साइबेरियन पक्षियों के कलरव से संगम तट हुआ गुलज़ार Attack News 

इलाहाबाद, 30 नवम्बर । गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा पर सात समंदर पार से यहां पहुंचे ‘साइबेरियन पक्षियों’ के कलरव और अठखेलियाें से संगम तट अब गुलजार हाे गया है।

संगम तट पर लगने वाले माघ मेले से पहले गुलाबी ठण्ड शुरू होते ही साइबेरियन पक्षी यहां क्रीडा करते हुए बिताते हैं और फरवरी में अपने अपने गंतब्य की ओर उड़ जाते है। साइबेरिया से अपना आशियाना छोड़कर हजारों किलोमीटर की यात्रा कर ये पक्षी भारत में अक्टूबर महीने से दस्तक देना शुरू कर देते हैं।

साइबेरिया से अफगानिस्तान, मध्य एशिया होते हुए ये पक्षी भरतपुर बर्ड सेंचुरी पहुंचते हैं। ये पक्षी भरतपुर के बाद संगम तट इलाहाबाद, नारायनपुर कालन, देहराऊ और सिरसी पहुंचने से पहले कई जगहों पर अपना डेरा जमाते हैं। यह फरवरी के अन्त या मार्च तक यहां रहते हैं। साइबेरिया में इस दौरान कड़ाके की सर्दी और हिमपात के कारण इनके लिए आहार की समस्या पैदा हाे जाती है। इसलिए ये भारत की तरफ अपना रूख कर देते हैं। ऋतु बदलते ही ये पक्षी अपने मूल ठौर साइबेरिया वापस लौटना शुरू कर देते हैं।

हर साल संगम में आने वाले इन विदेशी मेहमानों का जहां पर्यटकों को बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है, वहीं इन विदेशी मेहमानों को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए अवैध शिकार पर भी पाबंदी लगाई गई है। इसके साथ ही प्रशासन और वन विभाग भी संगम तट पर विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहता है।

हजारों की संख्या में इन परिंदों के कलरव से घाट गुलजार हो गए हैं। संगम पहुंचने वाले सैलानियों के लिए यह मेहमान आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। साइबेरियन पक्षियों के समूह के संगम तट पर पहुंचने से यहां के वातावरण में और भी निखर आया है। संगम में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही देशी-विदेशी पर्यटक भी इन विदेशी मेहमानों के कलरव का शाम तक आनंद लेते हैं।

संगम तट पर पहुंचने वाले साइबेरियन पक्षियों को श्रद्धालु और पर्यटक नौका विहार करते समय अपने अपने कैमरे में कैद करना नहीं भूलते। इन्हें पर्यटकों से जरा भी डर नहीं लगता। कई बार तो यह दाना चुगाने वालों के साथ नौका पर ही सवार हो जाते हैं।

यूक्रेन की डिमिट्री डामिलोव, जर्मनी की जाहिरा वाकर, मॉस्को की टुप्लिन सगेई ने बताया कि पक्षियों के कलरव और अठखेलियों से प्रभावित होकर उन्होंने नौका विहार किया और उन्हें नजदीक से देखा। उन्होंने इसे “स्ट्रेन्ज और अनफारगेटबल मूमेंट” (अद्भुत और न भूलने वाला पल बताया)। उन्होंने नाव पर सवार होकर बेसन से बनी नमकीन और लाई को गंगा में जैसे ही गिराया तो कलरव के साथ सैकडाें पक्षियों ने गंगा में गिराये गये सेव को चुगने के लिये घेरा बना लिया। जैसे जैसे सेव और लाई बहती जा रही थी पक्षी भी उसी के साथ आगे तैरते जा रहे थे।

ये विदेशी बनारस में संस्कृत सीख रहे हैं। संस्कृत सीखने के दौरान तीनों मित्र बन गये। यह यहां घूमने के लिए आये थे। डामिलोव का कहना है कि वह कई जगह संस्कृत सीखने गई, लेकिन वह ज्ञान नहीं मिल पाया, जो उन्हें बनारस में मिल रहा है। टुप्लिन सगेई ने बताया कि बौद्ध धर्म भारत से विश्व में फैला है। बौद्ध दर्शन को गहराई से समझने के लिए भारतीय दर्शन को जानना जरूरी है। वहीं जाहिरा वाकर भारतीय दर्शनशास्त्र का अध्ययन करने के लिए संस्कृत सीख रही हैं।

नाव चलाने वाले दीपक मांझी ने बताया कि साइबेरियन पक्षी को देखने के लिए दूर-दराज से लोग यहां आते हैं। वे नाव पर बैठकर नदी की सैर करते हैं और पक्षियों को चारा भी खिलाते हैं। इस लिहाज से ठंड के महीनों में उनके साथ-साथ घाट पर दाना बेचने वाले, चाय-पान की दुकान लगाने वालों की भी अच्छी-खासी कमाई होती है।

दीपक ने बताया कि इन पक्षियों के आने से घाट गुलजार हो गये हैं। यहां सुबह से लेकर शाम तक सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। शाम ढलते-ढलते यहां का नजारा और भी रमणीय हो जाता है। घाट पर लाई और बेसन के सेव बेचने वाली 18 वर्षीय कविता कहती है कि दिन भर में उसे कम से कम 100 से 150 रूपये मिल जाते हैं जबकि इससे पहले 50 रूपये का सामान बेचना मुश्किल हो जाता था। कई बार तो विदेशी पर्यटकों के समूह आने पर उसे 500 रूपये तक की कमाई हो जाती है।

साइबेरियन पक्षियों के डेरा डालने से संगम तट पर बराबर भीड़ बनी रहती है जिससे अब यहां कई चाय और पान की दुकानें खुल गयी हैं। बनवारी चाय वाले का कहना है कि वह एक चाय पांच रूपये में बेचता है। दिन भर में आसानी से 100 चाय बिक जाती है। परिवार का भरण पोषण अच्छा चल रहा है।attacknews.in

भंसाली ने कहा;मेरी फिल्म पद्मावती जायसी के महाकाव्य पद्मावत पर आधारित हैं Attack News 

नई दिल्ली, 30 नवंबर : विवादों में घिरी फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्देशक संजयलीला भंसाली ने गुरुवार को संसदीय समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखा। भंसाली ने फिल्म पर उठे विवादों को अफवाहों पर आधारित बताया। रिलीज होने से पहले फिल्म में 16वीं सदी की राजपूत रानी के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोपों को फिल्म के निर्देशक भंसाली ने सिरे से खारिज कर दिया।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सदस्यों ने दो घंटे से ज्यादा समय तक भंसाली से फिल्म के संबंध में सवाल किए। भंसाली केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी के साथ संसद भवन में समिति के सामने प्रस्तुत हुए थे।

भंसाली ने भारतीय सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ का संदर्भ बताते हुए कहा, “फिल्म को लेकर सारा विवाद अफवाहों पर आधारित है। मैंने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं किया है। फिल्म मलिक मुहम्मद जायसी के काव्य पर आधारित है।”

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यी संसदीय समिति से भंसाली ने कहा, “हमारा मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं है।” समिति की बैठक में कांग्रेस सांसद राज बब्बर और भाजपा के वरिष्ठ नेता एल. के. आडवाणी भी शामिल थे।

ठाकुर ने एक बयान में कहा कि उन्होंने ‘पद्मावती’ को लेकर कुछ सवाल किए और उन सवालों पर ध्यान देने को कहा गया।

फिल्म के निर्देशक को फिल्म और उसको लेकर हुए विवाद के बारे में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब समिति के पास 14 दिसंबर तक दाखिल करने को कहा गया है।

ठाकुर ने फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को जान से मारने की धमकी के संदर्भ में कहा कि मीडिया ने भी दर्शकों में भावना भड़काने में भूमिका निभाई है।

समिति में शामिल सदस्यों में कांग्रेस के सी. पी. जोशी, भाजपा के ओ. एम. बिड़ला और शिवसेना के राजन विचारे ने फिल्म के बारे में आपत्ति जाहिर की।attacknews.in

श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भस्मार्ती, पूजा-पाठ कैसे हो,सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में नहीं दिये हैं कोई आदेश Attack News 

नई दिल्ली 30 नवम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति को तुरंत वो नोटिस बोर्ड हटाने को कहा, जिसमें लिखा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूजा के नियम बनाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि ये आदेश कभी नहीं दिया कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे किए जाएं और ना ही ये कहा कि भस्म आरती कैसे हो.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट को मंदिर और पूजा के रीति रिवाजों से कोई लेना देना नहीं है. कोर्ट ने ये मामला सिर्फ शिवलिंग की सुरक्षा के लिए सुना और एक्सपर्ट कमेटी बनाई. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर प्रबंधन समिति ने ये प्रस्ताव पेश किए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में मीडिया गलत रिपोर्टिंग करता है या पक्षकार मीडिया में गलत बयानी करता है तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन से नाराजगी जताई थी और कहा इस मसले पर हमने कोई आदेश नहीं दिया तो इस तरह से प्रोजेक्ट क्यों किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है.

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन से पूछा क्या ऐसा कोई बोर्ड मंदिर में लगा है जहां ये लिखा हुआ है कि मंदिर में पूजा के नए नियम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किये गए है.

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को कहा कि बोर्ड की तस्वीर खींच कर तुरंत कोर्ट को दे कि उसमें क्या लिखा है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा है तो हम जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलाएंगे. कोर्ट ने नोटिस देखने के बाद ये आदेश जारी किए.

आपको बता दें कि 27 अक्तूबर को उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग का मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंदिर प्रशासन ने 8 प्रस्तावों दाखिल किए थे.

श्रद्धालु 500 मिली लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ाएंगे.

जल सिर्फ आरओ का होगा.

भस्म आरती के दौरान शिवलिंग को सूखे सूती कपड़े से पूरा ढका जाएगा. अभी तक 15 दिनों के लिए आधा ढका जाता था.

अभिषेक के लिए हर श्रद्धालु को 1.25 दूध या पंचामृत चढ़ाने की इजाजत होगी.

शिवलिंग पर शुगर पाउडर लगाने की इजातत नहीं होगी बल्कि खांडसारी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा.

नमी से बचाने के लिए ड्रायर व पंखे लगाए जाएंगे और बेल पत्र व फूल पत्ती शिवलिंग के ऊपरी भाग में चढेंगे ताकि शिवलिंग के पत्थर को प्राकृतिक सांस लेने में कोई दिक्कत ना हो.

शाम पांच बजे के बाद अभिषेक पूरा होने के बाद शिवलिंग की पूरी सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी

अभी तक सीवर के लिए चल रही तकनीक चलती रहेगी क्योंकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के बनने में एक साल लगेगा

सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई, जियोलाजिकल और याचिकाकर्ता को आपत्ति या सुझाव देने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया था.attacknews.in

अमेरिका अब उतर कोरिया को नेस्तनाबूत कर देगा Attack News 

संयुक्त राष्ट्र, 30 नवंबर । अमेरिका ने आज उत्तर कोरिया को धमकी दी कि यदि उसके मिसाइल परीक्षण से युद्ध की स्थिति बनती है तो उसे ‘नेस्तनाबूद’ कर दिया जाएगा। साथ ही उसने किम-जोंग-उन पर दबाव बनाने के लिए अन्य सभी देशों से अपील की है कि वह प्योंगयांग से आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ते तोड़ दे ताकि उसे इस ‘भड़काने वाली कार्रवाई’ के लिए दंडित किया जा सके।

व्हाइट हाउस का कहना है कि उत्तर कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण कर विश्व के सामने एक गंभीर खतरा पेश कर रहा है।

इस मसले पर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आकस्मिक बैठक में अमेरिका के दूत निक्की हाले ने कहा कि हाल में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया दुनिया को युद्ध के निकट ले आया है। इसकी पहुंच अमेरिका की मुख्य भूमि तक है और यह बहुत आधुनिक मिसाइल है।

मंगलवार को उत्तर कोरिया ने सैन नी से इस मिसाइल का परीक्षण किया। करीब 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह जापान सागर में जा गिरी। यह जापान के आर्थिक अपवर्जन क्षेत्र में गिरी।

निक्की ने कहा, ‘‘यदि युद्ध की स्थिति आती है, तो यह भड़काने वाली लगातार कार्रवाइयों की वजह से होगा जैसी कि हमने कल देखी। यदि युद्ध होता है तो कोई त्रुटि नहीं छोड़ी जाएगी और उत्तर कोरिया को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया के तानाशाह ने कल दुनिया को युद्ध के और नजदीक लाने का चुनाव किया। हमने उत्तर कोरिया के साथ कभी युद्ध नहीं चाहा है और ना ही आज चाहते हैं।’’ उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आकस्मिक बैठक बुलाने का आह्वान किया था।

कल परीक्षण के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से फोन पर बातचीत कर उत्तर कोरिया के साथ गतिरोध को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। साथ ही चीन से उत्तर कोरिया की तेल आपूर्ति को काट देने का भी अनुरोध किया।

निक्की ने कहा, ‘‘हमने उत्तर कोरिया के खिलाफ बहुपक्षीय प्रतिबंध लगाने में सफलता प्राप्त की है लेकिन उसने लगातार अधिक शक्तिशाली और नयी मिसाइलों का परीक्षण करना जारी रखा। साथ उसने अधिक मारक क्षमता योग्य परमाणु हथियार बनाने की ओर अग्रसर है।’’ उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद उन्होंने अन्य देशों से किम जोंग उन को अलग-थलग करने की मांग की।

उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण करने के बाद ट्रंप ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘हम इसे संभाल लेंगे…. हम इस स्थिति से निपट सकते हैं।’’attacknews.in

सेंसर बोर्ड अध्यक्ष ने नहीं देखी फिल्म पद्मावती,संसदीय समिति के समक्ष हुई पेशी Attack News 

नयी दिल्ली, 30 नवंबर। सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ‘‘पद्मावती’’ फिल्म पर उपजे विवाद के बारे में संसदीय समिति के सदस्यों को अवगत कराने के लिए आज समिति के समक्ष पेश हुए और उन्होंने कहा कि फिल्म को अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है।

जोशी ने याचिकाओं पर लोकसभा समिति को बताया कि सेंसर बोर्ड ने इस पीरियड फिल्म के केवल ट्रेलर और प्रोमोज को मंजूरी दी थी। जोशी को आईटी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष भी आज पेश होना है।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमुख ने समिति से कहा कि फिल्म को विशेषज्ञों को दिखाए जाने के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या सेंसर बोर्ड के प्रमुख के तौर पर उन्होंने फिल्म देखी, इस पर जोशी ने कहा कि उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी।

राजस्थान से भाजपा के दो सांसदों सी पी जोशी और ओम बिडला ने फिल्म में ‘‘आपत्तिजनक सामग्री’’ को लेकर समिति के समक्ष याचिका दायर की थी। याचिकाओं पर लोकसभा समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड से रिपोर्ट मांगी थी।

सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों की राय है कि वाणिज्यिक लाभ के लिए अक्सर विवाद पैदा किए जाते हैं हालांकि इस मामले में यह स्पष्ट नहीं है।

समिति की अध्यक्षता करने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने पहले कहा था कि समिति ने अधिकारियों से 30 नवंबर तक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।

ऐसी संभावना है कि ‘‘पद्मावती’’ के निर्देशक संजय लीला भंसाली भी आईटी पर संसदीय समिति के समक्ष पेश हो सकते हैं। समिति ने फिल्म पर चर्चा करने के लिए मंत्रालय और सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया है।

अधिकारी ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर भी विचार करने वाली इस समिति ने फिल्म उद्योग की समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है।

विभिन्न राजपूत संगठनों और नेताओं ने राजपूत महारानी पद्मिनी और सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच एक रोमांटिक दृश्य फिल्माकर फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है लेकिन फिल्म निर्माता इस दावे को लगातार खारिज करते रहे हैं। इतिहासकारों की इस बारे में अलग-अलग राय है कि क्या पद्मिनी वास्तव में थीं।

दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह अभिनीत यह फिल्म पहले एक दिसंबर को रिलीज होनी थी लेकिन फिल्म निर्माताओं ने सीबीएफसी से सर्टिफिकेट ना मिलने तक फिल्म की रिलीज टाल दी। उन्होंने हाल ही में 3डी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था।attacknews.in

दिल्ली में 5 हजार करोड़ रुपए की बैंक जालसाजी मामले में ईडी की छापामारी Attack News 

नयी दिल्ली, 30 नवंबर । गुजरात की फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के निदेशकों और एसोसिएट्स के खिलाफ 5,000 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में आज कई जगहों पर छापेमारी की।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि छापा मारने की कार्रवाई करने वाली टीमों ने फर्म के मालिकों से जुड़े लोगों से दस्तावेज और हार्ड डिस्क तथा सीडी जैसे कंप्यूटर हार्डवेयर जब्त किये हैं।

उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई सात आवासीय और औद्योगिक परिसरों में चल रही है।

ईडी ने फर्म और संदेसरा परिवार के खिलाफ धन शोधन निरोधी कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

यह मुकदमा इनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर है।

सीबीआई ने स्टर्लिंग बायोटेक, उसके निदेशक चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी सहित चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हैती, आंध्रा बैंक के निदेशक अनूप गर्ग और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ कथित बैंक जालसाजी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई का आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक से जुड़े एक कंसोर्टियम से 5,000 करोड़ रुपये का ऋृण लिया, जो बाद में एनपीए में बदल गया। प्राथमिकी के अनुसार, 31 दिसंबर, 2016 को कंपनी पर बैंक का कुल 5,383 करोड़ रुपया उधार था।

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपियों के खिलाफ धन शोधन का एक मामला दर्ज करने के लिए इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया।attacknews.in

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चयन को कांग्रेस के ही शहजाद पूनावाला ने दी चुनौती,सुना दी खरी खरी बातें Attack News 

नयी दिल्ली 30 नवम्बर। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की चर्चा के बीच पार्टी के अंदर से ही उनके खिलाफ आवाज उठने लगी है. महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव और न्यूज चैनलों के डिबेट में अक्सर नजर आने वाले शहजाद पूनावाला ने इसे ‘धोखा’ और ‘ढकोसला’ बताया है.

शहजाद टीवी चैनलों पर राहुल गांधी का जोरदार बचाव करने वाले शख्स के रूप में पहचाने जाते रहे हैं, अब उन्होंने अपने नेता पर जोरदार हमला किया है.

शहजाद पूनावाला ने कहा है कि उनकी भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की इच्छा है.

पूनावाला यहीं नहीं रुके उन्होंने उस प्रक्रिया की भी कड़ी आलोचना की जिसके तहत राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए चुना जाना है. उन्हाेंने कहा कि यह निर्वाचन नहीं चयन है.

शहजाद पूनावाला ने कहा है कि सबसे पहले राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए ऐसा इसलिए ताकि वह इस दौरान किसी भी तरह का ‘अनुचित लाभ’ न उठा सकें.

इसके साथ ही शहजाद ने राहुल गांधी को बहस करने की भी चुनौती दे दी. शहजाद पूनावाला टीवी चैनलों पर शानदार तर्क पेश करने लिए जाने जाते हैं.

उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा ‘क्या राहुल गांधी मेरे साथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के तौर पर टीवी पर डिबेट कर सकते हैं ताकि यह पता लग सके कि हमारा पार्टी को लेकर क्या विजन है? हमारा आकलन मेरिट के आधार पर होना चाहिए न कि सरनेम के आधार पर.’ पूनावाला ने राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या हम एक ‘फैमिली बिजनेस’ में हैं.

यहां चर्चा कर दें कि कांग्रेस में इस समय अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और राहुल गांधी को इसके लिए पिछले दिनों कांग्रेस कार्यसमिति ने नामित कर दिया. अब तक राहुल गांधी के खिलाफ इस पद को लेकर एक भी आवाज नहीं उठी थी, लेकिन पूनावाला ने आवाज उठा दी है.

इसी तरह कभी अध्यक्ष पद की सोनिया गांधी की दावेदारी के खिलाफ राजेश पायलट ने आवाज उठायी थी. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद राहुल गांधी इस पद की उम्मीदवारी के लिए नामांकन करेंगे. इसके बाद पांच दिसंबर तक मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंप देंगी.

वहीं, शहजाद के भाई तहसीन पूनावाला ने उनके द्वारा उठाये गये सवालों से असहमति जतायी. उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि शहजाद ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने परिवार में भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की.attacknews.in

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा:देश की बेहतरी के लिए मैं राजनीतिक कीमत चुकाने को तैयार हूँ Attack News 

नईदिल्ली 30 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि बेहतर भारत के लिए उठाए गए कदमों की राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए वह तैयार हैं.

साथ ही उन्होंने जोर दे कर कहा कि कोई भी उन्हें इससे डिगा नहीं सकता है.

दिल्ली में लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लिए भष्टाचार मुक्त, नागरिक-केन्द्रित और विकास हितैषी पारिस्थितिकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. नीतियों पर आधारित, तकनीक पर आधारित, पारदर्शिता पर आधारित एक ऐसी पारिस्थितिकी जिसमें गड़बड़ी होने की, लीकेज की, गुंजाइश कम से कम हो.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में व्यवहार में बदलाव आया है. स्वतंत्रता के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब भ्रष्टाचारियों को कालेधन का लेन-देन करने से पहले डर लग रहा है. उनमें पकड़े जाने का भय है. जो कालाधन पहले समानांतर अर्थव्यवस्था का आधार था, वो मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में आया है.

हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मिट का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद एकत्र आंकड़ों की मदद से भष्टाचार में लिप्त लोगों का पता लगाने में भी सरकार को मदद मिल रही है.

लोगों तक सेवाओं और सुविधाओं का लाभ पहुंचाने में आधार की भूमिका की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि आधार नंबर से एक अपरिवर्तनीय बदलाव को मदद मिल रही है. आधार एक ऐसी शक्ति है जिससे ये सरकार गरीबों के अधिकार को सुनिश्चित कराना चाहती है. सस्ता राशन, स्कॉलरशिप, दवाई का खर्च, पेंशन, सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी, गरीबों तक पहुंचाने में आधार की बड़ी भूमिका है.

उन्होंने कहा कि आधार के साथ मोबाइल और जनधन की ताकत जुड़ जाने से एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण हुआ है, जिसके बारे में कुछ साल पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था. पिछले तीन वर्षों में आधार की मदद से करोड़ों फर्जी नाम सिस्टम से हटाए गए हैं. अब बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी यह एक बड़ा हथियार बनने जा रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दिन देश में ज्यादातर खरीद-फरोख्त, पैसे के लेन-देन का एक तकनीकी और डिजिटल पता चलने लगेगा, उस दिन से संगठित भ्रष्टाचार काफी हद तक थम जाएगा. मुझे पता है, इसकी मुझे राजनीतिक तौर पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन उसके लिए भी मैं तैयार हूं.

मोदी ने कहा कि जब योजनाओं में गति होती है, तभी देश में प्रगति आती है. कुछ तो परिवर्तन आया होगा जिसकी वजह से सरकार की तमाम योजनाओं की गति बढ़ गई है. साधन वही हैं, संसाधन वही हैं, लेकिन सिस्टम में रफ्तार आ गई है. ऐसा हुआ है क्योंकि सरकार नौकरशाही में एक नई कार्यसंस्कृति विकसित कर रही है.attacknews.in

अन्ना हजारे अगले साल 23 मार्च से शुरू करेंगे जनलोकपाल आंदोलन Attack News 

मुंबई, 29 नवंबर । सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जनलोकपाल और किसानों के मुद्दों को लेकर अगले साल दिल्ली में 23 मार्च से आंदोलन शुरू करेंगे।

लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे हजारे ने कहा कि उन्होंने आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी है क्योंकि उस दिन ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है।

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अपने समर्थकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा, ‘जनलोकपाल, किसानों की समस्या और चुनाव में सुधारों के लिए यह एक सत्याग्रह होगा।’’ गांधीवादी हजारे ने कहा कि वह इन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री को खत लिखते रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

उन्होंने कहा, ‘ पिछले 22 वर्षों में कम से कम 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की है। मैं जानना चाहता हूं कि इस कालखंड में कितने उद्योगपतियों ने आत्महत्या की।’ भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हजारे जनलोकपाल का गठन करने की मांग करते रहे हैं।

उन्होंने इसके लिए साल 2011 में 12 दिन का अनशन किया था। उनकी मांगो को संप्रग (यूपीए) सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया था।

इसके बाद हजारे ने फिर से अनशन किया था, इस दौरान उन्हें पूरे देश से समर्थन भी मिला। इसके बाद संप्रग सरकार ने लोकपाल विधेयक पारित किया।

हजारे के एक सहयोगी ने आज बताया कि मोदी सरकार ने लोकपाल की नियुक्त नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘ सरकार की तरफ से इसके लिए जो कारण दिए गए हैं, वह तकनीकी है।’ उन्होंने कहा कि लोकपाल कानून के तहत एक समिति जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति हो, उसका गठन किया जाना चाहिए। वही समिति लोकपाल को चुने।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन लोकसभा में फिलहाल विपक्ष का कोई नेता नहीं है इसलिए समिति का गठन नहीं हो सकता है। ऐसे में लोकपाल की नियुक्ति भी नहीं हो सकती है।’’attacknews.in

100 साल का हुआ एक रूपये का नोट Attack News 

मुंबई, 29 नवंबर । शादियों का मौसम चल रहा है तो एक रुपये के नोट से जुड़े किस्से हम सभी को याद होंगे। शगुन देने के लिए अब तो एक रुपये का सिक्का लगे लिफाफे आने लगे हैं लेकिन एक दौर ऐसा था कि परिवार के सदस्य एक रुपये के नोट को ढूंढते फिरा करते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही एक रुपये का नोट करीब 100 साल का हो चुका है और इसकी शुरुआत का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प है।

हुआ यूं कि दौर था पहले विश्वयुद्ध का और देश में हुकूमत थी अंग्रेजों की। उस दौरान एक रुपये का सिक्का चला करता था जो चांदी का हुआ करता था लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई और इस प्रकार 1917 में पहली बार एक रुपये का नोट लोगों के सामने आया। इसने उस चांदी के सिक्के का स्थान लिया।

ठीक सौ साल पहले 30 नवंबर 1917 को ही यह एक रुपये का नोट सामने आया जिस पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी।

भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया क्योंकि इसकी लागत अधिक थी। इसके बाद इसे 1940 में फिर से छापना शुरु कर दिया गया जो 1994 तक अनवरत जारी रहा। बाद में इस नोट की छपाई 2015 में फिर शुरु की गई।

इस नोट की सबसे खास बात यह है कि इसे अन्य भारतीय नोटों की तरह भारतीय रिजर्व बैंक जारी नहीं करता बल्कि स्वयं भारत सरकार ही इसकी छपाई करती है। इस पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं होता बल्कि देश के वित्त सचिव का दस्तखत होता है।

इतना ही नहीं कानूनी आधार पर यह एक मात्र वास्तविक ‘मुद्रा’ नोट (करेंसी नोट) है बाकी सब नोट धारीय नोट (प्रॉमिसरी नोट) होते हैं जिस पर धारक को उतनी राशि अदा करने का वचन दिया गया होता है।

दादर के एक प्रमुख सिक्का संग्राहक गिरीश वीरा ने  कहा, ‘‘पहले विश्वयुद्ध के दौरान चांदी की कीमतें बहुत बढ़ गईं थी। इसलिए जो पहला नोट छापा गया उस पर एक रुपये के उसी पुराने सिक्के की तस्वीर छपी। तब से यह परंपरा बन गई कि एक रुपये के नोट पर एक रुपये के सिक्के की तस्वीर भी छपी होती है।’’ शायद यही कारण है कि कानूनी भाषा में इस रुपये को उस समय ‘सिक्का’ भी कहा जाता था।

पहले एक रुपये के नोट पर ब्रिटिश सरकार के तीन वित्त सचिवों के हस्ताक्षर थे। ये नाम एमएमएस गुब्बे, एसी मैकवाटर्स और एच. डेनिंग थे। आजादी से अब तक 18 वित्त सचिवों के हस्ताक्षर वाले एक रुपये के नोट जारी किए गए हैं।

वीरा के मुताबिक एक रुपये के नोट की छपाई दो बार रोकी गई और इसके डिजाइन में भी कम से कम तीन बार आमूल-चूल बदलाव हुए लेकिन संग्राहकों के लिए यह अभी भी अमूल्य है।attacknews.in

पद्मावती पर विवादित बयान देने वाले हरियाणा के भाजपा नेता का इस्तीफा Attack News 

चंडीगढ 29 नवम्बर । फिल्म पद्मावती को लेकर राजनेताओं की बयानबाजी पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकार को लताड लगाई थी। अब फिल्म पद्मावती को लेकर विवादित बयान देने वाले हरियाणा बीजेपी नेता सूरजपाल अम्मू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

ज्ञातव्य है कि सूूरजपाल अम्मू हरियाणा बीजेपी के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर हैं। अम्मू ने अपने इस्तीफे के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही अम्मू ने खट्टर पर जमकर भडास निकाली।

अम्मू ने इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं हरियाणा के सीएम के व्यवहार से दुखी हूं। मैंने इतना घमंडी बीजेपी सीएम कभी नहीं देखा है, जिसे अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों की परवाह भी नहीं है।

आगे की रणनीति बताते हुए अम्मू ने कहा कि वे 9 तारीख को पंचकूला रैली में करेंगे।यह रैली फिल्म पर प्रतिबंध की मांग पर दबाव बनाने के लिए रखी गई है।

ज्ञातव्य हैै कि सूरजपाल अम्मू फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे हैं। सूरजपाल ने तो दीपिका और भंसाली का सिर काटने वाले को 10 करोड रु का इनाम देने की घोषणा तक कर दी थी।

अम्मू के विवादित बयान के बाद पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस्तीफा देने के बाद अम्मू ने कहा कि वे बीजेपी के साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे।

ज्ञातव्य है कि अम्मू ने फिल्म के अभिनेता रणवीर सिंह पर भी निशाना साधा था। अम्मू ने रणवीर को चेतावनी दी थी कि वह फिल्म और भंसाली के पक्ष में दिए अपना बयान वापस लें नहीं तो टांग तोड देंगे। अम्मू ने कहा था कि वे फिल्म पद्मावती को कभी भी प्रदर्शित नहीं होने देंगे। साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी अपील की थी कि वह अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए इस फिल्म को डस्टबीन में डाल दें।attacknews.in

राहुल गांधी सिर्फ हिंदू ही नहीं, जनेऊधारी हिन्दू हैं Attack News 

नई दिल्ली 29 नवम्बर । राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर में दर्शन के दौरान उनका नाम गैर-हिंदूओं के लिए बने रजिस्टर में दर्ज होने के बाद राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

रजिस्टर की एक तस्वीर के आधार पर बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने इसमें खुद को हिन्दू नहीं लिखा है। विवाद गरमाने के बाद अब कांग्रेस ने दिल्ली और गुजरात में इस मामले में प्रेस कांफ्रेस कर सफाई दी है। कांग्रेस ने इसे बाजपा का मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया है।

जनेऊधारी हिंदू हैं राहुल गांधी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरेजवाला ने गुजरात में इस मामले में प्रेस कांफ्रेस करते हुए राहुल गांधी को जनेऊधारी हिंदू बताया।

सुरेजवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी जी सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि जनेऊधारी हिंदू हैं। भाजपा को इस मामले में ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए।’

सुरेजवाला ने आगे कहा, ‘राहुल जी सोमनाथ मंदिर के विजिटर बुक में इंट्री की थी। जिस हस्ताक्षर की बात की जा रही है वो राहुल गांधी के नही हैं। साथ ही वो रजिस्टर भी वो नहीं है जो राहुल गांधी को हस्ताक्षर के लिए दिया गया था।

कांग्रेस ने जारी की विजिटर बुक की तस्वीर

विवाद को तूल पकड़ता देख कांग्रेस ने सोमनाथ मंदिर के ने रजिस्टर बुक की तस्वीर जारी की।

इस तस्वीर में राहुल गांधी ने लिखा है, ‘प्रेरणा देने वाला स्थल’, इसके साथ ही इसमें राहुल गांधी के हस्ताक्षर भी हैं।

कांग्रेस ने कहा, ‘सोमनाथ मंदिर में केवल एक ही आगंतुक पुस्तिका में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वयं हस्ताक्षर किये हैं। अन्य कोई भी तस्वीर पूरी तरह से बनावटी और फर्जी है।’

बता दें कि गुजरात के चुनावी दौरे पर गए राहुल गांधी ने बुधवार को सोमनाथ मंदिर के दर्शन किए थे। इस दौरान ऐसी बातें सामने आईं थी कीं राहुल गांधी ने गैर-हिंदूओं के लिए बने रजिस्टर में अपना नाम दर्ज किया है।

राहुल के परनाना ने नहीं बनवाया सोमनाथ मंदिर: PM मोदी

इससे पहले बुधवार को पीएम मोदी ने सोमनाथ मंदिर के मुद्दे पर राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘आज सोमनाथ का पताका पूरे विश्व में फहर रहा है। आज जिन लोगों को सोमनाथ याद आ रहे हैं, इनसे एक बार पूछिए कि तुम्हें इतिहास पता है? तुम्हारे परनाना, तुम्हारे पिता जी के नाना, तुम्हारी दादी मां के पिता जी, जो इस देश के पहले प्रधानमंत्री थे। जब सरदार पटेल सोमनाथ का उद्धार करा रहे थे तब उनकी भौहें तन गईं थीं।’attacknews.in

देवी पाटन मंदिर में पशु-पक्षियों को प्रसाद खिलाने के बाद ही भक्तों को बांटने की है परंपरा Attack News 

बलरामपुर 29 नवम्बर । बलरामपुर के तुलसीपुर क्षेत्र में स्थित देश की इक्यावन शक्तिपीठों मेें से एक माँ पाटेश्वरी देवी पाटन मन्दिर में आज भी पशु-पक्षियों को प्रसाद खिलाने के बाद भक्तों को बाँटने की परम्परा है।

ईश्वर का वास मनुष्य ही नहीं अपितु पशु-पक्षियों के संग कण कण में होता है। इसकी बानगी प्रत्यक्ष रुप से देखने को मिलती है। यहाँ आज भी पशु-पक्षियों को प्रसाद खिलाकर भक्तों को बाँटने की परम्परा है।

मन्दिर के महंत मिथलेशनाथ योगी के अनुसार मन्दिर मे माँ भगवती काे भोग लगाने के बाद चील, कौवे, बाज, कबूतर, चिड़िया, गौरैया, गौ, कुत्ते तथा अन्य नाना प्रकार के खग विहग पशु पक्षियों को परम्परागत भोजन कराया जाता है। मन्दिर परिसर में जैसे ही घंटा घड़ियाल बजना आरम्भ होता है, इधर उधर अन्य स्थानों से उड़ान भर पक्षियों का झुंड मन्दिर में भोजन के लिये एकत्र हो जाता है। इतना ही नहीं पशु पक्षी भी सती माता को चढ़ाये प्रसाद को भोजन के रुप में झुंड में ग्रहण कर मनमोहक चहचहाहट के संग अठखेलियों को प्रस्तुत कर माँ के भक्तों का मन मोह लेते हैं।

मन्दिर परिसर में लगे प्राचीन बरगद के पेड़ों पर हजारों की संख्या में चमगादडों का वास है जिनको दूर दराज से आये देवीभक्त देर देर तक निहार कर उनकी हरकतों का देखकर प्रसन्न होते हैं।

उन्होंने बताया कि संसार की रचना में प्रकृति, मानव तथा पशु पक्षियों का महत्वपूर्ण योगदान है। सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री गौरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ देवी पाटन मन्दिर के मुख्य संरक्षक हैं। श्री योगी का गौ तथा अन्य पशुओं से प्रेम जगजाहिर है। इसी कारण मन्दिर परिसर में गौशाला के अतिरिक्त घोंसले, पिंजड़े, घरौंदे तथा अन्य जानवरों के शरणालय बने हैं। नाथ सम्प्रदाय के देश विदेश से आने वाले अनुयायी पालतू पशुओं की सेवादारी कर पुण्य कमाते हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री योगी ने देवीपाटन मन्दिर को शीघ्र ही पर्यटन स्थल घोषित करने का ऐलान किया है।attacknews.in

गीता प्रेस गोरखपुर 15 भाषाओं में सनातन धर्म की 84 करोड़ पुस्तकें छाप चुका है,उर्दू में श्री भगवद्गीता भी शामिल  Attack News 

  • गोरखपुर 29 नवम्बर । टेलीविजन और इंटरनेट की चकाचौंध भरी दुनिया में पुस्तकों के प्रति लोगों के घटते आकर्षण के बावजूद नीति,अनुशासन,धर्म और नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली गीता प्रेस की पुस्तकों की बिक्री न सिर्फ बढ़ी है बल्कि दुनिया के कई मुल्कों में इन पुस्तकों का डंका बज रहा है।

वर्ष 1923 में कोलकाता से धार्मिक पुस्तक ‘गीता’ के प्रकाशन से अपना सफर शुरू करने वाला गीता प्रेस को आज देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में धार्मिक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकों के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रकाशक के तौर पर जाना जाता है। हालांकि आज इन धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन का मुख्य केन्द्र गीता प्रेस गोरखपुर है।

गीता प्रेस की पुस्तकों की एक खास विशेषता इनका कम मूल्य है। पुस्तक की प्रकाशन लागत से भी कम मूल्य ग्राहक से वसूलने वाला दुनिया में संभवत: यह इकलौता संस्थान है। गीता प्रेस के संस्थापक श्री जयदयालजी गोयन्दका ने हिन्दी अनुवाद के साथ इस धार्मिक पुस्तक ‘गीता’ का प्रकाशन किया था जो आज 15 भाषाओं में प्रकाशित हो रही है जिसमें प्रमुख रूप से हिन्दी और संस्कृत हैं। इसके अलावा बंगला, मराठी, गुजराती, मलयालम, पंजाबी, तमिल, कन्नड, असमिया, ओडिया, उर्दू, अंग्रेजी व नेपाली भाषा में है।

उर्दू भाषा में केवल गीता का प्रकाशन होता है। हालांकि, लगभग एक सदी पुराने इस समूह की विशेषता है। स्थापना से अब तक गीता प्रेस से प्रकाशित लगभग 84 करोड़ पुस्तकें बिक चुकी हैं। देश में 2500 बुकसेलर गीता प्रेस की पुस्तकें बेंचते हैं और हर प्रान्त में गीता प्रेस की पुस्तकें बिकती हैं। इसके अतिरिक्त विदेशों में भी बडे पैमाने पर पुस्तकों की मांग होती है।

खास बात यह है कि गीता प्रेस आर्डर पर पुस्तकें नहीं छापता बल्कि पहले से प्रकाशित कर रखी गयी पुस्तकों से ही मांग पूरी करता है। इस बारे में प्रेस के प्रकाशन प्रबन्धक डा. लालमणि तिवारी बताते हैं कि इन पुस्तकों की ज्यादा बिक्री के पीछे तीन कारण प्रमुख है। एक कारण पुस्तकें सस्ती हैं, दूसरा छपायी में शुद्धता रहती और तीसरे यह प्रमाणिक होती हैं। यही कारण है कि आज भी गीता प्रेस की इन पुस्तकों पर लोगों का विश्वास अधिक है।

उन्होंने कहा कि महंगाई के इस युग में आज दो रूपये और तीन रूपये में लोक कल्याणकारी अनोखी पुस्तक मिल सकती जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है मगर गीता प्रेस दशकों से यह करता आ रहा है। इसके लिए यह संस्था किसी प्रकार के चन्दे या आर्थिक सहायता की याचना नहीं करती है।

यह अनोखी पुस्तक ‘श्रीमदभगवदगीता’ प्रदान करने वाला प्रतिष्ठान गीता प्रेस आधुनिक प्रकाशन तकनीक को अपनाकर आज भी देश और विदेशों में अपनी अलग पहचान बनाने में सक्षम है। मात्र दो इंच आकार की यह धार्मिक पुस्तक जो विश्व में अपना एक अलग धार्मिक एवं विशिष्ट पहचान बनाये हुए है जिसके मर्म और दर्शन में एक सम्पूर्ण जीवनशैली समाहित है।

पत्रिकाओं में प्रमुख सबसे पुरानी “कल्याण” पत्रिका अपने 92 वर्ष पूरी कर रही है। इस दौरान पत्रिका ने सबसे लम्बी अवधि तक छपने के कीर्तिमान का गौरवमयी सम्मान प्राप्त किया है। इस पत्रिका का प्रकाशन सन 1925 ई0 में मुम्बई में शुरू हुआ और वर्तमान में सबसे अधिक बिकने वाली तथा सबसे पुरानी आध्यात्मिक-सांस्कृतिक पत्रिका बन गयी। उदय प्रदीप

लेटर प्रेस द्वारा छपायी शुरू करके आज अत्याधुनिक आफसेट प्रिटिंग प्रेस पर छपने वाली इस पत्रिका का सम्पादन प्रख्यात समाज सेवी श्री हनुमान प्रसाद पोद्यार ने किया। इस गौरवमयी पत्रिका को प्रकाशित करने का श्रेय भी गीता प्रेस, गोरखपुर को ही है। वर्तमान समय में ‘कल्याण’ की दो लाख 15 हजार प्रतियां छपती हैं और वर्ष का पहला अंक किसी विषय का विशेषांक होता है। कल्याण के अब तक 90 विशेषांक प्रकाशित हो चुके हैं।

लोगों का ध्यान भगवन्नाम-स्मरण कराने के उद्देश्य से गीता प्रेस में एक स्थायी कर्मचारी स्थापना काल से ही नियुक्त है जो हाथ में “हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।” की लिखित तख्ती लिए परिसर में दिन भर घूमते रहते हैं, उन्हें देखते ही ट्रस्टी हो या कर्मचारी तख्ती पर लिखी प्रार्थना को दोहराते हैं। यह कर्मचारी संस्था में काम करने हर व्यक्ति के पास दिन में कम से कम चार बार जाते हैं।

संस्था के प्रत्येक कर्मचारी कार्य शुरू होने से पहले 15 मिनट तक एक साथ भगवान की प्रार्थना करते हैं नारायण की धुन बजती है। गीता प्रेस के प्रबंधक व ट्रस्टी श्री बैजनाथ अग्रवाल बताते हैं कि ऐसा हर सम्भव प्रयास किया जाता है जिससे लोगों में भगवान का स्मरण बना रहे। भगवान याद रहेंगे तो आवरण शुद्ध बना रहेगा। इसी से समाज में ईमानदारी कर्तव्यपरायणता आयेगी और गीता प्रेस की स्थापना का मूल उद्देश्य भी फलीभूत होगा।attacknews.in

राहुल गांधी ने रजिस्टर में “गैर-हिन्दू” नाम दर्ज करवाकर सोमनाथ मंदिर में की पूजा Attack News 

सोमनाथ, 29 नवंबर । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात प्रचार चुनाव के दौरान मंदिरों के ताबड़तोड दौरों का क्रम जारी रखते हुए भगवान शिव के द्वाद्वश ज्योतिर्लिंगों में से पहले सोमेश्वर महादेव के यहां समुद्र तट पर स्थित भव्य सोमनाथ मंदिर में दर्शन किया और दोपहर की आरती में भाग लेने के साथ ही जलाभिषेक भी किया।

हालांकि मंदिर में दर्शन से पहले उनका नाम उनकी मां और पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के साथ ‘गैर हिन्दू’ प्रवेशियों के लिए बनाये गये रजिस्टर में दर्ज किया गया।

मंदिर के जनसपंर्क अधिकारी ध्रुवभाई जोशी ने कहा कि श्री गांधी और श्री पटेल का नाम श्री गांधी के मीडिया समन्वयक मनोज त्यागी ने मंदिर के प्रवेश के पहले सुरक्षा विभाग के ऐसे रजिस्टर में दर्ज कराया था।attacknews.in