गुजरात में कांग्रेस ने जारी की 77 प्रत्याशियों की सूची,हार्दिक पटेल के भी प्रत्याशी शामिल Attack News 

अहमदाबाद 19 नवम्बर । गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है।

कांग्रेस की इस सूची में 77 उम्मीदवारों को नाम हैं। इस सूची में शक्ति सिंह गोहिल का नाम शामिल है। उन्हें मांडवी से टिकट दिया गया है। वर्तमान में वे अडालसा से विधायक हैं. अबकी बार उनकी सीट बदली गई है। अर्जुन मोढ़वाडिय़ा को पोरबंदर से उतारा गया है। वे वर्तमान मंत्री और विधायक बाबू बोखिरिया के सामने किस्मत आजमाएंगे।

मोढ़वाडिय़ा 2004-2007 तक नेता विपक्ष थे।

पाटीदार अनामत आंदोलन समिति नेता ललित वासोया को धोराजी सीट से खड़ा किया गया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को राजकोट पश्चिम में इंद्रनील राज्यगुरु चुनौती देंगे।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन (पास) और कांग्रेस के बीच रविवार शाम को आरक्षण देने के फार्मूले पर सहमति बन गई है।

गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने विधानसभा चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। attacknews

विवार शाम मीडिया से बातचीत में सोलंकी ने साफ कहा कि वो इस बार किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, सोलंकी ने ये भी कहा कि वो पार्टी से नाराज नहीं हैं।

हार्दिक पटेल की सीटों की मांग और गुटबाजी के कारण कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवारों की सूची में देरी Attack News 

अहमदाबाद, 19 नवंबर । गुजरात में पहले चरण के चुनाव के लिये पर्चा भरने के लिये भले ही दो दिन का वक्त बचा है लेकिन कांग्रेस ने अब भी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। पार्टी आरक्षण की मांग के बीच जटिल जातिगत संतुलन साधने के साथ ही आंतरिक गुटबाजी से भी जूझ रही है।

पार्टी की पहली सूची के आज रात तक आने की उम्मीद है। आज ही पीएएएस नेताओं और कांग्रेस नेताओं के बीच बैठक निर्धारित है।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने ज्यादा जानकारी दिये बगैर कहा, ‘‘हमारी सूची आज घोषित की जायेगी।’’ हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने कांग्रेस कोटे से 20 सीटों की मांग कर रही है। अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व वाले ओबीसी समूह ने 12 सीटों की मांग रखी है। यही वजह है कि कांग्रेस की सूची आने में विलंब हो रहा है। ठाकोर ने हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

इसके साथ ही पार्टी की प्रदेश इकाई में गुटबाजी और आंतरिक कलह को भी उम्मीदवारों के अंतिम चयन में हो रही देरी की वजह बताया जा रहा है।attacknews

इसके उलट सत्ताधारी भाजपा ने 182 सदस्यों वाली विधानसभा के लिये दो सूचियां जारी कर 106 उम्मीवारों के नामों का ऐलान कर दिया है।

टिकटों को लेकर हो रही बातचीत के जानकार एक कांग्रेस नेता ने आज कहा कि सीटों के आवंटन का मामला आज हल हो जायेगा।

पार्टी सूत्रों ने कहा, ‘‘पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी करने में विलंब पीएएएस और कांग्रेस के बीच सीटों की मांग को लेकर चर्चा हो रही है। पीएएएस ने 20 सीटों की मांग की है जबकि अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व वाले ओबीसी समूह ने 12 से 15 सीटों पर दावा किया है।’’

व्यंगकार सुशील सिद्धार्थ ने कहा: विचार के अभाव में लेखन की सार्थकता नहीं Attack News 

उज्जैन 19 नवम्बर| व्यंग्य में विचार महत्वपूर्ण होता है और विचार के अभाव में लेखन की सार्थकता नहीं है | व्यंग्य एक जटिल कर्म है तथा एक सुयोग्य व्यंग्यकार को घटना और अनुभव के बीच अंतर करते आना चहिये | व्यंग्यकार को अपना एक आदर्श रखना चहिये | व्यंग्यकार को कथ्य के नेपथ्य में जाकर शब्दों का संधान करना चहिये |

ये विचार प्रख्यात व्यंग्यकार और संपादक श्री सुशील सिद्धार्थ [नई दिल्ली ] ने साहित्य मंथन के तत्वावधान में व्यंग्यकार डा हरीशकुमार सिंह के व्यंग्य संग्रह पर मुख्य अतिथि के रूप में चर्चा प्रसंग में व्यक्त किये |

आयोजन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ व्यंग्यकार डा शिव शर्मा ने कहा कि मालवा की मिट्टी में कुछ ऐसा प्रताप है कि यहाँ के व्यंग्यकार शरद जोशी की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं | व्यंग्य की चार दिशाएं परसाई ,शरद ,त्यागी और श्रीलाल शुक्ल हैं और प्रत्येक व्यंग्यकार इन्ही का अनुसरण कर रहा है |

विशेष अतिथि प्रख्यात कला समीक्षक श्री अशोक वक्त ने कहा कि मालवा में व्यंग्य प्राचीन काल से ही समृद्ध रहा है और हरीश के व्यंग्य उसी परम्परा का निर्वाह कर रहे हैं |

संग्रह पर चर्चा करते हुए डा बीना चौधरी ने कहा कि इन व्यंग्यों में समाज की तमाम विसंगतियों पर हरीश ने अपनी दृष्टि डाली है और यह संग्रह श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाओं का संग्रह है |

व्यंग्यकार डा पिलकेंद्र अरोरा ने कहा कि हरीश के व्यंग्य में नवोन्मेष है तथा उनके व्यंग्य सभी दिशाओं में प्रहार करते हैं |

साहित्यकार डा शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने कहा कि व्यंग्य के लिए विसंगतियां अनंतकाल से चली आ रहीं हैं और व्यंग्य के लिए समय कभी अनुकूल नहीं रहा ऐसे में हरीश के व्यंग्य विषय के साथ न्याय करते हैं |

प्रख्यात व्यंग्यकार अश्विनीकुमार दुबे ने समकालीन व्यंग्य पर चर्चा करते हुए कहा कि व्यंग्यकार को विषय के लिए नवाचार करते रहना चाहिए जैसा इन व्यंग्य में हरीश ने किया है |attacknews

अतिथियों ने व्यंग्य संग्रह ‘ डा हरीशकुमार सिंह के चुनिंदा व्यंग्य ‘का लोकार्पण किया | दीप आलोकन और सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ चर्चा प्रसंग की शुरुआत हुई | स्वागत साहित्य मंथन के महासचिव मुकेश जोशी ,सुरेन्द्र सर्किट , राहुल भटनागर , रमेशचन्द्र शर्मा , डा क्षमा सिसोदिया , जगदीश ज्वलंत ,रतन रायकवार , मृदुल कश्यप , संजय जोशी , योगेश यादव ,अनिल कुरेल ने किया | आयोजन में शिव चौरसिया ,श्रीराम दवे , संदीप सृजन , डा अभिलाषा शर्मा , डा उर्मी शर्मा ,डा प्रतिभा शर्मा ,गड़बड़ नगर,राजेंद्र देवधरे ,मुकेश व्यास, राकेश उपाध्याय , विनोद जुआरिया  सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित रहे | सञ्चालन डा हरीशकुमार सिंह ने और आभार श्री अशोक भाटी ने व्यक्त किया |

गोवा से भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में जेम्स बांड 007 की फिल्में दिखाई जाएगी Attack News 

दिल्ली, 19 नवंबर । गोवा में कल शुरू हो रहे 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में जेम्स बांड सीरिज की फिल्में दिखायी जाएंगी। ये फिल्म काल्पनिक ब्रिटिश जासूस को समर्पित फिल्मों के एक खंड में प्रदर्शित की जाएंगी।

आईएफएफआई बांड श्रृंखला की नौ सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के साथ जेम्स बांड की 50 साल से ज्यादा पुरानी विरासत का जश्न मना रहा है। जेम्स बांड लेखक इयान फ्लेमिंग द्वारा रचित एक किरदार है जो ब्रिटिश खुफिया सेवा का एजेंट है। बांड को सीक्रेट एजेंट 007 के नाम से भी जाना जाता है।

‘बांड रेट्रोस्पेक्टिव’ खंड के तहत दिखायी जाने वाली फिल्मों में ‘डॉ नो’ (1962), ‘गोल्डफिंगर’ (1964), ‘ऑन योर मेजिस्टीज सीक्रेट सर्विसेज’ (1969), ‘द स्पाई हू लव्ड मी’ (1977), ‘ऑक्टोपसी’ (1983), ‘लाइसेंस टू किल’ (1989), ‘गोल्डन आई’ (1995), ‘द वर्ल्ड इज नॉट एनफ’ (1999) और ‘स्काईफॉल’ (2012) शामिल हैं।attacknews

आईएफएफआई द्वारा दी गयी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक महोत्सव के निदेशक सुनीत टंडन ने बांड फिल्में दिखायी जाने को लेकर कहा, ‘‘यह देश में और संभवत: दुनिया भर में किसी भी फिल्मोत्सव में इस तरह का एक पहला खंड है। हमारा मकसद इन तमाम सालों के सफर को दिखाते हुए इस बेहद लोकप्रिय फिल्म श्रृंखला का जश्न मनाना है।’’ इस दौरान एक विशेष स्क्रीनिंग में पूर्व टेनिस खिलाड़ी, अभिनेता एवं निर्माता विजय अमृतराज, अभिनेता कबीर बेदी शामिल होंगे। दोनों ‘ऑक्टोपसी’ में काम कर चुके हैं।

‘ब्लू इकोनोमी’ में भारत बनेगा आर्थिक महाशक्ति Attack News 

पणजी, 19 नवंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्री संसाधनों के जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की संभावनाएं तलाशने के आह्वान के बाद पूरे विश्व में ‘ब्लू इकोनोमी’ की चर्चा ज़ोरों पर है और सरकार ने बड़ा बजट आवंटित करके इस दिशा में ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है।attacknews

देश की बढ़ती जनसंख्या और जमीन पर कम होती संभावनाओं के बीच अब दुनिया के बाकी देशों की तरह भारत ने भी समुद्री शोध से अधिक राजस्व हासिल करने के बारे में सोचना और उस पर काम करना शुरु कर दिया है।

ब्लू इकोनोमी या समुद्री अर्थव्यवस्था का सीधा मतलब है कि समुद्र में व्याप्त खनिज पदार्थों, गैस, तेल एवं अन्य उपयोगी तत्वों का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में हो।

गोवा के डोना पाउला स्थित भारत समुद्री विज्ञान संस्थान (एनआईओ) में ‘डीप सी मिशन’ समुद्र की गहराई में तत्वों की पहचान के काम से जुड़े वैज्ञानिक डॉ. सनिल कुमार ने बताया कि देश के विभिन्न शोध संस्थानों में वैज्ञानिकों ने 1981 से ही समुद्र के गहरे तल में उपस्थित तत्वों की पहचान का काम शुरु कर दिया था। “ ब्लू इकोनोमी” पर देश में 40 वर्ष से शोध हो रहा था लेकिन तकनीक, राजस्व और संसाधनों की कमी के कारण वैज्ञानिक इस दिशा में आगे नहीं बढ़ सके ।”

समय की मांग और केंद्र सरकार के समुद्र की संपत्ति को राजस्व में बदलने की तत्परता ने समुद्री शोध को बढ़ावा दिया है। दुनिया के बाकी देशों से इतर भारत फिलहाल अपनी समुद्री सीमा के भीतर ही शोध कर रहा है। देश में 75 जलयात्राओं, समुद्र से लगभग 11000 नमूने इकठ्ठा करने और 30 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र के सर्वेक्षण के बाद 75 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र से गहरे पानी में उपस्थित तत्वों, गैस, तेल, खनिज पदार्थों, कीमती पत्थरों आदि की खोज पर काम शुरू हो चुका है जो भविष्य में आय का सबसे बड़ा स्रोत साबित होगा। खनिज पदार्थों की निकासी के लिये पहली बार समुद्र में खनन की नयी तकनीक विकसित की गयी है।

हिंद महासागर के मध्य क्षेत्र में समुद्री विज्ञान संस्थान अपने ‘डीप सी मिशन’ पर काम शुरू कर चुका है जिसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्वाधान में चलाया जा रहा है। दुनिया के कई देश अपनी सीमा के बाहर अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग में भी इस पर काम कर रहे हैं। विदेशी जल में नियंत्रण के लिये बाकायदा अंतरराष्ट्रीय समुद्री तल संघ(आईएसए) का गठन किया गया है। फिलहाल भारत अपनी सीमा में ही इसे आगे बढ़ा रहा है।

गहरे समुद्र में सर्वेक्षण का काम भले ही व्यापक स्तर पर हुआ हो , लेकिन अभी तक दुनिया के किसी देश ने गहरे पानी में खनन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। भारत दुनिया के उन आठ देशों में शामिल है , जिसे आईएसए ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा में एक लाख 50 हजार वर्ग किलोमीटर में सर्वेक्षण का विशेष अधिकार दिया है जिसमें से 75 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में भारत को खनन की अनुमति होगी। भारत जहां हिंद महासागर में काम कर रहा है वहीं फ्रांस, रूस, जापान, चीन, जर्मनी, कोरिया जैसे देश प्रशांत महासागर में समुद्र के संसाधनों को खोजने के अभियान में जुटे हैं।आईएसए में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है।

डाॅ. सनिल ने बताया कि देश में डीप सी मिशन के लिये मुख्य रूप से वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान(एनआईओ-गोवा), राष्ट्रीय समुद्र तकनीक संस्थान(चेन्नई), राष्ट्रीय धातुविज्ञान प्रयोगशाला(जमशेदपुर) और पदार्थ एवं पदार्थ तकनीक संस्थान(भुवनेश्वर) काम कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि ब्लू इकोनोमी परियोजना को मुख्य तौर पर दो भागों में बांटा गया है जिसमें गहराई में समुद्र तल से खनन और समुद्री तटवर्ती अभियान (डीप ओशन मिशन और कोस्टल मिशन) शामिल है। सरकार ने डीप सी मिशन के लिये 5000 करोड़ रूपये का बजट रखा है जिसकी समय सीमा तीन वर्ष है। डीप सी मिशन में समुद्री जैव विविधता, जीवित एवं निर्जीव पदार्थों के सर्वेक्षण, समुद्र से दवाओं की उत्पत्ति, समुद्र से भोजन प्राप्त करने पर सर्वेक्षण शामिल हैं जबकि समुद्री तटवर्ती अभियान के तहत तटों का विकास और उन्हें मॉडल तटों के रूप में विकसित करना, तटवर्ती क्षेत्रों में बदलाव, तटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण से आने वाले बदलावों के सर्वेक्षण शामिल हैं।

डीप सी मिशन के लिये काम कर रहे एनआईओए वैज्ञानिक ने कहा“ हम पिछले काफी समय से उन क्षेत्रों की पहचान का काम कर रहे हैं , जहां पर कीमती खनिज पदार्थ उपलब्ध हो सकते हैं। महाराष्ट्र के रत्नागिरी क्षेत्र, केरल तथा विशाखापत्तनम में अहम खनिजों की पहचान की गयी है।” उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक समुद्र में गहराई से खनन के लिये कंपनियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी लेकिन अब इसके भविष्य में संभावनाओं के चलते कई कंपनियां आगे आयी हैं और एक ब्लॉक को खनन के लिये लीज़ पर दिया गया है।

समुद्र तल में जिन कीमती खनिज पदार्थों की खोज की जा रही है उनमें अधिकतर ऐसे हैं जो भविष्य में धातुओं का विकल्प होंगे। इसमें प्लेटिनम, मैग्नाइट, जिरकोन, रूताइल, इल्मेनाइट, गार्नेट, कोर्नेंडम, कोबाल्ट, निकिल, कॉपर आदि शामिल हैं। रत्नागिरी में इल्मेनाइट, केरल के समुद्र में मोनाजाइट और जिरकॉन और विशाखापत्तनम में गार्नेट की प्रचुर मात्रा के भंडारों की पहचान की गयी है।

संयुक्त राष्ट्र की मछलीपालन और समुद्री जीवन पर 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 10-12 फीसदी जनसंख्या को समुद्र रोजगार दिला सकता है जिसमें 90 फीसदी नौकरियां विकासशील देशों में छोटे मछलीपालकों के लिये पैदा की जा सकती हैं।

गोवा में स्थित राष्ट्रीय समुद्र संस्थान में इस दिशा में सबसे अधिक काम किया गया है और राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की मानें तो देश में समुद्री अर्थव्यवस्था की संभावनाएं कमाल की हैं। उनका कहना है “ भारत में समुद्र से हम बहुत राजस्व हासिल कर सकते हैं और यदि हमने अपने सागर में मौजूद कीमती पत्थरों और खनिजों को खोज लिया तो भारत दुनिया का सबसे अमीर देश होगा।”

केंद्रीय विज्ञान एवं अनुसंधान मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने ब्लू इकोनोमी के सवाल पर कहा ,“ हम ब्लू इकोनोमी को विकसित करने के लिये काम कर रहे हैं। समुद्र में अपार संभावनाएं हैं जिनमें समुद्री ऊर्जा, मछली उत्पादन, खनिज पदार्थों के खनन के अलावा समुद्री जल को पीने योग्य बनाने और कोस्टल मिशन के तहत तटों को विकसित करने पर एनआईओ जैसी संस्था काम कर रही है।” उन्होंने बजट को लेकर कहा“ यह एक बडे स्तर की योजना है और जो भी काम होगा उसके लिये सरकार धन उपलब्ध करायेगी। विदेशी जल में खनन की अनुमति के लिये संबंधित एजेंसियां काम कर रही हैं और भारत भविष्य में विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर होगा।”

वैज्ञानिकों का यह प्रयोग अभी शोध स्तर पर ही पहुंचा है और जमीनी स्तर पर इसके हकीकत बनने में समय लगेगा। वहीं सवाल यह भी है कि आखिरकार जमीन पर खनन से हो रही तबाही समुद्र के भीतर कितना नुकसान पहुंचायेगी। इस बारे में पूछने पर एनआईओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक राहुल शर्मा ने कहा , “ खनन करने से जमीन पर नुकसान होता है लेकिन समुद्र में खनन की प्रक्रिया बिल्कुल अलग होगी जहां पर खुदाई के बजाय तल में फैले खनिजों को एकत्र किया जाएगा। समुद्र के जीव-जन्तुओं पर खनन का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा , लेकिन उसके कुछ प्रतिशत प्रभाव से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।”

ग्लोबल वार्मिंग, समुद्र के बढ़ते जल स्तर और उसके तापमान के बढ़ने को लेकर जहां दुनियाभर में एक ओर चिंता है तथा इसके लिये निरंतर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिये विकसित और भारत जैसे विकासशील देशों पर दबाव बढ़ रहा है उस स्थिति में समुद्र को राजस्व का स्त्रोत भविष्य में नयी परेशानियां खड़ी कर सकता है जिसके समाधान के उपायों पर भी अभी से विचार करना होगा।

आधार के बिना भी 31 दिसम्बर तक मिलेगा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन Attack News 

नयी दिल्ली, 19 नवंबर । आधार अथवा बॉयोमेट्रिक कार्ड नहीं होने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राशन नहीं मिलने की खबरों पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसम्बर तक आधार लिंक नहीं होने के बावजूद लाभार्थियों को इसका लाभ मिलता रहेगा।

खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को इस बारे में एक आदेश जारी कर कहा कि पीडीएस के वितरण में आधार से जुड़ी शिकायतों को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है।attacknews

आदेश में कहा गया है कि आधार लिंक को बढावा दिए जाने की जरूरत है लेकिन खाद्य सुरक्षा के तहत ऐसे लोगों को राशन देने से वंचित नहीं रखा जा सकता।

फिल्म पद्मावती की रिलीज टली,नई तारीख़ की घोषणा जल्द Attack News 

नयी दिल्ली,19 नवंबर । चित्तौड़ के सिसौदिया शासकों की महारानी के चरित्र पर केन्द्रित संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज़ की तारीख टल गयी है और इसकी नयी तारीख का ऐलान जल्द किया जाएगा।

फिल्म में रानी पद्मावती को अलाउद्दीन खिलजी के सामने घूमर नृत्य करते दिखाये जाने को लेकर देश भर में राजपूत समाज में विरोध की ज्वाला भड़क गयी है और उनके साथ ही कई अन्य परंपरावादी लोग इससे नाराज़ हैं।attacknews

फिल्म के निर्माता वायाकॉम 18 ने आज जारी एक बयान में इस आशय की घोषणा करते हुए कहा कि फिल्म की रिलीज़ की नयी तारीख का जल्द ऐलान किया जाएगा।

सेना के कोर कमांडर ने कहा:आतंकवादी हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे Attack News 

श्रीनगर. 19 नवंबर । चिनार कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू ने स्थानीय आतंकवादियों से पाकिस्तान की ओर से छद्म युद्ध में भाग लेकर हिंसा का रास्ता अपनाने के बजाए इसे छोड़ कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है।

लेफ्टिनेंट जनरल संधू की स्थानीय आतंकवादियों से की गई इस अपील का समर्थन वहां मौजूद पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (अभियान) जुल्फिकार हुसैन ने भी किया।attacknews

15 कोर के मुख्यालय बदामीबाग में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अधिकारियों ने आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त स्थानीय लाेगाें से इस आशय की अपील की गई।

सोनिया ने कहा:इंदिरा गाँधी ने देश को एकजुट किया और धर्म निरपेक्षता के लिए लड़ी Attack News 

नयी दिल्ली, 19 नवंबर । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भारत की ‘महान बेटी’ थीं जिन्होंने देश को एकजुट किया तथा उन ताकतों के खिलाफ लड़ीं जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे थे।

इंदिरा की 100वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर सोनिया ने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि इंदिरा जी को आयरन लेडी कहा जाता है। लेकिन मैं उनके बारे में यह कहूंगी कि उनमें उदारता और मानवता थी। वह लड़ीं, लेकिन अपने निजी हित के लिए नहीं लड़ीं। वह अपने सिद्धांत के लिए लड़ीं। उन्होंने गरीबों और शोषितों के लिए लड़ाई लड़ी और उनकी आवाज को एकसाथ जोड़ने का काम किया। देश को एकजुट किया।’’

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में सोनिया ने कहा, ‘‘इंदिरा जी धर्मनिरपेक्षता के लिए लड़ीं। उनकी लड़ाई उन ताकतों के खिलाफ थी जो भारत के लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने भारत की विविधता तथा मजबूत लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को आगे बढ़ाया।’’

पूर्व प्रधानमंत्री की विदेश नीति और सुरक्षा नीति की तारीफ करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वह एक संप्रभु देश के तौर पर भारत के हितों के लिए और महाशक्तियों के वर्चस्व के खिलाफ लड़ीं। बांग्लादेश की स्थापना उनके इसी रुख का प्रतीक है। वह भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नयी ऊंचाइयों पर ले गईं।’’attacknews

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनको बहुत करीब से देखा है। वह हमेशा देश के बारे में सोचती थीं। हम सब आज इस महान देश की महान बेटी को याद करने के लिए एकत्र हुए हैं।’’

चिदंबरम ने कहा:भ्रष्टाचार ने हमारी सरकार को डुबोया,अब मोदी सरकार पर भी लग सकते है भ्रष्टाचार के आरोप Attack News 

मुंबई, 19 नवंबर । कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आगाह किया है कि भ्रष्टाचार के जिन आरोपों ने संप्रग – 2 को डुबोया, वैसे ही आरोप अपने कार्यकाल के समापन की ओर बढ़ रही नरेंद्र मोदी सरकार पर भी लग सकते हैं।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग – 2 सरकार पर उसके कार्यकाल के अंतिम दौर में भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके थे।

उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल की समाप्ति ( वर्ष 2019 में ) पर यही ‘‘धब्बा’’ भाजपा सरकार पर भी लग सकता है, हालांकि वह नहीं चाहते कि ऐसा हो।

चिदंबरम ने कल यहां ‘‘टाटा लिटरेचर लाइव’’ महोत्सव में एक परिचर्चा में कहा ‘‘अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पिछली सरकार संप्रग की थी। वह संप्रग का दूसरा कार्यकाल था और उस पर धब्बा लगा। किसी भी सरकार का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने तक इंतजार करें, उस पर भी पिछली सरकार की तरह ही धब्बा लगेगा।’’attacknews

संप्रग सरकार में मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा ‘‘मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो, लेकिन ऐसा होगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘संप्रग सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों में उस पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। लेकिन जब तक किसी को दोषी नहीं ठहराया जाता और सजा नहीं दी जाती, तब तक मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि वह दोषी है।’’ चिदंबरम ने कहा कि जब तक सामने वाला बेकसूर साबित नहीं हो जाता तब तक उसे दोषी समझा जाता है ‘‘और मेरे विचार से यह गलत है क्योंकि इससे देश में कानून का शासन प्रभावित होगा।’’ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भ्रष्टाचार का मुख्य कारण लालच है जो चुनाव के लिए धन की जरूरत से जुड़ा है। उन्होंने कहा ‘‘राजनीतिक व्यक्ति या राजनीतिक दल के मामले में , चुनाव के लिए पैसा जरूरी है जो उस राह पर भेजता है जिसे आप भ्रष्टाचार कहते हैं। जब तक आप चुनाव के लिए धन के रास्ते नहीं खोज लेते तब तक आप भ्रष्टाचार को कम नहीं कर पाएंगे।’’

राहुल गांधी की इच्छा है कि,वह निर्वाचित होकर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने Attack News 

नयी दिल्ली, 19 नवंबर । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपे जाने के मामले में कांग्रेस में किसी भी स्तर पर कोई ‘​​झिझक’ होने की बात से साफ इंकार करते हुए पार्टी नेता अजय माकन ने कहा है कि इस काम को 31 ​दिसंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर कर लिया जाएगा।

राहुल गांधी द्वारा दीपावली के बाद पार्टी की कमान संभाल लेने की कांग्रेस के कुछ नेताओं ने संभावना जतायी थी। ले​​किन अभी तक ऐसा नहीं हो पाने और पार्टी में इसे लेकर किसी तरह की ​झिझक होने के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष माकन ने बताया, ‘ अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पार्टी के पास 31 दिसंबर का समय है। हम उससे पहले ही इसे पूरा कर लेंगे।’

उन्होंने इस बात से इंकार किया कि पार्टी में किसी स्तर पर राहुल को अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर ‘‘झिझक’’ है। उन्होंने कहा,‘‘यह तो पार्टी को तय करना है। इसमें झिझक की क्या बात है? झिझक की बात तो तब होती जब कोई विवाद हो, जब कोई मतभेद हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के किसी भी अधिकृत प्रवक्ता के रूप में आपने किसी के मुंह से यह नहीं सुना होगा कि राहुल गांधी इस माह में अध्यक्ष बन जायेंगे। राहुलजी की भी यह इच्छा है कि वह निर्वाचित होकर अध्यक्ष बनें। 31 दिसंबर हमारी समयसीमा है। वह कब अध्यक्ष बनेंगे यह कांग्रेस की कार्य समिति और अन्य नेता तय करेंगे। यह कभी भी हो सकता है।’’

उल्लेखनीय है ​कि गत माह के प्रारंभ में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष स​चिन पायलट ने साक्षात्कार में कहा था ​​कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल पार्टी नेतृत्व की कमान संभालें। वैसे राहुल भी ​गत सितंबर माह में अपनी अमेरिका यात्रा में यह कह चुके हैं कि वह पार्टी का उत्तरदायित्व संभालने को तैयार हैं। पायलट ने कहा था कि राहुल दिवाली के बाद पार्टी की कमान संभाल सकते है ।

गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल के विभिन्न मंदिरों में जाने के कारण पार्टी पर ‘साफ्ट हिन्दुत्व’ की राह पर चलने के सुझावों के बारे में पूछे जाने पर, माकन ने कहा, ‘‘यह कहना बिल्कुल गलत है। यह तो नहीं हो सकता कि किसी पार्टी को, किसी धर्म या किसी जात की ठेकेदारी मिल गयी हो। भगवान राम की पूजा क्या केवल भाजपा वाले कर सकते हैं? राम की पूजा क्या कांग्रेस वाले नहीं कर सकते?’’ माकन ने एक प्रश्न के जवाब में स्वीकार किया कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव टलने का एक कारण गुजरात चुनाव हो सकता है क्योंकि अधिकतर पार्टी नेता राज्य के चुनाव अभियान में व्यस्त हैं। ऐसे में यदि अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो तो अभियान प्रभावित होगा।

कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग के मामले में भाजपा से पीछे रहने या उसकी नकल करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना बिल्कुल गलत है कि सोशल मीडिया के उपयोग के मामले में हम भाजपा की नकल कर रहे हैं। दुनिया भर में जो विपक्ष में होता है उसे सोशल मीडिया में स्वत: ही ज्यादा जगह मिलती है। तो हम जब विपक्ष में हैं तो हमें ज्यादा जगह मिल रही है। भाजपा विपक्ष में थी तो उसे ज्यादा जगह मिलती थी।’’attacknews

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस हमेशा अपने में बदलाव करती रही है। चाहे वह सोशल मी​डिया के प्रयोग की बात हो या नये चेहरों को मौका देने की बात हो। उन्होंने कहा ​कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में जितने नये चेहरों को मौका दिया गया उतना वर्तमान भाजपा नीत सरकार में नहीं दिया जा रहा।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री माकन ने कहा, ‘कांग्रेस चल ही इसलिए रही है क्योंकि वह नये चेहरों को सबसे ज्यादा मौके देती है।’

लेबनान में राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री साद हरीरी ने वापस लौटने की घोषणा की Attack News 

पेरिस, 19 नवंबर । लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी ने कहा है कि वह बुधवार को देश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लेबनान लौटेंगे और अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। हरीरी ने सऊदी अरब में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषण करके लोगों को हैरत में ड़ाल दिया था और इसके साथ ही देश में राजनीतिक संकट गहरा गया था।

इस संकट को खत्म करने की कोशिश में लगे फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से कल पेरिस में बातचीत के बाद हरीरी ने कहा कि वह अपनी स्थिति के जानकारी बेरूत लौटने के बाद देंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘ जैसा कि आप जानते हैं कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और इस बारे में हम लेबनान में चर्चा करेंगे।

उनका कहना था कि अगला कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें लेबनान के राष्ट्रपति मिचेल आउन से मिलने की जरूरत है।

सऊदी अरब में चार नवंबर को उनके द्वारा अचानक इस्तीफे की घोषणा के बाद दो सप्ताह से लेबनान में इसको लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।

हरीरी के लेबनान वापस लौटने में विफल रहने के बाद ऐसी अफवाह थी कि रियाद में उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध रखा जा रहा था। हालांकि सऊदी अरब के अधिकारियों और हरीरी ने खुद इसका खंडन किया था।attacknews

पेरिस जाने से पहले उन्होंने ट्विटर पोस्ट में कहा था, ‘ यह कहा जाना कि सऊदी अरब में मुझे हिरासत में रखा गया था और मुझे वहां से जाने नहीं दिया जा रहा था, यह झूठ है।’ प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया, ‘ हरीरी की पत्नी और उनके बड़े बेटे हुसम मैक्रों के साथ लंच करने के दौरान प्रधानमंत्री के साथ एलीसी पैलेस में मौजूद थे लेकिन उनके दोनों छोटे बच्चे ‘अपनी परीक्षा की वजह से’ सऊदी अरब में ही हैं।’ हरीरी के साथ हुए बैठक के बाद मैक्रों के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति लेबनान की स्थिरता के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। एलिसी पैलेस ने कहा, ‘ हम क्षेत्र में तनाव कम करने में मदद कर रहे हैं।’ हालांकि पैलेस ने यह नहीं बताया है कि हरीरी ने मैक्रों से अपने इस्तीफे की पुष्टि की है या नहीं।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने अमेरिकी और मिस्र के अपने समकक्षों डोनाल्ड ट्रंप और अब्देल फतेह अल-सीसी सहित सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से टेलिफोन पर चर्चा की।

अंतर्राष्ट्रीय अदालत के चुनाव में भारत को रोकने के लिए ब्रिटेन घटिया राजनीति पर उतारू Attack News 

संयुक्त राष्ट्र, 19 नवंबर । ब्रिटेन,अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में एक सीट पर चुनाव में भारत के उम्मीदवार दलवीर भंडारी को रोकने के लिए ‘‘घटिया राजनीति’’ पर उतर आया है। वह मतदान की प्रक्रिया को खत्म करने के लिए ज्वाइंट कांफ्रेंस मेकैनिज्म पर जोर देकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी स्थायी सदस्यता का ‘‘गलत इस्तेमाल’’ कर रहा है।

भंडारी चुनावी दौड़ में आगे चल रहे हैं। आईसीजे की एक सीट के लिए भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच चुनाव बेनतीजा रहने के बाद गतिरोध पैदा हो गया है।

राजनयिक सूत्रों ने बताया कि ब्रिटेन सुरक्षा परिषद में ज्वाइंट कांफ्रेंस मेकैनिज्म पर जोर दे रहा है जिसका इस्तेमाल आखिरी बार करीब 96 साल पहले किया गया था और इसके खिलाफ स्पष्ट कानूनी राय है।

भारत के पूर्व औपनिवेशिक शासन द्वारा खेली जा रही ‘‘घटिया राजनीति’’ से सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों के बीच ‘‘असहजता’’ पैदा हो गई है। इनमें से कई इस बात के दीर्घकालिक प्रभावों को जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में बहुमत को नजरअंदाज करने का क्या नतीजा होगा।

पूर्व में महासभा में बहुमत पाने वाले उम्मीदवार को ही हेग स्थित आईसीजे में न्यायाधीश चुना जाता है।

भंडारी के पास 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सदस्यों में से करीब दो तिहाई का समर्थन प्राप्त है। ग्रीनवुड महासभा में 50 से अधिक वोटों से पीछे हैं। हालांकि सुरक्षा परिषद में उन्हें भंडारी के पांच वोटों के मुकाबले नौ वोट मिले।

आईसीजे का चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को महासभा और सुरक्षा परिषद में बहुमत हासिल करने की जरुरत होती है लेकिन अभी तक 11 चरणों के मतदान में किसी को भी बहुमत नहीं मिला।

ब्रिटेन अपने पक्ष में बहुमत ना होने को भांपते हुए 14 सदस्यों के साथ अनौपचारिक बातचीत के लिए सुरक्षा परिषद गया।

ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिटेन ने प्रस्ताव रखा कि सुरक्षा परिषद में कल पहले चरण के चुनाव के बाद मतदान रोक दिया जाए और उसके बाद ज्वाइंट कांफ्रेंस मेकैनिज्म हो। ऐसा समझा जा रहा है कि सुरक्षा परिषद के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया। ब्रिटेन को मतदान रोकने के लिए नौ वोटों की जरुरत है।

इस विकल्प का वर्ष 1921 में संयुक्त राष्ट्र के गठन से पहले केवल एक बार इस्तेमाल किया गया था तब परमानेंट कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल जस्टिस में डिप्टी जजों का चुनाव किया गया था।attacknews

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ज्वाइंट कांफ्रेंस मेकैनिज्म का कड़ा विरोध किया।

उन्होंने 160 से अधिक देशों के राजनयिकों से कहा, ‘‘आप राजनयिक हैं, आप गंभीर लोग हैं। कूटनीति समाधान है। मतदान के तरीके से राजनयिक अपने मतभेद सुलझाते हैं ना कि गुजरे जमाने के पेचीदा तरीके से।’’

POK में आतंकवादियों के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक्स’ सफल,गर्व से भर उठा मन Attack News  

पणजी, 19 नवंबर । गोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारतीय सेना के विशेष कमांडो दलों द्वारा किए गए ‘सर्जिकल स्ट्राइक्स’ की सफलता की खबर सुनकर उनका मन गर्व से भर उठा था।

पर्रिकर ने हाल में दोना पावला स्थित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान में ‘हिन्द महासागर : आर्थिक एवं भू-रणनीतिक महत्व’ पर आयोजित एक कार्यशाला से इतर बातचीत में यह बात कही।

यह पूछे जाने पर कि जब उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना के ‘सर्जिकल स्ट्राइक्स’ के सफल होने की खबर मिली तो रक्षामंत्री के रूप में उनके मन में सबसे पहले क्या बात आई, उन्होंने कहा, ‘‘गर्व’’।

उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता की खबर से मन गर्व से भर उठा था। यह एक बड़ा क्षण था और यह सभी के लिए गौरव की बात है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने 28 और 29 सितंबर 2016 की दरम्यानी रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लांच पैड पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक्स’ किए थे जिनमें कई आतंकवादी मारे गए थे और आतंकी शिविरों को भारी नुकसान पहुंचा था।

उस समय पर्रिकर ही रक्षामंत्री थे।

सजिर्कल स्ट्राइक्स को जम्मू कश्मीर के उरी में 19 सैनिकों की जान लेने वाले आतंकी हमले के 10 दिन बाद अंजाम दिया गया था।attacknews

आईआईटी स्नातक होने के बावजूद संयोग से राजनीति में आए पर्रिकर से पूछा गया कि पहले मुख्यमंत्री, फिर रक्षामंत्री और फिर मुख्यमंत्री, उन्हें यह अनुभव कैसा लगता है? इस पर उन्होंने कहा, ‘‘रक्षामंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी थी, मुख्यमंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी है, दोनों जिम्मेदारी अलग-अलग हैं और वह समाज का रिण चुका रहे हैं।’’

इससे पहले उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि उनका पारिवारिक नाम ‘प्रभु’ है। उनका पूरा नाम मनोहर ‘प्रभु’ पर्रिकर है और इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

पर्रिकर 2000 से 2005 तक और 2012 से 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2014 में उन्हें रक्षामंत्री बनाया गया था। इस साल 14 मार्च को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में फिर गोवा भेज दिया गया।

देशभर के मानव तस्करी के मामलों की जांच एनआईए को Attack News 

नयी दिल्ली, 19 नवंबर । आतंकवाद निरोधक एजेंसी एनआईए को मानव तस्करी के मामलों की जांच का अधिकार दिया जा सकता है। इस संबंध में गृह मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सहित विभिन्न हितधारकों के बीच करीब साल भर से विचार विमर्श चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी पिछले साल प्रस्तावित मानव तस्करी विरोधी कानून के तहत दी जाएगी।attacknews

इस कदम के लिए आतंकवाद निरोधक एजेंसी को जन्म देने वाले कानून – राष्ट्रीय जांच अधिनियम, 2008 – में संशोधन करने की भी जरूरत होगी।

सूत्रों ने बताया कि मानव तस्करी मसौदा (निरोध, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक, 2016 ने ‘‘मानव तस्करी के मामलों को लेकर निरोध, जांच तथा पीड़ितों की सुरक्षा’’ के लिए मानव तस्करी से संबंधित राष्ट्रीय ब्यूरो गठित करने का प्रस्ताव दिया था।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय चाहता है कि एनआईए मानव तस्करी के मामलों की जांच करे और हम उस पर सहमत हो गए। गृह मंत्रालय ने मसौदा विधेयक के लिए अपनी मंजूरी भी दे दी। प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद, मंत्रिमंडल का एक नोट जारी किया जाएगा।’’ एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि ‘‘एनआईए का एक प्रकोष्ठ’’ मानव तस्करी के मामलों की जांच कर सकता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद मसौदा विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। एनजीओ ‘शक्ति वाहिनी’ के प्रमुख रवि कांत ने कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस एजेंसियों के अंतर राज्यीय या सीमा पार अपराधों की जांच करने में सक्षम ना होने के कारण मानव तस्करों को छूट मिली हुई है। हमें एक नोडल एजेंसी चाहिए क्योंकि तस्करी के 80 से 90 प्रतिशत मामले एक से दूसरे राज्यों में फैले हैं।’’