जबलपुर, 18 मार्च | मध्यप्रदेश के जबलपुर क्षेत्र में रेल लाइन के विद्युतीकरण के कार्य में हुए घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दो प्रकरण दर्ज किए जाने के साथ ही 13 शहरों में 23 ठिकानों पर दबिश देते हुए तलाशी अभियान चलाया है।
जबलपुर क्षेत्र के अधीन आने वाले माणिकपुर-सतना तथा सतना-रीवा रेलवे लाइन विद्युतीकरण के कार्य में फाउंडेशन का कार्य अधिक दिखाकर रेलवे को करोड़ों रुपये का चूना लगाए जाने का मामला सामने आया है।
घोटाले की जांच कर रही जबलपुर सीबीआई टीम ने शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों सहित उप्र तथा हरियाणा में आरोपियों के 23 ठिकानों पर दबिश दी। इस घोटालें में ठेकेदार कंपनी कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित रेलवे विभाग के कई अधिकारी शामिल है।
सीबीआई ने संबधित अधिकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं। सीबीआई के पुलिस अधीक्षक मनीष सुरती के अनुसार, 30 दिसंबर 2015 को सीबीआई ने कायर्पालक विद्युत अभियंता डी.डी. श्रीवास्तव व मुरलीधर कोरी, वरिष्ठ खंड अभियंता मनोज कुमार प्रभाकर व वरिष्ठ खंड अभियंता संजय मीना सहित रेलवे विद्युतीकरण विभाग के चार अधिकारियों और काम का जिम्मा लेने वाली कंपनी कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
सीबीआई के अनुसार, माणिकपुर-सतना तथा सतना-रीवा की रेलवे लाइन विद्युतीकरण का ठेका लगभग 255 करोड़ रुपये में दिया गया था। इसमें फाउंडेशन के कार्य का ठेका 25 करोड़ रुपये का था। फाउंडेशन का काम कम किया गया, लेकिन आरोपी रेलवे अधिकारियों ने मेजरमेंट बुक तथा बिल में इस कार्य को बढ़ाकर दिखाया। इससे निजी कंपनी को अवैध तरीके से फायदा पहुंचा।
प्रारंभिक जांच में यह घोटाला तीन करोड़ रुपये से अधिक का पाया गया है।सीबीआई टीम ने इस घोटाले के संबंध में शुक्रवार को जबलपुर, भोपाल, कटनी, सतना, इटारसी, छिंदवाड़ा, दिल्ली, जयपुर, इलाहाबाद, जींद, आगरा, मथुरा एवं मुज्जफ्फरनगर में 23 स्थानों पर स्थित आरोपियों के घरों एवं रेलवे विद्युतीकरण के कार्यालय तथा निजी कंपनी के कार्यालय में दबिश देकर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।