरेशन मुमकिन नहीं था…तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारतीय नेगोशिएशन टीम को दवाब में रखने के लिए आतंकियों तक छोटे से से छोटी जानकारी मुहैय्या करा रही थी।

डोभाल ने बताया कि कंधार में चल रही नेगोशिएशन के दौरान आतंकी इस बात का बखूबी फायदा उठा रहे थे…वो समझ चुके थे कि भारत अपने नागरिकों की जान जोखिम में डालने का…खतरा मोल नहीं लेगा।

डोभाल ने बताया, ‘जहां तक पैसे की डिमांड थी…उसके लिए हमने थोड़ा सा बहस की…लेकिन मुख्य तौर पर वो डिमांड उन्होंने ड्रॉप कर दी…मुल्ला उमर के कहने पर…क्योंकि उन्होंने कहा कि ये इस्लाम के खिलाफ है और इसलिए ये गैर-इस्लामिक काम आप नहीं करें। दो डिमांड ..एक सज्जाद अफगानी की डेडबॉडी लौटाने की और एक 200 मिलियन डॉलर की…ये डिमांड उन्होंने तकरीबन नेगोसिएशन होने के…मैं आपको बताऊं नेगोसिएशन के करीब डेढ़ दिन तक कोई डिमांड नहीं थी…ये डिमांड भी काफी देर के बाद आई और काफी देर तक नेगोसिएशन इसी बात पर चली कि आप अपनी डिमांड तो दीजिए। उन्होंने शुरु किया था कश्मीर से जवानों को हटाने से..पॉलीटिकल डिमांड के तौर पर थी..कि आपने हमारा मुल्क ले रखा है…ये कर रखा है…वो कर रखा है..जो भी बातें होती हैं..इस्लाम के नाम पर..वगैरह के नाम पर…लेकिन जब उनके लाते-लाते…कि इस पर आओ…क्या करना है…कैसे करना है…तो जो डिमांड आई थी..उसके अंदर में तीन डिमांड थी। 36 आदमियों को छोड़ने की लिस्ट…सज्जाद अफगानी की बॉडी लौटाने और 200 मिलियन डॉलर। ये दो डिमांड उन्होंने कुछ समय के बाद मान ली और उन्होंने ये कहा कि…हमने भी कहा कि ये इस्लामिक है…गैर-इस्लामिक है…कौन-कौन सी खिलाफ है…और कौन-कौन से इस्लामिक कानून हैं..जो इसे रोकते हैं…और आपको नहीं करने चाहिए…तो खैर वो मान गए।’

क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप का हिस्सा रहे अजीत डोवल समझ चुके थे कि तालिबान की जमीन पर हाईजैकर्स की शर्तों को पूरी तरह खारिज करते हुए बंधकों की रिहाई मुश्किल है…ऐसे में बीच का रास्ता खोजा जाने लगा।

उन्होंने बताया, ‘किसी भी ऑपरेशन की सिचुएशन के अंदर किसी भी ऑपरेशन इंगेजमेंट में आप.. आपका एग्जिक्यूटिव एक्शन वही होता जो कि उपलब्ध विकल्पों में से सबसे अधिक प्रभावी हो सकता है..सबसे अधिक कॉस्ट इफेक्टिव हो सकता है.. सबसे ज्यादा सफलता के चांसेज हों..और सबसे जल्दी से जल्दी समय में पूरा किया जा सकता है..यहां पर अफगानिस्तान को तालिबान के रूल से हटाना संभव नहीं था..और तालिबान को उनसे डिसएंगेज करना संभव नहीं था..और ISI तालिबान और हाईजैकर ये तीनों इंटिटी एक ही इंटिटी थी हम इनके साथ में ज्वाइंटली लड़ रहे थे..वहां पर हम उस दौरान में एक कोई ऐसी स्ट्रैटजी के बारे में सोच सकें जिसमें कि तालिबान इनको सपोर्ट न करे..क्योंकि अजहर मसूद का जब वो कोस्ट कैंप में था और वहीं ट्रेनिंग भी देता था और उनको धार्मिक उपदेश भी देता था..तब से लेकर ओसामा बिन लादेन और बाकी सब के साथ बड़े घनिष्ठ संबंध थे..इस ग्रुप के इस तंजींम के उसके साथ में बड़े घनिष्ट संबंध थे।’

बंधकों की रिहाई के लिए अजीत डोवल के दिमाग में जो ऑपशन मौजूद थे….वो शीशे की तरह साफ थे। यानी हिंदुस्तान को पता था कि क्या करना है।

डोभाल ने बताया, ‘हमारे पास दो ऑप्शन थे …या तो हम उनके बारे में भूल जाएं..और अपने जहाज के बारे में भूल जाएं और अपने पैसेन्जर्स के बारे में भूल जाएं..अपनी कंट्री के अंदर जो पब्लिक ओपिनियन का ग्राउंड सेल था उसके बारे में भूल जाएं..जो मीडिया कह रहा था तो पॉलिटिकल लीडरशिप के ऊपर कम्पल्शन था उसके बारे में भूल जाएं..नैगोशियेट नहीं करें और क्योंकि हम वहां पर हाईजैक को वैकेंट नहीं कर सकते तो हम इसके बारे में एक इसको सोच लें कि ये नेशन एक प्रिंसिपल पोजिशन लेगा चाहे नुकसान कुछ भी हो ..दूसरा ये था कि नहीं हम इस चीज को मिनिमाइज़ करें और नेशन के सामने जितना भी हो सकता है चाहे उसमें डिसक्रैडिट भी हो क्या हम अपने नुकसान को मिनिमाइज़ करें अगर हम गेन्स को मैक्सिमाइज़ नहीं कर सकते ..उस सिचुएशन में हमारी ये जरुर कोशिश थी पहली कोशिश यही थी कि हमें दो परसेंट और चार परसेंट ये उम्मीद थी।

कंधार एयरपोर्ट पर बंधकों को आतंकियों की कैद से छुड़ाने के लिए भारत के पास कमांडो ऑपरेशन का विकल्प मौजूद था…लेकिन अजित डोवल के मुताबिक बहुत कोशिश के बाद भी तालिबान किसी भी कीमत पर राजी नहीं हुआ..ऐसे में ऑपेरशन करने से बात बिगड़ने का डर था.
डोभाल ने कहा, ‘वहां पर एक लिमिटेड कमांडो ऑपरेशन करके उनको रेस्क्यू करना एक संभावना थी अगर हमको ग्राउंड सपोर्ट न भी मिलता लेकिन अगर ग्राउंड से अपोजिशन मिलता तो फिर ये संभव नहीं था ये कहीं भी संभव नहीं था..कि अगर किसी एयरपोर्ट के अंदर में आप किसी हाईजैक एयरक्राफ्ट को न्यूट्रलाइज करना चाहते हैं हाईजैकिंग को लेकिन जो ग्राउंड सपोर्ट जो वहां के हैं वो आपका विरोध करना शुरु करें..वो आपके ऊपर अटैक करें तो फिर ये कमांडो एक्शन की कोई संभावना नहीं थी।’

आखिरकार नेगोसिएशन टीम से हुई बातचीत के बाद 3 आतंकियों के बदले बंधकों की रिहाई पर हाईजैकर्स राजी हो गए। 31 दिसंबर को सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद कंधार एयरपोर्ट पर बंधकों को रिहा कर दिया गया। ये ड्रामा उस वक्त खत्म हुआ जब सरकार भारतीय जेलों में बंद तीन आतंकियों को रिहा करने के लिए तैयार हो गई। तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद तीन आतंकियों को अपने साथ कंधार ले गए थे।

छोड़े गए आतंकी में जैश-ए-मोहम्मद का आका मौलाना मसूद अजहर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद शामिल थे।

हालांकि डोभाल ये मानते है कि हाईजैकर्स अपने मंसबूों में कामयाब नहीं होते अगर अमेरिका से वक्त रहते मदद मिली होती।

अजीत डोभाल का ये इंटरव्यू 2009 का है। तब डोभाल ने आईसी 184 कांड का एक-एक सच बताया था। उन्होंने ये भी कहा था कि इस पूरे हालात से हिंदुस्तान को सबक लेना चाहिए…ताकि दोबारा ऐसा वाकया ना हो।

attacknews.in

58 साल बाद नरेन्द्र मोदी के गढ़ गुजरात में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाजपा और आरएसएस की फासीवाद व घृणा की विचारधारा को पराजित करने का संकल्प attacknews.in

अहमदाबाद, 12 मार्च । कांग्रेस ने अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद भाजपा एवं आरएसएस पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर लोगों की भावनाओं का दोहन कर रहे हैं।

पार्टी ने यह भी संकल्प लिया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा एवं आरएसएस की ‘फासीवाद और घृणा’ की विचारधारा को पराजित किया जाएगा।

सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अहम चुनावी मुद्दों पर चर्चा की। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत तथा कई अन्य नेता बैठक में शामिल हुए।

बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘गांधी जी के ऐतिहासिक दांडी मार्च की वर्षगांठ के मौके पर कांग्रेस कार्य समिति ने आरएसएस/भाजपा की फासीवाद, घृणा, आक्रोश और विभाजन की विचारधारा को पराजित करने का संकल्प लिया। इस प्रयास में हर बलिदान छोटा है। इस लड़ाई को जीता जाएगा।’’

सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुरुआत में पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों की याद में कुछ पल मौन रखा गया।

बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल तथा स्वतंत्रता संग्राम के दूसरे नेताओं की विरासत पर कब्जा करने और खुद को उनके मूल्यों के चैम्पियन के तौर पर पेश करने की कोशिश करते हुए उनके संघर्ष, बलिदान और राष्ट्र निर्माण में बहुमूल्य योगदान का अपमान कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2019 में जलियांवाला बाग नरसंहार को एक सदी हो जाएगी। कांग्रेस पार्टी उन लोगों को ससम्मान याद करती है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। हम उनकी शहादत को सलाम करते हैं।’’

पार्टी ने कहा, ‘‘पुलवामा में आतंकी हमले की दुखद पृष्ठभूमि में सीडब्ल्यूसी की यह बैठक हुई है। इस हमले ने हमें फिर से याद दिलाया कि आतंकवाद हमारी देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी इस हमले की पुरजोर निंदा करती है और अपने जवानों एवं सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता प्रकट करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में सरकार को कांग्रेस पार्टी का समर्थन दिया।’’

कांग्रेस ने कहा, ‘‘ एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस अपनी भूमिका और राष्ट्रीय उत्तरदायित्वों को लेकर सजग है। भारत एक परिपक्व लोकतंत्र है जिसमें विभिन्न विचार और विचारधाराएं है जिनका प्रतिनिधित्व अलग अलग पार्टियां करती हैं। विरोध और विचारधाराओं का प्रकटीकरण हमारे राजनीतिक विमर्श का अभिन्न हिस्सा है। इसे देश की एकता के खिलाफ और कमजोरी के तौर पर देखने की गलती नहीं की जानी चाहिए।’’

उसने कहा, ‘‘सीडब्ल्यूसी भारत के शत्रुओं को एक मजबूत संदेश देती है कि उनके घृणित एजेंडे को नाकाम करने के लिए और उनका मुकाबला करने के लिए भारत एकजुट है। भारत कभी भी हिंसा और आतंक के सामने नहीं झुकेगा।’’

कांग्रेस ने कहा, ‘‘कांग्रेस इस पर घोर निराश प्रकट करती है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का दोहन कर रहे हैं जबकि इस मुद्दे पर हम सब एकजुट हैं। वह अपनी विफलताओं, फर्जी दावों और निरंतर झूठ से ध्यान भटकाने के लिए यह सब कर रहे हैं।’’

पार्टी ने जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने, बैंकों पर एनपीए के बोझ और अर्थव्यस्था की खराब स्थिति को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उसने आरोप लगाया कि मोदी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के ऐतिहासिक कुप्रबंधन की दोषी है।

कांग्रेस ने दावा किया, ‘‘महिलाओं, छात्रों, शिक्षाविदों, लेखकों और कारोबारी समुदाय के बीच डर और असुरक्षा का माहौल है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक एवं दूसरे सुरक्षा प्रावधानों पर जानबूझकर हमले किए गए और सभी संस्थाओं को कमजोर किया गया है। कांग्रेस पार्टी सभी लोकतांत्रिक और प्रगतिशील ताकतों का आह्वान करती है कि वे एकजुट हों और भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को बेनकाब करें तथा लड़ाई लड़ें।’’

सीडब्ल्यूसी की बैठक में पारित प्रस्ताव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसानों की कर्ज माफी का उल्लेख किया गया है।

सीडब्ल्यूसी ने कांग्रेस अध्यक्ष के उस वादे का भी अनुमोदन किया जिसमें उन्होंने सरकार बनने पर न्यूनतम आय की गारंटी की बात की है।

उसने कहा, ‘‘कांग्रेस, चुनाव में विभिन्न राज्यों में अपने और अपने सहयोगियों के लिए समर्थन मांगने के मकसद से भारत की जनता का रुख करेगी।’’

बैठक से पहले पार्टी ने यहां साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी ने 1930 में आज ही के दिन साबरमती आश्रम से ऐतिहासिक दांडी यात्रा शुरू की थी।

दांडी यात्रा की वर्षगांठ के अलावा यह प्रियंका गांधी वाड्रा की पहली आधिकारिक बैठक भी है जिन्हें हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव का प्रभार सौंपा गया।

कांग्रेस कार्य समिति की पूरे दिन चली यह बैठक इस लिहाज से भी अहम है कि यह चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के महज दो दिन के बाद हुई है।

गौतरतलब है कि गुजरात में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक करीब 58 वर्षो के बाद हुई है। इससे पहले 1961 में गुजरात में सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी।

कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भारतीय जनता पार्टी की “विभाजनकारी, नफरत और घृणा फैलाने वाली विचारधारा” को हराने का संकल्प लिया है और कहा है कि इसके लिए कोई भी त्याग ब ड़ा नहीं होगा।

इसके साथ ही पार्टी ने देश की जनता से आम चुनाव में सुशासन तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने और देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने तथा सामाजिक न्याय और सौहार्द्र को कायम करने के लिए कांग्रेस को जनादेश देने का अनुरोध किया है।

यहां हुई बैठक में पारित प्रस्ताव में पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास करने, अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने, फर्जी दावे करने और लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

प्रस्ताव में समान विचारधारा के सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर भाजपा की विचारधरा को हराने का आह्वान किया गया है। कार्य समिति की बैठक गुजरात में 58 साल बाद हुई है।

संकल्प में पुलवामा के आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों के शहीद होने तथा आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा गया है कि पुलवामा की घटना आतंकवाद खत्म करने के लिए देशवासियों के संकल्प को बार बार याद दिलाती रहेगी। पार्टी ने आतंकवादी घटनाओं की कड़ी निंदा की और कहा कि कांग्रेस देश के जवानों के साथ खड़ी है। संकल्प में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय संकट के समय देश की सरकार के हर निर्णय के साथ खड़ी है।

attacknews.in

शिवसेना ने भाजपा को चेताया: वह कश्मीर, राम मंदिर और 2014 के चुनावी मुद्दों का जवाब देने के लिए तैयार रहें attacknews.in

मुंबई, 12 मार्च । शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कश्मीर घाटी में शांति और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर 2014 में किए गए चुनावी वादों को लेकर लोगों के सवालों का सामना करने के लिए अब तैयार हो जाना चाहिए।

पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए कहा कि अब तक वह अपने ‘मन की बात’ रख रहे थे लेकिन 23 मई को लोगों की “मन की बात” सामने आएगी।

चुनाव आयोग के मुताबिक लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में संपन्न होंगे और मतों की गिनती 23 मई को होगी।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, “इतिहास गवाह है कि लोगों को बहुत दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। लोगों के पास भी सवाल हैं और वह मतपेटियों के जरिए जवाब मांगते हैं।”

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति का माहौल बनाने और राम मंदिर का निर्माण करने संबंधी वादे करके 2014 में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई थी।

पार्टी ने कहा, “हालांकि दोनों ही मुद्दे 2019 में भी अनसुलझे ही हैं। लोग जब इस पर सवाल पूछेंगे तो उन्हें जवाब के साथ तैयार रहना चाहिए।”

शिवसेना केंद्र एवं महाराष्ट्र दोनों में ही भाजपा की सहयोगी है।

शिवसेना ने कहा कि लोगों के मन में चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर भी शंका है।

शिवसेना ने पूछा, “ईवीएम पर इतना जोर क्यों, जब अन्य देशों ने उसकी दोषपूर्ण प्रकृति को देखकर और इस तथ्य के चलते कि इन मशीनों को धनबल से नियंत्रित किया जा सकता है, इनका इस्तेमाल बंद कर दिया है?”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर तंज करते हुए पार्टी ने कहा कि रविवार को लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा से पहले अंतिम मिनट तक वे उद्घाटनों, घोषणाओं और परियोजनाओं को हरी झंडी देने में व्यस्त थे।

पार्टी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “आदर्श आचार संहिता प्रभावी है और यह केवल प्रधानमंत्री एवं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को छोड़कर अब सब पर लागू है।’

attacknews.in

भारत में राजनीतिक संकट का ऐसा भी दौर आया जब 10 साल में 5 बार चुनाव हुए और 6 प्रधानमंत्री बने attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मार्च । देश में यूं तो आम चुनाव हर पांच वर्ष में होता है लेकिन एक ऐसा दौर भी आया था जब 10 वर्ष में लोकसभा के पांच बार चुनाव हुए और छह प्रधानमंत्री बने।

वर्ष 1989 से 1999 तक दस साल के दौरान पांच बार लोकसभा चुनाव हुये। इस दौरान सिर्फ एक बार ही लोकसभा पांच वर्ष का अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा कर सकी। दो बार दो-दो वर्ष में चुनाव कराये गये जबकि एक बार तो करीब एक वर्ष के बाद ही चुनाव कराना पड़ा। इस अवधि की एक खास बात यह भी रही कि एक अल्पमत सरकार पूरे पांच वर्ष तक चली।

राजनीतिक अस्थिरता का यह दौर 1989 के चुनाव से शुरु हुआ। इससे पांच वर्ष पहले हुये चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने वाली कांग्रेस 197 सीटें ही हासिल कर सकी। नये नये बने जनता दल के विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी। भाजपा और वाम दलों ने इस सरकार को बाहर से समर्थन दिया था। एक वर्ष के अंदर ही जनता दल में फूट पड़ गयी और उससे अलग हुये चंद्रशेखर कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार ज्यादा नहीं चल सकी और 1991 में लोकसभा के चुनाव कराये गये।

इस चुनाव के बीच ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आतंकी हमले में मौत हो गयी। कांग्रेस एक बार फिर बहुमत हासिल नहीं कर सकी। उसे 232 सीटें मिली और पी वी नरसिंहराव के नेतृत्व में उसने केंद्र में अल्पमत सरकार बनायी जो पूरे पांच वर्ष चली। श्री राव लाेकसभा में बहुमत नहीं होने के बावजूद पूरे पांच वर्ष सरकार चलाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री रहे।

वर्ष 1996 में हुये आम चुनाव में एक बार फिर किसी भी दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। भाजपा 161 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उसने पहली बार केंद्र में सरकार बनायी लेकिन यह सरकार सिर्फ 13 दिन ही चल सकी। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्र्रेस ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया और जनता दल को सरकार बनाने में बाहर से समर्थन दिया। पहले एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व में सरकार बनी जो मुश्किल से एक वर्ष चली। इसके बाद इंद्रकुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार भी एक वर्ष से ज्यादा नहीं चल सकी। देश में फिर से आम चुनाव कराने पड़े।

वर्ष 1998 में हुये चुनाव में भाजपा एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी और अटल बिहारी वाजपेयी ने 13 दलों के समर्थन से साझा सरकार बनायी। उनकी सरकार 13 महीने ही चल पायी। अन्नाद्रमुक के समर्थन वापस लेने के बाद उनकी सरकार लोकसभा में एक मत से गिर गयी। देश में 1999 में फिर से चुनाव हुये। इस बार भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला लेकिन इस चुनाव से देश में स्थिर साझा सरकार का दौर शुरु हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी फिर से प्रधानमंत्री बने तथा भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी। इसने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया और ऐसा करने वाली वह देश की पहली साझा सरकार बनी।

attacknews.in

गांधी नगर में भाई- बहन ने एकसाथ कांग्रेस की रैली को संबोधित किया: राहुल गांधी ने भाजपा, मसूद अजहर और राफेल के मुद्दे उठाए तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने फिजूल के मुद्दे नही उठाने की बात कही attacknews.in

गांधीनगर, 12 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां एक रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा सरकार पर जम कर प्रहार किये और कहा कि हिन्दुस्तान में दो विचारधाराओं की लडाई जारी है, उन्होंने पुलवामा हमले के बाद पैदा हुई परिस्थितियाें में देशभक्ति की बात करने वाले श्री मोदी से सवालिया लहजे में पूछा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार मसूद अजहर को किसकी सरकार ने भारत से बाहर पहुंचाया था।

श्री गांधी ने अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद राजधानी गांधीनगर के निकट अडालज के पास पार्टी की जय जवान जय किसान जन संकल्प रैली में कहा कि देश में आज जिन दो विचारधाराओं की लडाई जारी है वे दोनो ही गुजरात में मिलेंगी। एक तरफ महात्मा गांधी की विचारधारा है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस देश को बनाने में लगा दिया।

श्री मोदी, भाजपा अथवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि अगर यह देश बना है तो महात्मा गांधी और गुजरात ने इसको बनाया है और आज दूसरी शक्तियां इस देश को कमजोर करने में लगी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देशभक्ति की बात करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘पुलवामा में मसूद अजहर ने हमला कराया। मै मोदी से पूछता हूं कि इस मसूद अहजर को हिन्दुस्तान की जेल से पाकिस्तान किसने भेजा। वाजयपेयी जी की सरकार ने विमान में उसे भेजा, कांधार पहुंचाया, पैसा देकर। आज जो देश के सुरक्षा सलाहकार है अजित डाभोल, वे उस जहाज में उसके इस्कोर्ट बन कर गये थे। आप इस देश को समझाइये कि 40 45 शहीदो को जिसने मारा उसे आपने विशेष विमान में भेजा। देश को बताइये कि मसूद अजहर को कांग्रेस ने पकड़ कर जेल में डाला था। ’

श्री गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान की संवैधानिक संस्थाओं पर इस सरकार में आक्रमण जारी है। लोगों को बांटने वाली सरकार सच्चे मुद्दों पर सरकार बात नहीं करती। आज देश में 45 साल की सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। मोदी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया पर 15 उद्योगपतियों का साढ़े तीन लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ कर दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने वायदे के अनुरूप मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनावी जीत के बाद किसानों के कर्ज माफ कर दिये। नोटबंदी की चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी ने ऐसा कर छोटे और मझौले कारोबारियों की रीढ तोड़ दी। इसे उन्होंने कालेधन के खिलाफ लड़ाई बताया पर इसके बाद लगी लाइन में किसी ने अनिल अंबानी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी को नहीं देखा उसमें गरीब लोग किसान मजदूर आदि ही दिखे थे। 15 लाख रूपये सबके खाते में भेजने का वादा भी पूरा नहीं हुआ। जीसएसी ऐसे ढंग से रात को 12 बजे लागू हुआ कि आज तक कारोबारी इसे समझ नहीं पाये। कांग्रेस की सरकार बनने पर इसे वास्तव में एक कर प्रणाली बनाया जायेगा।

श्री गांधी ने कहा, ‘मोदी जी सच्चे मुद्दों की बात नहीं करते, यह नहीं बताते कि पिछले पांच साल में रोजगार के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। किसानों की मदद नहीं की। वह इन बातों की याद नहीं दिलाना चाहते पर एक के बाद एक नयी बाते करते जाते हैं। हर स्टेज से नरेन्द्र मोदी बोलेंगे कि वह देशभक्त हैं। राफेल हवाई जहाज की बात करते हैं। वायु सेना की प्रशंसा करते हैँ पर देश को ये नहीं बताते हैं कि उन्हीं पायलट और वायुसेना की जेब से चोरी कर उन्होंने पैसा अनिल अंबानी की जेब में डाला है। यहां मनमोहन सिंह जी बैठे हैं, एंटनी जी बैठे हैँ यूपीए के समय में 526 करोड एक राफोल के लिए देना तय किया था । सरकारी कंपनी एचएएल को राफेल का कांट्रैक्ट मिलना था। अनिल अंबानी ने जिंदगी में जहाज नहीं बनाया। अगर उनको कागज का हवाई जहाज बनाने को कहा तो वह नहीं बना पायेंगे। बैंकों का 45 हजार करोड कर्ज है उन पर। दूसरी ओर एचएएल ने तीन हजार करोड अपना रूपया दिया है देश की सरकार को। मोदी जी अपने साथ अनिल अंबानी को लेकर फ्रांस गये थे। उन्होंने सीबीआई डायरेक्टर को निकाल दिया क्योंकि वह राफेल पर जांच करने जा रहा था । मोदी ने वायदा किया था वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लडेंगे तो आपने एयरफोर्स के शहीदों का पैसा छीन कर अंबानी को क्यों दिया।’

श्री गांधी ने कहा कि मोदी ने अपने 15 लोगों को हिन्दस्तान का पूरा धन दे दिया है। जिस दिन लडाई हो रही थी उसी दिन मोदी जी ने अपने मित्र को पांच एयरपोर्ट दे दिये। वह दो तरह का हिन्दुस्तान बनाना चाहते हैं एक अनिल अंबानी , नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और नरेन्द्र मोदी की सूट बूट वाला जिसमें उनके लिए सब कर्ज माफ हो जाये और जो कुछ भी चाहिए वे दे दिये जायें। दूसरी ओर किसानों,मजदूरों वगैरह का हिन्दुस्तान बनाना चाहते हैं जहां नोटबंदी हो जीएसटी हो लोग आत्महत्या करें और स्कूल में बच्चों को पढ़ाने और इलाज के लिए उन्हीं 15 लोगों को पैसे दें। ऐसा हिन्दुस्तान हमे नहीं चाहिए और ऐसा हिन्दुस्तान हम नहीं बनने देंगे चाहे कुछ भी हो जाये। अखबार में ऐसी रिपोर्ट देखी कि इंगलैंड की सरकार ने नीरव मोदी को पकड़ कर वापस भेजने के लिए अपनी सरकार से कुछ सूचना चाहती है पर सरकार ऐसा नहीं कर रही। असल मेें मोदी जी इन लोगों को अनिल भाई मेहुल भाई नीरवभाई कहते हैं और ये लोग उनकी मार्केटिंग करते हैं।

श्री गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर न्यूनतम आय गारंटी योजना लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि देश में जारी लडाई में सच्चाई, प्यार और भाईचारे की जीत होगी। चुनाव में माेदी की और उनकी नफरत की राजनीति की हार होगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों को सच्चाई से अवगत कराने की तथा लोगों से कांग्रेस को राज्य की सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत दिलाने की अपील की।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा: चुनाव में फिजूल के मुद्दे नही उठे: 

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज कहा कि लोगों को इस बात के लिए जागरूक रहना होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान फिजूल के मुद्दे न उठें।

अपने भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तथा मां सोनिया गांधी के साथ अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के बाद पहली बार किसी रैली में एक साथ मंच साझा करते हुए अपने संबोंधन में श्रीमती वाड्रा ने कहा, ‘ यह देश प्यार से बना है पर आज देश में जो हो रहा है तो मै दिल से आपसे कहना चाहती हूं कि इससे बडी कोई देशभक्ति नहीं कि आप जागरूक बने। यह जागरूकता एक हथियार है और आपका वोट भी हथियार है। लेकिन यह ऐसा हथियार है जिससे चोट नहीं पहुंचानी। दुख नहीं नुकसान नहीं होता है ।

attacknews.in

बहुजन समाज पार्टी पुराने परंपरागत तरीके अपनाकर लड़ेगी लोकसभा चुनाव और कांग्रेस पार्टी से कहीं भी नहीं करेगी तालमेल attacknews.in

लखनऊ, 12 मार्च । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने फिर कहा है कि उनकी पार्टी कांग्रेस से तालमेल कर किसी भी राज्य में चुनाव नहीं लड़ेगी।

यहां मंगलवार को लोकसभा चुनाव की तैयारी और उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिये सभी राज्यों के बसपा प्रमुखों और वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने कहा कि हम किसी भी सूरत में कांग्रेस से चुनावी तालमेल या समझौता नहीं करेंगे।

बसपा पुराने परंपरागत तरीके से लड़ेगी चुनाव:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) आगामी लोकसभा चुनावों में भी ‘हाई टेक प्रचार प्रसार’ से दूर रहेगी और पार्टी पुराने परंपरागत तरीके अपनाकर ही चुनाव मैदान में उतरेगी।

बसपा का प्रचार पुराने परंपरागत तरीके से ही होगा जिसमें अधिक से अधिक स्थानों पर पार्टी प्रमुख मायावती की जनसभाएं आयोजित करना और कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव, बूथ-बूथ जाकर जनसंपर्क अभियान करना शामिल हैं।

इसका मतलब यह कि बसपा के प्रचार प्रसार में न तो बड़े बड़े एलईडी लगेंगे, न हाईटक रथ और न ही कोई आईटी सेल सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार की जंग में विरोधी पार्टियों से दो-दो हाथ करेंगी।

बसपा प्रमुख मायावती वैसे तो कुछ दिन पहले ही पहली बार ट्विटर पर आई थी और देखते ही देखते उनके फॉलोअर की संख्या करीब डेढ. लाख तक पहुंच गयी है।

हालांकि कुछ बड़ी जनसंपर्क एजेंसिया :पीआर : कल (सोमवार) बसपा के लखनऊ स्थित कार्यालय गयी थी और पार्टी के कुछ नेताओं के सामने अपने काम का प्रस्तुतीकरण भी किया था लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था।

ऐसी ही एक पीआर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि ‘हां मेरी कंपनी कल बसपा कार्यालय गयी थी और हम कैसे पार्टी का हाई टेक प्रचार प्रसार कर सकते है, इस बारे में प्रस्तुतीकरण भी किया था लेकिन मुझे कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।’’

उन्होंने यह भी कहा कि उनके जैसी कई अन्य पीआर कंपनिया भी कल बसपा कार्यालय गयी थी और अपने विज्ञापन कार्यो का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया था।

इस बारे में बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बातचीत में माना कि ‘कुछ विज्ञापन और पीआर कंपनियां पार्टी के प्रचार प्रसार के सिलसिले काम मांगने के लिये सोमवार को पार्टी कार्यालय में आई थी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया, क्योंकि पार्टी अपने पारंपरिक प्रचार प्रसार में ही विश्वास करती है।’ मायावती पहली बार ट्विटर पर तो आयी लेकिन इसका इस्तेमाल वह केवल अपने बयान जारी करने के लिये ही कर रही है । पार्टी के अन्य बड़े नेता सोशल मीडिया से गायब है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनका मतदाता बहन जी की बातों को ध्यान से सुनता है और उसी आधार पर मतदान करता है, वह सोशल मीडिया या विज्ञापन के प्रचार प्रसार पर भरोसा नहीं करता है। पार्टी कार्यकर्ता बसपा का साहित्य प्रत्येक गांव-गांव में पहुंचायेंगे ।

कुछ दिन पहले पार्टी के लोगों को लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार-प्रसार सामग्री छपवाने और उसे लगाने के लिए विस्तृत निर्देश पार्टी नेताओं द्वारा दिए गए हैं। होर्डिंग और बैनर या फिर अन्य किसी तरह की प्रचार सामग्री में मायावती के बराबर में तस्वीर छपवाने वाले अब सीधे पार्टी से बाहर कर दिए जाएंगे। यह निर्देश पिछले सप्ताह बसपा लखनऊ मंडल के सम्मेलन में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दिए गए हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार नेताओं को निर्देश दिये गये है कि लोकसभा चुनाव में होर्डिंग और बैनर बहुत सोच समझ कर लगाए जाएं। होर्डिंग में मायावती के सामने उनके बराबर कोई अपनी फोटो न लगाएं। बहन जी के सामने कांशीराम या फिर बसपा चुनाव चिह्न हाथी की फोटो लगाई जाए। ऊपर समाज के महापुरुषों की फोटो लगेगी और नीचे होर्डिंग लगाने वाले की फोटो लगेगी। इतना ही नहीं इसे बनवाने से पहले अनुमति भी लेनी होगी।

आगामी लोकसभा चुनावों में सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे है। इसमें बसपा उत्तर प्रदेश की 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

attacknews.in

अदालत को कहना पड़ा: भ्रष्टाचार कैंसर की तरह फैल रहा है attacknews.in

चेन्नई, 11 मार्च । मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि भ्रष्टाचार ‘‘कैंसर’’ की तरह फैल रहा है। अदालत ने सोमवार को तमिलनाडु के सतर्कता अधिकारियों से उन तालुक कार्यालयों में समय समय पर छापे मारने को कहा जहां आरोप है कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र जैसे हर दस्तावेज को जारी करने के लिए रिश्वत मांगी जाती है।

न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में और सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट क्रियाकलापों से आम लोग पूरी तरह से हताश हैं। उन्होंने कहा कि अदालतों सहित सभी उच्च अधिकारियों को वर्तमान स्थिति पर संज्ञान लेना चाहिए और सही ढंग से इन मामलों से निपटना चाहिए।

उन्होंने एक विशेष तहसीलदार की याचिका को खारिज करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने आदेश जारी होने में देरी के आधार पर कथित भ्रष्टाचार के लिए अपने निलंबन को चुनौती दी थी।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमारे महान देश में भ्रष्टाचार कैंसर की तरह फैल रहा है। आम आदमी सरकारी दफ्तरों में और सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट क्रियाकलापों के संबंध में पूरी तरह से हताश है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक कानूनी दस्तावेज हासिल करने के लिए भी आम आदमी को कुछ सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देनी होती है।’’

attacknews.in

ट्विटर पर राजनीतिक विज्ञापनों का ब्यौरा, देने वालों का खर्च सहित उसके प्रभाव के आंकड़े देखें जा सकेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 मार्च । आम चुनाव से पहले सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर सोमवार को भारत के लिये विज्ञापन पारदर्शिता केंद्र स्थापित किया। इसके जरिये लोग देश में राजनीतिक विज्ञापनों का ब्योरा देख सकेंगे। इसमें विज्ञापन देने वालों का खर्च तथा उसके प्रभाव के आंकड़े शामिल है।

ट्विटर ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह राजनीतिक इकाइयों विज्ञापन व्यय तथा ट्वीट के प्रभाव के आंकड़े आदि का ब्योरा उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराएगी। कंपनी ने राजनीतिक विज्ञापनों के लिये नियम कड़े कर अपने मंच पर पारदर्शिता लाने के इरादे से यह कदम उठाया है।

सोशल नेटवर्किंग साइट ने 19 फरवरी को अपने ब्लाग पोस्ट में लिखा था कि इस नीति को भारत समेत कुछ अन्य देशों में 11 मार्च से प्रभाव में लाया जाएगा। इससे केवल प्रमाणित विज्ञापनदाताओं को ही इस मंच पर राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति होगी।

इसके अनुसार भारत के लिये विज्ञापन पारदर्शी केंद्र (एटीसी) सोमवार से काम करने लगा। इसके जरिये लोग यह पता लगा सकेंगे कि ट्विटर पर कौन राजनीतिक विज्ञापन दे रहा है, उसपर कितना खर्च हुआ तथा किस आबादी को ध्यान में रखकर यह किया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अवांछित माध्यमों से देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोई भी कोशिश की गयी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

attacknews.in