नाव यात्रा के पहले दिन आंसू बहाते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने राहुल गांधी को सत्ता का शौक नहीं है और मेरा परिवार बलिदानी है, बातें कही attacknews.in

प्रयागराज, 18 मार्च । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मैंने और मेरे भाई ने बहुत संघर्ष देखे हैं। पिता और परिवार का बलिदान देखा है। राहुल को सत्ता का शौक नहीं है, वह आप सभी की भलाई चाहते हैं।

सिरसा से पौराणिक स्थल सीतामढ़ी पहुंचीं प्रियंका गांधी ने आंखों में आंसू लिए सोमवार शाम को अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने देश की खातिर अपने परिवार में कई बलिदान देखे हैं, जिसमें उनकी दादी श्रीमती इन्दिरा गांधी और पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या शामिल है। दर्द क्या होता है, मुझसे अधिक और कौन जान सकता है।

भदोही जिले के सीतामढ़ी में प्रियंका गांधी ने मछुआरों और महिलाओं से संवाद किया। लोकतंत्र में जनता की शक्ति का भान कराते हुए अपील किया कि देश और संविधान को बचाने के लिए सोच-समझ के वोट करें। प्रियंका ने कहा कि मैंने और मेरे भाई ने बहुत संघर्ष देखे हैं। पिता और परिवार का बलिदान देखा है। राहुल को सत्ता का शौक नहीं है, वह आप सभी की भलाई चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय गंगा यात्रा शुरू करने का उनका उद्देश्य सत्ता हासिल करना या कांग्रेस सरकार बनाना नहीं है, न तो उनके भाई को ‘सत्ता’ में कोई दिलचस्पी है, बल्कि वह देश और संविधान को बचाने के लिए अपील करने के लिए आई है। उन्होने कहा कि आज देश और संविधान दोनों खतरे में है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा, मौजूदा सरकार ने पांच साल पहले खूब वादे किए और इतने साल की सत्ता के दौरान कोई वादा पूरा नहीं किया। न किसानों की भलाई हुई और न ही महिलाओं की। युवाओं को रोजगार भी नहीं मिला। ये सरकार जनता को और उसकी आशाओं एवं अपेक्षाओं को नकारने वाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना प्रियंका ने कहा कि शक्तिमान और 56 इंच के सीने वाले इतने महान नेता आप हैं तो सभी वादे पूरे क्यों नहीं किये। सच ये है कि आप दुर्बल हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार बहुत कमजोर सरकार है। चुनाव प्रचार के दौरान श्री मोदी द्वारा पांच साल पहले किए गए वादों को पूरा करने में विफलता के बारे में पूछे जाने पर वह कांग्रेस पर दोष मढ़ते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “चौकीदार” कैंपेन पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी (पीएम मोदी) मर्जी अपने नाम के आगे क्या लगाएं। मुझे तो एक किसान ने कहा कि चौकीदार अमीरों के होते हैं, हम किसान तो अपने खुद चौकीदार होते हैं।

उन्होंने कहा कि भदोही भारत का कालीन निर्माण क्षेत्र है, लेकिन वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) के कारण 60 प्रतिशत बुनकरों ने अपना कारोबार बंद कर दिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्टीमर पर मिले छात्रो ने उन्हें बताया कि वे इस सरकार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से वंचित हैं और जब भी वे अपनी आवाज उठाने का प्रयास करते हैं उनकी आवाज को दबा दिया गया।

श्रीमती प्रियंका गांधी ने मतदाताओं से किसी भी पार्टी की खातिर नहीं बल्कि अपनी भलाई के लिए वोट डालने को कहा। उन्होंने कहा कि यह मतदाताओं के लिए केवल ‘चुनाव’ नहीं बल्कि सार्वजनिक विपत्तियों में दिलचस्पी रखने वाली सरकार से छुटकारा पाने के लिए ‘चुनौती’ है।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने “सबका साथ सबका विकास” का नारा दिया, लेकिन सच्चाई यह थी कि मुट्ठी भर लोगों का विकास सुनिश्चित किया जा रहा था।

इससे पहले, कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाली भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि उन्होंने इसलिए भाजपा छोड़ दी क्योंकि श्री मोदी केवल झूठ बोलना जानते हैं और उनका मतलब केवल अपने ही लोगों (ललित मोदी, नीरव मोदी) इत्यादि से है।

समारोह के दौरान, कालीन व्यापारियों ने कांग्रेस महासचिव को कालीन भेंट किया, जबकि पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों ने उन्हें वाल्मीकि रामायण की एक प्रति भेंट की।

पूजा अर्चना के साथ यात्रा शुरू की:

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को प्रयागराज में लेटे हनुमान के दर्शन किए और विधिविधान से गंगा की आरती तथा पूजा की। इसके बाद क्रूज बोट से उनकी प्रयागराज से बनारस की तीन दिवसीय यात्रा आरंभ हुई।

इसके पहले दर्शन और पूजा के बाद उनका काफिला शहर से करीब 20 किमी दूर मनैया घाट पहुंचा जहां उन्होंने स्थानीय लोगों का अभिवादन किया और अपनी इस यात्रा के लिए क्रूज बोट पर सवार हो गईं। क्रूज बोट पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुछ छात्र छात्राएं और कांग्रेस के कुछ नेता मौजूद थे।

प्रियंका का कार्यक्रम मनैया घाट से दुमदुमा घाट जाने का रहा  जहां पर उन्होंने  स्थानीय नेताओं और लोगों से मिली। वहां से वह सिरसा घाट और फिर सीतामढ़ी घाट पहुंची

सिरसा घाट और फिर सीतामढ़ी घाट में लोगों और स्थानीय नेताओं से मिलने के बाद प्रियंका विंध्याचल गई।

प्रियंका की प्रयागराज से बनारस की यह तीन दिवसीय यात्रा 20 मार्च को बनारस में संपन्न होगी।

देश के राजनीतिक नक्शे में खास जगह रखने वाले उत्तर प्रदेश में, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रियंका की यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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भगौड़े नीरव मोदी के खिलाफ लंदन की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मार्च । बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर विदेश भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी की गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है। लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने आज यहां बताया कि नीरव मोदी के खिलाफ लंदन की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। किसी भी वक्त लंदन पुलिस नीरव मोदी को गिरफ्तार कर सकती है।

भगोड़ा नीरव मोदी पिछले दिनों लंदन की सड़कों पर दिखाई दिया था, जिसके बाद विदेश मंत्रलाय ने बयान जारी कर कहा था कि सरकार नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर कार्रवाई कर रही है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल और ब्रिटिश अधिकारियों से सम्पर्क साधकर नीरव मोदी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई करते हुए उसकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की थी।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी ने पंजाब नेशनल बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया था।

भारतीय अधिकारियों के आवेदन पर नीरव मोदी की गिरफ्तारी के लिए पिछले साल जुलाई में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था और अब ब्रिटेन की अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।

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अनिल अंबानी की कंपनी का ॠण मुकेश अंबानी ने चुकाया और आर काॅम की संपतियां जियो को बेचने का सौदा समाप्त attacknews.in

नयी दिल्ली 18 मार्च । दूरसंचार सेवायें प्रदान करने वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर कॉम) के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को करीब 580 करोड़ रुपये के भुगतान के मामले में सहयोग को लेकर अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी और भाभी नीता अंबानी के प्रति आभार व्यक्त किया है।

श्री अनिल अंबानी ने कहा , “ मेरे बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता संकट की इस घड़ी में मेरे साथ खड़े हुए। मुसीबत में सहायता का यह दृष्टिकोण हमारे मजबूत जीवन मूल्यों के प्रति अडिगता को प्रदर्शित करता है। मैं और मेरा परिवार दोनों के बहुत आभारी हैं।

आर काॅम को जियो को बेचने का सौदा समाप्त:

इससे पहले दूरसंचार क्षेत्र में चल रही गलाकट प्रतिस्पर्धा के कारण उद्योगपति अनिल अंबानी की भारी आर्थिक संकट में फंसी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ग्रुप (आर कॉम) ने अपनी कुछ टेलीकॉम संपत्तियों को अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो को बेचने का सौदा समाप्त कर दिया और आर कॉम के ऋण का निपटान राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के जरिये ही होगा।

आर कॉम समूह ने सोमवार को यहां बताया कि आपसी सहमति से इस सौदे को रद्द किया गया है। उसने कहा है कि सौदे की शर्ताें के अनुरूप इसके पूरा नहीं होने के कारण इसे रद्द किया गया है। करीब 15 महीने में भी सौदे पूरे नहीं हो सके हैं।

उसने कहा कि आर कॉम को उसके 40 देशी-विदेशी ऋणदाताओं से अब तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है। इसके लिए 45 बैठकें हुई है। दूरसंचार विभाग ने भी अब तक अनुमति नहीं दी है। उसने कहा कि गत एक फरवरी को कंपनी के बोर्ड की हुई बैठक में सभी ऋण का निपटान एनसीएलटी से कराने का निर्णय लिया गया था और इसके लिए चार फरवरी 2019 को मुंबई में एनसीएलटी से अपील की जा चुकी है। एनसीएलटी ने कंपनी की सभी चल-अचल संपत्तियों की बिक्री या हस्तांतरण पर रोक लगा दी है। अब एनसीएलटी में अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।

उल्लेखनीय है कि अनिल अंबानी की आर कॉम समूह की कंपनियों- आर कॉम, आरटीएल और आरआईटीएल- ने श्री मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो को अपनी संपत्ति बेचने के लिए 28 दिसंबर 2017 और 11 अगस्त 2018 को दो करार किये थे।

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प्रमोद सावंत गोवा के मुख्यमंत्री और विजय सरदेसाई तथा सुदीन धावलीकर उप मुख्यमंत्री होंगे attacknews.in

पणजी, 18 मार्च। भाजपा के प्रमोद सावंत गोवा के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पार्टी  ने यह जानकारी दी।

बताया कि सहयोगी दलों के साथ हुए समझौते के तहत भाजपा के गठबंधन सहयोगियों के दो विधायक उपमुख्यमंत्री होंगे।

सावंत अभी गोवा विधानसभा के अध्यक्ष है। वह मनोहर पर्रिकर का स्थान लेंगे, जिनका रविवार को निधन हो गया था।

दो उपमुख्यमंत्री गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक सुदीन धावलीकर होंगे।

भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘हम गठबंधन के सहयोगियों को राजी करने में सफल रहे और राज्य के लिए दो उपमुख्यमंत्रियों के फार्मूले को अंतिम रूप दिया।’’

कांग्रेस  विधायकों ने राजभवन तक किया मार्च:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की गोवा के नये मुख्यमंत्री को लेकर गठबंधन सहयोगियों के साथ जारी बातचीत के बीच कांग्रेस के 14 विधायकों ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए सोमवार को शहर के नजदीक डोना पाउला स्थित राजभवन तक मार्च किया।

कांग्रेस नेता चंद्रकांत कावलेकर ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात करने और सरकार बनाने का दावा पेश करने का नया पत्र उन्हें सौंपने के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, “राज्य विधानसभा में अकेला सबसे बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से कई बार आग्रह किया कि उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए लेकिन राज्यपाल ने विपक्ष के नेताओं को मिलने का समय नहीं दिया।

उन्होंने कहा,“ हमें मिलने का समय नहीं दिया गया। राज्यपाल ने हमें समय देने से मना कर दिया। इसके बावजूद हम यहां राज्यपाल से मिलने और सरकार बनाने का दावा पेश करने आये। गोवा विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के नाते यह हमारा अधिकार है।”

राज्यपाल को सौंपे अपने पत्र में श्री कावलेकर ने कहा है कि 36 सदस्यों वाले सदन में 14 विधायकों के बहुमत के साथ राज्य विधानसभा में कांग्रेस अकेला सबसे बड़ा दल है, इसलिए इसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सदन में कांग्रेस के विश्वास प्रस्ताव जीतने के प्रति आश्वस्त हैं।

कौन है प्रमोद सावंत: 

प्रमोद सावंत के अब तक के सफर के बारे में यह है जानकारी:

पेशे से एक आयुर्वेद चिकित्सक सावंत उत्तरी गोवा के सैनक्वलिम विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्हें पर्रिकर के करीबियों में से एक बताया जाता है। फिलहाल वे गोवा विधानसभा के स्पीकर का पद संभाल रहे हैं । सावंत की पत्नी सुलक्षणा सावंत भी भाजपा नेता हैं, जो इस वक्त गोवा में भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं।

भाजपा नेता प्रमोद सावंत को पिछले साल कांग्रेस ने उनको विधानसभा अध्यक्ष के पद से हटाने का नोटिस दिया था। बीते साल सितंबर में कांग्रेस ने दावा किया था कि गोवा की भाजपा सरकार अल्पमत में थी। गौरतलब है कि प्रमोद के नाम पर पिछले काफी दिन से मंथम चल रह था।

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गोवा के लोकप्रिय नेता मनोहर पर्रिकर को हजारों लोगों ने नम आँखों से दी अंतिम बिदाई, प्रथम मुख्यमंत्री के स्मारक के समीप की गई अंत्येष्टि attacknews.in

पणजी, 18 मार्च । गोवा के मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ किया गया और इस अवसर पर हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ अपने इस लोकप्रिय नेता को अंतिम विदाई दी।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, विभिन्न केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने मीरामार में हुई परिकर की अंत्येष्टि में हिस्सा लिया।

पर्रिकर की चिता को उनके ज्येष्ठ पुत्र उत्पल ने मुखाग्नि दी।

भाजपा के इस लोकप्रिय नेता की शवयात्रा ‘कला अकादमी’ से शुरू हुई जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सैकड़ों लोगों ने पूर्व रक्षा मंत्री को श्रद्धांजलि दी।

पर्रिकर :63 वर्ष: के पार्थिव शरीर को फूलों से सजाये गये वाहन में रखा गया था। इसी वाहन से उनके पार्थिव शरीर को मीरमार तट पर ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार सम्पन्न किया गया।

गोवा के इस लोकप्रिय नेता का रविवार को लम्बी बीमारी के बाद निधन हुआ था। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा हजारों की संख्या में उन्हें श्रद्धांजलि देने आए आम लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ से लग रहा था। उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए आम नागरिकों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की लम्बी कतार लगी हुई थी

लंबे समय तक कैंसर से लड़ने के बाद रविवार को शहर के नजदीक अपने निजी आवास में अंतिम सांस लेने वाले श्री पर्रिकर की अंत्येष्टि राज्य के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बंदोदकर के स्मारक के समीप की गयी। इस दौरान श्री पर्रिकर के समर्थकों और अनुयायियों समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के अन्य शीर्ष नेता मौजूद थे।

श्री पर्रिकर के पार्थिव शरीर को सुबह भाजपा कार्यालय ले जाया गया। वहां से उनका पार्थिव शरीर कला अकादमी लाया गया। लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए उतावले हो रहे थे।

कला अकादमी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों और कई गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्री पर्रिकर के अंतिम संस्कार के दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भावुक हो गयी। पार्टी कार्यकर्ता अपने नेता को राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा देख भावुक हो गये।

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दिग्विजय सिंह ने चुनौती स्वीकारी और मध्यप्रदेश की किसी भी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की सहमति दी साथ ही कमलनाथ का आभार माना attacknews.in

भोपाल, 18 मार्च । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रदेश की किसी ‘कठिन’ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने संबंधित बयान दिए जाने के बाद प्रदेश में बयानबाजी का दौर शुरु हो गया है।

दरअसल श्री कमलनाथ ने दो दिन पहले अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में कहा था कि श्री सिंह को प्रदेश की किसी ‘टफ’ सीट से चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। उन्होंने कहा था कि श्री सिंह को किसी ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जहां कांग्रेस को 30-35 साल से जीत हासिल नहीं हुई है। पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसका समर्थन किया था।

इन दोनों बयानों के मीडिया में खासी सुर्खियां बटोरने के बाद आज श्री सिंह ने एक के बाद एक ट्वीट में श्री कमलनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश में पार्टी की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया।

उन्होंने कहा कि श्री कमलनाथ ने उन्हें इस लायक समझा, इसके लिए वे उनके आभारी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि वे गुना जिले के राघौगढ़ की जनता की कृपा से 1977 की जनता पार्टी की लहर में भी लड़ कर जीत कर आए थे।

श्री सिंह ने कहा कि चुनौतीयों को स्वीकार करना उनकी आदत है और उनके नेता पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी जहां से कहेंगे, वे वहां से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक श्री सिंह अपनी परंपरागत, प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर प्रदेश की भोपाल, इंदौर और विदिशा सीटें कांग्रेस के लिए अपेक्षाकृत कठिन मानी जाती हैं।

दरअसल मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह के बीच पिछले दिनों इंदौर में मोबाइल पर हुई एक चर्चा का मामला इन दिनों सर्खियों में बना हुआ है। इंदौर लोकसभा प्रत्याशी को लेकर हुए इस वार्तालाप के दौरान श्री सिंह ने अपने मोबाइल का स्पीकर ऑन कर रखा था। ये बात मीडिया में आने के बाद से बयानबाजी का दौर जारी है।

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मध्यप्रदेश की हाई-प्रोफाइल संसदीय सीट इंदौर से अब तक विजयी रहने का रिकॉर्ड सुमित्रा महाजन ने अपने नाम कर रखा है attacknews.in

इंदौर, 18 मार्च । लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक महत्वपूर्ण इंदौर सीट पर पिछली आठ बार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में लगातार चुनाव जीत रही हैं।

शैक्षणिक, लोक स्वास्थ्य, फैशन हब के रूप में प्रसिद्ध और 23 लाख से अधिक मतदाताओं वाली इंदौर सीट पर अब तक हुये चुनावों में पांच बार कांग्रेस और आठ बार भाजपा जीती है जबकि दो बार इस सीट से अन्य दलों के उम्मीदवार विजयी रहे।

इंदौर शहर की पांच विधानसभा सीटों और इंदौर ग्रामीण की तीन विधानसभा सीटों से मिलकर बने इंदौर संसदीय क्षेत्र को प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट माना जाता है। श्रीमती महाजन ने यहां से अपना पहला लोकसभा चुनाव 1989 में लड़ा था। उन्होंने उस दौर के कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद सेठी को एक लाख ग्यारह हजार से अधिक मतों से परास्त कर लोकसभा में प्रवेश किया था। श्रीमती महाजन उसके बाद से लगातार चुनी जाती रही हैं।

अपने संसदीय क्षेत्र में ‘ताई’ के नाम से पहचानी जाने वाली श्रीमती महाजन ने 1991 में कांग्रेस के ललित जैन को 80 हजार से अधिक मतों से, 1996 में कांग्रेस के मधुकर वर्मा को एक लाख से अधिक मतों से, 1998 में कांग्रेस के ही पंकज सिंघवी को 49852 मतों से, 1999 में कांग्रेस के महेश जोशी को एक लाख 31 हजार से अधिक मतों से, 2004 में कांग्रेस के रामेश्वर पटेल को एक लाख 93 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था।

विधि स्नातक 75 वर्षीय श्रीमती महाजन ने 2009 और 2014 में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को क्रमशः 11 हजार 480 और चार लाख 66 हजार 901 मतों से हराकर अपना अपराजित सफर जारी रखा।

इस सीट पर 1957 में पहले चुनाव में कांग्रेस के कन्हैया लाल खादीवाला चुनाव जीते थे लेकिन 1962 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के होमी दाजी सांसद चुने गये। वर्ष 1967 में कांग्रेस के प्रकाशचंद सेठी, 1971 में कांग्रेस के राम सिंह भाई सांसद रहे। 1977 में इंदौर लोकसभा सीट से भारतीय लोक दल के कल्याण जैन विजयी रहे। 1980 और 1984 में दो बार यह सीट कांग्रेस की झोली में गयी और दोनों बार यहां से प्रकाशचंद सेठी पर इंदौर के मतदाता ने अपना भरोसा जताया। जिसके बाद से इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा की श्रीमती महाजन काबिज है।

इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस दूसरी लोकसभा 1957, चौथी 1967, पांचवीं 1971, सातवीं 1980, और आठवीं 1984 लोकसभा में कुल पांच बार विजयी रही। जबकि यह सीट तीसरे लोकसभा चुनाव (1962) में एक बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के पास रही और छठवीं लोकसभा (1977) में भारतीय लोक दल के पास रही जिसके बाद 9 वीं लोकसभा (1989) से 16 वीं लोकसभा (2014) तक कुल आठ बार से भाजपा की श्रीमती सुमित्रा महाजन सांसद हैं।

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1962 के तीसरे आम चुनाव से क्षेत्रीय पार्टियों के असर के बाद भारत की राजनीति का चेहरा ही बदल गया जिससे दिग्गज नेता धराशायी हो गए थे attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मार्च । लोकसभा के वर्ष 1962 में हुये तीसरे आम चुनाव में न केवल नवगठित क्षेत्रीय पार्टियों ने अपना असर दिखाना शुरू किया बल्कि इस दौरान राजनीतिक बदलाव का जो दौर शुरू हुआ उसमें कई दिग्गज नेता धराशायी हो गये।

इस चुनाव में समाजवादी विचारधारा वाली सोशलिस्ट पार्टी, पंजाब में अकाली दल और मद्रास में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके), मुस्लिम लीग, गणतंत्र परिषद आदि को चुनावी दावपेंच आजमाने का अवसर प्रदान किया और डीएमके जैसे कुछ दलों का उभार दिखायी दिया। बदलाव की बयार में कांग्रेस के बड़ेे नेताओं में शामिल ललित नारायण मिश्र, प्रख्यात मजदूर और कम्युनिस्ट नेता श्रीपाद अमृत डांगे और समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया को भी चुनाव हरा दिया था।

कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनसंघ, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी और स्वतंत्र पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त था जबकि अकाली दल, डीएमके, गणतंत्र परिषद, फारवर्ड ब्लाक, हिन्दू महासभा, मुस्लिम लीग, पीजेंट एंड वर्कर पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी और राम राज्य पार्टी को मान्यता प्राप्त दल का दर्जा हासिल था। गैर मान्यता प्राप्त दलों में ईस्टर्न इंडिया ट्राइबल यूनियन, गोरख लीग, हरियाणा लोक समिति, नूतन महागुजरात परिषद, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट लेबर पार्टी तथा तमिल नेशनल पार्टी।

लोकसभा के इस चुनाव में 494 सीट के लिये कुल 1985 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था। कुल 21 करोड़ 63 लाख 61 हजार 569 मतदाताओं में से 55.42 प्रतिशत ने मतदान में हिस्सा लिया था। एक लोकसभा सीट पर औसतन चार से अधिक उम्मीदवार थे और राजस्थान की एक सीट पर सबसे अधिक 11 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस ने सर्वाधिक 488, भाकपा ने 137, जनसंघ ने 196, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने 168, सोसलिस्ट पार्टी ने 107 और स्वतंत्र पार्टी ने 173 उम्मीदवार उतारे थे। कांग्रेस के 361 उम्मीदवार निर्वाचित हुये थे और उसे 44.72 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था। भाकपा को 29 सीटें मिली थी और वह तीसरी बार लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी रही। इस चुनाव में उसे 9.94 प्रतिशत वोट मिला था।

जनसंघ को पहली बार 14 सीटें, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को 12 तथा स्वतंत्र पार्टी को 18 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल हुयी थी। अकाली दल के तीन आैर डीएमके के सात प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल रहे थे। कुल 479 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने बलबूते पर चुनाव लड़ा था और इनमें से 20 निर्वाचित होने में कामयाब रहे थे। निर्दलीय उम्मीदवारों ने 11.05 प्रतिशत मत प्राप्त किया था । हिन्दू महासभा , फारवर्ड ब्लाक , गणतंत्र परिषद आदि को छिटपुट रूप से सफलता मिली थी।

इस चुनाव में कांग्रेस नेता जवाहर लाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, जगजीवन राम, गुलजारी लाल नंदा, रेणुका राय, कम्युनिस्ट नेता इन्द्रजीत गुप्त, हिरेन्द्र नाथ मुखर्जी, ए. के. गोपालन, समाजवादी नेता किसन पटनायक, अकाली नेता बूटा सिंह और धन्ना सिंह निर्वाचित हुये थे। इस चुनाव का एक मजेदार तथ्य यह था कि उत्तर प्रदेश के फूलपुर क्षेत्र में नेहरु के खिलाफ समाजवादी चिन्तक राम मनोहर लोहिया ने चुनाव लड़ा था। नेहरु को 118931 तथा सोसलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े लोहिया को 54360 वोट मिला था। नेहरु उत्तर प्रदेश से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गये थे।

बिहार में बड़ी बात यह हुयी कि कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल ललित नारायण मिश्र सहरसा सीट पर सोसलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी भूपेन्द्र नाथ मंडल से चुनाव हार गये। श्री मिश्र को 81905 तथा श्री मंडल को 97038 वोट मिले थे। बाम्बे सिटी सेंट्रल साउथ सीट पर भाकपा के टिकट पर दूसरी बार चुनाव लड़े श्रीपाद अमृत डांगे को कांग्रेस प्रत्याशी विट्ठल बालकृष्ण गांधी ने पराजित कर दिया था। श्री गांधी एक लाख 36 हजार से अधिक मत लाने में सफल रहे जबकि श्री डांगे 97891 मत ही ला सके।

भाकपा के इन्द्रजीत गुप्त ने पश्चिम बंगाल में कलकत्ता दक्षिण पश्चिम सीट पर एक लाख 43 हजार से अधिक मत लाकर कांग्रेस के इस्माइल इब्राहिम को पराजित कर दिया। श्री इब्राहिम को एक लाख 32 हजार से अधिक मत मिले थे। इसी राज्य में भाकपा के हिरेन्द्रनाथ मुखर्जी कांग्रेस के बलाई चंद्र पाल को हरा दिया था। भाकपा उम्मीदवार ए के गोपालन केरल के कासेरगोड सीट पर 62.17 प्रतिशत वोट लाकर प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के के आर करंत को हराया था।

सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर उड़ीसा के संबलपुर सीट से चुनाव लड़े किसन पटनायक ने कांग्रेस के विनोद बिहारी दास को तीन हजार से कुछ अधिक मतों के अंतर से पराजित कर दिया था। श्री पटनायक को 37009 और श्री दास को 34641 वोट मिले थे। कांग्रेस के गुलजारी लाल नंदा साबरकंठा सीट पर स्वतंत्र पार्टी के पी पटेल को लगभग 25 हजार मतों के अंतर से पराजित कर दिया था।

इस चुनाव में कांग्रेस को आन्ध्र प्रदेश में 34, असम में 09, बिहार में 39, गुजरात में 16, केरल में 06, मध्य प्रदेश में 24, मद्रास में 31, महाराष्ट्र में 41, मैसूर में 25, उड़िसा में 14, पंजाब में 14, राजस्थान में 14, उत्तर प्रदेश में 62, पश्चिम बंगाल में 22, दिल्ली में 05, हिमाचल प्रदेश में 04 और मणिपुर में एक सीट मिली थी।

भाकपा को आन्ध्र प्रदेश में 07, बिहार में एक, केरल में 06, मद्रास में 02, उत्तर प्रदेश में 02, पश्चिम बंगाल में 09 तथा त्रिपुरा में एक सीट मिली थी। जनसंघ को मध्य प्रदेश में 03, पंजाब में 03, राजस्थान में एक, और उत्तर प्रदेश में सात सीटें मिली थी। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को असम में दो, बिहार में दो, गुजरात में एक, मध्य प्रदेश में तीन, महाराष्ट्र में एक, उड़ीसा में एक और उत्तर प्रदेश में दो सीटें मिली थी। सोशलिस्ट पार्टी को बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में एक-एक सीट मिली थी। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक पांच निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।

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न्यूजीलैंड की मस्जिद के हमलावर ने सबसे बड़ी गन सिटी कंपनी से खरीदे थे हथियार और अब कोर्ट में खुद पैरवी करेगा attacknews.in

क्राइस्टचर्च, 18 मार्च । न्यूजीलैंड के सबसे बड़े हथियार विक्रेता ‘गन सिटी’ ने सोमवार को कहा कि क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों के हमलावर ने पांच में से चार हथियार विधिवत उसकी कंपनी से खरीदे थे।

इस बीच, प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा है कि 10 दिन के अंदर हथियार कानून में बदलाव कर लिया जायेगा। सुश्री आर्डर्न ने बताया कि मंत्रिमंडल ने इस पर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा है कि देश की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए हरसंभव उपाय किये जायेंगे।

आरोपी वकील से पैरवी नहीं करवाएगा:

वही दो मस्जिदों पर हमला कर 50 लोगों को मौत के घाट उतारने के आरोपी ऑस्ट्रेलियाई बंदूकधारी ने अपने वकील को हटा दिया है और कहा है कि वह अपनी पैरवी खुद करेगा।

अदालत ने उसके वकील के रूप में रिचर्ड पीटर्स की नियुक्ति की थी और उन्होंने शुरुआती सुनवाई में उसका प्रतिनिधित्व किया था।

पीटर्स ने सोमवार को बताया कि आरोपी ब्रेंटन टारेंट ने संकेत दिया है कि उसे वकील की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘वह (आरोपी) इस मामले में अपनी पैरवी खुद करना चाहता है।’’

वहीं, पीटर्स ने उसके स्वास्थ्य के बारे में कहा कि आरोपी पूरी तरह सचेत प्रतीत होता है। वह किसी मानसिक समस्या से ग्रस्त नहीं लगता और आसपास हो रही चीजों से पूरी तरह वाकिफ है।

उधर, हमलावर को बंदूक बेचने वाले हथियार विक्रेता ने सोमवार को कहा कि 50 लोगों के मारे जाने के पीछे उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।

गन सिटी के प्रबंध निदेशक डेविड टिप्पले ने ब्रेंटन टारेंट को चार हथियार और कारतूस बेचने की पुष्टि की, लेकिन मौतों की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया।

उसने कहा, ‘‘हमें इस हथियार लाइसेंस धारक के बारे में कुछ भी असामान्य नहीं लगा था।’’

बंदूक विक्रेता ने कहा कि हथियार लाइसेंस आवेदन की पड़ताल करना पुलिस का काम है।

वहीं, हमले के संबंध में न्यूजीलैंड की अदालत ने क्राइस्टचर्च की अल नूर मस्जिद पर हमले के सीधे वीडियो प्रसारण को लेकर 18 वर्षीय लड़के पर आरोप तय किए हैं। उस पर ‘‘वांछित लक्ष्य’’ के रूप में मस्जिद की तस्वीर प्रकाशित करने और हिंसा भड़काने को लेकर भी आरोप तय किए गए हैं।

अभियोजकों ने कहा कि उसे 14 साल तक की कैद हो सकती है।

न्यायाधीश ने इस लड़के का नाम उजागर नहीं किया।

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इटावा में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव होली खेल रहे थे वहीं दस्यु सरगना जगजीवन परिहार ने भी उनके ही क्षेत्र में हत्याएँ करके खून की होली खेली और एक को जिंदा होली में जला दिया था attacknews.in

इटावा,18 मार्च । चंबलघाटी से जुड़े उत्तर प्रदेश में इटावा में 13 साल पहले कुख्यात दस्यु सरगना जगजीवन परिहार ने मुखबिरी के शक में होली के दिन अपने गांव चौरैला में ऐसी खूनी होली खेली थी जिसका दर्द आज भी गांव वाले भूल नही सके है ।

होली की रात 16 मार्च 2006 को जगजीवन गिरोह के डकैतो ने आंतक मचाते हुये चौरैला गांव में अपनी ही जाति के जनवेद सिंह को जिंदा होली में जला दिया और उसे जलाने के बाद ललुपुरा गांव में चढाई कर दी थी। वहां करन सिंह को बातचीत के नाम पर गांव में बने तालाब के पास बुलाया और मौत के घाट उतार दिया था। इतने में भी डाकुओ को सुकुन नहीं मिला तो पुरा रामप्रसाद में सो रहे दलित महेश को गोली मार कर मौत की नींद मे सुला दिया था। इन सभी को मुखबिरी के शक में डाकुओं ने मौत के घाट उतार दिया था।

इस लोमहर्षक घटना की गूंज पूरे देश मे सुनाई दी। इससे पहले चंबल इलाके में होली पर कभी भी ऐसा खूनी खेल नहीं खेली गयी थी। इस कांड की वजह से सरकारी स्कूलों में पुलिस और पीएसी के जवानो को कैंप कराना पडा था । क्षेत्र के सरकारी स्कूल अब डाकुओं के आंतक से पूरी तरह से मुक्ति पा चुके है ।

जिस दिन डाकुओ ने यहॉ पर खून की होली खेली थी उसी दिन उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अपने गांव सैफई मे होली खेलने के लिए आये हुए थे जिस कारण अधिकाधिक पुलिस बल सैफई डयूटी मे लगा हुआ था। इस कांड की खबर मिलतेे ही आला अफसर इटावा छोड कर दूरस्थ चौरैला, ललुपुरा और पुरा रामप्रसाद गांव मे आ पहुंचे थे । तीनो गांव में पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे थे। गुस्साए लोग ना केवल पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने मे जुटे हुए थे बल्कि शवो को उठने भी नही दे रहे थे। बडी मुश्किल से सूझबूझ का परिचय देते हुए ना केवल पुलिस अफसर तीनों के शवो को उठवाया बल्कि गुस्साए गांव वालो को शांत करवाया ।

ललूपुरा गांव के बृजेश कुमार बताते है कि जगजीवन के मारे जाने के बाद पूरी तरह से सुकुन महसूस हो रहा है लेकिन होली पर उस खूनी होली की याद ताजा हो जाती है। उस समय से गांव में कोई रिश्तेदार नही आता था। लोग अपने घरो के बजाय दूसरे घरो में रात बैठ करके काटा करते थे। उस समय डाकुओं का इतना आंतक था कि लोगों नींद में उड गई थी। पहले किसान खेत पर जाकर रखवाली करने में भी डरते थे।

चौरैला के हनुमंत सिंह करीब 21 साल पहले गुजरात चले गये थे। वहॉ पर पत्थर की धिसाई कर परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन जगजीवन समेत सभी डाकुओ के मारे जाने के बाद अपने परिवार के साथ गांव मे लौट आये है। हनुमंत सिंह अपने खेतो में सरसों एवं गेंहू की फसल दिखाते हुये बेहद खुश तो नजर आता ही है वो बताता है कि जब डाकू थे तब ऐसी फसल नहीं लहलहाती थी लेकिन आज यहां हालात बदल गये है।

कभी स्कूल में चपरासी रहा जगजीवन एक वक्त चंबल आंतक का खासा नाम बन गया था। चंबल घाटी के कुख्यात दस्यु सरगना के रूप मे आंतक मचाये रहे जगजीवन परिहार ने अपने ही गांव चौरैला गांव के अपने पडोसी उमाशंकर दुबे की छह मई 2002 को करीब 11 लोगो के साथ मिल कर घारदार हथियार से हत्या कर दी थी । डाकू उसका सिर और दोनो हाथ काट कर अपने साथ ले गये थे ।

इटावा पुलिस ने इसी कांड के बाद जगजीवन को जिंदा या मुर्दा पकडने के लिये पांच हजार का इनाम घोषित किया था। जगजीवन परिहार चंबल घाटी का नामी डकैत बन गया था। एक समय जगजीवन परिहार के गिरोह पर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान पुलिस ने करीब आठ लाख का इनाम घोषित किया था। उमाशंकर दुबे की हत्या के बाद जगजीवन ने एक जाति विशेष लोगों के एक सौ एक सिर काटने का प्रण किया था। इस ऐलान के बाद पूरे चंबल मे सनसनी फैल गई थी। जगजीवन अपना प्रण पूरा कर पाता उससे पहले ही मध्यप्रदेश में पुलिस ने मुठभेड में जगजीवन समेत गिरोह के आठ डकैतो का खात्मा कर दिया था।

इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा बताते है कि प्रशिक्षु दरोगाओं के चंबल प्रशिक्षण के दौरान उनकी जानकारी मे इलाकाई लोगों के जरिये इस पुराने गोलीकांड की चर्चा की गई। इस दर्दनाक घटना के बारे मे प्रशिक्षु दरोगाओ को भी विस्तार से बताया गया जिसको सभी बखूबी सुना और समझा ।

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मथुरा, वृंदावन, बरसाना और गोवर्धन रंगभरनी एकादशी पर होली के रंग में डूबा, देशभर से आए भक्त ब्रजमंडल होली में रंगीले हो गए attacknews.in

मथुरा, 17 मार्च । रंगभरनी एकादशी के साथ ही रविवार को पूरा ब्रजमंडल होली के रंग में ऐसा रंगा कि देश के विभिन्न भागों से आए तीर्थयात्री भी होली के रंग में डूब गए।

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृन्दावन, बरसाना और गोवर्धन में अलग अलग तरीके से होली खेली गई। वैसे तीर्थयात्रियों के लिए सबसे अधिक आनन्ददायक क्षण श्रीकृष्ण जन्मस्थान में बीता। यहां ब्रज में खेली जाने वाली अलग-अलग किस्म की होली की अनूठी छटा देखने को मिली। मयूर नृत्य हो या महारास, रसिया गायन हो या चरकुला नृत्य अथवा फूलों की होली सभी कार्यक्रम ब्रज की अनूठी परंपरा के अनुकूल थे।

वहीं, सांस्कृतिक पक्ष में सबसे आनंददायक क्षण फूलों की होली थी जिसे देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। मयूर नृत्य में श्रीराधा को प्रसन्न करने के लिए कान्हा खुद मोर बनकर आए तो रसिया के स्वर गूंज उठे ‘कान्हा मोर बन आए’। इसके बाद प्रसादस्वरूप लुटाए गए फूल लेने के लिए लोगों में होड़ लग गई।

सबसे मनोहारी दृश्य उस समय था जब कि रसिया के स्वर गूंज उठे ‘फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नंद किशोर’

इसके साथ ही एक ओर लट्ठमार होली शुरू हो गई तो दूसरी ओर मंदिरों की छत से सतरंगी गुलाल की वर्षा होने लगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार गुलाल उड़ाने की ऐसी व्यवस्था थी कि आसमान इंद्रधनुषी बन जाए। उन्होंने बताया कि जन्मस्थान में रावल गांव के होरिहारों को होली के लिए इसलिए बुलाया जाता है कि दर्शकों को अलग प्रकार की होली देखने को मिल जाए।

लट्ठमार होली का दृश्य बड़ा ही मनोहारी था। गोपियां लाठी से गोपों पर प्रहार कर रही थीं और गोप लोहे के तसलों से बनी ढाल से इस वार को सह रहे थे। इसी समय रसिया के स्वर बोल उठेः-

‘होरी खेलन आयो श्याम आज याहि रंग में बोरो री।’

इसके साथ ही होली और तेज हो गई। ठहाके उस समय लगे जब हथियार लिये हुये एक पुलिसकर्मी भागने लगा और गोपियां उसे पीटने के लिए पीछे दौड़ने लगीं। करीब एक घंटे में वातावरण गुलाल से भर गया। इसके बाद नंदलाल की जयकार के साथ ही लट्ठमार होली का समापन हो गया।

आज ही वृन्दावन की मशहूर होली की शुरुआत राधावल्लभ मंदिर से ठाकुर की सवारी से हुई। बग्घी पर सवार श्यामा-श्याम तीर्थयात्रियों एवं वृंदावनवासियों पर गुलाल की वर्षा कर रहे थे और भक्त इसका आनंद ले रहे थे।

उधर, बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं ने बिहारी जी से जमकर होली खेली। मंदिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में इतना गुलाल उड़ा कि कुछ समय बाद ठाकुरजी का विगृह भी पूरी तरह से दिखाई नहीं दे रहा था।

आज से ही राधावल्लभ, राधारमण, गोपीनाथ, राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, गोविंददेव, मदनमोहन आदि मंदिरों में होली शुरू हो गई तो गोवर्धन में चार लाख से अधिक भक्तों ने न केवल ठाकुर से होली खेली बल्कि ऐसी होली खेली जिससे परिक्रमा मार्ग गुलाल से रंग गया। अब से लेकर होली तक ब्रजमंडल होली के रंग में इसी प्रकार रंगा रहेगा।

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भारत के लोकसभा चुनाव 2019 में 2293 पार्टियां अपना भाग्य आजमायेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मार्च । ‘सबसे बड़ी पार्टी’…जी कयास नहीं लगाएं कि कौन सबसे बड़ी है क्योंकि यह खुद ही पार्टी का नाम है और इस तरह की छोटी-बड़ी तकरीबन 2300 राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग में पंजीकृत हैं।

भारत चुनाव आयोग में राजनीतिक दलों के नवीनतम डेटा के अनुसार देश में कुल 2293 राजनीतिक दल हैं।

चुनाव आयोग में पंजीकृत इन पार्टियों में से सात ‘‘मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय’’ और 59 ‘‘मान्यताप्राप्त राज्य’’ पार्टियां हैं।

आम तौर पर चुनाव आने से पहले दलों के पंजीकरण का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले ढेर सारे राजनीतिक दलों ने पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।

अकेले फरवरी और मार्च के बीच 149 राजनीतिक दलों ने आयोग में अपना पंजीकरण करवाया। राजनीतिक दलों के पंजीकरण का यह सिलसिला लोकसभा चुनावों की घोषणा के एक दिन पहले, नौ मार्च तक चला।

पिछले साल नवंबर-दिसंबर के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले 58 राजनीतिक पार्टियों ने अपना पंजीकरण कराया था।

हाल-फिलहाल आयोग में पंजीकरण करने वाली राजनीतिक पार्टियों में ‘भरोसा पार्टी’, ‘राष्ट्रीय साफ नीति पार्टी’ और ‘सबसे बड़ी पार्टी’’ सरीखे राजनीतिक दल शामिल हैं। बिहार के सीतामढ़ी से ‘बहुजन आजाद पार्टी’, उत्तर प्रदेश के कानपुर से ‘सामूहिक एकता पार्टी’ और तमिलनाडु के कायंबतूतर से ‘न्यू जेनरेशन पीपुल्स पार्टी’ ने अपना पंजीकरण कराया है।

बहरहाल, ये पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक पार्टियां हैं। उनका अपना कोई नियत विशिष्ट चुनाव चिह्न नहीं होता है जिसपर ये चुनाव लड़ सकें। उन्हें चुनाव आयोग से जारी ‘मुक्त चुनाव चिह्नों’ में से चुनना होगा। आयोग के नवीनतम सर्कुलर के अनुसार ऐसे 84 चुनाव चिह्न हैं। एक बात और, इन पार्टियों के उम्मीदवारों को हर चुनाव क्षेत्र में अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर भी लड़ना पड़ सकता है

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पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान पर हमला करने के लिए भारत ने परमाणु पनडुब्बी, युद्धपोत, 80 विमान, आईएनएस विक्रमादित्य और विमानवाहक पोत अरब सागर में तैनात कर दिए थे attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मार्च । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, परमाणु पनडुब्बी चक्र, 60 पोत और करीब 80 विमान तैनात किए थे।

नौसेना अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि नौसेना पहले से ही एक बड़ा अभ्यास कर रही थी लेकिन 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद पोतों को अभ्यास के बदले कार्रवाई के लिए तैनात कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि नौसेना के करीब 60 पोतों के साथ ही भारतीय तटरक्षक बल के 12 पोतों और करीब 80 विमानों को तैनात कर दिया गया।

नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि नौसेना ‘ट्रॉपेक्स’’ अभ्यास में जुटी थी और इससे उसे जल्दी ही बदलती स्थिति में जवाब देने के लिए पोतों को तैनात करने में मदद मिली।

उन्होंने कहा कि सतह, समुद्र के अंदर और हवा में भारतीय नौसेना की श्रेष्ठता के कारण पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियां मकरान तट तक ही सीमित रहीं और वे खुले सागर में नहीं आए।

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा सोमवार को कोच्चि नौसेना बेस में ट्रॉपेक्स के नतीजों का आकलन करेंगे।

नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि कमांडरों के साथ एडमिरल लांबा की दिन भर की समीक्षा का मकसद अभ्यास के संचालन की जांच करना और भारतीय नौसेना की तैयारियों का जायजा लेना है

पुलवामा हमले के कारण पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने के बाद वायु सेना और थल सेना के साथ-साथ भारतीय नौसेना भी किसी भी स्थिति का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार थी ।

नौसेना के अनुसार, अरब सागर में उसकी भारी भरकम तैनाती और समूचे क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के कारण पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियाँ अरब सागर से लगे मकराना के छोटे से तटीय क्षेत्र तक ही सिमट कर रह गयी थी और उनके युद्धपोत तथा अन्य प्लेटफॉर्म अरब सागर में खुले तौर पर आने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे।

दरअसल गत 14 फरवरी को जब पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ उस समय नौसेना एक बड़े युद्धभ्यास ट्रोपेक्स-19 में जुटी थी जिसमें उसके युद्धक बेड़े के तमाम युद्धपोत हिस्सा ले रहे थे।

यह अभ्यास 07 जनवरी को शुरू हुआ था और 10 मार्च तक चलना था। लेकिन, दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर नौसेना ने तुरंत अपने इस युद्धक बेड़े का रुख उत्तरी अरब सागर की ओर कर दिया। विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, परमाणु पनडुब्बियों, युद्धपोतों तथा विमानों को ऑपरेशन मोड में तैनात किया गया जिससे समुद्री क्षेत्र में पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर नजर रखी जा सके और उसका करारा जवाब दिया जा सके।

गत 28 फरवरी को तीनों सेनाओं के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भी नौसेना ने अपना सख्त रुख को स्पष्ट करते हुए कड़ा संदेश दिया था कि वह समुद्री क्षेत्र में किसी भी तरह के दुस्साहस का जोरदार जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उस समय नौसेना का विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य अपने लड़ाकू बेडे, परमाणु पनडुब्बियां, 60 युद्धपोतों, तटरक्षक बल के 12 जलपोतों और विमानों के साथ उतरी अरब सागर में मोर्चे पर तैनात था। नौसेना ने वायु सेना और थल सेना के साथ भी पूरा तालमेल बना रखा था। इसे देखते हुए पाकिस्तानी नौसेना ने अपनी गतिविधियाें को मकराना के तटीय क्षेत्र तक ही सीमित रखने में भलाई समझी और उसका कोई भी प्लेटफॉर्म अरब सागर में खुले में विचरण करने का साहस नहीं जुटा सका।

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न्यूजीलैंड की मस्जिद में हमले में मारे गए 50 लोगों में 5 भारतीय और 9 पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल attacknews.in

वेलिंगटन, 17 मार्च । न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में शुक्रवार को दो मस्जिदों में हुए हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 पहुंच गई है। रविवार को संवाददाता सम्मेलन में पुलिस ने बताया कि हमले वाली जगह से उन्हें एक पीड़ित भी मिला है।

पुलिस ने कहा कि जांचकर्ताओं को अल नूर मस्जिद से शवों को निकालते समय एक पीड़ित मिला। गौरतलब है कि शुक्रवार को मस्जिद में गोलीबारी से 49 लोगों की मौत हो गई थी लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 50 तक पहुंच गई है।

न्यूजीलैंड पुलिस के आयुक्त माइक बुश ने कहा कि हमले के आरोपी आस्ट्रेलायाई नागरिक ब्रेंटन टेरंट को हमला करने और हत्या के मामले में शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। वह एकमात्र व्यक्ति है जिसे हमले के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। द गार्जियन के रिपोर्ट के मुताबिक घटना स्थल से एक महिला को भी पकड़ा गया था जिसे बाद में छोड़ दिया गया।

आरोपी पर जो आरोप लगाए गए है उसमें अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। क्राइस्टचर्च की उच्च न्याय ने आरोपी को 5 अप्रैल तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है।

5 भारतीय भी मारे गए:

न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी में पांच भारतीय मारे गये हैं।

न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा, “बहुत ही दुख के साथ हम क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुए जघन्य हमले में अपने पांच नागरिकों के मारे जाने की सूचना साझा कर रहे हैं। मृतकों की पहचान महबूब खोखर, रमीज वोरा, आसिफ वोरा, अनसी अलीबावा और ओजैर कादिर के रूप में की गयी है।”

भारतीय उच्चायोग ने कहा, “हमारे हेल्पलाइन नंबर सभी पीड़ित परिवारों के लिए हमेशा उपलब्ध हैं और हम दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं। हम भारतीयों समेत सभी निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं।”

क्राइस्टचर्च में हताहतों के परिवारों की मदद के लिए सामुदायिक नेताओं के एक समूह का गठन किया गया है। क्राइस्टचर्च के समर्थन समूह के सदस्य से निम्न नंबर पर संपर्क किया जा सकता है:

डाॅ. एस सचदेव-021476453, डॉ. ए पुरी- 0211218407, डॉ. वी सिंह-0212371087, श्री मोहिउद्दीन- 211280040, डाॅ. दिवाकर-0273291026 और श्री एच रेड्डी- 0274922601

9 पाकिस्तानी नागरिक भी मारे गये:

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले में मरने वालों में नौ पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं।

गत शुक्रवार को क्राइस्टचर्च में अल नूर मस्जिद और लिनवूड मस्जिद पर हुए हमलों में कम से कम 50 नमाज़ियों की मौत हुई है।

इस्लामाबाद स्थित  पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि न्यूजीलैंड की सरकार ने तीन और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि की, जिसके बाद मृतकों में पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले लोगों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ न्यूजीलैंड आतंकी हमले में नौ पाकिस्तानियों की मौत हुई है।’’

फैसल ने शनिवार को बताया था कि छह पाकिस्तानियों की मौत की पुष्टि हुई थी और तीन लापता थे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शोक संतप्त परिवारों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है और हमलावर से मुकाबला करने की कोशिश में जान गवांने वाले पाकिस्तानी नागरिक को पुरस्कार देने का ऐलान किया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ पाकिस्तान को मियां नदीम राशिद पर गर्व है, जिनकी मौत श्वेत वर्चस्ववादी आतंकवादी से मुकाबला करने की कोशिश में हो गई। उनकी बहादुरी की राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजकर सराहना की जाएगी।

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आतंकी हमले तो भाजपा शासन में सबसे ज्यादा हुए और चुनाव में घोषणाओं और जुमलेबाजी उन्होंने शुरू कर दी हैं attacknews.in

छिंदवाड़ा 17 मार्च । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सबसे ज्यादा आंतकी हमले केंद्र में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के कार्यकाल में हुए है।

श्री कमलनाथ आज यहां दो दिन के छिंदवाडा प्रवास के बाद शाम को यहां से नई दिल्ली रवाना होने के पूर्व हवाई पट्टी पर पत्रकारों से संक्षिप्त मुलाकात में यह बात कही।

प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “मैं भी चौकीदार” मुहिम पर पूछे गये सवाल पर श्री कमलनाथ ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “ये कैसे चौकीदार है पूरा देश जानता है, आज श्री मोदी कह रहे है कि देश असुरक्षित है, इसका मतलब कि आर्मी, नेवी, एयरफोर्स मोदी ने बनवाई, इसका मतलब पाकिस्तान से युद्ध मोदी ने लडवाया।

उन्होंने कहा कि यह आज सब गुमराह करने वाली बाते है, सबसे ज्यादा आंतकी हमले केंद्र में रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल में हुए, संसद में हमला हुआ, तब मैं अंदर बैठा था तब भाजपा की सरकार थी, तो मतलब यह हुआ कि पांच साल पहिले देश असुरक्षित था आज मोदी के आने के बाद देश सुरक्षित हो गया, यह भी एक अच्छा मजाक है।

कमलनाथ ने कहा: चुनाव आ गये हैं और भाजपा की घोषणाकमलनाथओं और जुमलेबाजी शुरू हो गई:

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि चुनाव आ गए है, अब फिर से भाजपा घोषणाओं और जुमलेबाजी करेगी लेकिन हर कीमत में हमें गुमराह नहीं होना है।

श्री कमलनाथ आज यहां अपने दौरे के दूसरे दिन भंदारगोदी, मुझबार, लेंगरी, रनपथ और मोया में विशाल जन-सभाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाँच साल पहले इस देश की जनता से जो वादा किया था उससे उलट उन्होंने देश की जनता को धोखा दिया है। लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव में हमें इसका जवाब मोदी सरकार से मांगना है।

उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के किसानों को और उनकी परिस्थितयों को मैंने बहुत करीब से देखा है। तब मैंने मन ही मन यह ठाना था कि जब भी मौका मिलेगा मैं किसानों का कर्जा माफ करूँगा और जब अवसर आया तो छिंदवाड़ा जिले के साथ-साथ पूरे प्रदेश के 50 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश को लगातार 15 सालों तक छला है। महिलाओं के लिये सोनिया गांधी ने योजनायें बनायी और मामा अपनी फोटो छपवाते रहे। आदिवासियों के हितों और उनकी जमीन की रक्षा के लिये इंदिरा गांधी ने योजनायें बनायी और भाजपाई उसे भुनाते रहे परंतु अब आपको भी आवाज बुलंद करनी होगी ताकि अब कोई भी किसानों के साथ अन्याय न कर सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा फिर से लोकसभा के चुनाव में नारों और घोषणाओं की राजनीति करेगी, जनता को गुमराह किया जायेगा तब आपको भी पूछना पड़ेगा कि 15 लाख क्यूं नहीं दिये, 2 करोड़ युवाओं को रोजगार क्यों नहीं मिला। 15 सालों में प्रदेश में विकास के नाम पर क्या हुआ, किसके अच्छे दिन आये। उन्होंने कहा देश की जनता भोली-भाली है लेकिन नासमझ नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस बलिदानियों की पार्टी है। अनेकों नेताओं ने राष्ट्र के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। श्री मोदी और श्री शिवराज के शासनकाल में जनता ने मुद्दों की बात की तो वे राष्ट्रवाद की बाते करने लगे। मैं भाजपा को यह बताना चाहता हूँ कि वे हमसे राष्ट्रवाद की बातें न करे। कांग्रेस को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने वाले पहले बताएं कि क्या उनकी पार्टी में एक भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है। ये न तो राष्ट्र को, न किसानों को और न ही नौजवानों को जवाब दे सकते हैं।

कमलनाथ ने कहा कि हमने केवल 82 दिनों में जो काम किये है वह प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार 15 सालों में नहीं कर पायी है। हमने किसानों का कर्जा माफ किया है। आचार संहिता के कारण अभी यह कार्य रूका है। आचार संहिता खत्म होते ही शेष किसानों का 2 लाख तक का कर्ज शीघ्र माफ होगा। बिजली बिल माफ किया है। वृद्धावस्था पेंशन में इजाफा किया है और भी कई वचन हमने पूरे किए है। अभी तो यह शुरूआत है। आने वाले 180 दिनों में और क्या-क्या होगा ये वे लोग देखेंगे जिन्होंने 15 साल में प्रदेश की जनता को कुछ नहीं दिया है।

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