नयी दिल्ली, 24 जून ।सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में विभिन्न अग्रिम इलाकों का दौरा किया और चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प के मद्देनजर भारतीय सेना की तैयारियों का जायजा लिया।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि लद्दाख की दो दिवसीय यात्रा पर लेह पहुंचे जनरल नरवणे ने हाल ही में हुई हिंसक झड़प में चीनी सैनिकों से लोहा लेने वाले भारतीय सैनिकों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए।
सेना प्रमुख ने मंगलवार दोपहर को उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया ।
सेना ने ट्वीट किया, “सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में अग्रिम इलाकों का दौरा किया और हालात की समीक्षा की। सेना प्रमुख ने सैनिकों के ऊंचे मनोबल के लिए उनकी प्रशंसा की और उन्हें उत्साह से काम करने के लिए प्रेरित किया।”
लेह पहुंचने के बाद जनरल नरवणे तत्काल सेना के अस्पताल पहुंचे जहां गलवान घाटी में 15 जून को झड़प में घायल हुए 18 सैनिकों का इलाज चल रहा है।
चीनी सेना के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 कर्मी शहीद हो गए थे और 18 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
जनरल नरवणे द्वारा प्रदान किए गए “प्रशस्ति पत्रों” के बारे में पूछे जाने पर सेना के एक सूत्र ने कहा, “सेना प्रमुख जब भी सैन्य इकाइयों के दौरे पर जाते हैं तब ड्यूटी के दौरान असाधारण प्रदर्शन करने वाले कर्मियों को वहीं प्रशस्ति पत्र देने का नियम है।”
सूत्र ने कहा, “हालिया मामले में भी कर्मियों को ड्यूटी के प्रति समर्पण के लिए पुरस्कृत किया गया।”
सेना प्रमुख ने पांच सैनिकों को सम्मानित किया
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो और गलवान घाटी में हुई दो अलग अलग झड़पों में चीन के सैनिकों से निपटने में अनुकरणीय धैर्य और साहस दिखाने के लिए भारतीय सेना के पांच जवानों को बुधवार को प्रशस्तिपत्र प्रदान किये। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
सैनिकों को यह प्रशस्तिपत्र पूर्वी लद्दाख में एक अग्रिम स्थल पर प्रदान किये गए।
सेना प्रमुख लद्दाख में पिछले सप्ताह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए वर्तमान समय में लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं। चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और 76 घायल हो गए थे।
सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग सो क्षेत्र और गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ इुई झड़प में चीनी सैनिकों के साथ निपटने में अनुकरणीय धैर्य और साहस प्रदर्शित करने के लिए पांच सैनिकों को सेना प्रमुख द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गए।
सेना प्रमुख ने गलवान घाटी के पैट्रोल प्वाइंट 14 पर 15 जून को हुई घटना में शामिल सैनिकों को प्रशस्ति बैज लगाये।
सेना ने इन सैनिकों के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है और यह भी नहीं बताया है कि ये किस यूनिट के हैं।
गलवान घाटी में झडप 15 जून को हुई थी जबकि पैंगोंग सो में झड़प पांच मई को हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि जिन सैनिकों को सम्मानित किया गया उनमें से अधिकतर ने चीनी सैनिकों को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले के लिए दंडित करने में काफी साहस दिखाया।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘जब भी सेना प्रमुख किसी इकाई का दौरा करते हैं तो उन कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान करना सामान्य बात है जो ड्यूटी के दौरान असाधारण समर्पण प्रदर्शित करते हैं। वर्तमान मामले में भी कर्मियों को कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए सम्मानित किया गया है।’’
जनरल नरवणे ने अपने लद्दाख दौरे के दूसरे दिन आज चार अग्रिम क्षेत्रों में सेना की तैयारियों का जायजा लिया और वहां तैनात सैनिकों के साथ संवाद किया।
सेना प्रमुख का इस क्षेत्र का दौरा ऐसे समय हुआ है जब चीन पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के साथ मंगलवार और बुधवार दोनों ही दिन क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की