व्यापम मामले में मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश लेने वाले 200 से अधिक छात्रों पर सीबीआई की कार्रवाई Attack News 

नयी दिल्ली, 26 नवम्बर । प्रबंधन कोटे के तहत भारी राशि का भुगतान करके चार निजी मेडिकल कालेजों में प्रवेश लेने वाले 200 से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है क्योंकि व्यापमं मामले की सीबीआई की जांच में उनके चयन में अनियमितताओं का दावा किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी सीबीआई ने मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इन उम्मीदवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की मांग की है जो मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए किसी प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हुए।

अधिकारियों ने बताया कि यह कदम मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल :व्यापमं: द्वारा 2012 में कराये गए प्री..मेडिकल टेस्ट :पीएमटी: की सीबीआई द्वारा की गई जांच पर आधारित है।

गत गुरूवार को एजेंसी ने 592 आरोपियों के खिलाफ प्रवेश घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए भोपाल स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। इन आरोपियों में चार निजी मेडिकल कालेजों के चेयरमैन शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रमोटरों में एल एन मेडिकल कालेज के चेयरमैन जे एन चौकसे, पीपुल्स मेडिकल कालेज के एस एन विजयवर्गीय, चिरायु मेडिकल कालेज के अजय गोयनका :सभी भोपाल में: और इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कालेज के सुरेश सिंह भदौरिया शामिल हैं।

तीन प्रमोटरों ने सम्पर्क किये जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की, भदौरिया ने दावा किया कि न तो उनका और न ही उनके कालेज का नाम सीबीआई के आरोपत्र में है।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि कथित रूप से नियमों का उल्लंघन करके प्रबंधन कोटे के तहत इन चार कालेजों में कुल 229 प्रवेश हुए जिसके लिए प्रति सीट 50 लाख से एक करोड़ रूपये वसूले गए।

उन्होंने कहा कि ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रबंधन कोटे के तहत जिन छात्रों को प्रवेश मिला वे किसी भी प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हुए।

अधिकारियों ने बताया कि इन 229 प्रवेशों में से 88 इंडेक्स मेडिकल कालेज में, 54 चिरायु मेडिकल कालेज में, 46 पीपुल्स मेडिकल कालेज में और 41 एल एन मेडिकल कालेज में हुए।

उन्होंने कहा कि ये प्रवेश व्यापमं के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार के मेडिकल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कुछ बिचौलियों की कथित मिलीभगत से हुए। व्यापमं का नाम अब बदलकर व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड हो गया है।attacknews

अरुण जेटली ने कहा:कश्मीर में अब दो-तीन माह से ज्यादा नहीं टिक पाता कोई लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर Attack News 

सूरत, 26 नवंबर । केंद्रीय वित्त मंत्री तथा गुजरात में भाजपा के चुनाव प्रभारी अरूण जेटली ने आज कहा कि मोदी सरकार के दौरान कश्मीर की स्थिति में भारी बदलाव आया है और गांव-गांव में खुफिया तंत्र फिर से स्थापित हो पाया है जिससे पहली बार सुरक्षाबल आतंकियों पर हावी हैं।

उन्होंने कहा कि आज पत्थर फेंकने वालों का हुजूम नहीं जुटता और लश्कर का जो भी कमांडर बनता है वह दो या तीन माह से ज्यादा टिक नहीं पाता।

श्री जेटली ने आज यहां भाजपा के मन की बात चाय के साथ कार्यक्रम के बाद एक सभा में कहा कि मोदी सरकार ने देश की शान और मजबूती को बढ़ाने वाले कदम उठाये हैं।

मुंबई में हुए आतंकी हमले की बरसी के अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर जोरदार हमला किया. लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रिहाई को लेकर जेटली ने कहा कि घाटी में अब आतंकियों को यह समझ में आने लगा है कि उनकी जिंदगी बहुत छोटी हो चुकी है. पिछले 8 महीने से यह हाल है कि जो लश्कर का कमांडर बनेगा वो ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं बचेगा.

आपको बता दें कि पिछले एक सालों के दौरान घाटी में आतंक के खिलाफ सेना और सुरक्षा बलों के अभियान को बड़ी सफलता मिली है. सेना और सुरक्षा बलों की इस संयुक्त कार्रवाई में लश्कर और हिजबुल के सभी बड़े कमांडर मारे जा चुके हैं.

गुजरात के सूरत में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि हाफिज की रिहाई के बाद पाकिस्तान फिर से बेनकाब हुआ है और दुनिया में उसके लिए कोई जगह नहीं बचती है.

आगे वित्त मंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने मुंबई हमले की बरसी से दो दिन पहले हाफिज सईद को रिहा किया है, तो पूरी दुनिया एक आवाज में बोल रही है, कि ऐसा देश जो आतंक का समर्थक है, उसके लिए पूरी दुनिया के परिवार में कोई जगह नहीं है.

गौर हो कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की एक अदालत लश्कर-ए-तैयाब के सरगना और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा करने का आदेश दे चुकी है. नजरबंदी से रिहा होने के तत्काल बाद ही हाफिज ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है.

इधर, अमेरिका ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड एवं जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को फिर से गिरफ्तार करने और अभियोग चलाने की मांग करते हुए इस्लामाबाद को चेतावनी दी है कि अगर वह कार्वाई करने में नाकाम रहता है तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा. प्रतिबंधित जमात उद दावा के प्रमुख सईद पर उसकी आतंकी गतिविधियों को ले कर अमेरिका ने एक करोड डॉलर का इनाम रखा हुआ है.attacknews

ब्रिटेन में पद्मावती के रिलीज पर पुनर्विचार Attack News 

नयी दिल्ली ,26 नवंबर । विरोध प्रदर्शन के कारण एक दिसंबर को सिनेमाघरों में नहीं आने वाली फिल्म ‘पद्मावती’ को तय तिथि एक दिसंबर को ब्रिटेन में दिखाये जाने के फैसले पर पुन:विचार किया जा रहा है।

समाचार पत्र ‘गार्डियन’ की रिपोर्ट के अनुसार इस फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग फिल्म कॉरपोरेशन (बीबीएफसी) से मिली हरी झंडी का वहां के राजपूत समाज के विरोध के कारण इस फिल्म का वितरक “पारामाउंट पिक्चर्स” पद्मावती को प्रदर्शित किए जाने के निर्णय का समीक्षा कर रहा है।

ब्रिटने के राजपूत सामाज ने पद्मावती को सिनेमा घरों में दिखाये जाने के बीबीएफसी के निर्णय का जोरदार विरोध किया है।attacknews

‘बांस’ को ‘घास’ घोषित करके सरकार ने करोड़ों नौकरियों की संभावनाएं पैदा की Attack News 

नयी दिल्ली 26 नवंबर । बांस को ‘घास’ घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले से पूर्वोत्तर तथा देशभर के जनजातीय क्षेत्रों में होने वाला यह ‘हरा सोना’ आदिवासियों और किसानों की किस्मत बदलने की क्षमता रखता है और करोडों नौकरियां पैदा कर सकता है।

सरकार ने यह ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लगभग 90 वर्ष पुराने भारतीय वन अधिनियम 1927 में बदलाव करने के लिए अध्यादेश जारी किया है जिससे बांस को ‘वृक्ष’ की बजाय ‘घास’ माना जाएगा। इसके बाद बांस के आर्थिक इस्तेमाल के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी। वनस्पति विज्ञान बांस को स्पष्ट रूप से घास मानता है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत विश्व में बांस का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यह पूर्वोत्तर में इसकी खेती बहुतायत में होती है। सरकार का बांस को घास घोषित करने का निर्णय पूर्वोत्तर राज्यों की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आएगा। इससे क्षेत्र में बांस आधारित उद्योग धंधें शुरू होंगे और बड़े स्तर पर लोगाें को रोजगार मिलेगा।

पूर्वोत्तर में दो करोड़ से ज्यादा लोग बांस आधारित गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। मात्र एक टन बांस से 315 लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।

हरा सोना’ माने जाने वाला बांस पूर्वोत्तर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हालांकि पूर्वोत्तर और आदिवासी जनजीवन में बांस की महत्वपूर्ण भूमिका है। बांस उच्च मात्रा में ऑक्सीजन गैस का उत्सर्जन करता है और कार्बन डाइऑक्साइड को सोखता है।

बांस में उच्च तीव्रता के विकिरण (रेडिएशन) को सोखने की अद्भुत क्षमता है, इसलिए यह मोबाइल टॉवरों के दुष्प्रभाव को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकता है। बांस प्रदूषण रहित ईंधन भी है क्योंकि यह जलने पर बहुत कम कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करता है। लोक-शिल्प का एक बड़ा हिस्सा बांस पर निर्भर है। पूर्वोत्तर और मध्य भारत बांस के वन, बांस की देसी प्रजाति और इसकी खेती के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध रहे हैं।

भारतीय संस्कृति में भी बांस का विशेष महत्व रहा है। पर्व-त्योहार, रीति-रिवाजों में बांस का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में होता है। लोक-शिल्प के विकास में बांस का योगदान है। ग्रामीण आबादी बांस से घरेलू उपयोग की बहुत-सी चीजें बनाती है। बांस की जड़ जमीन को इतनी मजबूती से पकड़ती है कि तेज आंधी भी इसे उखाड़ नहीं पाती। बांस की जड़ मिट्टी को कटाव से बचाती है और इस खूबी के कारण ही यह बाढ़ वाले इलाके के लिए वरदान है।

बांस को लेकर कोई व्यापक सर्वेक्षण नहीं हुआ है, लेकिन इसके पेड़ लगातार घटते जा रहे हैं। स्थिति को देखते हुए वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने बांस की खेती को बढ़ावा और संरक्षण देने के लिए महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) योजना की शुरुआत की।attacknews

मन की बात में नरेन्द्र मोदी बोले:आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा,दुनिया एकजुट हो Attack News 

नई दिल्ली 26 नवम्बर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से जनता से जुड़े मुद्दों पर बात की।

मन की बात का यह 38वां एपिसोड है और इस मौके पर पीएम ने देशवासियों के संविधान दिवस की बधाई दी।

पीएम मोदी ने अपने कार्यकम की शुरुआत बाल दिवस के मौके पर कर्नाटक में बच्चों से हुई बातचीत से की।

वहीं 26/11 की बरसी को याद करते हुए पीएम मोदी ने 9 साल पहले हुए मुबई हमले को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि इस दिन को हमारा देश कभी नहीं भूल सकता। मोदी ने कहा कि देश उन बहादुर नागरिकों, पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मी, को स्मरण करता है, उनको नमन करता है जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई। देश कभी उनके बलिदान को नहीं भूल सकता। आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि इसके कारण हजारों निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

उन्होंने कहा कि पिछले 4 दशकों से भारत आतंकवाद से पीड़ित है, कुछ साल पहले जब भारत आतंकवाद के खिलाफ चर्चा करता था तब लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते थे। लेकिन आज जब दुनिया के अन्य मुल्क भी इसकी जद में हैं तो सभी मानवतावादी शक्तियां इसके खिलाफ एकजुट होने के लिए तैयार नजर आती हैं। दुनिया के सभी देशों को आतंक के खात्मे के लिए एक मंच पर आना होगा।

संविधान दिवस के मौके पर पीएम ने कहा कि संविधान बनाने वालों लोगों को याद करना चाहिए, क्योंकि हमारे संविधान ने समाज के गरीब और कमजोर तबके को सरंक्षण प्रदान किया है साथ ही हमें संविधान निर्माताओं पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा संविधान निर्माण में बाबा साहब अंबेडरकर का योगदान अहम है और उन्होंने भारत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नेवी डे पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नदियों के किनारे ही सभ्यताओं का विकास हुआ है।

उन्होंने कहा कि नेवी को याद करते वक्त मराठा नेवी और शिवाजी महाराज को भी याद करता जरूरी है। पीएम ने कहा कि उस दौर में नौसेना देश की समुद्री सीमा की रक्षा करती थी। भारतीय नेवी की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य मुल्कों में भी हमारी नेवी अलग-अलग ऑपरेशन चलाकर मदद करती आई है।

प्रधानमंत्री ने शनिवार को ही आम जनता से सुझाव के तौर पर संदेश भी मांग थे। उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया था कि वह इस बार भी पिछली बार की तरह ही बढ़-चढक़र हिस्सा लें। मोदी ने जनता से नरेंद्र मोदी मोबाइल एप के जरिए भी अपना संदेश साझा करने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने जनता से सुझाव लेने को लेकर एक ट्वीट भी किया, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आप अपने सुझाव मुझतक पहुंचाने के लिए 1800-11-7800 नंबर भी डायल करे सकते हैं, साथ ही अपना संदेश रिकॉर्ड करके भी भेज सकते हैं।attacknews

केंद्रीय वित्त सचिव ने अब बताया,क्यों की गई थी नोटबंदी Attack News 

नई दिल्ली 25 नवम्बर । केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया ने यहां शनिवार को कहा कि सरकार ने प्रणाली को शुद्ध करने तथा काले धन पर काबू पाने के लिए नोटबंदी लागू की थी।

अधिया ने डीडी न्यूज से कहा, नोटबंदी प्रणाली को शुद्ध करने तथा काले धन पर काबू पाने के लिए लागू की गई थी।

उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने घरों में बहुत सारी नकदी छुपा रखी थी, नोटबंदी उन छुपी हुई नकदी को मुख्य बैंकिंग प्रणाली में लेकर आ गई।

उन्होंने कहा, लोगों ने बहुत सारी नकदी अपने घरों में छिपाई हुई थी, जिससे केवल वे लक्जरी वस्तुएं ही खरीदते थे। नोटबंदी ने उन नकदी को बैंकिंग प्रणाली में ला दिया और अब इसका इस्तेमाल लोगों को कर्ज देने में किया जाएगा। भारत सरकार ने साल 2016 में आठ नवंबर को नोटबंदी लागू की थी और 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर कर दिया था।attacknews

धर्म संसद में स्वामी गोविंद देव ने कहा:प्रत्येक हिंदू 4 बच्चे पैदा करे Attack News 

बेंगलुरु 25 नवम्बर । कर्नाटक के उडूपी में चल रही विश्व हिंदू परिषद(विहिप) की तीन दिवसीय धर्म संसद में शनिवार को हरिद्वार के भारत माता मंदिर के स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज ने हिंदुओं की आबादी बढ़ाने की नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि जब तक यूनिफॉर्म सिविल कोड (सबके लिए एक नियम) लागू नहीं हो जाता है, हिंदू कम से कम 4 बच्चे पैदा करें। इससे देश में जनसंख्या के असंतुलन पर रोक लगाई जा सकेगी।

स्वामी ने कहा कि सरकार दो बच्चों की पॉलिसी पर जोर दे रही है, लेकिन ये हिंदुओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। गोविंद देव ने कहा, जिन इलाकों में हिंदू आबादी कम हुई। वहां जनसंख्या में असंतुलन पैदा हुआ और भारत ने उस जगह को खो दिया। जब तक सरकार सभी के लिए अधिकतम 2 बच्चों की पॉलिसी लेकर नहीं आती है। हिंदुओं को कम से कम 4 बच्चे पैदा करने चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा था कि राम मंदिर मसले में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर को दखल नहीं देना चाहिए।

इससे एक दिन पहले आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि राम मंदिर राम जन्मभूमि पर ही बनेगा और वहां कुछ भी नहीं बनेगा। इसका निर्माण किया जाएगा और वास्तविक स्वरूप में उसी पत्थरों से निर्माण किया जाएगा। इसका निर्माण उनके नेतृत्व में होगा, जिन्होंने इस आंदोलन की अगुवाई की थी और इसके लिए 20-25 वर्षो तक लड़ते रहे।

भागवत ने कहा था समय काफी नजदीक आ गया है। हमें बहुत सावधान रहना होगा और एक-एक करके कदम उठाना होगा। हमें और किसी चीज के बारे में नहीं सोचना होगा। हिंदू समाज और दुनिया के सार्वभौमिक कल्याण के लिए, राम मंदिर को अयोध्या के राम जन्मभूमि में बनने दे। यही मेरी इच्छा है। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए भागवत ने कहा, बालासाहेब ने एक बार मुझसे कहा था कि आप केवल कारसेवकों के सहारे राम मंदिर नहीं बना सकते। इसके लिए कठिन लड़ाई लडऩी पड़ेगी, जिसमें 20 से 30 वर्ष लगेंगे। अगर आप लगातार लड़ाई जारी रखेंगे तो 20 से 30 वर्षो में राम मंदिर के निर्माण की संभावना है।

उन्होंने कहा कि स्वंयसेवक उनके पास आते हैं और पूछते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा। भागवत ने कहा, मैं उन्हें कुछ नहीं कहता हूं, क्योंकि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं। यह 1990 में शुरू हुआ। जैसे बालासाहेब ने कहा था, हमने 2010 में 20 वर्ष पूरा कर लिया और 2020 में 30 वर्ष पूरा हो जाएगा। उनका शब्द बेकार नहीं जाएंगा।

आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद् की ओर से आयोजित धर्म संसद का रविवार को आखिरी दिन है।attacknews

बिहार में तेज प्रताप यादव ने दी धमकी और सुशील मोदी ने अपने बेटे का विवाह स्थल बदला Attack News 

पटना, 25 नवंबर। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुरक्षा कारणों से अपने पुत्र उत्कर्ष के विवाह समारोह स्थल को बदल दिया है।

उपमुख्यमंत्री के सचिव शैलेन्द्र कुमार ओझा ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी बताया कि कुछ नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियां और दी जा रही धमकियों के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के पुत्र उत्कर्ष-यामिनी के विवाह समारोह के स्थल में परिवर्तन किया गया है।

उन्होंने बताया कि पहले शादी समारोह आगामी 3 दिसम्बर को अपराह्न 03 से 05 बजे राजेन्द्र नगर स्थित शाखा मैदान से होना तय था जिसे अब परिवर्तित कर पटना एयरपोर्ट के नजदीक वेटनरी कालेज मैदान कर दिया गया है। सभी आमंत्रितों को इसकी संशोधित सूचना दी जा रही है।

शैलेन्द्र ने बताया कि इससे पहले शादी समारोह उपमुख्यमंत्री के नाते सुशील कुमार मोदी को आवंटित 5, देशरत्न मार्ग स्थित आवास से करने पर विचार किया गया था मगर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा आवास खाली नहीं किए जाने पर बिहार विधान परिषद के सभापति को आवंटित 3, देशरत्न मार्ग से करना तय किया गया जिसे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने खाली करने के बाद दुबारा उसमें अवैध रूप से प्रवेश कर लिया। अतः उपरोक्त परिस्थितियों में उपमुख्यमंत्री के पुत्र के शादी समारोह के स्थल में परिवर्तन करना पड़ा है।

गत 22 नवंबर को तेज प्रताप यादव का सुशील कुमार मोदी के पुत्र के शादी समारोह में विध्न डालने की धमकी वाले वीडियो के जारी होने पर सुशील ने कहा था कि इसके लिए लालू जी को क्षमा मांगनी चाहिए तथा उन्हें एलान करना चाहिए कि ऐसा कुछ घटित नहीं होगा।

सुशील ने कहा था कि उन्हें लगता है कि तेज प्रताप को गुस्सा इस बात का है कि उनके कारण स्वास्थ्य मंत्री का पद उन्हें खोना पडा। बडी मुश्किल से सत्ता में आए थे, सत्ता से बाहर हो गए। उसका गुस्सा मेरे बेटे की शादी में उतार रहे हैं जो बहुत ही दुखद है।

उल्लेखनीय है कि सुशील के पुत्र उत्कर्ष मोदी की शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। बिहार सरकार के दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान छेडे जाने के बीच सुशील ने अपने पुत्र की शादी बिना गाजे बाजे एवं तामझाम के सरल ढंग से रात्रि के बजाय दिन में करने तथा शादी में आने वालों को तोहफा के तौर पर कुछ भी नहीं लाने एवं अतिथियों को भोजन के स्थान पर प्रसाद वितरित किए जाने की घोषणा की है।

सुशील ने कल ट्विट कर आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद अपने बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव के आपत्तिजनक बयान पर खेद प्रकट करने के बजाय यह बता रहे हैं कि हमें क्या करना चाहिए।attacknews

गुजरात में पहले चरण के लिए मुख्यमंत्री रूपाणी,वाधाणी,गोहिल समेत 977 प्रत्याशी मैदान में Attack News 

गांधीनगर, 25 नवंबर । गुजरात में पहले चरण में नौ दिसंबर 89 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी और विपक्षी कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल और अर्जुन मोढवाडिया जैसे दिग्गजों समेत कुल 977 प्रत्याशी मैदान में रह गये हैं।

राज्य के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए एच माणेक ने आज यह जानकारी देेते हुए बताया कि कल नाम वापसी की अंतिम तिथि के बाद अब कुल 977 प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले चरण के लिए 14 से 21 नवंबर तक हुए नामांकन के अंतिम दिन तक कुल 1703 पर्चे भरे गये थे। 22 नवंबर को कुल 423 पर्चे जांच के दौरान रद्द हो गये थे।

कल नाम वापसी की अंतिम तिथि तक विभिन्न दलों के डमी उम्मीदवारों समेत 303 ने नामांकन वापस ले लिये थे। दूसरे चरण के लिए 20 से 27 नवंबर तक नामांकन तथा कुल 93 सीटों पर 14 दिसंबर को चुनाव होगा। दोनो चरणों की मतगणना एक साथ 18 दिसंबर को होगी।attacknews

क्या इंदिरा गाँधी की सीख से राहुल गांधी प्रधानमंत्री बन जाएंगे,अब वो कांग्रेस की अंतिम उम्मीद है Attack News 

नईदिल्ली 25 नवम्बर। राहुल गांधी हाशिये पर खड़ी कांग्रेस की कमान थामने की तैयारी कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वे चाहें तो अपनी दादी से सीख कर बहुत कुछ कर सकते हैं.

इंदिरा गांधी के करीब रहे एक वरिष्ठ राजनेता ने पिछले दिनों कहा कि भारत की अकेली महिला प्रधानमंत्री का जीवन असंभव को संभव करने की चाह रखने वालों के लिए एक सबक है. 

राहुल गांधी को कांग्रेस का नेतृत्व तब सौंपने की बात हो रही है जब पार्टी 1947 के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रही है.

आजाद भारत के 70 सालों में से 49 सालों तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी 2014 के चुनाव में बुरी तरह हारी और उसकी झोली में सिर्फ 44 सीटें आईं.

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी ने संसद में जीत दर्ज की. चुनाव अभियान में मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार को मां बेटे (सोनिया गांधी, राहुल गांधी) की सरकार कह कर निशाना बनाया.

नेहरू गांधी वंश कांग्रेस पार्टी के लिए एक तरह से पर्यायवाची रहा है. जवाहर लाल नेहरू से शुरू हुई इस वंश परंपरा और कांग्रेस पार्टी का जो संगम हुआ उसमें में अब राहुल गांधी का दौर आने वाला है. फिलहाल वो पार्टी के उपाध्यक्ष हैं लेकिन जल्दी ही उन्हें अध्यक्ष बना कर उनके नेतृत्व में 2019 का आम चुनाव लड़ने की तैयारी चल रही है.

यहां उन्हें नरेंद्र मोदी का सामना करना है. सोनिया गांधी उन्हें अगला नेता बनायें उसके पहले से ही राहुल के बारे में कहा जाता रहा है कि वे इस योग्य नहीं है.

राजनीतिक विश्लेषक निलांजन मुखोपाध्याय कहते हैं, “उन्हें असमय छुट्टियों पर चले जाने वाले एक अनिच्छुक नेता के रूप में देखा जाता है. इसके साथ ही वे नियमित रूप से ऐसे बयान देते रहते हैं जो उन्हें खारिज करने में जुटी बीजेपी के प्रचार तंत्र को अपनी बात उचित ठहराने का मौका देते हैं.”

हालांकि बीते कुछ महीनों से ऐसा लग रहा है कि राहुल ने इंदिरा गांधी से कुछ सबक लिये हैं.

गांधी परिवार की जीवनी लिखने वाले राशिद किदवई के मुताबिक इंदिरा गांधी का करियर यह सिखाता है कि किस तरह से विपरीत परिस्थितियों का सामना किया जाए और एक विजेता के रूप में उभरा जाए. 1959 में जब इंदिरा गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया तो उन्हें पार्टी के नेताओं ने “गूंगी गुड़िया” कहा था लेकिन 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग जीत कर उन्होंने खुद को “दुर्गा” के रूप में स्थापित कर लिया.

इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी को देश में लोकतंत्र को दबाने की कीमत 1977 के चुनाव में भारी शिकस्त से चुकानी पड़ी थी.

उस वक्त के बारे में राशिद किदवई कहते हैं, “उनके पास अचानक कोई घर नहीं था, उनके निजी सुरक्षा गार्ड हट गये, वो अब सांसद भी नहीं थी, उनका सुरक्षा घेरा हटा लिया गया, उनके गिरफ्तार होने की आशंका थी.” इंदिरा गांधी जानती थी कि सत्ता से क्या फर्क आता है उन्होंने धैर्य और दृढ़ता से अपनी राह बनायी. 1980 में उन्होंने फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली.

चुनाव में हार ने सोनिया और राहुल गांधी पर उस तरह का कोई असर नहीं डाला है. उनके घर, आर्थिक सुरक्षा और देश से बाहर जाने की आजादी पर कोई असर नहीं पड़ा है.

मुखोपाध्याय कहते हैं, “राहुल गांधी में सत्ता की भूख नहीं है.” इसके साथ ही वे कहते हैं लेकिन वे बदल रहे हैं, “शायद इसके पीछे उनकी मां का खराब स्वास्थ्य या फिर उस सहारे का मिटना रहा है.”

राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी के मामले को खूब उठाया है साथ ही बीजेपी से भारत के उदार मूल्यों के खतरों को भी.

इस साल गर्मियों में अमेरिका की यात्रा से लौटने के बाद वो आत्मविश्वास से भरे भी दिख रहे हैं. उन्होंने यह भी माना है कि “वंशवाद एक समस्या है” लेकिन इसके साथ ही वे कहते हैं, “असल सवाल यह है कि कोई शख्स वास्तव में …सक्षम और संवेदनशील है या नहीं.”

किदवई कहते हैं, कांग्रेस पार्टी बीते एक दशक में एक व्यक्तित्व के दम पर चलने वाली पार्टी बन गयी है लेकिन “वंशवाद लोगों को बहुत परेशान करता नहीं दिखता है, खासतौर से कांग्रेस पार्टी के सदस्यों और समर्थकों को.”

मोदी और बीजेपी को एक असरदार जवाब देने के साथ ही राहुल गांधी के लिए अपनी पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को संभालने की भी चुनौती होगी जो बदलाव के विरोधी लेकिन अनुभवी हैं.

मुखोपाध्याय कहते हैं, “उन्हें निश्चित रूप से अपनी दादी के दिशानिर्देशों से गुर सीखने चाहिए, जिन्होंने 1977 में हार के बाद राजनीतिक रूप से बेकार लोगों को चुन चुन कर हटाया लेकिन भरोसेमंद और नये लोगों को साथ रख कर पार्टी को दोबारा खड़ा किया.”

विश्लेषकों का यह भी कहना है कि अक्सर “पप्पू” कहे जाने वाले राहुल गांधी प्रधानमत्री में तब्दील हो सकते हैं बशर्ते कि वो अपनी दादी मां जैसी दृढ़ता दिखायें.

मुखोपाध्याय ने कहा, “उन्हें यह समझना होगा…वह कांग्रेस की आखिरी उम्मीद हैं. यह वो जिम्मेदारी है जिसे छोड़ना वे बर्दाश्त नहीं कर सकते.”attacknews

पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन,जमकर पत्थरबाजी और आंसू गैस के गोले दागे गए Attack News 

इस्लामाबाद। 25 नवम्बर  पाकिस्तान में तहरीके-ए-लब्बैक (टीएलपी) या रसूल अल्लाह नाम के इस्लामिक संगठन का 20 दिन से धरना-प्रदर्शन जारी है।

धरने को खत्म कराने के लिए शनिवार सुबह पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। प्रदर्शनकारियों से सख्ती से पेश आने पर वे भडक़ गए और पत्थरबाजी का दौर शुरू हो गया।

प्रदर्शनकारियों की तादाद ज्यादा नहीं है, लेकिन पत्थर-डंडों से छिप-छिपकर किए जा रहे हमलों ने पाकिस्तान के सुरक्षाबलों की नाक में दम कर दिया है।

इस्लामाबाद में जमकर हंगामा हुआ और प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए।

दरअसल,शनिवार सुबह पाकिस्तान सुरक्षाबलों ने फैजाबाद इंटरचेंज पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया था।

इसके बाद से बवाल खड़ा हो गया। वहीं, पाक सरकार मीडिया को लाइव कवरेज रोकने के आदेश दिए है, क्योंकि लोग इस पुलिस कार्रवाई से आक्रोशित हो सकते है और प्रदर्शन उग्र रूप ले सकता है।

हालांकि, जियो न्यूज समेत पाकिस्तान के कई न्यूज चैनलों ने प्रसारण बंद नहीं किया है। शनिवार सुबह पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साढ़े 8 हजार जवानों ने राजधानी इस्लामाबाद के फैजाबाद इंटरचेंज में धरने पर बैठे करीब 2000 प्रदर्शनकारियों को खदेडऩा शुरू किया।

इसके बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।

प्रदर्शनकारियों ने सडक़ों और बाजारों को बंद कर दिया है। यह धरना 6 नवंबर को टीएलपी नाम के छोटे से इस्लामिक संगठन ने शुरू किया था।

अब प्रदर्शनकारियों ने मुख्य हाइवे को ब्लॉक कर दिया है जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। झडप के बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है।

हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कितने लोग घायल हुए है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि चुने हुए प्रतिनिधियों के शपथ वाले नियम में इलेक्शन ऐक्ट 2017 के अधिनियम के तहत मोहम्मद साहब की सर्वोच्चता को चुनौती दी गई है।

हालांकि सरकार ने इसे एक मानवीय भूल बताया था। सरकार संसद के एक ऐक्ट के तहत इसमें सुधार कर चुकी है। पर प्रदर्शनकारी कानून मंत्री जाहिद हामिद की इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।attacknews

पाकिस्तान ने हाफिज़ सईद की रिहाई को जायज़ ठहराया Attack News 

इस्लामाबाद, 25 नवंबर । पाकिस्तान ने जमात उद दावा प्रमुख एवं मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद की रिहाई को सही ठहराते हुए दावा किया कि इस्लामाबाद आतंकियों पर यूएनएससी प्रतिबंध लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख लश्कर ए तैयबा के संस्थापक सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। उसे पाकिस्तान ने कल ही रिहा किया है।

संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उसे आतंकी घोषित कर रखा है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सईद की रिहाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद फैलाने वाले लोग और समूह जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी का दर्जा दे रखा है, उनको न्याय के कटघरे में लाने में पाकिस्तान की सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि यह प्रतिबंधित आतंकियों को मुख्यधारा में लाने का पाकिस्तान की व्यवस्था का प्रयास है। पाकिस्तान ने राज्येतर तत्वों को बचाने और बढ़ावा देने की अपनी नीति बदली नहीं है और उसका असली चेहरा अब सबके सामने आ गया है। ’’

भारत के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी के जवाब में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कल रात बयान में कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का प्रतिबंध कानून 1267 लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सिलसिले में कई कदम भी उठाए गए हैं।

फैसल ने कहा कि पाकिस्तान में अदालतें अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभा रही हैं और वह पाकिस्तान के सभी नागरिकों के लिए कानून का शासन कायम करने और उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि कानून के शासन में कानूनी प्रक्रिया को अपनाया गया, ना कि राजनीतिक फरमान या दिखावे को तवज्जो दी गयी ।

फैसल ने कहा, ‘‘यह सभी राष्ट्रों के हित में है कि इस तरह बोला और किया जाए जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून के शासन के अनुकूल हो ।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवादियों, आतंकी हिंसा और इसके खिलाफ लड़ाई में संकल्प, उसकी कार्रवाई और सफलता दुनिया भर में बेमिसाल है ।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा आतंकवाद के सभी प्रारूपों का विरोध और निंदा करता है। ’’ बहरहाल, विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन और कश्मीरी नेताओं की गिरफ्तारी पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज करना कश्मीरी सम्मान और उनके परिवारों की पवित्रता के खिलाफ है ।

विदेश कार्यालय द्वारा कल रात जारी बयान में उन्होने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के मुताबिक जम्मू कश्मीर विवाद के समाधान होने और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के मुताबिक हम मजबूती से खड़ा रहेंगे । ’’ सईद बीते 297 दिन से नजरबंद था।attacknews

सीआईए के पूर्व निदेशक ने कहा: हाफिज़ सईद के हाथ खून से सने हैं  Attack News 

वाशिंगटन, 25 नवंबर । अमेरिका के खुफिया विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने आज कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के हाथ खून से सने हुए हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है।

सीआईए के पूर्व उप निदेशक माइकल मोरेल ने ट्वीट किया, ‘‘सईद आतंकवादी है।लश्करे तैयबा के साथ काम कर चुका है, एक कश्मीरी आतंकवादी संगठन और हमलों में अलकायदा की सहायता कर चुका है।’’

सईद के नजरबंदी से रिहा होने के बाद सीआईए के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘‘उसके हाथ खून से सने हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है।’’ संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी की ओर से आंतकवादी घोषित सईद जनवरी से नजरबंदी में था लेकिन लाहौर उच्च न्यायालय के रिहा किए जाने के आदेश मिलने के बाद सईद को रिहा कर दिया गया है।

इस घटनाक्रम से चिंतित अमेरिका ने पाकिस्तान से सईद को दोबारा गिरफ्तार करने और उसके अपराधों के लिए उसके खिलाफ आरोप तय करने की मांग की है। अमेरिका ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जमात उद दावा का नेता सलाखों के पीछे हो।

वहीं आंतकवादी संगठनों पर जाने माने विशेषज्ञ क्रिस्टीन फेयर ने ट्वीट किया, ‘‘नहीं…जेयूडी इस्लामिक स्टेट से जुड़ा नहीं हैं। क्या धोखेबाजी है…..यकीनन । हाफिज सईद की रिहाई के साथ ही पाकिस्तान में जिहादियों का मुख्यधारा में राजनीतिकरण पूरा हुआ।’’ एनबीसी न्यूज का कहना है कि सईद की रिहाई से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध दोबारा बिगड़ सकते हैं।attacknews

वहीं वाशिंगटन एक्जामिनर ने अपने ओपैड में कहा कि ट्रंप प्रशासन को सईद को ‘‘पकड़ने अथवा मारने ’’ के लिए ‘‘भारत के साथ मिल कर काम करना चाहिए।’’ इसमें कहा गया, ‘‘ट्रंप को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करके उन्हें सईद को मारने अथवा पकड़ने के लिए मिल कर काम करने का प्रस्ताव पेश करना चाहिए।’’ संपादीय के अनुसार सईद की मंशा अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में नए मुस्लिम धार्मिक राजनीतिक प्रकोष्ठ की अगुआई करने की है।

शायर मुनव्वर राणा ने कहा;मौजूदा सूरत-ए-हाल जारी रहे तो भविष्य की पीढियाँ हिन्दुस्तान के इस नक्शे को न देख पाएं Attack News 

लखनऊ, 25 नवम्‍बर । मशहूर शायर मुनव्‍वर राना का कहना है कि सियासत ने उर्दू पर जितने वार किये, उतने दुनिया की किसी और जबान पर होते तो उसका वजूद खत्‍म हो गया होता। लेकिन उर्दू की अपनी ताकत है कि यह अब तक जिंदा है और मुस्‍कुराती दिखती है।

देश में ‘बढ़ती असहिष्‍णुता’ के खिलाफ दो साल पहले अपना साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार लौटाने वाले राना ने मुल्‍क के मौजूदा सूरत-ए-हाल पर रंज का इजहार करते कहा कि उनकी आखिरी ख्‍वाहिश है कि वह अपने उसी पुराने हिन्‍दुस्‍तान में आखिरी सांस लेना चाहते हैं।

रविवार को अपना 65वां जन्‍मदिन मनाने जा रहे राना ने खास बातचीत में उर्दू जबान की हालत का जिक्र करते हुए कहा, “हमने पूरी जिंदगी में उर्दू जबान को आसमान से नीचे गिरते हुए देखा है। हमने एक शेर भी कहा कि ‘हर एक आवाज अब उर्दू को फरियादी बताती है, यह पगली फिर भी अब तक खुद को शहजादी बताती है।’

उन्‍होंने कहा “सियासत ने इस पर जितने वार किये, उतने वार दुनिया की किसी और जबान पर होते तो उसका वजूद खत्‍म हो गया होता। लेकिन उर्दू की अपनी ताकत है कि यह अब तक जिंदा है और मुस्‍कुराती और खिलखिलाती हुई दिखती है।”

राना ने कहा कि सियासत में ऐसी ताकतें ही घूम-फिरकर हुकूमत में आयीं जिन्होंने मिलकर इस जबान को तबाह किया। किसी शख्‍स या किसी मिशन को इंसाफ ना देना, उसको कत्‍ल करने के बराबर है। जब आजादी के वक्‍त सारा सरकारी काम उर्दू में होता था। यहां तक कि मुल्‍क के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की शादी का कार्ड भी उर्दू में ही छपा था, आखिर ऐसा क्‍या हो गया कि उर्दू इतनी परायी हो गयी।

देश में ‘बढ़ती असहिष्‍णुता’ के विरोध में अक्‍तूबर 2015 में अपना साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार वापस करने वाले राना ने कहा कि आज तो मुल्‍क के कमजोर तबके यानि अल्‍पसंख्‍यक लोगों के साथ-साथ बहुसंख्‍यक लोग भी महसूस करने लगे हैं कि जो मौजूदा सूरतेहाल हैं, वे अगर जारी रहे तो कहीं ऐसा ना हो कि हमारी भविष्‍य की पीढ़ियां हिन्‍दुस्‍तान के इस नक्‍शे को नहीं देख पाएं।

उन्‍होंने कहा, “यह जो सियासी उथल-पुथल है, उसमें एक बुजुर्ग की हैसियत से मुझे यह खौफ लगता है कि कहीं ऐसा ना हो कि हिन्‍दुस्‍तान में जबान, तहजीब और मजहब के आधार पर कई हिन्‍दुस्‍तान बन जाएं। यह बहुत अफसोसनाक होगा। मैंने जैसा हिन्‍दुस्‍तान देखा था, आजादी के बाद पूरा का पूरा, वैसा ही हिन्‍दुस्‍तान देखते हुए मरना चाहता हूं।”

एक सवाल पर राना ने कहा कि उन्‍हें किसी भी शायर ने प्रभावित नहीं किया। इसकी वजह यह नहीं है कि वह खुद को बहुत काबिल समझते हैं। असल में उन्‍होंने जबान, अदब और तहजीब को एक खानदान की तरह देखा। आमतौर पर कह दिया जाता है कि वह मीर, दाग, इकबाल या गालिब से बहुत मुतास्सिर हैं। हकीकत में ऐसा बिल्‍कुल नहीं है जितने भी शायर या कवि हैं, उन सबको वह एक खानदान समझते हैं।

उन्‍होंने कहा “इस खानदान में छोटे-बड़े का फेर इसलिये नहीं था, क्‍योंकि जब किसी खानदान में शादी होती है तो सबको बुलाया जाता है। उसमें वह रिश्‍तेदार भी आता है, जो गवर्नर हो चुका होता है, और वह रिश्‍तेदार भी शरीक होता है, जो ट्रक चालक या रिक्‍शा चालक होता है। मैंने जबान को भी ऐसे ही समझा। मैंने बहुत मामूली लेखक की किताब को भी उतना ही दिल लगाकर पढ़ा जितना बड़े से बड़े लेखक की किताब को।”

उत्‍तर प्रदेश के रायबरेली में 26 नवम्‍बर 1952 को जन्‍में राना ने कहा कि उनकी जिंदगी पर उनके माता-पिता का खासतौर पर मां का खासा असर रहा। मेरे खानदान के पास जो भी जमींदारियां रहीं हों लेकिन मैंने अपने वालिद के हाथ में ट्रक का स्‍टीयरिंग देखा था। बेहद गरीबी के दिन भी देखे। मां को फ़ाक़ाकशी करते हुए देखा। ‘वह मुफलिसी के दिन भी गुजारे हैं मैंने जब, चूल्‍हे से खाली हाथ तवा भी उतर गया।’attacknews

कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अपहृत सेना के जवान की हत्या Attack News 

श्रीनगर, 25 नवंबर । आतंकवादियों द्वारा अपहृत टेरिटोरिअल आर्मी के 23 वर्षीय एक जवान का गोली लगा शव कश्मीर के शोपियां जिले से बरामद हुआ है।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि शव शोपियां के वतमुल्लाह कीगम के बगीचे वाले इलाके से बरामद किया गया।

उन्होंने बताया कि मृतक जवान की पहचान इरफान अहमद मीर के रूप में हुई है। वह सेजान कीगम के रहनेवाले हैं।

अधिकारी ने बताया कि मीर टेरिटॉरियल आर्मी में भर्ती थे। उनका अपहरण करके आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी। आगे की जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।

इसी बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मीर की हत्या की निंदा की है।

महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘ शोपियां में टेरिटॉरियल आर्मी के एक बहादुर जवान की भयावह हत्या की कड़ी निंदा करती हूं। इस तरह की नृशंस गतिविधि घाटी में शांति स्थापित करने के हमारे संकल्प को कमजोर नहीं करेगा।’ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस जवान की हत्या की निंदा की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘ युवा इरफान डार की हत्या काफी दुखद और निन्दनीय है। परिवार के प्रति मेरी दिली संवेदना।’attacknews