आरूषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दम्पति को बरी करने के खिलाफ़ अपील नहीं कर सकी सीबीआई Attack News

नईदिल्ली 3 फरवरी। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज दोहरा हत्याकांड में डॉ. राजेश एवं नूपुर तलवार को बरी किये जाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं कर सकी है, जबकि इसकी निर्धारित अवधि समाप्त हो चुकी है.

इस बीच हेमराज की पत्नी ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.

तलवार दंपती को बरी किए जाने के फैसले को 114 दिन बीत गये हैं, लेकिन जांच एजेंसी ने अब तक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अभी तक कोई याचिका दाखिल नहीं की है.

सीबीआई के पास अपील करने के लिए 90 दिन की मोहलत थी, लेकिन यह अवधि बीत चुकी है.

गौरतलब है कि जांच एजेंसी की दलील उच्च न्यायालय में नहीं टिक पायी थी.attacknews.in

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 12 अक्टूबर को तलवार दंपती को बरी कर दिया था. इस बीच मृतक हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाड़े ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.

खुमकला ने अपनी अपील में कहा है कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने त्रुटिपूर्ण फैसला दिया है. उच्च न्यायालय ने इस मामले में हत्या की बात तो मानी है, लेकिन किसी को दोषी ठहराया नहीं गया है, लिहाजा जांच एजेंसी का यह कर्तव्य है कि वह हत्यारों का पता लगाये.attacknews.in

सिख धर्म की शादियां अब आनंद विवाह कानून के तहत होगी Attack News

नईदिल्ली 3 फरवरी। अब सिख शादियां हिंदू विवाह कानून की बजाय आनंद विवाह कानून के तहत पंजीकृत होंगी.

शुक्रवार को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी में इस नियम को अधिसूचित करने की मंजूरी दे दी. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने कहा कि एक-दो दिनों में आनंद विवाह कानून के नियम-कायदे अधिसूचित हो जाने के बाद सिखों को अपनी शादियों का पंजीकरण हिन्दू विवाह कानून के तहत नहीं कराना पड़ेगा.attacknews.in

उप-राज्यपाल कार्यालय के अधिकारी ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘उप-राज्यपाल ने आनंद विवाह कानून को लागू करने के बाबत दिल्ली सरकार की फाइल को मंजूरी दे दी है. दिल्ली राजस्व विभाग अब इसे अधिसूचित करेगा.’

साल 2012 में केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने आनंद विवाह कानून को संसद से मंजूरी दिलाई थी, लेकिन दिल्ली में इसे अब तक लागू नहीं किया गया था.attacknews.in

भाजपा-शिरोमणि अकाली दल गठबंधन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि आनंद विवाह कानून को लागू करने की मांग पहली बार 110 साल पहले की गई थी.attacknews.in

राजौरी गार्डन से विधायक सिरसा ने कहा, ‘दिल्ली में इस कानून को लागू करने को लेकर मैं उप-राज्यपाल अनिल बैजल का शुवगुजार हूं, क्योंकि यह लंबे समय से सिख समुदाय की मांग थी.’

सिख संगठनों की शिकायत थी कि उनके प्रमाण-पत्र हिन्दू विवाह कानून के तहत जारी होने के कारण उनके समुदाय के लोगों को विदेशों में समस्याओं का सामना करना पडता है.attacknews.in

पिछले महीने दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि आनंद विवाह कानून के तहत प्रावधानों को तैयार करने का काम अंतिम चरण में है.

बीते दिसम्बर में आम आदमी पार्टी आपी के विधायकों की अगुवाई वाले एक सिख प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया था कि आनंद विवाह कानून के प्रावधानों को जल्द से जल्द लागू किया जाए.attacknews.in

कालवी ने कहा-राष्ट्रीय करणी सेना के पीछे हटने के बाद भी राजस्थान करणी सेना का फिल्म ‘पद्मावत’का विरोध जारी रहेगा Attack News

जयपुर, तीन फरवरी । राजस्थान राजपूत करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र कालवी ने एक बार फिर दोहराया है कि फिल्म ‘पद्मावत’ में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर दिखाये जाने का विरोध जारी रहेगा।

फिल्म ‘पद्मावत’ पर विरोध वापस लेने से संबद्ध श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (महाराष्ट्र) की ओर से कल जारी विज्ञप्ति से किनारा करते हुए कालवी ने कहा, ‘‘हमारा विरोध जारी रहेगा।’’ attacknews.in

कालवी ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि फिल्म ‘पद्मावत’ में आस्था और इतिहास को लेकर हमारा विरोध था। विरोध के बाद फिल्म निर्माता ने आस्था के मुद्दे को तो ठीक कर दिया, लेकिन फिल्म में ऐतिहासिक तथ्य अब भी विखंडित हैं और इसे लेकर विरोधाभास है। जब तक ऐतिहासिक तथ्यों को ठीक नहीं किया जायेगा, राजस्थान राजपूत करणी सेना का विरोध जारी रहेगा।attacknews.in

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी सिनेमाघर में ‘पद्मावत’ नहीं दिखायी जा रही है। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हैं कि फिल्म ‘पद्मावत’ पर रोक लगायी जाये। हमारा विरोध जारी रहेगा।attacknews.in

गौरतलब है कि श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (महाराष्ट्र) की ओर से कल जारी विज्ञप्ति में फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध वापस लेने की जानकारी दी गयी थी। बहरहाल श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (महाराष्ट्र) के मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेढ़ी से इस बारे में सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।attacknews.in

राजा-महाराजाओं को याद नही रखते लेकिन आदर्शों के कारण 8 हजार साल पहले के राम सबको याद;डॉ मोहन भागवत Attack News

बैतूल, 03 फरवरी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मनुष्य में संस्कारों पर जोर देते हुए कहा है कि आजादी की लड़ाई के लिए राजा महाराजा बहुत हुए, लेकिन उन्हें कोई याद नहीं रखता, वहीं अपने आदर्शों की बदौलत आठ हजार साल पहले हुए राम अब भी याद रखे जाते हैं।attacknews.in

कल देर शाम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में भारत-भारती आवासीय विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान श्री भागवत ने कहा कि शिक्षा केवल आजीविका सिखाने वाली चीज नहीं, बल्कि वह मनुष्य जीवन में लक्ष्य देती है।

शुक्रवार शाम यहां नाटक ‘जाणता राजा’ के आरंभ के पूर्व अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि मनुष्य और पशुओं की प्रकृति समान है, लेकिन मनुष्य संस्कारों के कारण उन्नत होता है। ऐसा जीवन जीना सीखें, जिसमें स्वयं भी उन्नत हो और अपनी उन्नति के कारण संपूर्ण विश्व उन्नत हो।attacknews.in

आजादी की लड़ाई के लिए राजा महाराजा बहुत हुए, उन्हें कोई याद नहीं रखता, बल्कि आठ हजार साल पहले के राम को सभी याद रखते हैं, जिन्होंने अपने पितृवचन के खातिर 14 वर्ष वनवास भोगा।attacknews.in

गुमनामी में रूसवा हुए प्रसिद्ध एक्टर भगवान दादा जैसा नाचकर महानायक अमिताभ बच्चन ने कमाया नाम Attack News

मुंबई 03 फरवरी । हिंदी सिनेमा जगत में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की नृत्य शैली के कई दीवाने हैं लेकिन खुद सुपर स्टार अमिताभ बच्चन जिनके दीवाने थे और उनकी नृत्य शैली को अपनाया लेकिन उस अभिनेता को आज की पीढ़ी नही जानती, यह अभिनेता थे पचास के दशक के सुपरस्टार भगवान दादा।

फिल्म जगत में ‘भगवान दादा’ के नाम से मशहूर भगवान आभा जी पल्लव से फिल्मों से जुड़ी कोई भी विधा अछूती नहीं रही। वह ऐसे हसमुख इंसान थे जिनकी उपस्थिति मात्र से माहौल खुशनुमा हो उठता था। हंसते हंसाते रहने की प्रवृति को उन्होने अपने अभिनय, निर्माण और निर्देशन में खूब बारीकी से उकेरा। उनका यह अंदाज आज भी उनके चहेतों की यादों मे तरोताजा है।

भगवान दादा का जन्म वर्ष 1913 में मुंबई में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता एक मिल वर्कर थे। बचपन के दिनों से भगवान दादा का रूझान फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे। अपने शुरूआती दौर में भगवान दादा ने श्रमिक के तौर पर काम किया ।

भगवान दादा ने अपने फिल्मी करियर के शुरूआती दौर में बतौर अभिनेता मूक फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म स्टूडियो में रहकर फिल्म निर्माण के तकनीक सीखनी शुरू कर दी। इस बीच उनकी मुलाकात स्टंट फिल्मों के नामी निर्देशक जी. पी. पवार से हुयी और वह उनके सहायक के तौर पर काम करने लगे।

बतौर निर्देशक वर्ष 1938 प्रदर्शित फिल्म ‘बहादुर किसान’ भगवान दादा के सिने करियर की पहली फिल्म थी जिसमें उन्होंने जी.पी.पवार के साथ मिलकर निर्देशन किया था। इसके बाद भगवान दादा ने राजा गोपीचंद, बदला, सुखी जीवन, बहादुर, दोस्ती जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया लेकिन ये सभी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी।

वर्ष 1942 में भगवान दादा ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और जागृति पिक्चर्स की स्थापना की। इस बीच उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा और कई फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया लेकिन इससे उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा। वर्ष 1947 में भगवान दादा ने अपनी खुद की स्टूडियों कंपनी ‘जागृति स्टूडियो’ की स्थापना की।

भगवान दादा की किस्मत का सितारा वर्ष 1951 में प्रदर्शित फिल्म ‘अलबेला’ से चमका। राजकपूर के कहने पर भगवान दादा ने फिल्म ‘अलबेला’ का निर्माण और निर्देशन किया। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने भगवान दादा को ‘स्टार’ के रूप में स्थापित कर दिया ।

आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों और श्रोताओंको मंत्रमुग्ध कर देते हैं। सी.रामचंद्र के संगीत निर्देशन में भगवान दादा पर फिल्माये गीत ..शोला जो भड़के दिल मेरा धड़के ..उन दिनों युवाओं के बीच क्रेज बन गये थे। इसके अलावे भोली सूरत दिल के खोटे नाम बड़े और दर्शन छोटे, शाम ढ़ले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो भी श्रोतोओं के बीच लोकप्रिय हुये थे ।attacknews.in

फिल्म अलबेला की सफलता के बाद भगवान दादा ने झमेला, रंगीला, भला आदमी, शोला जो भड़के, हल्ला गुल्ला जैसी फिल्मों का निर्देशन किया लेकिन ये सारी फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी। हांलाकि इस बीच उनकी वर्ष 1956 में प्रदर्शित फिल्म ‘भागम भाग’ हिट रही। वर्ष 1966 में प्रदर्शित फिल्म लाबेला बतौर निर्देशक भगवान दादा के सिने करियर की अंतिम फिल्म साबित हुयी। दुर्भाग्य से इस फिल्म को भी दर्शको ने बुरी तरह नकार दिया।attacknews.in

फिल्म ‘लाबेला’ की असफलता के बाद बतौर निर्देशक भगवान दादा को फिल्मों में काम मिलना बंद कर दिया और बतौर अभिनेता भी उन्हें काम मिलना बंद हो गया। परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिये उन्हें अपना बंगला और कार बेचकर एक छोटे से चाल में रहने के लिये विवश होना पड़ा।

इसके बाद वह माहौल और फिल्मों के विषय की दिशा बदल जाने पर भगवान दादा चरित्र अभिनेता के रूप में काम करने लगे लेकिन नौबत यहां तक आ गई कि जो निर्माता.निर्देशक पहले उनको लेकर फिल्म बनाने के लिए लालायित रहते थे। उन्होंने भी उनसे मुंह मोड़ लिया। इस स्थिति में उन्होंने अपना गुजारा चलाने के लिए फिल्मों में छोटी-छोटी और मामूली भूमिकाएं करनी शुरू कर दीं ।

बाद में हालात ऐसे हो गए कि भगवान दादा को फिल्मों में काम मिलना लगभग बंद हो गया। हालात की मार और वक्त के सितम से बुरी तरह टूट चुके हिन्दी फिल्मों के स्वर्णिम युग के अभिनेता भगवान दादा ने चार फरवरी 2002 को गुमनामी के अंधरे में रहते हुये इस दुनिया को अलविदा कह दिया ।attacknews.in

जातिगत समीकरणों के साथ हुआ मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार,मुख्यमंत्री ने और मंत्रियों को शपथ दिलाने के दिए संकेत Attack News

भाेपाल, 03 फरवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए तीन विधायकों सर्वश्री नारायण सिंह कुशवाहा, बालकृष्ण पाटीदार और जालम सिंह पटेल को मंत्री के रूप में शामिल किया।attacknews.in

श्री कुशवाहा को कैबिनेट और श्री पाटीदार तथा श्री पटेल को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी ह

मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद् में तीन नये सदस्य नियुक्त किये गये हैं। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने इन नये सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने श्री नारायण सिंह कुशवाह को मंत्री एवं श्री बालकृष्ण पाटीदार तथा श्री जालम सिंह पटेल को राज्य मंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने शपथ ग्रहण समारोह की कार्यवाही का संचालन किया।

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष श्री सीतासरन शर्मा, मंत्रि-परिषद् के सदस्य, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद श्री नन्दकुमार सिंह चौहान भी उपस्थित थे।attacknews.in

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने कैबिनेट का विस्तार कर दिया है। यह उनके मौजूदा कार्यकाल का दूसरा कैबिनेट विस्तार है। नारायण सिंह कुशवाहा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि दो अन्य मंत्रियों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। मंत्रिमंडल में इस बार पाटीदार और पटेल नेताओं को तरजीह दी गई है।

माना जा रहा है कि ताजा विस्तार के बाद दो और लोगों को कैबिनेट में जगह मिलेगी। काछी समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए ग्वालियर (दक्षिण) से विधायक नारायण सिंह कुशवाह, लोधी समाज को ध्यान में रखते हुए नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल और पाटीदार वर्ग से खरगोन विधायक बालकृष्ण पाटीदार को शामिल किया गया है। जालम सिंह पटेल दमोह से मौजूदा सांसद प्रहलाद पटेल के भाई हैं।

आपको बता दें कि 24 फरवरी को मध्य प्रदेश की कोलारस और मुंगाबली दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ये दोनों ही सीटें कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना के अंतर्गत आती हैं।

मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने इलाके में खासे लोकप्रिय हैं और राजस्थान उपचुनावों में मिली हार के बाद बीजेपी इन सीटों को किसी भी हालत में कांग्रेस से जीतना चाहेगी। माना जा रहा है कि राजस्थान के चुनाव परिणाम आने के बाद शिवराज को विस्तार की अनुमति मिली।

आपको बता दें कि 230 सदस्यीय विधानसभा में राज्य में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं। इस विस्तार से पहले मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के अलावा 19 कैबिनेट और नौ राज्य मंत्री थे।

कैबिनेट विस्तार में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखा गया है. नारायण सिंह कुशवाह और गोपीलाल जाटव ग्वालियर-चंबल संभाग के दलित-पिछड़े वर्ग के चेहरे हैं. बालकृष्ण पाटीदार निमाड़ अंचल के खरगोन से विधायक हैं. उन्हें मंत्री बनाया जाना किसान आंदोलन के दौरान पाटीदारों की नाराजगी को दूर करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.

वहीं नारायण सिंह कुशवाह ग्वालियर दक्षिण सीट से विधायक हैं. जालम सिंह पटेल, बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के छोटे भाई हैं. वो नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.attacknews.in

इससे पहले चार नए चेहरे शामिल करने की कवायद हो रही थी। शुक्रवार रात तक नए मंत्रियों में ग्वालियर दक्षिण से नारायण सिंह कुशवाहा, खरगोन से बालकृष्ण पाटीदार, अशोकनगर से गोपीलाल जाटव और नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल का नाम तय हो गया था। चुनाव आयोग में कांग्रेस की शिकायत के बाद गोपीलाल के नाम पर संशय बना हुआ था। कांग्रेस की शिकायत थी कि भाजपा सरकार मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है। वह गोपीलाल को शामिल करके उपचुनाव में वोटरों को रिझाना चाहती है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार देर शाम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार के लिए समय मांगा था। राजभवन ने शनिवार सुबह का समय दिया था। वहीं देर रात तक सीएम ने प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और संगठन मंत्री सुहास भगत से मुलाकात कर नए मंत्रियों के नामों पर चर्चा की थी।

छोटा सा विस्तार और होगा

इधर शपथ ग्रहण समारोह के बाद जब मीडिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा तो उन्होंने कहा कि विस्तार तो नियमित प्रक्रिया है, लेकिन एक छोटा सा विस्तार और होगा। इस संकेत के बाद तय है कि विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।attacknews.in

मंत्रियों को हटाने की संभावना कम

इससे पहले, माना जा रहा था कि दो मंत्रियों हर्ष सिंह और कुसुम मेहदेले की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है, लेकिन नए समीकरणों में इसे टाल दिया गया है। शिवराज मंत्रिमंडल में वर्तमान में सीएम सहित २९ मंत्री हैं। अधिकतम ३४ मंत्री बनाए जा सकते हैं। ५ नए चेहरे शामिल किए जाने की गुंजाइश है। दो मंत्रियों की विदाई के बाद यह संख्या 7 हो सकती है।

कैलाश विजयवर्गीय ने शिवराज सिंह चौहान को इंदौर का महानायक बताया

मध्यप्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान इंदौर जिले से किसी को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ही इंदौर के नायक-महानायक हैं, इसलिए सरकार में इंदौर को प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है। attacknews.in

आज शिवराज मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार में तीन नए मंत्रियों ग्वालियर जिले से नारायण सिंह कुशवाहा, खरगौन जिले से बालकृष्ण पाटीदार और नरसिंहपुर जिले से जालम सिंह पटेल को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इस बार भी इंदौर से किसी चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।

विजयवर्गीय ने आज राजभवन में नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद इसी से जुड़े सवालों के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र है, वे किसी को भी मंत्री पद के लिए चुन सकते है।

उन्होंने कहा कि चौहान ही इंदौर के नायक-महानायक हैं, इसलिए सरकार में इंदौर को प्रतिनिधित्व की जरुरत ही नहीं है, मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के हैं, इंदौर उनसे अलग नहीं। हाल ही में राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाने से जुड़े सवालों के जवाब में श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश के विधानसभा उपचुनाव भाजपा ही जीतेगी, राजस्थान की बातattacknews.in अलग है।

उज्जैन में वरिष्ठजन मनाते हैं आनंद उत्सव के साथ अपना जन्मदिन Attack News

उज्जैन 2 फरवरी। उज्जैन पवित्र एवं आध्यात्मिक नगरी है। यहां आनंद प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है बाबा महाकाल को माता-पिता मानें और निश्चिंत हो जाएं। आनंद के लिए मन की प्रसन्नता आवश्यक है। मन जब शांत होता है, तब प्रसंन्न होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में मन को शांत एवं प्रसन्न करने के दो तरीके बताए हैं अभ्‍यास और वैराग्य। अहंकार से मन अशांत होता है और विनम्रता से शांत। डॉ. विमल गर्ग कर्तव्यनिष्ट एवं योग्‍य चिकित्सक होने के साथ-साथ विनम्र और सहज है। यही कारण है कि वे सदा प्रसन्न रहते हैं तथा दूसरों को प्रसन्न रखते हैं। अपने जन्म दिवस पर उन्होंने वरिष्ठजनों को प्रसन्न करने के लिए ये जो अनूठा आयोजन किया है, उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

विद्वान एवं पूर्व संभागायुक्त डॉ. मोहन गुप्त ने शुक्रवार को वरिष्ठ नागरिकों की संस्था आनंद भवन में डॉ. विमल गर्ग के 70वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ये विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पं. राधेश्याम दुबे ने की, प्रमुख वक्ता प्रो. शैलेन्द्र पाराशर तथा संचालन पं. हरिहर शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में डॉ. शिव चौरसिया, शिवप्रकाश चित्तौड़ा, आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर श्रीमती विमल गर्ग भी उपस्थित थी। कार्यक्रम में वरिष्ठजनों द्वारा सुमधुर अभिनंदन गीत की भी प्रस्तुति दी गई।

फूल-माला के स्थान पर सहयोग राशि प्रदान की गई
कार्यक्रम की एक विशेषता यह थी कि डॉ. विमल गर्ग ने सभी से आग्रह किया कि वे उनका अभिनन्दन फूल-मालाओं से न करते हुए वरिष्ठजन संस्था के लिए सहायोग राशि प्रदान कर करें।

उन्होंने कहा कि जितनी राशि इकट्ठी होगी उतनी ही राशि वे अपनी ओर से मिलाकर वरिष्ठजनों के कल्याण के लिए प्रदान करेंगे।

कार्यक्रम में वैदिक मंत्रों के साथ बाबा महाकाल का पूजन किया गया तथा 70 दीप प्रज्जवलित कर डॉ. विमल गर्ग को आशीर्वाद दिया गया।attacknews.in

90 प्रतिशत बीमारियों में डॉक्टर की आवश्यकता नहीं

इस अवसर पर डॉ. विमल गर्ग ने बताया कि 90 प्रतिशत बीमारियों में इलाज के लिए डॉ. की आवश्यकता नहीं होती। लोग छोटी-छोटी बातों से परेशान होते हैं तथा उलझते रहते हैं। यदि उन्हें सही सलाह दी जाए, तो वे बिना दवाओं के ही सही हो जाएंगे। ये बीमारियों वस्तुत: मन के स्तर पर होती हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजनों के साथ जन्मदिन मनाने का उद्देश्य है, प्रसन्नता, उल्लास, उमंग एवं खुशी का वातावरण निर्मीत करना तथा सभी के साथ स्वयं भी प्रसन्न होना।

शास्वत आनंद भारतीय संस्कृति का लक्ष्य

कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में प्रो. शैलेन्द्र पाराशर ने कहा कि शाश्वत आनन्द भारतीय संस्कृति का लक्ष्य है और इसका साधन है, उत्सव धर्मिता। हम उत्सव आयोजित कर स्वयं भी आनंदित होते हैं तथा परिवार एवं समाज को भी आनंदित करते हैं। श्री पाराशर ने कहा कि सुख हमारे अंदर होता है, यदि हम दुखी नहीं होना चाहें तो हमें कोई दुखी नहीं कर सकता। अहंकार आनंद की हत्या करता है। मन की इच्छाओं को पूरा करने से सुख प्राप्त नहीं होता, मन कभी संतुष्ट नहीं हो सकता। मन सत्य को धारण करने वाला तथा शुभ संकल्पों को लेने वाला बनेगा तब प्रसन्न होगा। मन में लोक कल्याण की भावना होनी चाहिए। हम अपनी इच्छाशक्ति, संयम एवं शुभ विचार के माध्यम से प्रसन्नता को प्राप्त कर सकतें है।attacknews.in

बजट के बाद शेयर बाजार धराशायी,ढाई साल की सबसे बड़ी गिरावट Attack News

मुम्बई, 02 फरवरी । खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा करने के बारे में बजट में की गयी घोषणा से महंगाई बढ़ने और इक्विटी निवेश में एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घावधि पूँजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लागू किये जाने से सहमे निवेशकों ने आज जमकर बिकवाली की जिससे घरेलू शेयर बाजार धराशायी हो गया।

चौतरफा बिकवाली के दबाव में बीएसई के सेंसेक्स में 24 अगस्त 2015 (1624.51 अंक) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही।

यह 2.36 फीसदी यानी 839.91 अंक लुढ़ककर 35,066.75 अंक पर बंद हुआ।attacknews.in

वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश होने के एक दिन बाद आज शेयर बाजार में भारी गिरावट रही।

निवेशकों की बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 840 अंक टूट गया। पिछले ढाई साल में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। कल भी बजट पेश होने के बाद भारी उतार चढ़ाव भरे कारोबार में बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कल 2018-19 का बजट पेश किया। इसमें शेयरों से होने वाले एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। शेयरों में निवेश केन्द्रित म्यूचुअल फंड की वितरित आय पर भी 10 प्रतिशत कर लगा दिया गया है।

बाजार धारणा को आज उस समय एक और झटका लगा जब रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा की सरकार का भारी कर्ज बोझ भारत की रेटिंग सुधार में अड़चन खड़ी कर सकता है।attacknews.in

बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक आज कारोबार की समाप्ति पर 839.91 अंक यानी 2.34 प्रतिशत गिरकर 35,066.75 अंक रह गया। निवेशकों ने विभिन्न वर्गों के शेयरों में जमकर बिकवाली की।

सेंसेक्स में 24 अगस्त 2015 के बाद एक दिन की यह सबसे बड़ी गिरावट है। तब सेंसेक्स एक ही दिन में 1,624.51 अंक गिरा था।attacknews.in

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का व्यापक आधार वाला निफ्टी सूचकांक भी आज 256.30 अंक यानी 2.33 प्रतिशत गिरकर 10,760.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह नीचे में 10,736.10 अंक तक लुढ़क गया था।

बजट में चालू वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे को भी संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि पहले इसके 3.2 प्रतिशत रहने का बजट अनुमान लगाया गया था।attacknews.in

संजय लीला भंसाली ने कहा-ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की फिल्म बनाना नहीं छोडूंगा Attack News

मुंबई, दो फरवरी। तमाम विवादों के बाद अपनी फिल्म ‘पद्मावत’ की सफलता से गदगद फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने कहा है कि इस फिल्म को बनाने और रिलीज करने का खयाल छोडने की उनके पास कई वजहें थीं, लेकिन उन्होंने हार मानने जैसी बात कभी नहीं सोची।

भंसाली ने कहा कि उन्हें शुरुआत से ही दिक्कत का सामना करना पड़ा और उनके पास तीन कहानियां थीं जिनको लेकर कोई दूसरी फिल्म बनाई जा सकती थी, लेकिन ‘पद्मावत’ उनके लिए हमेशा से विशेष रही।attacknews.in

वर्ष 1988 में प्रसारित ‘भारत एक खोज’ के एक भाग में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी को दिखाए जाने का हवाला दिया अैर कहा कि उस वक्त माहौल ‘बेहतर, अधिक रचनात्मक और अधिक उदार’ था, लेकिन मौजूदा दौर को लेकर फिल्मकारों को उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।

फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर राजपूत संगठनों ने विरोध किया था और फिल्म के सेट एवं कई सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की गई थी। राजपूत संगठनों का कहना था कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।attacknews.in

यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फिल्में बनाना जारी रखेंगे तो भंसाली ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैं कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फिल्म बनाना छोड़ने का फैसला करूंगा क्योंकि इस तरह की स्थिति में फिर नहीं पड़ना चाहता। हर कहानी की अपनी किस्मत होती है। कभी-कभी ऐसी चीजें हो जाती हैं जो आपके नियंत्रण से बाहर होती हैं। आप इसमें कुछ नहीं कर सकते।’’attacknews.in

हरियाणा में जाट आरक्षण की आग फिर से सुलगने वाली है Attack News

भिवानी, दो फरवरी । प्रदेश में जाट आरक्षण की आहट एक बार फिर सुनाई देने लगी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार पर उनकी मांग पूरी करने में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी को बलिदान दिवस मनाने तथा आंदोलन की रूपरेखा एवं रणनीति तैयार करने का ऐलान किया है।attacknews.in

बीते साल में हिंसक हुए आरक्षण आंदोलन ने पूरे राज्य की छवि को धूमिल कर दिया था। उस दौरान हुई आगजनी और तोङफोङ की घटनाओं और प्रकाश सिंह कमेटी की जांच पर कार्यवाई चल रही है।

ऐसे में जाट नेताओं ने सरकार पर उनकी मांग पूरी ना करने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी को एक बार फिर आरक्षण आंदोलन की योजना बनाने की बात कहकर खतरे की घंटी बजा दी है।

भिवानी की जाट धर्मशाला में हुई बैठक में समिति के प्रदेश सचिव गंगाराम श्योराण ने बताया कि प्रदेश भर में जिला स्तर पर 18 फरवरी को बलिदान दिवस मनाया जाएगा।attacknews.in

श्योराम ने आरोप लगाया कि 19 मार्च 2017 को केन्द्रीय मंत्रियों की कमेटी द्वारा मानी गई मांगें आज तक पूरी नहीं हुई हैं। उन्होने कहा कि उनकी मांगों में जाटों को केन्द्र और प्रदेश में आरक्षण देना, मृतकों के आश्रितों को नौकरी देना तथा आरक्षण के दौरान बने मुकदमों को गुजरात व यूपी की तर्ज पर वापस लेना शामिल है। उन्होंने कहा कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में ढिलाई बरत रही है।attacknews.in

उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को पूरे प्रदेश में बलिदान दिवस के मौके पर आरक्षण के आंदोलन की घोषणा एवं रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी को लेकर 5 फरवरी को जींद में केन्द्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक बुलाई गई है।attacknews.in

दूल्हा बनेगें बाबा महाकाल,5 फरवरी से 9 रूपों में दर्शन देकर महाशिवरात्रि पर सप्तधान का मुखौटा धारण करेंगे Attack News

उज्जैन 02 फरवरी। भगवान श्री महाकालेश्वर की पावन नगरी उज्जयिनी में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते है, और भगवान का पूजन अभिषेक कर अपने आप को धन्य समझते है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में 5 फरवरी से शिवनवरात्रि प्रारंभ होगी। महाशिवरात्रि पर्व 13 फरवरी को मनाया जावेगा।

शिवनवरात्रि के 9 दिनों में भगवान श्री महाकालेश्वर को अलग-अलग वस्त्र -आभूषण मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र आदि से श्रृंगारित किया जायेगा। नवे दिन नवरात्र का समापन महाशिवरात्रि के पूजन से होता है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि के प्रथम दिन 5 फरवरी को मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के पूजन के साथ कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित कोटेश्वर महादेव एवं श्री महाकालेश्वर भगवान के पूजन के साथ 9 दिवसीय शिवनवरात्रि के पूजन का संकल्प लिया जावेगा।

मंदिर के शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में प्रतिदिन 11 ब्राम्ह्णों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक एकादश-एकादशनि के रूद्र पाठ से किया जावेगा, तथा सायं पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण करायेंगे।

शिवनवरात्रि में बाबा श्री महाकाल विभिन्न स्वरूपों में देंगे दर्शन

शिव नवरात्रि में प्रतिदिन सायंकालीन पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकाल विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।

शिवनवरात्रि के प्रथम दिन 5 फरवरी को चंदन का श्रृंगार होगा, 6 फरवरी को शेषनाग श्रृंगार, 7 फरवरी को घटाटोप श्रृंगार, 8 फरवरी को छबीना श्रृंगार, 9 फरवरी को होल्कर श्रृंगार, 10 फरवरी को मनमहेश, 11 फरवरी को उमा महेश, 12 फरवरी को शिव तांड़व श्रृंगार, 13 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा।attacknews.in

महाशिवरात्रि की रात्रि में मंदिर गर्भगृह में श्री महाकालेश्वर भगवान की महापूजा होगी। उसके पश्चात 14 फरवरी को प्रातः 4 बजे भगवान को सप्तधान का मुखौटा धारण कराया जायेगा।

साथ ही बाबा श्री महाकाल सवामन फूलों का पुष्प मुकुट धारण कर भक्तों को अपने दिव्य रूप में दर्शन देंगे।attacknews.in

महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 14 फरवरी को वर्ष में एक बार दोपहर को भस्मार्ती होगी। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर के पट सतत 44 घंटे खुले रहेंगे।

शिवनवरात्रि के दौरान होगा हरिकीर्तन

शिवनवरात्रि के दौरान 5 फरवरी से 14 फरवरी तक मंदिर प्रांगण में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर 1909 से कानडकर परिवार इन्दौर द्वारा वंष परंपरानुसार हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। इसी तारतम्य में कथारत्न हरिभक्त परायण पं. रमेश कानडकर द्वारा हरिकीर्तन का आयोजन होगा।

17 फरवरी को होंगे भगवान श्री महाकाल के
पंच मुखारविन्द के दर्शन

महाशिवरात्रि पर्व के दो दिन बाद परंपरानुसार फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को भगवान श्री महाकालेश्वर पंच मुखारविन्दों में एक साथ श्री मन महेश, शिव तांडव, छबीना, होल्कर, उमामहेश के स्वरूपों का दर्शन होगा।attacknews.in

उल्लेखनीय है कि वर्ष में एक ही बार ऐसा अवसर आता है जब एक साथ बाबा के पांच स्वरूपों के दर्षन भक्तों को होते है।attacknews.in

भारत में कृषि विज्ञान बनने जा रहा है नौकरियां और रोजगार देने वाला प्रमुख विषय Attack News

नयी दिल्ली 02 फरवरी। जनमानस में आज भी यह भ्रान्ति व्याप्त है कि कृषि या खेती-बाड़ी से कभी ढंग का करियर नहीं बनाया जा सकता है लेकिन उन्हें शायद यह जानकारी नहीं है कि कृषि तथा सम्बद्ध विज्ञान के माध्यम से सम्मानजनक भविष्य और रोज़गार की कई राहें निकलती हैं।attacknews.in

एक तरह से यह दुखद स्थिति है कि कृषि प्रधान देश होने के बावजूद प्रायः लोग कृषि विज्ञान के महत्व से अनजान हैं। युवाओं में आज भी परंपरागत विषयों पर आधारित करियर और अन्य प्रोफेशनल विषयों पर आधारित रोज़गार विकल्पों का क्रेज़ ज्यादा है। भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् और देश के प्रत्येक राज्य में स्थित प्रादेशिक कृषि अनुसन्धान परिषदों में प्रति वर्ष कृषि वैज्ञानिक के तौर पर हजारों की संख्या में नियुक्तियां की जाती हैं। इनके वेतन की शुरुआत राजपत्रित अधिकारी के वेतनमान से होती है और यह पदोन्नतियों के ज़रिये काफी उच्च स्तर तक पहुँच जाता है। इसके साथ ही आकर्षक सुविधाएँ और भत्ते भी मिलते हैं।attacknews.in

कृषि और सम्बद्ध विषयों से अभिप्राय कृषि विज्ञान, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन, बागवानी विज्ञान, सब्जी विज्ञान, फसल कीट विज्ञान, कृषि इंजीनियरिंग, डेयरी टेक्नोलोजी, सिल्क टेक्नोलोजी, कम्युनिटी साइंस, फिशरीज, एग्रो मार्केटिंग, बैंकिंग एंड को ऑपरेशन, फ़ूड टेक्नोलोजी, बायोटेक्नोलोजी आदि से है। इन सबका रोज़गार की दृष्टि से अपना विशिष्ट महत्व है। देश भर में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा संचालित सैकड़ों कृषि विश्वविद्यालयों का जाल बिछा हुआ है और इनसे हजारों कृषि कॉलेज जुड़े हुए हैं। इनके द्वारा संचालित कृषि पाठ्यक्रमों में बड़ी संख्या में सीटें उपलब्ध हैं जिनमें चयन परीक्षा के आधार पर दाखिले दिए जाते हैं।attacknews.in

देश में कृषि अनुसन्धान और शिक्षा का शीर्ष स्तर पर प्रबंधन एवं संचालन करने का दायित्व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् या आईसीएआर के जिम्मे है। ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कृषि विज्ञान सम्बंधित पाठ्यक्रमों की कुल सीटों के 15 प्रतिशत को भरने के लिए चयन परीक्षा का आयोजन आईसीएआर का शिक्षा विभाग अखिल भारतीय स्तर पर करता है। शेष 85 प्रतिशत सीटें विभिन्न राज्यों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के ज़रिये भरी जाती हैं। मोटे अनुमान के अनुसार इन पाठ्यक्रमों की कुल आठ हज़ार सीटों के लिए लगभग तीस हज़ार प्रत्याशी इन चयन परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं।attacknews.in

स्पष्ट देखा जा सकता है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की तुलना में यह प्रतिस्पर्धा अत्यंत कम है। प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए फेलोशिप का भी प्रावधान है। अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज की तुलना में इन पाठ्यक्रमों की फीस काफी कम है। इसी तरह से स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम भी इन कृषि विश्वविद्यालयों से किये जा सकते हैं। कृषि विज्ञान की पृष्ठभूमि वाले ट्रेंड युवाओं के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि इनकी नियुक्ति के लिए अलग से कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल है। इस संस्था का काम कृषि अनुसन्धान सेवा (एआरएस) परीक्षा का देशव्यापी स्तर पर आयोजन करना और प्रतिभावान युवाओं का चयन कर उनकी नियुक्ति देश के कृषि अनुसन्धान संस्थानों में करने हेतु संस्तुति देना है।attacknews.in

एआरएस के अतिरिक्त ऐसे पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रीधारक, नेट परीक्षा उत्तीर्ण युवाओं को कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि महाविद्यालयों में भी बतौर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर जॉब के अवसर मिल जाते हैं। इनका वेतन भी अन्य सरकारी सेवाओं की तुलना में कम आकर्षक नहीं है। अन्य बड़े रोज़गारदाताओं में एग्रो कंपनियां, उर्वरक एवं कृषि रसायन उत्पादक कम्पनियाँ, कृषि उपकरण निर्माता ,दुग्ध प्रसंस्करण एवं उनके उत्पाद तैयार करने वाली कम्पनियां शामिल हैं। इनके अलावा एग्रो नर्सरी ,फलोत्पादन,चाय-कॉफ़ी-मसाला उत्पादक कम्पनियाँ,बीज तैयार करने वाली कम्पनियाँ भी ऐसे ट्रेंड लोगों को बड़े पैमाने पर नियुक्त करती हैं। नाबार्ड सहित ग्रामीण बैकों में भी इस तरह की शैक्षिक योग्यता वाले युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के पद होते हैं।attacknews.in

इस क्षेत्र में स्वरोजगार के भी अवसर कुछ कम नहीं हैं, जिनके पास अपने खेत हैं वे चाहें तो खेती के नए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर कमर्शियल खेती कर अच्छी खासी आमदनी हासिल कर सकते हैं। बेहतर गुणवत्ता वाले अधिकृत बीजों के उत्पादन और नर्सरी में पौधे विक्रय हेतु तैयार कर भी मुनाफा कमाया जा सकता है। आजकल सजावटी पौधों की नर्सरी में कमाई अच्छी खासी है। ग्रामीण इलाकों में पशु चिकित्सक के तौर पर सेवाएं देकर स्थानीय किसानों और पशुपालकों की मदद से भी आय अर्जन का जरिया तलाशा जा सकता है। डेयरी टेक्नोलोजी का कोर्स करने वालों के लिए ऐसे दुग्ध संस्थानों में रोज़गार पाने के अतिरिक्त मिल्क प्रोडक्ट तैयार करने और उनकी मार्केटिंग जैसे काम करने के कई प्रकार के मौके हो सकते हैं।attacknews.in

कृषि प्रसंस्करण और पैकेटबंद खाद्य उत्पाद तैयार करने के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से खेती बाड़ी और कृषि मार्केटिंग में बहुत से बदलाव हो रहे हैं। इन्हीं में से एक है कांट्रेक्ट फार्मिंग। इसमें फसल की बुआई के समय ही कम्पनियां किसानों से अनुबंध कर लेती हैं कि किस दर पर उनकी उपज को खरीदा जाएगा। इसके लिए किसानों को कंपनियों द्वारा नियुक्त कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अनुसार समस्त खेती के कार्यकलाप करने की शर्तों का पालन करना होता है। आने वाले समय में देश में इस तरह की कांट्रेक्ट फार्मिंग के तेज़ी से बढ़ने की संभावना है। सरकारी तौर पर भी इससे सम्बंधित नियम तैयार किये जा रहे हैं। ज़ाहिर है कृषि विशेषज्ञों के लिए इस क्षेत्र में भी रोज़गार के नये अवसर सृजित होंगे।attacknews.in

जजों को दिखाई जाएगी फिल्म ‘पद्मावत’ Attack News

जोधपुर , 02 फरवरी । राजस्थान में संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावत को राजस्थान उच्च न्यायालय के जज सोमवार को जोधपुर में देखेंगे।

नागौर जिले के डीडवाना में फिल्म के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज किए जाने पर आज उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान श्री भंसाली के अधिवक्ता ने अदालत से फिल्म देखने का अनुरोध किया।

पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय ने यह मंतव्य जाहिर किया था कि फिल्म को देखे बिना यह तय नहीं किया जा सकता कि फिल्म राजपूत समाज का अपमान करने वाली है।attacknews.in

450 करोड़ की जमीन 100 करोड़ में खरीदी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा समेत 34 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल Attack News

नयी दिल्ली, दो फरवरी । सीबीआई ने मानेसर भूमि सौदा मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और 33 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।

अधिकारियों ने आज यहां बताया कि एजेंसी ने आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर किया है।attacknews.in

उन्होंने बताया कि उस समय हरियाणा सरकार में वरिष्ठ अधिकारी रहे पूर्व यूपीएससी सदस्य चत्तर सिंह का नाम भी आरोपपत्र में बतौर आरोपी दर्ज है।

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया कि निजी बिल्डरों और अन्य ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 400 एकड़ की भूमि मासूम भूमि मालिकों से केवल 100 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदी। उस समय इस जमीन की बाजार में कीमत चार करोड़ रुपये प्रति एकड़ से अधिक थी।attacknews.in

सीबीआई ने कहा कि गुरुग्राम के मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के भूमि मालिकों को कथित तौर पर 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

एजेंसी ने सितंबर 2015 में मामला दर्ज किया था। उसका आरोप था कि निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ साजिश रचकर 27 अगस्त 2004 और 24 अगस्त 2007 के बीच बेहद कम दरों पर भूमि खरीदी। उन्होंने भूमि पर सरकार के अधिग्रहण का डर दिखाया।attacknews.in

मेघालय चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की 45 प्रत्याशियों की सूची Attack News

शिलांग, दो फरवरी । भाजपा ने 27 फरवरी को होने जा रहे मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए 45 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची आज जारी की।

पार्टी ने पहले कहा था कि वह इस पूर्वोत्तर राज्य की सभी 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।attacknews.in

इस सूची में पूर्व कांग्रेस मंत्री ए एल हेक, पूर्व राकांपा प्रदेश अध्यक्ष संबूर शुल्लई और आठ अन्य पूर्व विधायक हैं।attacknews.in

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शिबून लिंगदोह ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ (पार्टी की) केंद्रीय चुनाव समिति ने 27 फरवरी के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। ’’

उन्होंने कहा कि 45 उम्मीदवारों की इस सूची में उनके नाम भी शामिल हैं जो दो जनवरी को यहां इस भगवा पार्टी से जुड़े थे, वे हैं ए एल हेक, संबूर शुल्लई, रोबिनस सिंगकोन और जस्टिन डखार।attacknews.in

इस सूची में दो महिला प्रत्याशी — प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष पेल्सी स्नेटांग और मारियान मारिंग हैं।

कुछ अन्य विधायक, जो 2013 का विधानसभा चुनाव हार गये थे, भी इस सूची में हैं। वे हैं आए एल तारियांग, जे ए लिंगदोह, फलोर खोंगजी, जॉन मैनर मराक, के सी बोरो और बिल्लीकिन संगमा।

लिंगदोह के अनुसार 15 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जल्द ही जारी होने की संभावना है।attacknews.in