नई दिल्ली 9 मार्च । ताबड़तोड़ रैलियों, बयानबाजी और नेताओं के आपस में आरोप-प्रत्यारोप के बीच दो सीटों (अलापुर और कर्णप्रयाग) को छोड़कर देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। अब देशभर को बेसब्री से इंतजार है आज शाम 5:30 बजे के बाद आने वाले एग्जिट पोल का। कई बार एग्जिट पोल सटीक साबित होते हैं लेकिन कई बार चुनाव परिणाम एग्जिट पोल के बिल्कुल विपरीत आते हैं।
आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ एग्जिट पोल पर, जब चुनाव परिणाम ने इन एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया।
दिल्ली में हुए 2015 के विधानसभा चुनावों को कौन भूला होगा। जैसे-जैसे दिल्ली के चुनावों की सरगर्मियां बढ़ रही थीं, वैसे-वैसे सियासी पंडित इन चुनावों को लेकर अनुमान लगा रहे थे। तमाम एक्जिट पोल ने जहां भाजपा को दिल्ली में बहुमत के करीब बताया, वहीं एकमात्र इंडिया न्यूज-एक्सिस ने अपने चुनावी सर्वे में बताया कि आम आदमी पार्टी को 53 सीटें मिल सकती हैं। आम आदमी पार्टी को इन चुनावों में 67 सीटें मिलीं और एक्जिट पोल गलत साबित हुए। ये भी पढ़ें- अखिलेश अगर हारे तो क्या होगा और जीते तो क्या?
इसके बाद नंबर आया बिहार विधानसभा चुनावों का। बिहार में लगभग सभी एक्जिट पोल में भाजपा को बहुमत का आंकड़ा छूते हुए दिखाया गया, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो ये चुनावी सर्वे गलत साबित हुए। जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन ने 178 सीटों पर जीत दर्ज कर बिहार में सरकार बनाई। भाजपा गठबंधन को महज 58 सीटें मिलीं।
हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा निगाहें यूपी के चुनाव परिणाम पर टिकी हुई हैं। 2012 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुए तो एकमात्र हेडलाइंस टुडे का एक्जिट पोल काफी हद तक चुनाव परिणाम के नजदीक पहुंचा। हेडलाइंस टुडे ने समाजवादी पार्टी को 195 से 210 के बीच सीटें दी। सपा को इन चुनावों में 224 सीटें मिली।
2016 में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए। इन चुनावों में ज्यादातर एक्जिट पोल में दावा किया गया कि डीएमके 110 से 140 सीटें हासिल कर राज्य में सरकार बना सकती है। चुनाव परिणामों ने सियासी पंडितों को चौंका दिया और एक्जिट पोल गलत साबित हुए। एआईएडीएमके ने तमाम कयासों को गलत ठहराते हुए 136 सीटें हासिल कीं।
पश्चिम बंगाल में जब विधानसभा चुनाव हुए, तो इंडिया टुडे ने अपने एक्जिट पोल में बताया कि 243 सीटें जीतकर ममता बनर्जी धमाकेदार जीत हासिल कर सकती हैं। वहीं, चाणक्य ने अपने चुनावी सर्वे में ममता बनर्जी को 210, तो सी-वोटर ने 167 सीटें दीं। जब चुनाव परिणाम आए तो ममता बनर्जी ने 211 सीटें जीतकर सियासी पंडितों को चौंका दिया।
2014 के लोकसभा चुनावों में हालांकि हर किसी ने अनुमान लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत मिलेगा लेकिन न्यूज 24 और इंडिया टुडे का चाणक्य एक्जिट पोल ही चुनाव परिणामों के नजदीक पहुंच पाया। लोकसभा चुनाव में एनडीए को 334 सीटें मिलीं जबकि भाजपा ने अकेले 282 सीटें जीतीं। इन चुनावों में कांग्रेस को केवल 45 सीटें मिलीं।