कमलनाथ ने छिंदवाड़ा क्षेत्र की जिम्मेदारी अपने पुत्र नकुलनाथ को सौंपी और जनता से उनके जैसा ही प्यार – स्नेह देने को कहा attacknews.in

छिंदवाडा, 16 मार्च । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज अपने गृहक्षेत्र छिंदवाड़ा में कहा कि उन्होंने पिछले चालीस साल से इस क्षेत्र की सेवा की है और अब वे ये जिम्मेदारी अपने पुत्र नकुलनाथ को सौंपते हैं।

श्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के हरई विकासखंड के ग्राम बटकाखापा में आयोजित जनसभा में कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र की लगातार 40 साल से सेवा की, अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा इस क्षेत्र को समर्पित किया और अब वे यह जिम्मेदारी अपने पुत्र नकुलनाथ को सौंपते हैं।

जनसभा में श्री कमलनाथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री नकुलनाथ ने कहा कि उनके पिता ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, उसे वे अपने कंधे पर ले सकते हैं और क्षेत्र के लोगों से उन्हें बहुत प्यार, स्नेह व विश्वास मिला है।

श्री कमलनाथ ने आज जिले के बटकाखापा, देलाखारी, छिंदी, रामपुर व नांदनवाडी गांवों में जनसभाएं कीं।

नांदनवाडी की सभा में श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा सरकार ने खजाना खाली कर दिया था, लेकिन किसानों की कर्जमाफी और बेरोजगार युवाओं को दिया वचन उन्हें निभाना था। कांग्रेस सरकार ने जो वचन दिया, उसे निभाकर किसानों व बेरोजगारों का सम्मान रखा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कांग्रेस सरकार ने खाली खजाना होने के बावजूद किसानों और युवाओं से किए वचन निभाए हैं।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा सरकार ने खजाना खाली कर दिया था, लेकिन किसानों की कर्ज माफी और बेरोजगार युवाओ को दिया वचन निभाना था। भाजपा नेता इस मुद्दे पर हंस रहे थे, उन्हें लग रहा था कि कमलनाथ कैसे किसानो का कर्ज माफ करेंगे। कैसे युवाओ को रोजगार देंगे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने जो वचन दिया था, उसे निभाकर किसान और बेरोजगारों का सम्मान रखा।

इस मौके पर श्री कमलनाथ ने छिंदवाडा का जिम्मेदारी अपने पुत्र नकुलनाथ को सौपते हुए कहा कि उन्होंने पिछले चालीस सालों से यहां की जनता की सेवा की है। अपनी जवानी उन्हे समर्पित की है। अब यह जिम्मेदारी अपने पुत्र नकुलनाथ को सौंपते हैं

इस जनसभा में कमलनाथ के ज्येष्ठ पुत्र नकुलनाथ ने भी अपने विचार रखते हुए कहां कि उनके पिता एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जो जिम्मेदारी उन्हे सौपे हैं, उसे वे अपने कंधे पर ले सकते है। उन्हे जिले के बुजुर्गो ,युवाओं माताओं और बहनों से बहुत प्यार स्नेह और विश्वास मिला है।

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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी मे टिकट वितरण के बाद घमासान मचा, पार्टी छोडकर भाजपा में जाने वालों की लाइन लगी attacknews.in

कोलकाता, 16 मार्च । लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला जारी है और साथ ही ममता बनर्जी की पार्टी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष भी उभर रहा है।

कभी तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले मुकुल राय अब भाजपा में हैं। असंतुष्ट नेताओं और कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों तक को अपनी पूर्व पार्टी से भाजपा में लाने में उनकी भूमिका अहम बताई जाती है।

लोकसभा चुनाव के लिए जब तृणमूल ने अपने 42 उम्मीदवारों की सूची जारी की तब पार्टी में असंतोष के स्वर भी उठने लगे। इस सूची में कूचबेहार, बशीरहाट, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, बोलपुर, विष्णुपुर और कृष्णनगर लोकसभा सीटों के वर्तमान सांसदों के नाम नहीं हैं।

इन सीटों पर तृणमूल के स्थानीय नेतृत्व में मची कलह का भाजपा ने पिछले पांच साल में जम कर फायदा उठाते हुए अपने लिए रास्ते बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

कुछ सीटों पर तृणमूल पार्टी ने अपने पुराने नेताओं की उपेक्षा की और नौसिखियों, फिल्मी सितारों तथा कांग्रेस एवं वाम दलों से आए लोगों को प्रमुखता दी।

सांसद सौमित्र खान, सांसद अनुपम हाजरा और चार बार विधायक रहे वरिष्ठ तृणमूल नेता अर्जुन सिंह भाजपा का दामन थाम चुके हैं। भगवा दल के नेताओं का दावा है कि आने वाले कुछ दिनों में कई तृणमूल विधायक और अन्य नेता भाजपा में शामिल होंगे।

तृणमूल के दक्षिण दिनाजपुर जिला प्रमुख बिप्लव मित्रा बेलुरघाट लोकसभा सीट से अर्पिता घोष को दोबारा टिकट दिए जाने पर अपनी नाराजगी खुल कर जाहिर कर चुके हैं।

मित्रा ने  कहा ‘‘मैं पार्टी को बता चुका था कि बेलुरघाट के लोग अर्पिता के कामकाज से खुश नहीं हैं। इस बार उनकी जीत की कोई गारंटी नहीं है। कई योग्य नेता हैं। अगर उन्हें टिकट मिलता तो हम जीत जाते। हालांकि अर्पिता की जीत सुनिश्चित करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’

रंगमंच की कलाकार अर्पिता तब से ममता की बुद्धिजीवी ब्रिगेड का हिस्सा रही हैं जब वह पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ लड़ रही थीं। अर्पिता कहती हैं कि जब तक ममता का आशीर्वाद उनके साथ है तब तक उन्हें कोई नहीं हरा सकता।।

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राहुल गांधी ने उत्तराखंड में भाजपा सांसद की तारीफ करके नरेंद्र मोदी की आलोचना की और उनके पुत्र मनीष खंडूरी कांग्रेस पार्टी मे शामिल हो गए attacknews.in

देहरादून, 16 मार्च। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सांसद भुवन चंद्र खंडूरी की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सच बोलने कि सजा मिली और रक्षा मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया ।

लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को यहां कांग्रेस की तरफ से आयोजित परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए श्री गांधी ने कहा कि भाजपा में सच बोलने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा श्री खंडूरी रक्षा मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी लेकिन उन्हें श्री मोदी ने अध्यक्ष पद से हटा दिया था जिससे साबित होता है कि भाजपा में सच का कोई स्थान नहीं है ।

इस मौके पर श्री खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की ।

पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती आतंकवादी हमले को लेकर श्री मोदी पर हमला करते हुए श्री गांधी ने कहा “ आज मैं पुलवामा में शहीद हुए सुरक्षा बलों के परिवारों से मिलने जाऊंगा, जब यह हमला हुआ तो कांग्रेस ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए और सुरक्षा बलों और सरकार के समर्थन में खड़ी हुई किंतु उस समय हमारे प्रधानमंत्री कार्बेट पार्क में नेशनल जियोग्राफिक चैनल के लिए फिल्म बना रहे थे, साढ़े तीन घंटे तक पहले हंसते हुए पोज देते रहे और बाद में देशभक्ति की बात की ।”

उन्होंने सवाल किया कि चार साल में ‘ अच्छे दिन आयेंगे ’ से चौकीदार चोर का नारा आ गया यह कैसे हुआ? श्री गांधी ने कहा “ संसद में मैंने राफेल घोटाले पर श्री मोदी से यह सवाल किया कि यह सौदा अनिल अंबानी को क्यों दिया गया ? आपने युवाओं से रोजगार के अवसर क्यों छीने और श्री मोदी मुझसे आंख मिलने की हिम्मत नहीं कर पाये।”
वर्ष 2014 के आम चुनावों का जिक्र करते हुए श्री गांधी ने कहा “ मोदी जी ने आपको कहा था 15 लाख रुपए हर व्यक्ति के खाते में डालेंगे, हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे । देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है।”

उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में उत्तराखंड के छोटे दुकानदारों . छोटे और मध्यम उद्योगों से कहा कि कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनने पर पांच अलग .अलग टैक्स वाले ‘गब्बर सिंह टैक्स’ को एक साधारण कर वाले जीएसटी में बदला जायेगा।

किसानों की स्थिति पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा श्री मोदी ने देश के किसान को एक दिन के साढ़े तीन रुपए दिए और उसके लिए भाजपा के सारे सांसद ताली बजा रहे थे इन्हें शर्म आनी चाहिए।

उन्होंने कहा“ हिंदुस्तान के बैंक का पैसा श्री मोदी ने मोदियों को दे दिया।” नीरव मोदी जनता की गाढ़ी कमाई के 34 हजार करोड़ रुपए लेकर देश से भाग गया । ब्रिटेन की सरकार ने आर्थिक अपराधी को पकड़ने के लिए मोदी सरकार को पेशकश की किंतु श्री मोदी ने कोई जबाब नहीं दिया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जमीन अधिग्रहण कानून को श्री मोदी की सरकार ने संसद में तीन बार खत्म करने की कोशिश की ।

और मनीष खंडूड़ी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए:

उत्तराखंड की पौड़ी सीट से लोकसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी शनिवार को यहां राहुल गांधी की जनसभा के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए ।

मनीष के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पिछले कई दिनों से उनके पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लग गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंच पर उनका पार्टी में स्वागत किया और उनके आने पर खुशी जाहिर की।

मनीष के पिता की ईमानदारी, सच्चाई और कर्मठता की तारीफ करते हुए गांधी ने कहा कि आज उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि खंडूरी जी (मनीष) यहां बैठे हैं। उन्होंने मनीष को आगे बुलाया और जनता से उनका परिचय कराते हुए कहा, ‘‘ इनके पिता को तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने मनीष के अपनी पार्टी में आने का कारण भी जनता से साझा किया और कहा कि अपनी पूरी जिंदगी सेना और देश की रक्षा के लिये देने वाले भुवनचंद्र खंडूरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केवल इसलिये संसद की रक्षा समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया क्योंकि उन्होंने सरकार से यह कहा था कि सेना के पास न तो उपयुक्त हथियार हैं और न ही उसकी तैयारी ठीक है।

गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल उठाने वाले एक सच्चे देशभक्त को समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया। उन्होंने कहा कि मोदी तथा भाजपा में सच्चाई के लिये कोई जगह नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरीश रावत ने भी मनीष खंडूरी का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि एक उम्रदराज नेता होने के नाते वह (मनीष) उनके लिये भतीजे के समान हैं और वह उन्हें आशीर्वाद देते है।

मनीष खंडूरी ने कहा कि वह कांग्रेस में शामिल होकर अच्छा महसूस कर रहे है और वह पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे।

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मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस अति उत्साहित हैं तो भाजपा की राह मुश्किलों से भरी हुई है attacknews.in

भोपाल, 16 मार्च । लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्यों में शामिल मध्यप्रदेश में करीब तीन महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों के मद्देनजर इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राह मुश्किलों से भरी हुई है।

पिछले करीब डेढ़ दशक से भाजपा के गढ़ बने हुए मध्यप्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव में 29 में से 27 सीटें भाजपा की झोली में गईं थीं। एक सीट रतलाम-झाबुआ पर तत्कालीन सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में हालांकि ये सीट कांग्रेस के कब्जे में चली गई।

इसके बाद पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को मात्र 109 सीटों से संतोष करना पड़ा। वहीं कांग्रेस ने 114 पर जीत के साथ प्रदेश में सरकार बनाई। प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में वापसी के साथ ही कांग्रेस अब लोकसभा में भी विधानसभा के जैसा प्रदर्शन करने को लेकर उत्साहित है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक चुनावी मैदान में उतरने के पहले पार्टी ने जमीनी स्तर पर मजबूती को लेकर ठोस कदम उठाए हैं। पार्टी प्रत्याशी चयन से लेकर निचले स्तर तक सामंजस्य बनाने की दिशा में काम कर रही है।

पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव जैसा परिणाम दोहराएगी और उन सीटों पर भी काबिज होगी, जिनके बारे में भाजपा के न जीत पाने का मिथक बना हुआ है।

पिछले विधानसभा चुनाव के बाद बदले राजनीतिक समीकरणों के बीच प्रदेश की आदिवासी सीटें भाजपा की प्राथमिकता में शामिल हो गई हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जहां एक ओर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का आगाज धार से हुआ, वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी शुरुआत शहडोल से की। धार लोकसभा से सटी झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र की आदिवासी सीटों पर भी पार्टी कमजोर स्थिति में हैं, वहीं शहडोल से सटे मंडला संसदीय क्षेत्र में भी पार्टी के लिए स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं।

धार की आठ विधानसभा सीटों में से छह पर कांग्रेस और दो पर भाजपा का कब्जा है। वहीं शहडोल की आठ विधानसभा में से चार-चार पर कांग्रेस और भाजपा काबिज हैं।

दूसरी ओर प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की सीटों पर भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहारे मजबूती पाने की कोशिश में है।

प्रदेश के आदिवासी इलाकों में आरएसएस के कई संगठन लंबे समय से कार्यरत हैं, ऐसे में इन संगठनों की कई सीटों पर गहरी पैठ बनी हुई है।

मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव चार चरणों में होगा। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों में चौथे, पांचवें, छठवें और सातवें चरण में सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे।

प्रदेश में चौथे चरण में 6 लोकसभा क्षेत्र सीधी, शहडोल, जबलपुर, बालाघाट, मण्डला और छिन्दवाड़ा में 29 अप्रैल को मतदान होगा।

पांचवे चरण में सात लोकसभा क्षेत्र टीकमगढ़, दमोह, सतना, रीवा, खजुराहो, होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा क्षेत्र में छह मई को चुनाव होंगे।

छठवें चरण में आठ लोकसभा क्षेत्र मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ में 12 मई को मतदान होगा।

सातवें और अन्तिम चरण में आठ लोकसभा क्षेत्र देवास, उज्जैन, इंदौर, धार, मन्दसौर, रतलाम, खरगौन और खण्डवा में 19 मई को मतदान होगा।

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मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की मुहीम फिर तेज हुई, चीन के ऊपर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का दबाव, 15 में से 14 देशों का समर्थन attacknews.in

वाशिंगटन/ नईदिल्ली , 16 मार्च । ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अब चीन के साथ गहन ‘‘सद्भावना’’ वार्ता कर रहे हैं, ताकि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर कोई ‘‘समझौता’’ किया जा सके।

इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव की भाषा को लेकर भी चीन से बातचीत कर रहे हैं।

चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को बुधवार को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था। इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था।

इन तीनों देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कुछ दिनों बाद प्रस्ताव पेश किया था। इस हमले में सीआरपीएस के 40 जवान शहीद हो गए थे।

मामले के जानकार लोगों के अनुसार, यदि इस प्रयास के बावजूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जाता तो तीन स्थायी सदस्य इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली शाखा में पेश करने की योजना बना रहे हैं।

भारत ने चीन के इस रुख के प्रति निराशा जताई है और प्रस्ताव पेश करने वाले देशों ने चेताया है कि वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘‘अन्य कदमों’’ पर विचार करेंगे।

हालांकि सुरक्षा परिषद समिति की आंतरिक वार्ताएं गोपनीय रखी जाती हैं लेकिन इस बार आतंकवादी को बचाने के चीन के अनुचित दृष्टिकोण से हताश परिषद के कई सदस्यों ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए मीडिया को बताया कि चीन किस प्रकार नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि प्रस्ताव के मूल प्रायोजक पिछले 50 घंटों से चीन के साथ ‘‘सद्भावना’’ वार्ता कर रहे हैं जिसे मामले के जानकार कई लोगों ने ‘‘समझौता’’ करार दिया है। इसका संभवत: यह मतलब है कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी तो घोषित किया जाएगा लेकिन उसे आतंकवादी घोषित करते समय इस्तेमाल की जाने वाली भाषा ऐसी होगी, जो चीन के लिए स्वीकार्य हो।

माना जा रहा है कि चीन ने अजहर को आतंकवादी घोषित किए जाने की भाषा में ‘‘कुछ बदलावों’’ का सुझाव दिया है और अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस इन सुझावों पर विचार कर रहे हैं।

तीनों देशों ने संकेत दिया है कि यदि प्रस्ताव का मूल भाव नहीं बदलता और अंतत: अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाता है तो वे भाषा में बदलाव करने के चीन के अनुरोध को मानने के इच्छुक हैं।

लेकिन अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य अतीत के विपरीत, इस बार चीन के साथ वार्ता का निष्कर्ष निकलने तक बहुत अधिक देर इंतजार करने के इच्छुक नहीं हैं।

ऐसा समझा जाता है कि चीन को इन देशों ने सूचित किया है कि वे अन्य विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। वे खासकर खुली बहस पर विचार कर रहे हैं जिसके बाद प्रस्ताव पर मतदान होगा।

बीजिंग को सूचित किया गया है कि यह कुछ महीनों, कुछ सप्ताह में नहीं, बल्कि कुछ दिनों में होगा।

साथ ही, इन देशों के अधिकारियों का मानना है कि चीन पहले की तुलना में इस बार अधिक सहयोग कर रहा है। इस प्रस्ताव पर चीन का सहयोग मिलने को बड़ी सफलता माना जाएगा। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच बातचीत होना एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है

भारत ने कहा: अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव अटका है ख़ारिज नहीं हुआ:

भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के दायरे में लाये जाने को लेकर भरोसा व्यक्त किया है और कहा है कि चीन की आपत्ति के कारण यह प्रस्ताव अटका अवश्य है लेकिन खारिज नहीं हुआ है।

सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि भारत को चीन के रवैये से निराशा हुई है। पर सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव का अटकने का यह मतलब नहीं है कि प्रस्ताव खारिज हो गया है। भारत प्रतिबंध संबंधी 1267 समिति के सदस्यों के साथ मिल कर अब भी प्रयासरत है। यह अपने आप में बड़ी बात है कि सुरक्षा परिषद के आधे सदस्य मसूद पर प्रतिबंध के प्रस्ताव का सह प्रायोजक बने।

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 सदस्य देशों का समर्थन हासिल हुअा और भारत को पूरी उम्मीद है कि जैश के सरगना को अवश्य प्रतिबंधित किया जाएगा भले ही इसमें कुछ और समय लगे।

सूत्रों ने कहा कि भारत इस मामले में धैर्य का परिचय देगा और सावधानी पूर्वक प्रयास करेगा कि मसूद अजहर 1267 सूची में सूचीबद्ध हो। भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दृढ़ समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि चीन को पाकिस्तान के साथ कुछ मुद्दों को सुलझाना है। सूत्रों का मानना है कि चीन में भी आतंकवाद का बड़ा खतरा है और उसे पता है कि पाकिस्तान के अंदर कई संगठन चीन के खिलाफ काम कर रहे हैं।

इस बारे में अन्य देशों द्वारा चीन के साथ भारत की ओर से बात किये जाने संबंधी एक सवाल पर सूत्रों ने कहा कि भारत को चीन से बात करने के लिए तीसरे देश की जरूरत नहीं है। विदेश सचिव ने नई दिल्ली में चीन के राजदूत से और बीजिंग में भारत के राजदूत ने चीनी विदेश विभाग के अधिकारियों से तथा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने चीन के स्थायी प्रतिनिधि से बात की है और यह सतत संवाद बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत के लिए आतंकवाद एक ऐसा विषय है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। भारत ने पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों सहित तमाम देशों को इस बारे में विस्तृत जानकारियाें से अवगत कराया जिसकी सभी ने सराहना की है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार एक ऐसे विषय पर बचाव करने का प्रयास कर रही है जिसका बचाव किया ही नहीं जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि विदेश सचिव विजय गोखले की हाल में संपन्न अमेरिका की यात्रा के दौरान भी भारतीय वायुसेना की नियंत्रण रेखा पार की गयी कार्रवाई को लेकर बात हुई और सभी ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी और भारत द्वारा दिखाये गये संयम की सराहना की है।

सूत्रों के अनुसार अमेरिका में भारत ने अमेरिकी हथियारों का उसके विरुद्ध प्रयाेग का मसला भी उठाया। एफ-16 विमानों एवं एमराम मिसाइलों के प्रयोग को लेकर भी चिंता जाहिर की है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान को ये हथियार उस समय दिये गये थे जब अमेरिका पाकिस्तान एवं भारत से संबंध अब की तुलना में अलग थे। पर अमेरिकी प्रशासन ने इस बारे में समुचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाये गये आरोपों को किसी ने भी नहीं स्वीकार किया है।

सूत्रों ने कहा कि भारत धैर्य का परिचय देगा और उसे विश्वास है कि धैर्य का सकारात्मक परिणाम आएगा। इसमें कुछ और माह का समय लग सकता है।

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेगा:

उधर भारत आतंकी गुट जैश-ए-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेगा और संयम बनाए रखेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

चीन द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को एक बार फिर अपने वीटो अधिकार के जरिये नाकाम करने के कुछ दिनों बाद सूत्रों ने यह बात कही है।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदम वास्तव में दिखावटी हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘ जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की दिशा में भारत यूएनएससी की प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेगा।’’

सूत्रों ने कहा कि भारत का मानना है कि ‘‘ आतंकवाद चीन के लिए एक प्रमुख मुद्दा है। उन्हें पता है कि पाकिस्तान में कई आतंकवादी समूह सक्रिय हैं।’’

चीन के अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में बाधा डालने पर सूत्रों ने कहा कि हम जितना भी समय लगे संयम बनाए रखेंगे।

अजहर मुद्दे पर चीन के अड़ंगे के बारे में सरकारी सूत्रों ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें चीन को पाकिस्तान के साथ सुलझाने की जरूरत है।

चीन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान में सक्रिय ‘आतंकवादी संगठन’ के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को चौथी बार तकनीकी रोक के जरिये खारिज कर दिया था।

भारत ने चीन के इस कदम को ‘‘निराशाजनक’’ करार दिया था।

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आज 9 मिनट में 4 लड़के और 2 लड़कियों सहित 6 बच्चों को एकसाथ जन्म देने वाली महिला ने दुनिया के इतिहास में नाम दर्ज किया attacknews.in

ह्यूस्टन, 16 मार्च । टेक्सास के ह्यूस्टन में एक महिला ने छह बच्चों को एकसाथ जन्म दिया है।

दुनियाभर में 4.7 अरब में से कोई एक मामला ही ऐसा होता है जब कोई महिला छह बच्चों को जन्म देती है।

महिला ने अमेरिका के ‘द वुमेन्स हॉस्पिटल ऑफ टेक्सास’ में छह बच्चों को जन्म दिया।

अस्पताल ने बताया कि थेलमा चैका ने शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार सुबह चार बजकर 50 मिनट से सुबह चार बजकर 59 मिनट के बीच चार लड़कों और दो लड़कियों को जन्म दिया। थेलमा स्वस्थ है।

अस्पताल के बयान के अनुसार बच्चों का वजन एक पौंड 12 औंस से दो पौंड 14 औंस के बीच है। उनकी हालत स्थिर है और उन्हें अस्पताल की नवजात गहन देखभाल इकाई में रखा गया है।

थेलमा ने अपनी बेटियों का नाम जीना और जुरियल रखा है। उन्होंने अपने चारों बेटों का नाम अभी नहीं रखा है।

शिया वफ्फ बोर्ड अध्यक्ष वसीम रिजवी की इस्लाम धर्म के ठेकेदारों को करारा जवाब देने वाली फिल्म ‘ राम की जन्मभूमि ‘ 29 मार्च को रिलीज़ होगी attacknews.in

लखनऊ, 15 मार्च। राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले के समाधान के लिये उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर जारी मध्यस्थता के बीच उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ 29 मार्च को रिलीज हो रही है।

चुनावी मौसम में रिलीज हो रही इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाणन मिल चुका है। यह फिल्म राम मंदिर आंदोलन और उससे जुड़ी घटनाओं पर आधारित है। इसके अलावा फिल्म में तीन तलाक और हलाला जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पुरजोर पैरोकारी कर चुके शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने इस फिल्म की कहानी खुद लिखी है और इसका निर्माण भी किया है।

रिजवी ने शुक्रवार को  बताया कि उनकी फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ को सेंसर बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह 29 मार्च को सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह फिल्म राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले इस्लाम धर्म के ठेकेदारों पर करारा प्रहार करेगी। हम इस फिल्म में वह सब कुछ दिखा रहे हैं, जो एक सभ्य मुस्लिम समाज में नहीं होना चाहिये।

रिजवी ने दावा किया कि फिल्म का पहला पोस्टर और टीज़र जारी होने के बाद उन्हें कई धार्मिक संगठनों से कानूनी नोटिस के साथ ही अण्डरवर्ल्ड से फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने की धमकियां मिल चुकी हैं। हालांकि तमाम विवादों के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाणित कर दिया है।

इस फिल्म में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को शामिल किया गया है। फिल्म को अयोध्या के कई महत्वपूर्ण स्थलों पर भी फिल्माया गया है।

यह फिल्म ऐसे समय रिलीज हो रही है, जब उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नियुक्त मध्यस्थता समिति अयोध्या विवाद के विभिन्न पक्षकारों के साथ बातचीत कर सुलह—समझौते से मामला हल करने की कोशिश कर रही है।

सनोज मिश्रा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मनोज जोशी, गोविंद नामदेव, नाजनीज पाटनी और राजवीर सिंह मुख्य किरदारों में होंगे।

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छिंदवाड़ा में कमल नहीं कमलनाथ चाहिये लेकिन अब वह लोकसभा नहीं विधानसभा चुनाव लडेंगे attacknews.in

छिंदवाड़ा,15 मार्च । आजादी के बाद से ही कांग्रेस का गढ़ रही मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर पिछले चार दशक से श्री कमलनाथ का कब्जा है और राज्य के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद वह इस बार भले ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़े लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यहां जीत हासिल करना टेढ़ी खीर साबित होगी।

श्री कमलनाथ 1980 में से यहां से पहली बार जीत हासिल कर लोकसभा में पहुंचे थे। वह इस सीट से नौ बार चुनाव जीत चुके हैं। पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद वह एक लाख से अधिक मतों से जीते थे आैर लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते अस्थायी अध्यक्ष बने थे। इस सीट पर आम चुनाव में कांग्रेस को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। सिर्फ एक बार उप चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी।

महाराष्ट्र से लगी छिंदवाडा संसदीय सीट 1977 के लोकसभा चुनावों से चर्चा में आई थी, जब सारे उत्तर भारत में कांग्रेस का सफाया हो जाने के बाद भी यहां से कांग्रेस को विजयश्री हासिल हुई थी। इस सीट पर कमलनाथ ने 1980 से 1991 तक लगातार चार चुनावों में जीत हासिल की। हवाला डायरी कांड में नाम आ जाने के कारण 1996 में कांग्रेस ने उन्हें चुनाव नहीं लड़वाया, तब उनकी पत्नी अलका नाथ ने यहां से चुनाव जीता था। एक वर्ष बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस पर 1997 में हुये उपचुनाव में भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने आये राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री सुदंरलाल पटवा ने कमलनाथ को पराजित कर दिया था लेकिन एक साल बाद हुए आम चुनाव में कमलनाथ ने सुदंरलाल पटवा को पराजित कर अपनी हार का बदला ले लिया।

मध्य प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में 2003 में भाजपा की सरकार बनने पर 2004 के चुनाव में कमलनाथ के सामने प्रह्लाद पटेल को चुनाव में उतारा गया लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2009 के संसदीय चुनाव में कमलनाथ को चार लाख नौ हजार 736 वोट मिले, तो वहीं भाजपा के उम्मीदवार मारोतीराव खवसे को दो लाख 88 हजार 616 वोट मिले। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का भी यहां असर नहीं हुआ।

भाजपा ने तीसरी बार चौधरी चन्द्रभान सिंह को कमलनाथ के खिलाफ चुनाव में उतारा। इस चुनाव में चौधरी चन्द्रभान सिंह को चार लाख 43 हजार 218 वोट मिले। कमलनाथ को पांच लाख 59 हजार 755 वोट मिले। इस तरह कमलनाथ नौवीं बार एक लाख 16 हजार 537 मतों से चुनाव जीत गये। छिंदवाडा संसदीय सीट में कांग्रेस और भाजपा दो ही प्रमुख राजनैतिक दल है,लेकिन क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी 2003 से जिले में सक्रिय हुई।

इस पार्टी के प्रत्याशी मनमोहन शाह बट्टी ने 2004 के चुनाव में ने 11.31 प्रतिशत मत लेकर अपना प्रभाव दिखाया था। इस संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के चलते श्री कमलनाथ इस बार छिंदवाड़ा से विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे। यह उपचुनाव आम चुनाव के साथ ही होगा। संसदीय सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सक्रिय हो गये हैं। उम्मीद है कि कांग्रेस नकुलनाथ को ही छिंदवाड़ा से टिकट देगी।

छिंदवाड़ा के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो यहां कांग्रेस का पलड़ा हमेशा ही भारी रहा है। पहला चुनाव 1951 में हुआ था, जिसमें कांग्रेस के रायचंद भाई शाह सांसद चुने गये थे। इसके बाद 1957 और 1962 में हुए दूसरे और तीसरे संसदीय चुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली। लगातार दो बार बीकूलाल लखिमचंद्र चांडक ने संसद में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद 1967, 1971 और 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गार्गीशंकर मिश्रा यहां से तीन बार सांसद चुने गये।

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कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा नाव पर बैठकर इलाहाबाद से नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 मार्च । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के आधार को मजबूत करने और लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजे की कोशिश में जुटीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 18 मार्च से इलाहाबाद से नौका के जरिए ‘गंगा-जमुनी तहजीब यात्रा’ की शुरुआत करेंगी। इसका समापन अगले दिन (19 मार्च को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला के मुताबिक प्रियंका अपनी दो दिवसीय यात्रा में करीब 140 किलोमीटर का सफर तय करेंगी और इस दौरान विभिन्न स्थानों पर वह कार्यकर्ताओं और समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकात करेंगी।

प्रियंका के लिए 19 मार्च की शाम को वाराणसी के मशहूर अस्सी घाट पर एक स्वागत समारोह भी रखा गया है और वह 20 मार्च को दिल्ली रवाना होने से पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन भी करेंगी।

शुक्ला ने  बताया कि कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी 17 मार्च को लखनऊ पहुंचेंगी और रात में इलाहाबाद जाएंगी।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में छटनाग से 18 मार्च की सुबह वह ‘गंगा-जमुनी तहजीब यात्रा’ शुरू करेंगी और करीब 40 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर वाराणसी के निकट दमदमा पहुंचेंगी जहां वह एक स्वागत कार्यक्रम में भाग लेने के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात करेंगी।

शुक्ला ने बताया कि इसके बाद नौका से ही वह लाक्षागृह जाएंगी जहां 18 मार्च की रात में वह विश्राम करेंगी। अगले दिन यानी 19 मार्च को वह माढहा नामक स्थान पर स्वागत समारोह में शामिल होंगी।

उन्होंने बताया कि प्रियंका सीतामढ़ी और रामपुर होते हुए विंध्याचल मंदिर में दर्शन करेंगी। फिर वह चुनार जाएंगी और शीतला माता मंदिर में दर्शन करेंगी। इसके बाद उनका वाराणसी के अस्सी घाट पहुंचने का कार्यक्रम है जहां उनका स्वागत होगा और इसके साथ ही उनकी इस यात्रा का समापन होगा।

प्रियंका 20 मार्च को काशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगी और फिर दिल्ली रवाना होंगी।

गौरतलब है कि 23 जनवरी को कांग्रेस की महासचिव-प्रभारी नियुक्त होने के बाद से प्रियंका पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से लगातार मुलाकात कर रही हैं।

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पी एम नरेंद्र मोदी फिल्म 12 अप्रैल को पूरे देशभर में रिलीज होगी, आखिरी हिस्से की शूटिंग का समापन जल्द attacknews.in

मुंबई, 15 मार्च ।अभिनेता विवेक ओबेरॉय की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म 12 अप्रैल को देशभर में रिलीज होगी।

फिल्म का नाम ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ है। इसका निर्देशन उमंग कुमार ने किया है। उमंग कुमार इससे पहले ‘मैरीकॉम’ तथा ‘सरबजीत’ का भी निर्देशन कर चुके हैं।

फिल्म निर्माताओं की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फिल्म की शूटिंग जनवरी के आखिरी दिनों में गुजरात में शुरू की गई थी। फिलहाल मुंबई में इसके आखिरी हिस्से की शूटिंग चल रही है।

फिल्म के निर्देशक उमंग कुमार ने कहा कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ नरेंद्र दामोदरदास मोदी की गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी विनम्र शुरुआत से लेकर 2014 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने तक के सफर पर आधारित है।

फिल्म में दर्शन कुमार, बोमन ईरानी, मनोज जोशी, प्रशांत नारायणन, जरीना वहाब तथा बरखा बिष्ट सेनगुप्ता भी अभिनय करती नजर आएंगी।।

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Live Video: न्यूजीलैंड की मस्जिदों में हमलावर 17 मिनट तक अंधाधुंध फायरिंग करता रहा और कहता है कि: हम आज तुम्हें मारने जा रहे हैं attacknews.in

वेलिंगटन 15 मार्च । शुक्रवार को एक बंदूकधारी ने क्राइस्टचर्च शहर में स्थित मस्जिद में अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हमलावर ने 17 मिनट की इस घटना को फेसबुक पर लाइव किया था। माना जा रहा है कि यह वीडियो उसके हेल्मेट पर लगे कैमरे से रिकॉर्ड किया गया है। वीडियो की शुरुआत में दिखाई देता है कि एक शख्स अल नूर मस्जिद तक गाड़ी चलाकर आता है।

गाड़ी को पार्क करने के बाद वह खुद को हथियारों से लैस करता है जिसमें कम से कम एक सेमी ऑटोमैटिक बंदूक शामिल है। इसके बाद वह मस्जिद के अंदर प्रवेश करते हुए कहता है कि ‘चलो पार्टी शुरू करते हैं’ और तुरंत एक शख्स को दरवाजे पर गोली मार देता है। वीडियो में वह खुद को 28 साल का व्हाइट (श्वेत) शख्स बताता है जिसका जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ है। वह खुद को सूचीबद्ध व्हाइट हीरो कहता है। वीडियो में हमलावर यह भी कहता है, ‘हम आज तुम्हें मारने जा रहे हैं।’

हमलावर के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक होने की पुष्टि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी की है। उन्होंने कहा कि क्राइस्टचर्च में ‘एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी, हिंसक आतंकवादी’ ने गोलीबारी की। वह आस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है। हालांकि उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि न्यूजीलैंड के प्राधिकारियों के नेतृत्व में जांच की जा रही है।

कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि हमलावर का नाम सफेद अक्षरों में उसके हथियारों पर लिखा हुआ था। न्यूजीलैंड हेराल्ड ने हमलावर के फेसबुक लाइव को देखा था। उसका कहना है कि आरोपी ने मस्जिद के अंदर प्रवेश करते ही अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसके बाद उसने मुख्य परिसर में रेंग रहे शख्स को गोली मारी। कई बार उसने अपनी बंदूक में गोली भरी और फिर फायरिंग शुरू कर दी।

न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

एक बंदूकधारी की पहचान आस्ट्रेलियाई चरमपंथी के रूप में हुई है जिसने हमले की स्पष्ट रूप से ऑनलाइन लाइवस्ट्रीमिंग की। इस हमले के बाद क्राइस्टचर्च में किसी के आने और शहर से किसी के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई।

यह किसी पश्चिमी देश में मुस्लिमों के खिलाफ सबसे भीषण हमला प्रतीत होता है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीड़ितों पर बहुत नजदीक से गोलियां चलाई गईं। मृतकों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इसे ‘‘न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक’’करार दिया और कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था।’’

उन्होंने कहा कि 20 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बताया कि गोलीबारी करने वाला एक बंदूकधारी एक दक्षिणपंथी चरमपंथी है जिसके पास आस्ट्रेलिया की नागरिकता है।

अर्डर्न ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी में कितने हमलावर शामिल थे लेकिन तीन पुरुषों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने बताया कि सेना ने दो आईईडी बरामद किए हैं और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है।

मस्जिद में मौजूद एक फलस्तीनी व्यक्ति ने बताया कि उसने एक व्यक्ति के सिर में गोली लगती देखी।

उसने कहा, ‘‘मुझे लगातार तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी और मुश्किल से 10 सेकंड बाद ही फिर से ऐसा हुआ। हमलावर के पास संभवत: स्वचालित हथियार होगा क्योंकि कोई इतनी जल्दी ट्रिगर नहीं दबा सकता।’’

ऑनलाइन उपलब्ध वीडियो और दस्तावेजों से यह पता चलता है कि हमलावर ने हमले का फेसबुक लाइव किया। वीडियो एवं दस्तावेजों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

इस बीच, पुलिस ने गोलीबारी संबंधी कोई भी वीडियो साझा नहीं करने की चेतावनी दी है। दरअसल, ऑनलाइन मौजूद एक वीडियो में एक बंदूकधारी मस्जिद में लोगों पर गोली चलाते समय वीडियो बनाते दिख रहा है।

पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘पुलिस जानती है कि क्राइस्टचर्च में हुई घटना के संबंध में एक बहुत ही तकलीफदेह वीडियो ऑनलाइन साझा किया जा रहा है। हम अपील करेंगे कि यह लिंक साझा नहीं किया जाए। हम फुटेज हटाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

पुलिस ने बताया कि मस्जिद अल नूर में हुए हमले में 41 लोगों की मौत हुई और लिनवुड अवे मस्जिद में सात और लोगों की मौत हुई।

दोनों मस्जिद पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या दोनों मस्जिदों में एक ही हमलावर ने गोलीबारी की थी या नहीं।

हमले के समय डीन अवे मजिस्द में नमाज पढ़ रहे एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने बाहर अपनी पत्नी का शव फुटपाथ पर पड़ा देखा।, ‘‘लोग भाग रहे थे। कुछ लोग खून से सने थे।’’

एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसने बच्चों पर गोलियां चलती देखीं। ‘‘मेरे चारों ओर शव थे।’’

एक प्रत्यक्षदर्शी ने ‘रेडियो न्यूजीलैंड’ को बताया कि उसने गोलीबारी सुनी और चार लोग जमीन पर पड़े थे और ‘‘हर तरफ खून’’ था।

पुलिस ने देशभर के मुसलमानों को सचेत किया है कि वे ‘‘न्यूजीलैंड में कहीं’’ किसी मस्जिद में नहीं जाएं।

इस बीच, पुलिस ने शहर के स्कूलों से लॉकडाउन हटा दिया है। स्कूलों में किसी के अंदर या बाहर जाने पर प्रतिबंध लग गया था। लॉकडाउन हटने के बाद घबराए हुए अभिभावक अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे।

न्यूजीलैंड पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘पुलिस अब यह पुष्टि कर सकती है कि क्राइस्टचर्च में सभी स्कूलों पर लगा लॉकडाउन हटा दिया गया है।’’

इस बीच, क्राइस्टचर्च में मौजूद बांग्लादेश क्रिकेट टीम का न्यूजीलैंड के साथ होने वाला तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच यहां मस्जिदों में गोलीबारी के मद्देनजर रद्द कर दिया गया।

जब हमला हुआ, उस समय बांग्लादेश की टीम मस्जिद में प्रवेश करने ही वाली थी।

‘क्रिकइंफो’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘जब हमला हुआ, तब टीम जुम्मे की नमाज के लिए मस्जिद जा रही थी। टीम सुरक्षित बच कर निकटवर्ती हेगले ओवल पहुंची। टीम को एक होटल में रखा गया है। होटल में किसी के अंदर जाने या किसी के होटल से बाहर जाने पर प्रतिबंध है।’’

पुलिस ने हमले के इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस कमिश्नर माइक बुश ने मामले के संबंध में तीन पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया है।

एक भारतीय घायल, हैदराबाद का रहने वाला है:

हैदराबाद (भारत) AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि न्यूजीलैंड में हुई गोलीबारी में अहमद जहांगीर नाम का एक शख्स भी जख्मी हुआ है और उनके भाई इकबाल जहांगीर हैदराबाद के निवासी हैं। ओवैसी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और तेलंगाना सरकार से अपील की है कि इकबाल की न्यूजीलैंड जाने में मदद करें।

उधर क्राइस्ट चर्च के पुलिस आयुक्त माइक बुश ने यहां मीडिया से कहा, “हमें और लोगों की जानकारी नहीं है लेकिन यह कहना मुश्किल है कि इसमें बड़े पैमाने पर लोग शामिल नहीं हैं।”

बुश ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई माने जा रहे एक हमलावर ने मस्जिद में लोगों को गोली मारते समय उसका वीडियो भी बनाया। उन्होंने कहा कि हमले में शामिल वाहनों में कई इंप्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण लगे हुए थे। बुश ने कहा, “इससे पता चलता है कि स्थिति गंभीर है।”

मिली जानकारी के अनुसार, चश्मदीद की मानें तो हमलावर ने काले कपड़े पहने हुए थे और सिर पर हेलमेट लगा रखा था। उनके पास ऑटोमैटिक हथियार है, जिससे वह फायरिंग कर रह थे।

बांग्लादेश की क्रिकेट टीम को मस्जिद में ऐक्टिव शूटिंग की जानकारी मिलते ही सभी खिलाड़ी बाकी लोगों के साथ  निकल आए। सभी को पास के पार्क के साथ वाले रास्ते से वापस ओवल मैदान की तरफ लाया गया।

न्यूजीलैंड पुलिस ने बताया है कि चार लोग हिरासत में लिया गया है। एक महिला, तीन पुरुष है। हम अभी भी इसके आसपास की परिस्थितियों को देख रहे हैं।

न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त ने  कहा कि यहां क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमलों में प्रभावित कोई भी भारतीय नागरिक मदद के लिए मिशन से संपर्क कर सकता है।

मिशन ने घटना पर दुख जताते हुए मदद के लिए दो फोन नंबर भी ट्वीट किये जिन पर संपर्क किया जा सकता है। इनमें 021803899 और 021850033 हैं।

हालांकि घटना में किसी भारतीय के प्रभावित होने की तत्काल कोई खबर नहीं है।

न्यूजीलैंड में तकरीबन दो लाख भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं। भारतीय उच्च आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस देश में 30 हजार से अधिक भारतीय छात्र हैं।

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न्यूजीलैंड की 2 मस्जिदों में अंधाधुंध गोलीबारी में मारे गए 40 लोग, घटनाक्रम ऐसा था कि, चीखते- चिल्लाते मरते जा रहे थे तभी बांग्लादेश की क्रिकेट टीम मस्जिद में जाने से पहले ही रूक गई attacknews.in

क्राइस्टचर्च, 15 मार्च । न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में शुक्रवार को गोलीबारी में 40 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने यह जानकारी दी।

प्राधिकारियों ने इस संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है और विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय किया है।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने ‘‘पूर्व नियोजित’’ इस हमले को ‘‘न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक’’बताया ।

अर्डर्न ने कहा कि क्राइस्टचर्च में हुआ घटनाक्रम ‘‘हिंसा की असाधारण करतूत’’ को दर्शाता है। उन्होंने स्वीकार किया कि पीड़ितों में कई प्रवासी और शरणार्थी हो सकते हैं। मृतकों के अलावा 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संदिग्ध वाहनों से जुड़े दो विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए हैं और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है।’’

न्यूजीलैंड पुलिस ने गोलीबारी के संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें एक महिला है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन हमले की जिम्मेदारी लेने वाले एक व्यक्ति ने 74 पृष्ठीय प्रवासी विरोधी घोषणापत्र छोड़ा है जिसमें उसने यह बताया है कि वह कौन है और उसने हमले को क्यों अंजाम दिया।

उसने बताया कि वह 28 वर्षीय श्वेत ऑस्ट्रेलियाई है।

आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने पुष्टि की कि गिरफ्तार किए गए चार लोगों में एक आस्ट्रेलियाई नागरिक है।

मॉरिसन ने कहा कि क्राइस्टचर्च में ‘‘एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी, हिंसक आतंकवादी’’ ने गोलीबारी की। वह आस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है।

उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि न्यूजीलैंड के प्राधिकारियों के नेतृत्व में जांच की जा रही है।

अर्डर्न ने एक संवाददाता सम्मेलन में हमले के संभावित मकसद के तौर पर प्रवासी विरोधी भावना होने का इशारा किया और कहा कि गोलीबारी में प्रभावित कई लोग प्रवासी या शरणार्थी हो सकते हैं। ‘‘उन्होंने न्यूजीलैंड को अपना घर बनाना चुना और यह उनका घर है।’’

पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा कि पुलिस हिरासत में लिए गए चार लोगों के अलावा किसी अन्य संदिग्ध के बारे में नहीं जानती लेकिन वे इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते।

बुश ने कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस ने हमलावरों को पकड़ लिया है। हमारे पुलिसकर्मियों ने जिस प्रकार कार्रवाई की, मुझे उन पर गर्व है, लेकिन हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि खतरा समाप्त हो गया है।’’

उन्होंने बताया कि रक्षाबल ने हमलों के बाद रोके गए वाहनों से जुड़े कई आईईडी निष्क्रिय किए हैं।

मस्जिद अल नूर में हमला स्थानीय समयानुसार दोपहर पौने दो बजे हुआ। अर्डर्न ने बताया कि वहां 30 लोगों की मौत हुई।

प्रत्यक्षदर्शी लेन पेनेहा ने बताया कि उन्होंने काले कपड़े पहने एक व्यक्ति को मस्जिद में जाते देखा और उसके बाद गोलीबारी की आवाज सुनाई दी।

मस्जिद के निकट रहने वाले पेनेहा ने बताया कि बंदूकधारी मस्जिद से बाहर भागा और उसने अपना हथियार रास्ते में गिरा दिया।

इस बीच स्पष्ट रूप से हमलावर द्वारा ऑनलाइन लाइव जारी किए गए वीडियो में भयावह जानकारियां दिख रही हैं। बंदूकधारी मस्जिद में दो मिनट से अधिक समय रहा और गोलीबारी की। इसके बाद वह बाहर सड़क पर आया और वहां गोलियां चलाईं। वह एक अन्य रायफल लेने अपनी कार में आया और उसने दोबारा मस्जिद में गोलियां चलाई। बाहर आते समय उसने एक महिला पर गोलियां चलाईं। इसके बाद हमलावर अपने वाहन में बैठकर फरार हो गया।

गोलीबारी की एक अन्य घटना लिनवुड मस्जिद में हुई। अर्डर्न ने बताया कि वहां 10 लोगों की मौत हुई।

हमले की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह न्यूजीलैंड हमले की साजिश रचने और इसके लिए प्रशिक्षण देने ही आया था। उसने कहा कि वह किसी संगठन का सदस्य नहीं है लेकिन कई राष्ट्रवादी समूहों से उसने बातचीत की और उनकी ओर उसका झुकाव है। उसने अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया और उसे किसी संगठन ने हमले का आदेश नहीं दिया था।

उसने कहा कि उसने यह दर्शाने के लिए न्यूजीलैंड को चुना कि दुनिया का सबसे दूरदराज का हिस्सा भी ‘‘सामूहिक आव्रजन’’ से मुक्त नहीं है।

गोलीबारी से ठीक पहले नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में प्रवेश कर रहे बंगलादेशी क्रिकेट टीम के सदस्य इस हमले में बाल-बाल बच गये।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंदा आर्डर्न ने यहां संवाददाताओं को बताया कि 10 लोग लिनवुड और 30 लोग हेगले पार्क के पाय डींस एवेन्यू मस्जिद में मारे गये।

उन्होंने इसे एक आतंकवादी घटना बताया और कहा कि देश में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा लगता है कि इस हमले की योजना पहले से बनायी गयी होगी। आज के दिन को सबसे काले दिनों में से एक बताया। उन्होंने कहा, “यह साफ है कि यह न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक है। आज जो यहां हुआ, वह जघन्य हिंसक घटना है। मेरी संवेदनाएं और मुझे विश्वास है कि पूरे न्यूजीलैंडवासियों की संवेदनाएं हताहतों और उनके परिजनों के साथ हैं।”

पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा, “हम मृतकों की पहचान नहीं कर सके हैं क्योंकि घटनास्थलों को बंद कर दिया गया है। मैं यह नहीं कह सकता कि घटनास्थल पर और हमलावर मौजूद नहीं हैं।”

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने हमलावरों में से एक के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक होने की पुष्टि की है। वह न्यूजीलैंड में ही रह रहा था। उन्होंने कहा कि लोग हमले से स्तब्ध, भयभीत और आक्राेशित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसे एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी हिंसक आतंकवादी ने अंजाम दिया है। इस हमले ने हमें याद दिलाया है कि हमारे बीच शैतान हमेशा मौजूद है जो कभी भी हम पर हमला कर सकता है।

इस बीच क्राइस्टचर्च की मेयर लियाने डैलजील ने कहा कि वह गोलीबारी की घटना से इतनी दुखी हैं कि शब्दों में बयां नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी क्राइस्टचर्च में ऐसी किसी घटना की उम्मीद नहीं की थी। मैंने कभी भी न्यूजीलैंड में ऐसी घटना की कल्पना नहीं की।”

स्थानीय मीडिया ने बताया कि बंदूकधारियों में से एक ने मध्य क्राइस्टचर्च के हेगले पार्क स्थित मस्जिद अल नूर में अचानक गोलीबारी शुरू कर दी जहां बंगलादेशी क्रिकेट टीम के सदस्य पहुंचने ही वाले थे। हमले में क्रिकेट टीम के किसी भी सदस्य को चोट नहीं पहुंची है। सभी सदस्य सुरक्षित हैं। हमले के कारण न्यूजीलैंड और बंगलादेश के बीच शनिवार को शुरू होने वाला तीसरे टेस्ट मैच रद्द हो गया है।

हमले के बाद बंगलादेश के बल्लेबाज तमीम इकबाल ने ट्वीट कर कहा, “पूरी टीम हमले में सुरक्षित बच गयी है। डरावना अनुभव, कृपया हमारे लिए दुआ करें।” अल नूर मस्जिद मध्य क्राइस्टचर्च में डीन एवेन्यू से लगी हुई है।
दूसरा हमला क्राइस्टचर्च के उपनगरीय इलाके की एक मस्जिद में हुआ। पुलिस ने इन हमलों के मामले में कम से कम तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

इससे पहले न्यूजीलैंड हेराल्ड ने एक चश्मदीद के हवाले से बताया कि कम से कम दो बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। एक अन्य चश्मदीद इदरीस खैरूद्दीन ने बताया कि उसे गोलियों की आवाज सुनकर पहले लगा कि कहीं निर्माण कार्य चल रहा है या ऐसा ही कुछ लेकिन कुछ ही देर में लोग इधर-उधर भागते और चीख-पुकार मचाते नजर आये। हमले के समय मस्जिद में लगभग 200 लोग मौजूद थे।

न्यूजीलैंड पुलिस ने गोलीबारी के संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है और कई आईईडी बरामद किए हैं।

पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा, ‘‘चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से तीन पुरूष हैं और एक महिला है।’’

उन्होंने कहा कि हमलावरों के वाहनों से जुड़े संदिग्ध आईईडी पाए गए हैं। सेना ने उन्हें निष्क्रिय कर दिया है।

इस बीच, पुलिस ने शहर के स्कूलों से लॉकडाउन हटा दिया है। स्कूलों में किसी के अंदर या बाहर जाने पर प्रतिबंध लग गया था। लॉकडाउन हटने के बाद घबराए हुए अभिभावक अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे।

न्यूजीलैंड पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘पुलिस अब यह पुष्टि कर सकती है कि क्राइस्टचर्च में सभी स्कूलों पर लगा लॉकडाउन हटा दिया गया है।’’

इस बीच पुलिस ने गोलीबारी संबंधी कोई भी वीडियो साझा नहीं करने की चेतावनी दी है। दरअसल, ऑनलाइन मौजूद एक वीडियो में एक बंदूकधारी मस्जिद में लोगों पर गोली चलाते समय वीडियो बनाते दिख रहा है।

पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘पुलिस जानती है कि क्राइस्टचर्च में हुई घटना के संबंध में एक बहुत ही तकलीफदेह वीडियो ऑनलाइन साझा किया जा रहा है। हम अपील करेंगे कि यह लिंक साझा नहीं किया जाए। हम फुटेज हटाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

एएफपी को ‘यूट्यूब’ पर मिली वीडियो की प्रति में छोटे बालों वाला एक व्यक्ति मस्जिद की ओर वाहन चलाकर जाते दिख रहा है। व्यक्ति की दाढी-मूंछ नहीं है। मस्जिद में घुसते ही वह गोलीबारी करता है।

जिस फेसबुक और ट्विटर अकाउंट से वीडियो पोस्ट की गई थी, उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

घटना से दु:खी रग्बी खिलाड़ी सोनी बिल विलियम्स ने एक भावुक वीडियो साझा करके कहा, ‘‘अभी यह समाचार सुना। मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता कि मैं इस समय क्या महसूस कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज जिनकी भी मौत हुई है इंशाअल्लाह, उन सभी को जन्नत नसीब हो।’’

मस्जिदों में दोपहर को जब हमला हुआ, उस समय लोगों की भीड़ वहां जुम्मे की नमाज के लिए एकत्र थी और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सदस्य वहां पहुंच रहे थे।

पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा, ‘‘स्थिति लगातार बदल रही है और हम तथ्यों की पुष्टि के लिए काम कर रहे हैं। हम यह पुष्टि कर सकते हैं कि कई लोगों की मौत हुई है।’’

अर्डर्न ने कहा कि वह मृतकों की संख्या की पुष्टि करने में सक्षम नहीं हैं। स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि यह न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक है।’’

मध्य क्राइस्टचर्च स्थित मस्जिद अल नूर में जब हमला हुआ, तब नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। उपनगर लिनवुड स्थित एक अन्य मस्जिद में हमला हुआ।

मस्जिद में मौजूद एक फलस्तीनी व्यक्ति ने बताया कि उसने एक व्यक्ति के सिर में गोली लगती देखी।

उसने कहा, ‘‘मुझे लगातार तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी और मुश्किल से 10 सेकंड बाद ही फिर से ऐसा हुआ। हमलावर के पास संभवत: स्वचालित हथियार होगा क्योंकि कोई इतनी जल्दी ट्रिगर नहीं दबा सकता।’’

हमले के समय डीन अवे मजिस्द में नमाज पढ़ रहे एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने बाहर अपनी पत्नी का शव फुटपाथ पर पड़ा देखा।, ‘‘लोग भाग रहे थे। कुछ लोग खून से सने थे।’’

एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसने बच्चों पर गोलियां चलती देखीं। ‘‘मेरे चारों ओर शव थे।’’

एक प्रत्यक्षदर्शी ने ‘रेडियो न्यूजीलैंड’ को बताया कि उसने गोलीबारी सुनी और चार लोग जमीन पर पड़े थे और ‘‘हर तरफ खून’’ था।

अपुष्ट खबरों के अनुसार, हमलावर ने सेना की वर्दी जैसे कपड़े पहने हुए थे।

मृतकों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है लेकिन बांग्लादेश की क्रिकेट टीम के प्रवक्ता ने बताया कि कोई खिलाड़ी हताहत नहीं हुआ है।

उन्होंने एएफपी से कहा, ‘‘वे सुरक्षित हैं, लेकिन वे सदमे में हैं। हमने टीम से होटल में रहने को कहा है।’’

उन्होंने बताया कि पूरी टीम को बस में बिठाकर मस्जिद लाया गया था और जब गोलीबारी हुई, तब टीम मस्जिद में प्रवेश करने ही वाली थी

बांग्लादेश क्रिकेट टीम का न्यूजीलैंड दौरा यहां मस्जिद में हुई गोलीबारी के बाद शुक्रवार को रद्द कर दिया गया जिसमें मेहमान टीम के खिलाड़ी बाल बाल बचे।

बांग्लादेश टीम के खिलाड़ी मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिये प्रवेश करने वाले थे लेकिन वे बाल बाल बचे और सुरक्षित हैं। पर मौजूदा हालात को देखते हुए अधिकारियों ने शनिवार से शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच को रद्द कर दिया। बांग्लादेश के लिये यह दौरे का अंतिम मैच था।

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने अपने टि्वटर पेज पर बयान में कहा, ‘‘न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सभी सदस्य शहर में हुई गोलीबार की घटना के बाद सुरक्षित होटल पहुंच गये हैं। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन से लगातार संपर्क बनाये है। ’’

बांग्लादेश की न्यूज एजेंसी बीएसएस ने टीम मैनेजर खालिद मसूद पायलट के हवाले से कहा, ‘‘बांग्लादेशी क्रिकेटर पहली फ्लाइट से न्यूजीलैंड से रवाना होने के लिये तैयार हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे सभी सुरक्षित हैं लेकिन घबराये हुए हैं। वे अपनी आंखों के सामने हुई घटना को भुला नहीं सकते। ’’

बांग्लादेश के भारतीय प्रदर्शन विश्लेषक श्रीनिवास चंद्रशेखरन ने भी सोशल मीडिया पर इस घटना की बात की। चेन्नई के चंद्रशेखरन पिछले एक साल से टीम के साथ हैं।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘गोलीबारी से बाल बाल बचे। दिल की धड़कन इस घटना के बाद बढ़ गयी और सब घबराये हुए हैं। ’’

न्यूजीलैंड क्रिकेट ने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की सुरक्षा की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया, ‘‘क्राइस्टचर्च में हुई गोलीबारी में जो लोग प्रभावित हुए उनके परिवारों और दोस्तों के प्रति हमारी संवेदनायें। न्यूजीलैंड क्रिकेट और बीसीबी के बीच संयुक्त समझौते के बाद हेगले ओवल टेस्ट रद्द किया जाता है। ’’

वहीं टीम के सीनियर सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल ने कहा कि यह टीम के लिये डरावना अनुभव था।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह डरावना अनुभव था और कृपया हमारे लिए प्रार्थना कीजिए।’’

‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ के अनुसार घटना के समय ज्यादातर कोचिंग स्टाफ के सदस्य टीम के होटल में थे जबकि मुख्य कोच स्टीव रोड्स मैदान पर थे।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘लिटन दास और नईम हसन भी होटल में पहुंच गये हैं और उनसे संपर्क कर लिया गया है तथा उन्हें होटल में ही रहने को कहा गया है। ’’

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क्या होता है ग्लोबल टेररिस्ट? और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होने से कैसे बच निकला जैश- ए- मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और क्या है इसका परिचय attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र 14 मार्च । मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट यानी वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की भारत की मुहिम को चीन ने झटका दिया है।अब कम से कम छह महीने तक मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित नहीं किया जा सकेगा. क्या होता है ग्लोबल टेररिस्ट?

मसूद अजहर को घोषित करवाने के लिए भारत यूएनएससी में चार बार कोशिश कर चुका है. लेकिन वो पास नहीं हो सका. इससे पहले भारत 2009, 2016 और 2017 में भी ऐसे प्रस्ताव ला चुका है

कौन है मसूद अजहर?

मसूद अजहर, जैश-ए-मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन का मुखिया है। वो खुद को धार्मिक गुरु और मौलाना बताता है।मसूद पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला है।वो एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है।उसके पिता सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थे।उसने कराची के जामिया उलूम-ए-इस्लामी से तालीम ली।पढ़ाई पूरी करने के बाद वो इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगा।उसने कुछ किताबें भी लिखीं और एक धार्मिक मैग्जीन का संपादक भी रहा।

इसके बाद वो कट्टरपंथ के रास्ते पर बढ़ गया।वो अल कायदा और तालिबान के संपर्क में आ गया।उसने आंतकवाद प्रभावित कई अफ्रीकी देशों की भी यात्रा की।वह कई बार सोमालिया भी गया। बताया जाता है कि मसूद ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में अपने ट्रेनिंग कैंप शुरू किए जिनमें जिहादियों को ट्रेनिंग दी जाती है।पाकिस्तान के बहावलपुर और दूसरी कई जगहों पर उसके मदरसे भी चलते हैं।1994 में अजहर श्रीनगर आया।वहां पुलिस ने उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद कर दिया।

अजहर को जेल से छुड़वाने के लिए बहुत सी कोशिशें हुईं. 1995 में छह विदेशी पर्यटकों का अपहरण कर लिया गया और अजहर की रिहाई की मांग भारत सरकार से की गई. ऐसा न करने पर पांच पर्यटकों को मार दिया और एक पर्यटक आतंकियों के कब्जे से भाग निकला।1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को हाइजैक कर लिया गया।इसमें 155 यात्री सवार थे. इसके बदले अजहर मसूद को रिहा करवा लिया गया।

रिहा होने के बाद से ही अजहर लगातार भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रहने लगा।मुंबई हमले से लेकर पुलवामा हमले तक में मसूद अजहर का नाम मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आता है।

क्या है वैश्विक आतंकी घोषित होना?

किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला यूएन सुरक्षा परिषद करती है. इसमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थाई सदस्य हैं और दस अस्थाई सदस्य होते हैं।किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव 1267, जिसे आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा अनुमोदन सूची भी कहा जाता है, में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है।

इस सूची में नाम आने के बाद वह व्यक्ति वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है. इसमें तीन कार्रवाई प्रमुख हैं.

संपत्ति जब्त- ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जिस देश में होगी उसी देश द्वारा तुरंत जब्त की जाएगी,साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैश्विक आतंकी घोषित किए गए व्यक्ति को किसी तरह की वित्तीय मदद कहीं से न मिल रही हो।

यात्रा करने पर प्रतिबंध– सभी देश ऐसे व्यक्ति का अपनी सीमाओं में प्रवेश रोकेंगे. वो जिस देश में होगा वहां उसे किसी तरह की यात्रा नहीं करने दी जाएगी।

हथियारों का प्रतिबंध– सभी देश ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह के हथियार मुहैया करवाए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे।सभी हथियारों की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त रोकी जाएगी।इसमें छोटे हथियारों से एयरक्राफ्ट तक शामिल हैं।हथियार बनाने में काम आने वाले सामान और तकनीकी सहायता देना भी प्रतिबंधित होता है.

कैसे आता है प्रस्ताव?

सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों में से कोई देश इसका प्रस्ताव लाता है।बाकी सदस्य देश इस पर अपना मत रखते हैं।स्थाई सदस्यों के पास वीटो पावर होता है।मतलब ऐसे प्रस्ताव पर पांचों स्थाई सदस्यों का सहमत होना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रस्ताव पास नहीं होता।प्रस्ताव आने के बाद 10 कार्य दिवसों तक इस पर आपत्तियां मांगी जाती हैं. अगर कोई स्थाई सदस्य आपत्ति दर्ज नहीं करवाता तो प्रस्ताव पास हो जाता है। 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव रखा।13 मार्च को इसके 10 कार्य दिवस पूरे हो रहे थे,लेकिन चीन ने वीटो कर दिया और यह प्रस्ताव कम से कम छह महीने के लिए रुक गया,यह आपत्ति तीन महीने और बढ़ाई जा सकती है. इसके बाद फिर से प्रस्ताव लाया जा सकता है.

क्या जरूरी है कि ऐसा होगा?

आदर्श परिस्थितियों के मुताबिक तो ऐसा होना जरूरी है लेकिन कई दफा ऐसा नहीं होता है,जैसे दाउद इब्राहिम और हाफिज सईद दोनों को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया हुआ है,फिर भी हाफिज सईद और दाउद इब्राहिम दोनों पाकिस्तान में हैं,दाउद इब्राहिम के कई बार विदेश जाने की भी खबरें आती रहती हैं।यह उस देश पर निर्भर करता है कि वह इन प्रतिबंधों को किस तरह मानता है।

चीन के अड़॔गें से भारत निराश:

चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवदी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना अजहर मसूद को ब्लैक लिस्ट किए जाने के प्रस्ताव पर एक बार फिर रोक लगा दी।चीन के इस कदम पर भारत ने निराशा जताई ।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम हर कोशिश करेंगे ताकि हमारे नागरिकों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को सजा मिल सके और जनता को न्याय.” वहीं भारत ने उन सारे देशों को शुक्रिया किया जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसके प्रयासों का समर्थन किया.

चीन ने अजहर मसूद को ब्लैक लिस्ट किए जाने के प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए कहा कि उसे इस मुद्दे को समझने के लिए वक्त चाहिए. हालांकि इसके पहले अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसका रुख क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा हो सकता है.

चीन इसके पहले भी मसूद पर प्रतिबंध लगाने वाले तीन प्रस्तावों को रोक चुका है. सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया गया था. अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता तो मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जाता और उसकी सारी संपत्ति जब्त कर उस पर ट्रैवल बैन भी लग जाता,अजहर मसूद का संगठन जैश-ए-मुहम्मद साल 2001 से ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में शामिल है।

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विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान से पूछताछ पूरी हुई अब छुट्टी पर रहेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मार्च । पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने के बाद दुश्मन के क्षेत्र में पैराशूट के जरिये उतरने और दो दिन तक पाकिस्तानी सेना की हिरासत में रहने वाले वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान से वायु सेना और अन्य एजेन्सियों की पूछताछ पूरी हो गयी है।

सूत्रों के अनुसार वायु सेना और अन्य एजेन्सियां पिछले लगभग दस से भी अधिक दिनों से विंग कमांडर अभिनंदन से पूछताछ कर रही थी। यह पूछताछ अब पूरी हो गयी है और डाक्टरों की सलाह पर वह चार सप्ताह स्वास्थ्य लाभ के लिए छुट्टी पर रहेंगे।

सूत्रों का यह भी कहना है कि एक चिकित्सा बोर्ड उनकी मेडिकल फिटनेस की जांच करेगा । इस जांच के आधार पर ही निर्णय लिया जायेगा कि विंग कमांडर अभिनंदन कब से लड़ाकू विमान उडाना शुरू करेंगे। पाकिस्तान से स्वदेश लौटने के बाद विंग कमांडर को सेना के यहां स्थित रिसर्च एवं रैफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रक्षा मंत्री सीतारमण और रक्षा राज्य मंत्री डा सुभाष भाम्बरे ने अस्पताल में इस जांबाज पायलट से मुलाकात की थी और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गत 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर आतंकवादी हमले के बाद वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने 26 फरवरी तड़के ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निकट बालाकोट में पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के एक बड़े शिविर पर बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था। सरकार ने दावा किया है कि इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गये थे।

पाकिस्तान ने इससे अगले ही दिन 27 फरवरी को अपने एफ-16, जे एफ -17 और मिराज विमानों से भारतीय वायु सीमा में प्रवेश कर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। चौकस भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी कोशिश को विफल कर दिया। इस दौरान हवा में हुए संघर्ष के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग -21 विमान से पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया।

इसी दौरान पाकिस्तान के एक विमान ने विंग कमांडर अभिनंदन के विमान को गिरा दिया लेकिन वह पैराशूट के जरिये पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में उतर गये जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

भारत के कूटनीतिक और सैन्य दबाव में पाकिस्तान ने दो दिन बाद विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को सौंप दिया।

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मसूद अजहर को चीन ने संयुक्त प्रस्ताव में फिर अड़चन लगाकर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया attacknews.in

 

संयुक्त राष्ट्र 13 मार्च । पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने संबंधी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव एक बार फिर चीन की ओर से आपत्ति जताये जाने के कारण रद्द हो गया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देश अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। स्थायी सदस्यों में शामिल चीन ने प्रस्ताव पर आपत्ति जतायी जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया।

मसूद अजहर मामले में भारत को चीन ने  फिर निराश किया 

चीन पर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रतिबंधों को अनुमति देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था  लेेकिन चीन ने बुधवार को यह संकेत दे दिया था कि इस  मामले में वैश्विक समुदाय और विशेष रूप से भारत को फिर ‘निराश’ कर सकता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बीजिंग में मीडिया से कहा था कि , “मैं यह कहना चाहता हूं कि मामले में संबंधित निकायों के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। केवल उसी तरीके से इस मुद्दे का हल करना उचित होगा जो सभी पक्षों को स्वीकार्य होगा।’’

अमेरिका ने दबाव बनाया था:

अमेरिका ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर मामले में चीन पर दबाव बढ़ाते हुए कहा था कि मसूद संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किये जाने के लिए फिट केस हैं तथा ऐसा नहीं किये जाने क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने यहां कहा था कि ,“अमेरिका और चीन क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को प्राप्त करने के लिए आपसी हित साझा करते हैं लेकिन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में विफल रहने पर इस लक्ष्य को पूरा करना असंभव होगा।”

मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने को लेकर चीन पर टिकी रही थी निगाहें

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव बुधवार को शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र परिषद के समक्ष पेश होने से पहले  पूरे विश्व की निगाहें चीन पर टिकी हुई थी क्योंकि वह इस मसले पर तीन बार पहले भी अपना विरोध दर्ज करा चुका है।

चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों का प्रयास जारी रहा। लेकिन इस संबंध में आखिरी फैसला चीन को ही लेना था जिसने इससे पहले भी तीन बार मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों को विफल कर दिया था। इसपर सब की निगाहें लगी रही  कि पुलवामा हमले के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच चीन इस बार क्या निर्णय लेता है जो लगातार पाकिस्तान का बचाव करता रहा है।

मसूद को अंतरराष्ट्रीय अातंकवादी घोषित करने के प्रयास रहेंगे जारी: भारत

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किये जाने की प्रक्रिया में चीन के अड़ंगा लगाने पर भारत ने निराशा जताते हुए आज रात कहा कि इसके लिए लगातार प्रयास किये जाते रहेंगे।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ”हमें इस कदम से निराशा हुई।”

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