नई दिल्ली, 1 मार्च। देश की राजधानी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले साल 9 फरवरी को लगे देशविरोधी नारों के मामले में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। एक टीवी चैनल की खबर के अनुसार देशद्रोह का मुकदमा झेल रहे जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को किसी भी फुटेज में देश विरोधी नारा लगाते नहीं पाया गया है। इस मामले के बाद दिल्ली के कमिश्नर दो बार बदले मगर जेएनयू कांड की चार्जशीट अदालत में दाखिल नहीं हो सकी।
खबर के अनुसार पुलिस ने करीब 40 वीडियो फुटेज की जांच की जिसमें उन्होंने पाया कि उमर खालिद और अनिर्बान समेत कुल 9 लोग देश विरोधी नारे लगा रहे है। उमर और अनिर्बान को छोड़कर बाकी सभी छात्र कश्मीरी बताए गए हैं।
कन्हैया कुमार को किसी भी फुटेज में देश विरोधी नारा लगाते नहीं पाया गया है।
जांच में यह भी सामने आया कि कन्हैया कुमार, उमर खालिद और उसके तमाम साथियों की एबीवीपी के छात्रों के साथ हुई झड़प के बाद वहां पहुंचा था। उसने देश विरोधी नारे नहीं लगाए थे। जेएनयू कैंपस में हुए कल्चरल इवेंट की इजाज़त भी उमर खालिद ने ही मांगी थी और इसके लिए पोस्टर भी उसी ने बनवाये थे।
हालांकि कन्हैया के मामले में पुलिस ने जांच को बंद नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट के ऊपर छोड़ा है कि कन्हैया के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या नहीं। चार्जशीट में कहीं नहीं लिखा कि कन्हैया ने भारत विरोधी नारे लगाए। हालांकि, इस बात का जिक्र जरूर है कि इस नारेबाजी या कार्यक्रम को रोकने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया।